Zindagi Ki Sachai Shayari In Hindi : शरब जैसे हो गए हैं हमकिसी को हम बोहोत भाते हैंकिसी को नाम से ही नफ़रत है। बहुत छोटा सफर थाजिंदगी कामैंने अपने घर के अंदरतक ना पंहुचा।
बोलने से पहले सोचना जरूरी है क्योंकि बोले गए शब्द केवल माफ किए जा सकते है लेकिन भुलाए नही जा सकते है।
मतलबी रिश्ते निभाए नहीं जाते कुछ लोग जल्दी भुलाये नहीं जाते
~अब्दुल हमीद अदम zindagi ka kadwa sach shayari Masla saara khwaisho ka haiWarna kaun insaan khush nahi
अब तो में ही पत्थर का हो गया ये सोचके कि मेरी ज़िंदगी तो फूल बनेगी नहीं।
वक्त के साथ चलाना सीखो, क्योंकि वक्त किसी के लिए नही रुकता !
मैंने पूछ लिया जिंदगी से – क्यों इतना दर्द दिया, वह हंसी और बोली – मैं तो तुझे जीना सिखा रही थी…|
मेरा एक सबसे खास दोस्त है जो मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ता मेरा गम !
“अगर फ़ितरत हमारी सहने की न होती, तो हिम्मत तुम्हारी कुछ कहने की न होती।”
डूबता सूरज हाथ में चाय,तुम आ जाओ तो समां बन जाये
किसी को मंज़िल की भूख है तो किसी को पैसों की प्यास है पर सच कहूँ तो मेरे लिए ये सफर ही ख़ास है।
आजकल लोग ऐसे है जो दूध मै भी जहर डालने की सोचते है !
उन्होंने मेरे सात गलत किया, अब मैं इंतज़ार उनकी बारी का कर रहा हूँ.!
बदल जाती है जिंदगी की हक़ीक़त, जब तुम मुस्कुराकर कहते हो तुम बहुत प्यारे हो।
हर समस्या का हल और हर मेहनत का फल जरूर मिलता है।
“लक्ष्य भी है, मंज़र भी है, चुभता मुश्किलों का खंज़र भी है, प्यास भी है, आस भी है, ख्वाबो का उलझा एहसास भी है। ”
जिंदगी आगे बढ़ने का नाम है रुकने का नहीं
अगर आप सच्चाई के रास्ते पर चल रहे हो तो याद रखना कि परमात्मा हमेशा आपके साथ हैं।
जो नहीं लड़ते हैं वही तो हार जाते हैं हौसले वाले तो बाजी मार जाते हैं !!
उम्र छोटी है तो क्या, देखा है ज़िंदगी का हर मंजर, मैंने नकली मुस्कान देखी है, और मैंने बग़ल में खंजर देखा है।
जो आपके साथ दिल से बात करता हो उसको कभी दिमाग से जवाब ना दें।
दुख इतना कठिन होता है, जब जीवन के कुछ पल यादें बन जाते हैं, कि हमें उनकी कीमत तभी पहचाननी चाहिए जब वे हमारे साथ हों.!
अपना हर दिन ऐसे जियो जैसे आखिरी दिन हो।
ज़िन्दगी वो नहीं जिसमे ऐशो-आराम हो, ज़िन्दगी वो है जिसमे संतुष्टि हो।
फर्क इतना हैं बस देने वाले की गर्दन झुकी है और लेने वाले की अकड़ बढ़ी हैं।
यार क्या ज़िंदगीहै सूरज कीसुबह से शाम तकजला करना।
मौत से कैसा डर. मिनटों का खेल है, आफत तो जिंदगी है बरसों चला करती है.
जिंदगी की हकीकत को बस हमने इतना ही जाना है, दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है।
बेहिसाब हसरतों के बीच, तलाश सब की एक ही है एक टुकड़ा सुकून का।
आप अपने जीवन में छोटे बड़े सब को महत्त्व दीजिये क्योंकि जहाँ सुई का काम है, वहाँ तलवार काम नहीं करती
गुजर जायेगा ये दौर भी,जरा सा सब्र तो रख,जब खुशियाँ ही नहीं रुकी,तो गम कि क्या औकात है.
पछतावे से आच्छा है, कोशिश करके फेल हो जाना।
एक दिन अपनी खामोशी ही,सब का हिसाब कर देगी।
रिश्ते और पौधे दोनों एक जैसे ही होते है लगाकर भूल जाओ तो दोनों ही सुख जाते है
एक वक्त ऐसा आता हैं , की सब ठीक होने के बावजूद भी दिल मुस्कुराना भूल जाता हैं ,
मैंने जिंदिगी की गाड़ी से वो साइड ग्लास ही हटा दिए, जिसमे पीछे छूटते रस्ते और बुराई करते लोग नजर आते थे.
जिंदगी ने पूछा, सपना क्या होता है? तो हक़ीकत बोली, ”बंद आँखों में जो अपना होता है, खुली आँखों में वही सपना होता है।”
मैं ना बहुत कंजूस हूँ यारमुझसे किसी को धोखा नहीं दिया जाता है
ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है बस एक आपकी वफ़ा चाहती है कितनी मासूम और नादान है ये खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है.
दुनिया में दौलत तो विरासत में भी मिल सकती है लेकिन पहचान तो अपने दम पर ही बनानी पड़ती है।
मेरे बारे में तो सिर्फ मैं ही जानता हूं लोग तो सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं।
मुँह पर “सच” बोलने की आदत है मुझे, इसलिए लोग मुझे बतमीज कहते है।
चाह रखने वाले, मंज़िलों को ताकते नहीं; बढ़ कर थाम लिया करते हैं; जिनके हाथों में हो वक़्त की कलम; अपनी किस्मत वो खुद लिखा करते हैं।
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं,जिनको जोड़ते जोड़ते इन्सान, खुद टूट जाता है.
तहज़ीब के खिलाफ हुआ सच का बोलना, अब झूठ ज़िन्दगी के सलीक़े में आ गया।
तुलना रिश्तों के बीच अपनेपन और खुशियों को खत्म कर देती है।
“मैंने अपने अंदर खुदा को महसूस किया, जब मैं हारा हूँ तब उसने हिम्मत दिया।”
जिंदगी को अगर बेहतर बनाना है,तो दर्द को छुपाना होगा और गम मेंमुस्कुराना सीखना होगा.!
हमारे मम्मी पापा ने हमे बहुत शौकीन बनाया है,और सबसे महंगा शौक इंसानियत और ईमान बताया है!!
समंदर ना सही, पर एक नदी तो होनी चाहिए, आपके शहर में जीवन, कहीं तो होना चाहिए।
किस तरह जमा करें अब अपने आप को काग़ज़ बिखर रहे हैं पुरानी किताब के।
● गुरु का ज्ञान और समुद्र दोनों गहरे होते है, फर्क सिर्फ इतना है, समुन्द्र की गहराई में लोग डूब जाते है और गुरु के ज्ञान में लोग तर जाते है।
अपना कीमती समय हमेशा अपने साथ बिताओ।
अच्छे लोग किसी के मुँह सेतारीफ सुनने के मोहताज नही होतेक्योंकि असली फूलों पर कभी भीइत्र नही छिड़का जाता।
ना जाने जिंदगी का ये कैसा दौर है, घर खामोश है, और ऑनलाइन शोर है
बड़ा मुश्किल है जज्बातों को अल्फाजों में लिखना जैसे पानी पर, पानी से, पानी लिखना।
खुद को अपनी नज़र में सही रखोवरना लोग तो खुदा को भी गालियाँदेते है तो फिर तुम क्या चीज हो।
साधारणता पक्की सड़क की तरह है चलना आरामदायक होता है लेकिन इस पर कोई फूल नहीं उगता
इंसान की आँखो में दो बाते,साफ-साफ नजर आती है।1.इंसान की सच्चाई ।2.इंसान का छल।
जिंदगी मै सबसे ज़्यदा तकलीफ उसी को मिलती है जो आने वाले समय मै कुछ बड़ा करने वाला होता है !
बहुत कुछ सिखाया जिन्दगी के सफर अनजाने ने, वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, जो पढाया सबक ज़माने ने.
अक्सर हम गलत वक्त में ही सही सफर पर निकलते है.!
“सफर में मुश्किलें आऐ, तो हिम्मत और बढ़ती है…कोई अगर रास्ता रोके,तो जुर्रत और बढ़ती है।”
जिंदगी बहुत हैं शिकवे तुझसे,रहने दे मगर आज इतवार है।
जिनकी नजरों में हमअच्छे नहीं है..ना.. जनाब नेत्र दान कर सकते है…
“मेहनत मेरी पहचान हैं, खुदा मेरे साथ हैं. मंजिल मेरी कामयाबी हैं, उसे पाना मेरा काम हैं। ”
जिस पर सभी विषयों को संभालने की जिम्मेदारी होती है वह किताब अक्सर रफ बन जाती है।
रोते हुए नयन देखे मुस्कुराता हुआ अधर देखा गैरों के हाथों में मरहम अपनों के हाथों में खंजर देखा।
समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिए.!
परमात्मा को पाना है तो सब से कर प्यार, दूसरों को बुरा कहने वाले पहले अपने आपको सवार।
जीत किसके लिए, हार किसके लिएजिन्दगी भर यह तकरार किसके लिएजो भी आया है वो जाऐगा एक दिनफिर ये अहंकार किसके लिए।।
क्या बेचकर हम खरीदे फुर्सत ए जिंदगी सब कुछ तो गिरवी पड़ा है जिम्मेदारी के बाजार में…
धीरे-धीरे सफर बनूंगा पर बनूंगा जरूर, इतिहास बनाना है मित्रों एक दिन की हेड लाइन नहीं.