47+ Uljhan Shayari In Hindi | Rishton ki Uljhan Shayari

Uljhan Shayari In Hindi , Rishton ki Uljhan Shayari
Author: Quotes And Status Post Published at: October 4, 2023 Post Updated at: May 27, 2024

Uljhan Shayari In Hindi : सिर्फ मुस्कुराते रहिये दुनिया कन्फ्यूज्ड रहेगी,न जाने इसको किस बात की ख़ुशी हैं. दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,इन्तजार उसका… जिसको एहसास तक नहीं.

क्यों इतनी कंफ्यूजन हैबार-बार कुछ अच्छा होने काएहसास होता हैलेकिन होता नहीं है.

अगर कपड़े धोने के लिए घड़ी का इस्तेमाल करें,तो समय देखने के लिए किसका इस्तेमाल करें.

उसने पूछा था क्या हाल है,और मैं सोचता रहा गया.

लड़कियों को Control करना बहुत मुश्किल होता है,मगर Confused करना बहुत आसान होता है.

समझ में नहीं आता जिन्दगी में उलझन है,या उलझन ही अपनी बन गई जिन्दगी है.

अजीब हालत है मेरे भी,कभी जो अपना था अब वो सपना है.

जब इंसान कंफ्यूज हो जाएँ,और बल्ब फ्यूज हो जाएँतो वह किसी काम का नहीं रहता है.

एक हम है जो समझे नहीं खुद को अब तक,और एक दुनिया है जो पता नहीं हमें क्या-क्या समझती है.

एक बात समझ नहीं आ रही है,कि कामयाबी पूरा शरीर छोड़ कर कदम ही क्यों चूमती है.

दिल को चैन मिलता नहीं, ना जाने किसी तलाश है,हजारों की भीड़ है पर ना कोई दिल के पास है.

जब तक सांसे चलती है, उलझने कभी खत्म नहीं होतीख़ुशी या गम हो के बिना कभी आँखें यूं ही नम नहीं होती.

किसी भी बात को इतना Analysis मत करो,कि दिमाग को Paralysis हो जाये.

मत कर मेरे दोस्त हसीना से मोहब्बत,वो तो आँखों से वार करती है,मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है,वो तो मुझ से भी प्यार करती है.

दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,इन्तजार उसका… जिसको एहसास तक नहीं.

उलझनें अजीब हैं, ना इस पार खुशी है,ना उस पार खुशी है,लोगों की भीड मे भी हम तन्हा से रहते हैं, और तन्हाइयों मे भी हम खुश नही रहते।

ज़िन्दगी उलझी हुई नहीं लगतीअगर हम थोड़े सुलझे हुए होते।

उलझ सी गई है ज़िन्दगी भी अब तो,उलझे से रिश्तों को सुलझाने में ही।

कोई मुझ से पूछ बैठा बदलना किसे कहते है,सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दू मौसम की या अपनो की.

उलझनें औऱ भी कई सारी थी, मैंने ज़िन्दगी चुन ली..!! #अर्चना_सिंह

तेरी दास्तां-ए-हयात को लिखुँ किस गजल के नाम सेतेरी शौखियां भी अजीब है,तेरी सादगी भी कमाल है

जो उलझन में रह प्यार का इजहार नहीं कर पाते है,वे इस भूल को याद कर दिल ही दिल में उम्र भर पछताते है.

हम जी रहे है कोई बहाना किये बगैर,उस के बगैर, उस की तमन्ना किये बगैर.

मिल रहे हो न खो रहे हो तुम,दिन पर दिन और दिलचस्प हो रहे हो तुम.

उसका दिल रखूँ तो अपना दुखाऊं,खुद खुश रहूँ या रिश्ता निभाऊं.

साथ भी चलना है उन्हें,और हमसफर भी नहीं बनना.

जाने क्यों मेरी लाइफ बिलकुल बदल सी गई है,कुछ समझ नही आता क्या गलत क्या सही है.

ना ख्याल अपने हुए ना ख्वाब हिस्से आये एक उलझन सी बन गयी जिंदगी ना सवाल हमने पूछे ना जवाब हिस्से आये

लोग जिस तरह से मोबाइल का प्रयोग कर रहे है,समझ में नहीं आता है कि इन्टरनेट फ्री है या लोग फ्री है.

जिंदगी में उलझन को जो वक़्त से नहीं सुलझाते है,वे किन्तु-परन्तु के द्वन्द में बहुत कुछ गंवाते है.

याद ना करे तो ना सही, ये तो पता चलेनीयत खराब है कि तबियत खराब है.

अगर आसमान खुला है तो धरती ढका कैसे,अगर पानी बहता चला है तो सागर रूका कैसे.

आग लगाने की नई तरकीब बताते है,कुछ लोगो को हम मुस्कुराकर भी जलाते है.

तेरे इस सादगी को देख कर ये उलझन हैकौन सा फूल चुनु तेरी बंदगी के लिए

दर्द के पीछे की हंसी,ख़ुशी के पीछे का गम,भीड़ की वो तन्हाईक्यों सबको नजर नही आती.

मकड़ी भी नहीं फँसती अपने बनाये जालो में,जितना आदमी उलझा है अपने बुने ख्यालों में.

सिर्फ मुस्कुराते रहिये दुनिया कन्फ्यूज्ड रहेगी,न जाने इसको किस बात की ख़ुशी हैं.

चार लड़कियाँ एक लड़के पर हँसती है,तो समझ में नहीं आता है किहंस कर देख रही है यादेख कर हंस रही है.

याद ना करे तो ना सही, ये तो पता चले नीयत खराब है कि तबियत खराब है.

जाने क्यों मेरी लाइफ बिलकुल बदल सी गई है, कुछ समझ नही आता क्या गलत क्या सही है.

मकड़ी भी नहीं फँसती अपने बनाये जालो में, जितना आदमी उलझा है अपने बुने ख्यालों में.

दिल को चैन मिलता नहीं, ना जाने किसी तलाश है, हजारों की भीड़ है पर ना कोई दिल के पास है.

उलझे धागे के जैसा है मेरा दिल, अगर सुलझ गया तो बहुत टुकड़े होंगे।

एक बात समझ नहीं आ रही है, कि कामयाबी पूरा शरीर छोड़ कर कदम ही क्यों चूमती है.

लोग जिस तरह से मोबाइल का प्रयोग कर रहे है, समझ में नहीं आता है कि इन्टरनेट फ्री है या लोग फ्री है.

लड़कियों को Control करना बहुत मुश्किल होता है, मगर Confused करना बहुत आसान होता है.

तेरे इस सादगी को देख कर ये उलझन है, कौन सा फूल चुनु तेरी बंदगी के लिए।

हम जी रहे है कोई बहाना किये बगैर, उस के बगैर, उस की तमन्ना किये बगैर.

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