Unknown Shayari In Hindi : अपने हाथों से तेरी मांग सजाऊं तुझे मैं मेरी क़िस्मत बनाऊं हवा भी बीच से गुज़र ना सके हो इजाज़त तो इतने करीब आऊं तुम मुझे अपना बनाते क्यों नहीं मेरे ख्वाबों में आते क्यों नहीं ये मीठी दूरियां ख़त्म कर दो ना खुद से मुझे मिलाते क्यों नहीं
उन्हें चाहना मेरी कमज़ोरी हैं,उनसे कह नहीं पाना मेरी मज़बूरी हैं।वो क्यों नहीं समझते मेरी खामोशी,क्या प्यार का इज़हार करना जरुरी हैं।
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है, हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे"
तुम्हारी हंसी कभी कम ना हो ये आँखे कभी नम ना हों तुमको मिले जिन्दगी की हर खुशी भले उस खुशी में शामिल हम ना हों
हमने तो उन्हें दोस्त समझा था, लेकिन उन्होंने तो हमें अपनी ज़िन्दगी बना ली।
चाँद होता न आसमाँ पे अगर हम किसे आप सा हसीं कहते….
ए दिल तू क्यों रोता है,ये दुनिया है,यहाँ ऐसा ही होता है।।
जीवन भविष्य के साथ टकराव की एक श्रृंखला है.
कर जाओ वो ग़लती जो सुकून देती है जाने क्यों तुम्हारी आवाज़ मुझे जूनून देती है
“मोहब्बत का एहसास तो हम दोनों को हुआ था फर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था और मुझे हुआ था।”
बेहिसाब हसरते ना पालिए, जो मिला हैं उसे सम्भालिए.
कभी मिले फुर्सत तो इतना जरूर बताना,वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके।
लत तुम्हारी लगी हुई है,और इल्जाम बेचारे फोन पर आता है..!!❤️🥀
प्यार और दोस्ती में जगह मिली नहीं फिर अकेले खुश रहना सिख गए
मेने इस रिश्ते को दोस्ती उसने मोहब्बत का नाम दिया, किस्मत देखिये, मुकम्मल दोनों में से कोई भी ना हो सकी।
अब तुझसे शिकायत करना,मेरे हक मे नहीं।क्योंकि तू आरजू मेरी थी,पर अमानत शायद किसी और की।
कल तक उड़ती थी जो मुँह तक आज पैरों से लिपट गई…!!! चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की धूल की फ़ितरत ही बदल गई…!!!
तुम भी जान जाओगे इश्क का अंजाम ऐ दोस्त,मौत किस्तो मे जब आती है तो बहुत दर्द होता है।
बेशक जो जितना खामोश रहता है वो अपनी इज़्ज़त उतनी ही महफूज़ रखता है.
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही,मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
बहुत आसान है दर्द को छुपाना, पर नहीं आसान किसी अपने को भुलाना।
“मोहब्बत यूं ही किसी से हुआ नहीं करती। अपना वजूद भूलाना पड़ता है, किसी को अपना बनाने के लिए।”
ना किया करो कभी किसी से दिल दुखाने वाली बात, सुना है दिल पे निशाँ रह जाते हैं सदियो तक।
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर,एक लापरवाह क्यों तेरी परवाह करता था…
ना चाहत की कमी ना चाहने वालों की मगर फिर भी ये नज़र इक शख्स के लिए बेकरार है
जानने की कोशिश की थी तुमको,तुमने कभी मुझ पर ध्यान ना दिया।गैरों पर तुम्हे गहरा विश्वास था,जिसने अपना समझा उस पर विश्वास ना किया।
ये प्यारा सा दिल मेरा,रखे ख्याल सिर्फ तेराYe pyara sa dil mera,Rakhe khayal sirf tera
हो सकता है मैं वहां तक नहीं जा पाया जहाँ तक जाना चाहता था, लेकिन मुझे लगता है मैं वहां तक पहुँच गया हूँ जहाँ तक मुझे पहुंचना चाहिए था.
“मुझे तेरे काफ़िले मेँ चलने का कोई शौक नहीँ ! मगर तेरे साथ कोई और चले मुझे अच्छा नहीँ लगता।”
उम्र जाया कर दी लोगो नेऔरों में नुक्स निकालते निकालतेइतना खुद को तराशा होतातो फरिश्ते बन जाते
“उसकी तलाश में जब मैंने भटकना छोड़ दिया, यादों में उनकी खोकर मैंने तड़पना छोड़ दिया, वो आये तो सही लेकिन उस वक़्त, जब इस दिल ने उनके लिए धड़कना छोड़ दिया।”
जिंदगी समझ नहीं आई तो “मेले” में “अकेला” और समझ आ गई तो “अकेले” में “मेला”
हाथ पकड़ कर हाथों से फिर मुस्कुराये वो पलकें हमारी टकराने लगी इतना करीब आये वो
उसकी ज़िद थी कोई मुझसा दूसरा लाओ, बड़ी मुश्किल से मै चाँद खींच के लाया हूँ….
तू आशिक है मेरा, मैं तेरी दीवानगी मोहब्बत में सनम, मैं तेरी हो चली
तूने तो कह दिया अब तेरा मेरा कोई वास्ता नहीं हैं, फिर भी अगर तू आना चाहे तो रास्ता वही हैं।
ये किस मकाम पर जिंदगी मुझको लेके आ गयीं,ना बस खुशी पे है जहाँ, ना गम पे इख़्तियार हैं।
अब न कोई हमें मोहब्बत का यकीन दिलाये, हमें रूह में भी बसा कर निकाला है किसी ने।
जिस दिन उस पर, दिल आया था, उस दिन मौत आ जाती, तो ज़्यादा अच्छा था.
तरस गए है तेरे मुह से कुछ सुनने को हम,प्यार की बात ना सही कोय शिकायत ही कर दे…!!
हर वो चीज जिसकी तुम कल्पना कर सकते हो सच है.
“दो दिन की जिंदगी हैं .. दो दिन जिना हैं .. आज हो या कल … खुद को हमें खुद ही संभल जाना।”
“जाने कैसे समझाऊं तुम्हे मैं, कि तुम्हारे बिना ज़ी नहीं पाऊँगा, जो ना मिला तुम्हारा साथ मुझे, घुट-घुट कर मर जाऊंगा।”
फिकर तो होगी ना तुम्हारीइकलोती मोहब्बत हो तुम जान हमारी !
यादो का यह कारवा हमेशा रहेगा,दूर जाते हुए भी प्यार वही रहेगा, माफ़ करना मिल नहीं सके आपसे,यकीन रखना अखियों में इंतज़ार वही रहे
जीवन से बच कर आप शांति नहीं पा सकते.
फिर वहीं लौट के जाना होगा यार ने कैसी रिहाई दी है
दिल की धड़कनों में मोहब्बत की तरह समाए हो,जब भी सांस ली हमने तुम बहुत याद आए हो ।
पहले तुम खूब थे अब कमाल हो गए गुलाब तुम्हें देख कर और लाल हो गए तुम्हें कुछ खबर नहीं हाल क्या है लोगो का जहाँ जहाँ से गुज़रे तुम वहां बवाल हो गए
दो पल को ही सही पर मेरी तन्हाइयो में खो जाओ,मैं तेरा और तुम मेरी दो पल के लिए हो जाओ।
“कितनी मोहब्बत है तुमसे, ये कहना नहीं आता। बस इतना जानते हैं, कि आपके बिना हमें रहना नहीं आता।”
दिलासे पे कहाँ तक जी सकोगे,दिलासा झूठ का इक रूप है बस।
सिर्फ इशारो मे होती मोहब्बत अगरइन अलफाजो को खुबसुरती कौन देताबस पथ्थर बन के रह जाता ताज महलअगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता
बिन गरज' और छिटे के साथ जो ना हो', वो भी क्या बरसात होती है...।।।और जिस एहसास में आप टूटे-बिखरे' ना, वह प्यार भी क्या प्यार होता है।।
तेरी सादगी में है गुरुर कितना,तू मजबूर है या मगरूर इतना ।
अनजान ही अच्छे होते है साहबजानने वाले दिल बहुत दुखाते है।.Ajnabi hi acche hote hai sahabjanne wale dil bahut dukhate hai..
“ये चंद दिन की दुनिया है- “गालिब”। यहाँ पलकों पर बिठाया जाता है, नजरों से गिराने के लिए”
परायों से जीतने में इतनी ख़ुशी नहीं मिलती जितनी कभी-कभी अपनों से हार कर मिल जाती है।
होले होले कोई याद आया करता है,कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।
मंजिल का नाराज होना भी जायज था,हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे.Manzil Ka Naraj Hona Bhi Jaayaj Tha,Ham Bhi To Ajnabi Raho Se Dil Laga Baithe.
वो और होंगे जो तुम्हारे हुसन पे मरते हैं हमें तो तुम्हारी सादगी ने पागल बनाया है
तुम्हारी तस्वीर रवींची थी मैंने,अब वो तस्वीर रवींचती हैं मुझें..!🥀💞
तुझसे बहुत कहा था कि मुझे अपना न बना, अब दिल मेरा तोड़ कर मेरा तमाशा न बना।
जब भी gravity और oxygen याद आती है हमें, ये ज़मीं चाँद से बेहतर नजर आती हैं हमें….
जिसने हमको चाहा उसे हम चाह न सके,और जिसको हमने चाहा उसको हम पा न सके।
“समझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई, कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता।”
जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है,जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है,जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू,तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है।
“खुशीयॉ आये जिंदगी मै तो चख लेना मिठाई समझ कर ! जब गम आये तो वो भी कभी खा लेना दवाई समझ कर।”
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोईशिकवा तो नहींतेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिनज़िन्दगी तो नहीं
सारी शिकायते खत्म हो गयी ? कह क्यों नहीं देते रिश्ता मर गया
ऐसी हो हवाएं की बूहैं खुल जाए कुछ ऐसे गले लगाओ की रूहें मिल जाए
“फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो, जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो, जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ, आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।”
यह रिहाई मुझे नहीं मंजूरअपनी आंखों से मत निकालना मुझे