2379+ Village Shayari In Hindi | गाँव शायरी स्टेटस

Village Shayari In Hindi , गाँव शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 19, 2023 Post Updated at: September 20, 2024

Village Shayari In Hindi : जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,खुशहाली से भरा वो गाँव है मेरा. गाँव में, पैसे से जेब हल्की और दिल के बड़े होते है,गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है.

मुझ से दोस्त नहीं बदले जाते चाहे हो लाख दूरी, यहां लोग भगवान बदल देते है, बस एक मुराद पूरी न होने पर।

जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,खुशहाली से भरा वो गाँव है मेरा.

बहुत शौक था बचपन मेंदूसरों को खुश रखने का,बढ़ती उम्र के साथवो महँगा शौक भी छूट गया।

अगर कोई चुप है तो इसका मतलब ये नहीं की उसे बोलना नहीं आता, हो सकता है वो थप्पड़ मारने में यकीन रखता हो !!

उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में,पर बेवजह खुश रहने का मज़ा ही कुछ और है..!!

आज कल वो लोग भी कहते है कि हमारा तो नाम ही काफी है, जिनको गली के कुत्ते भी नही जानते है !

मन्नत के धागे बांधो या बांधो मुरादों की पर्ची,वो देगी तभी जब होगी उसकी मर्जी।

मेरी जिंदगी में एक सपना याद रहा। हर पल वो लम्हा याद रहा उम्मीद ख़त्म हो गयी थी। पर वो लौट के आने का एक सपना याद रहा

देखो बचपन में तो बस शैतान था,मगर अब खूंखार बन गया हूँ।

हमें जान नही प्यारी है, बस दुश्मनों को उनकी ही औकात दिखानी है।

गिरते ही संभल गये, मंजिंल थी हैं आखों में,नहीं था इतना डैम इन दो आँधियों में,,चिराग भी जल जाता हैं इन हवाओं में।

सदा एक ही रुख़ नहीं नाव चलती,चलो तुम उधर को हवा हो जिधर की।

हमको 😈मिटा सके ये ज़माने में दम ❌नहीं, हमसे ज़माना🌍 है ज़माने से हम ❌नहीं !!!

“ की खोल चहेरो पर चढाने नहीं आते हमें हम गाँव के लोग हे जो शहर कम आते हे…!!

आसमान जितना नीला है, सूरजमुखी जितना पीला है, पानी जितना 💧गीला है, आपका स्क्रू उतना ही 🔧 ढीला है.

“🔥🔥 लोगों को दिल में नहीं औकात मे रखो..! 🔥🔥”

हम सिर्फ किसी इंतजार में हैं अब। यादो में पैगामो को हाथ में लिए हैं हम।

मैं  बहानो में विश्वास नहीं  करता मैं  जीवन  की  समस्याओं  को  सुलझाने  के  लिए  कठिन परिश्रम  को  प्रमुख  कारक  मानता हूँ ।

जरूरी ये नहीं कि कोई तुम्हारे साथ है या नहीं , जरूरी तो ये है कि तुम खुद के साथ हो या नहीं !!

Nature हमारी माँ की तरह ही है, ये हमें तब तक नहीं फटकारती जब तक कि हम गलती नहीं करते।

मुझको ~छोड़ने की वजह तो बता जाते,तुम मुझसे ~बेज़ार थे, या हम जैसे हजार थे !!

बचपन से पचपन तक का सफ़र यूं बीत गया साहब,वक़्त के जोड़ घटाने में सांसे गिनने की फुरसत न मिली।

हमें देखकर आजकल तो, दुश्मन भी दोस्त बनने लगे है।

पापा भी तो मेरे, हैं कितने प्यारे..बड़े अच्छे, लाते ढेर सारे खिलौने;पर रोज देर से आते, कितने थक कर।

मैंने कब कहा मुझे गुलाब दे,या फिर अपनी महोब्बत सेनवाज़ दे…

तेरे क़दमों में ये सारा जहान होगा एक दिन,माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले।

कौन कहता है कि दोस्ती बराबरी में होती हैसच तो ये है दोस्ती में सब बराबर होते है.

गाँव में रोज़गार होगा गाँव में विकास होगा, तभी लोगों को शहर से गाँव आने में विशवास होगा।

ज़ख्म जब बच्चे को लगता है तो माँ रोती है,ऐसी निस्बत किसी और रिश्ते में कहाँ होती है।

हम 1⃣5⃣% #BåTtĒrY🔋#WāRniNg⚠ को भी #सीरियसली नहीं ☝लेते हैं😕,किसी की 😈#फालतू _बातें 💬 तो #बहुत दूर की बात है😏 !!

गाँव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो,शहर में तरक्की कितनी भी करो लोपर गाँव अपनों से मिलने आया करो.

जो सोचता था बोल देता था,बचपन की आदतें कुछ ठीक ही थी

पुरानी अलमारी से देख मुझे खूब मुस्कुराता है,ये बचपन वाला खिलौना मुझें बहुत सताता है।

कुछ #दोस्त, दोस्त👬 कम #घरवालो🏡👆 के खबरी ज्यादा होता हैं !!

“ जिन्दगी कभी धूपमें तो कभी छाँव में है,जीवन जीने काअसली मजा तो गाँव में है….!!

अभी पास है तो ठोकर मारकर bewafa बना देते हो, जब दूर हो जाएंगे, तो प्यार जाताओगे!

कुछ 👉पाने के लिए कुछ खोनानहीं..❌ कुछ_ करना पड़ता ✔️है !!

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जब ख़ुशी प्यार के चंद पलों में नही अच्छे गुण मिलने पर होती थी,

आह को चाहिये इक उमर असर होते तक कौन जीता है,तेरी जुल्फ के सर होते तक।

प्रेम ही एकमात्र ऐसा फूल है जो बिना मौसम की सहायता के बढ़ता और खिलता है।

“ चन्द लम्हो का इश्क हम कभी करते नहीं हे हम गाँव के आशिक हे जो हर किसी पर मरते नहीं…!!

हर ओर सत्यम-शिवम-सुन्दरम, हर हृदय में हर-हर हैं, जड़ चेतन में अभिव्यक्त सतत कंकर-कंकर में शंकर हैं.

आसमान भी मुझसे नीचे उड़ेगा,मेरे हौसलों में इतनी ताक़त है।

मेरे गांव की मिट्टी से भरता है तेरे शहर का पेट, और तेरे शहर वाले गाँव वालों को गवार कहते हैं।

जब घाव दिल पर नही हाथ-पैरों पर हुआ करते थे,

मैने बिना मतलब निकाले रिश्ते निभाने वाला इंसान देख है,इस जहान में केवल माँ ही है, जिसकी नज़र से मैने यह आसमान देखा है” मेरी माँ ”

सुना है की समन्दर को बहुत गुमान आया है, उधर ही ले चलो कश्ती जिधर तूफ़ान आया है।

बहुत उदास बैठे हो,कहो तो दिल दूं खेलने के लिए..!!

मेरा तो एक ही है सपना,सर पे ताज़ एक मुमताज़ और इस दुनिया पर राज़..!!

दुनिया की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं ही ही अगर हम खुद को पढ़ लेंगे तो हमें सभी समस्याओं का समाधान मिल जाएगा ।

माणसाने कधीही धीर सोडू नये,कारण डोंगरातून येणारी नदी कोणाला विचारत नाही की समुद्र कुठे आहे?

मोहब्बत इंसान को इतना कुछ सीखा देती है,जो वो पूरी ज़िन्दगी में नही सीख पाता..!!

बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीँ रही,मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करतेँ हैँ..!!

माँ-बाप के सिर पर कर्ज का बोझ है,उसे इस समस्या के हल की खोज है,पैसा कमाना ही इस समस्या हल हैइसलिए बिना छुट्टी किये काम पर जाता रोज है.

कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को,नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर.

हम-याद उन्हें बेशुमार करते हैं। हम दिन रात उन्हें प्यार करते हैं।

जब लोग दोस्ती निभाने की कसम खाते है, तब दुश्मन औकात दिखाते है।

“ जो मेरे गांव के खेतों में भूख उगने लगीमेरे किसानों ने शहरों में नौकरी कर ली…!!

“🔥🔥 हम जंगल के सूखे पत्ते जैसे है, जिस दिन जलेंगे युश जंगल जला देंगे 🔥🔥”

लक्ष्य के रास्ते में कितने ही परेशानी क्यों ना हो कभी घुटने मत टेके क्योंकि जो लक्ष्य की चाहत रखते हैं उनकी रगों में खून नहीं जुनून दौड़ता है ।

उसने छूकर हाथों को फूल सा महका दिया, मोहब्बत भी क्या-क्या कमाल करती है

“ गाँव में बड़े होने पर भीबच्चों को माँ-बाप डांटते है,ऐसा लगता है जैसेअपनापन और खुशियाँ बांटते है….!!

“🔥🔥 तेरी दिमाग से सारे वहम निकालूगा, और साले जो आग लगी है ना तेरे पीछे उसपे तो अभी ओर पेट्रोल डालूगा. 🔥🔥”

“ गाँव के बच्चे माँ-बापकी उम्मीदों को संग लाते है,रूपया कमाने के लिएअपनी जिन्दगी भी दांव पर लगाते है….!!

कुछ अलग ही खुशी मिलती है मेरे गांव मेंवहां की बहती हवाओ से,वहा रह लोगे मेरी प्रति लगाओ से ।।

दहशत गोली से नही दिमाग से होती है,और दिमाग तो हमारा बचपन से ही खराब है.

Attitude की बात मत कर, वो तो बचपन से हैपैदा हुआ तो 2 साल तक किसी से बात नहीं की

“ मेरे खेत की मिट्टीसे पलता है तेरे शहर का पेटमेरा नादान गाँव अबभी उलझा है कर्ज की किश्तों में…!!

कितना तकलीफ उठाकर कमाते है,जब गाँव से कम उम्र के बच्चे शहर जाते है.

यूँ ही नहीं जहाँ में चर्चा हुसैन काकुछ देख के हुआ था ज़माना हुसैन कासर दे के जो जहाँ की हुकूमत खरीद लेमहंगा पड़ा यज़ीद को सौदा हुसैन का

आंखों में नींद बहुत है पर सोना नहीं है यही वक्त है कुछ करने का मेरे दोस्त इसे खोना नहीं है ।

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