Udhar Shayari In Hindi : उधार दीजिये लेकिन सोच समझकर,कहीं अपने पैसों के लिए भिखारी ना बन जाना पड़े। दोस्तों को उतने पैसे ही उधार दो,जितना पैसा भूल जाने की ताकत हो।
ऐसे दाता से सूम भला, जो फट देय जबाब. जो लोग देने की बात कर के टालते रहते हैं उन से वह कंजूस अच्छा है जो फट से मना कर देता है.
फूंकने से पहाड़ नहीं उड़ते. बेबकूफी के प्रयासों से बहुत बड़े काम नहीं किये जा सकते.
गहनों वस्त्र उधार को, कभी न धरिए अंग. उधार के वस्त्र और गहने कभी नहीं पहनने चाहिए.
जो सुख छज्जू के चौबारे में, सो न बलख बुखारे में. जो सुख अपने घर और गाँव के लोगों के बीच में मिलता है वह किसी सम्पन्न विदेश में नहीं मिल सकता.
जड़ से बैर, पत्तों से यारी. मूर्खता पूर्ण सोच. अगर जड़ को नुकसान पहुँचाओगे तो पत्ते तो अपने आप खत्म हो जाएंगे.
बिन देखे राजा भी चोर. अपनी आँख से देखे बिना किसी बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए.
अलबेली ने पकाई खीर, दूध के बदले डाला नीर. नौसिखिया लोगों का मज़ाक उड़ाने के लिए.
उंगली सूज कर अंगूठा नहीं बन सकती. किसी वस्तु की मूलभूत प्रकृति नहीं बदल सकती.
आँख देखे को पाप है. संसार में जाने क्या क्या अनर्थ हो रहे हैं जो हम देख लें उसी को हम पाप समझते है.
हाथी हजार लटा, तो भी सवा लाख टके का. बहुत धनी व्यक्ति को यदि व्यापार में नुकसान हो जाए तो भी वह धनी ही रहता है.
खरे को बरकत ओर खोटे को हरकत. ईमानदार की उन्नति होती है और बेईमान का विनाश.
दो लड़ेंगे तो एक गिरेगा भी. जब दो लोग लड़ेंगे तो कोई न कोई तो गिरेगा ही.
बहू नवेली और गऊ दुधेली. नई बहू और दुधारी गाय सबको अच्छी लगती हैं.
सेंदुर न लगाएं तो भतार का मन कैसे रखें. सिंदूर न लगाएँ तो पति को प्रसन्न कैसे करें. मालिक के मनपसंद काम करना ही पड़ेगा.
जा घट प्रेम न संचरै, ता घट जानि मसान. जिस के हृदय में प्रेम का वास नहीं है वह श्मशान के समान है.
उसे मैं सारी उम्र कोसता रहा वो जो मुझे मिलकर भी मिला नहीं
यदि आप जीवन में सफल होना चाहते है,तो सबसे पहले अपने अन्दर सो रहे आत्मविश्वास को जगाये।
जिसके पास पैसा होता है उनके सब क़रीब होते है, उनका कोई नहीं होता जो गरीब होते हैं।
तुझसे प्यार करके ज़िंदा हूँ मैं अपने किये पर शर्मिंदा हूँ
बोहरे की राम राम, जम का संदेसा. बोहरा – सूदखोर बनिया. बोहरा नमस्कार कर के अपने पैसे मांगता है, इसलिए उस की नमस्कार भी मौत का संदेश है.
अगर दिल न मिले तो 💏प्यार अधूरा होता है 🌜चाँदनी के बिना चाँद कब पूरा होता है 👬दोस्तों की भूल कर ज़िन्दगी कटती नहीं क्यूँकी हर एक 😍फ्रेंड जरूरी होता है।
दो दिन की मुसलमानी अल्लाह अल्लाह पुकाऱै. (हरयाणवी कहावत) जो नया मुसलमान बना हो वह अधिक दिखावा करता है.
थोड़े ही में पाइए सब बातन को सार. अपनी बात को आप जितने कम शब्दों में व्यक्त कर पाएँ उतने ही काबिल माने जाएंगे.
आदमी भूल चूक का पुतला है. भूल सभी से हो सकती है. कोई यह नहीं कह सकता कि उस ने कभी भूल नहीं की. इंग्लिश में कहते हैं – The Man is bundle of errors.
देख फौजन तुझे हर ख़ुशी मिलेगी जो तू मुझसे कहेगीलेकिन इतना याद रखना मेरी पहली मोहब्बत मेरी माँ ही रहेगी
सूने घर चोरों का राज (चूहों का राज). सूने घर पर अवांछित तत्व कब्जा कर लेते हैं, इसलिए घर को कभी खाली नहीं छोड़ना चाहिए.
घाव से टीस बड़ी. जब शरीर के घाव से मन का घाव बड़ा हो.
रास्ता न मालूम हो तो धीरे चलो. जिस काम का पर्याप्त अनुभव न हो उस में जल्दबाजी नहीं करना चाहिए.
दमड़ी की दाल, बुआ पतली न हो. कामवाली को जरा सी दाल बनाने के लिए दी है और कह रही हैं दाल पतली नहीं होनी चाहिए.
मोहब्बत के कुछ किस्से कहे ना गए कुछ मैं तुमको बता नही पाया कुछ तुम खुद भी समझ नही पाये
जहाँ खर्च नहीं वहाँ हर एक गाँठ का पूरा. जहाँ लोगों की आदत व्यर्थ खर्च करने की नहीं होती वहाँ हर व्यक्ति सम्पन्न होता है.
जिनके मर गए बादशाह, रोते फिरें वजीर. जब राजा की मृत्यु हो जाती है तो उसके मंत्रियों की दशा बहुत दयनीय हो जाती है.
माल से चाल आवे. धन आता है तो आदमी की चाल बदल जाती है.
सांप का डसा रस्सी से भी डरता है. अर्थ स्पष्ट है (दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है).
Fb चलाते हुए जैसे phone हेंग हुआ मै समाज गया Bhai का pic आया है. गधे जैसा pic bhai
जंगल में मंगल, बस्ती में वीरान, जा घर भांग न संचरे, ता घर भूत समान (होत मसान). भांग खाने वालों द्वारा भांग का गुणगान.
वो मेरी बातें दबाती रही मुझ काफिर से रिश्ता निभाती रही मैं बेवफा हूँ जानती थी वो मेरी नीयत ज़माने से छुपाती रही
वीर एक बार मरता है जबकि कायर सौ बार. वीर पुरुष एक ही बार मरता है और उसे प्रसिद्धि भी मिलती है, कायर डर डर के बार बार मरता है और बदनाम भी होता है.
करे न धरे, सनीचर को दोस. कुछ काम नहीं करते हैं और भाग्य में शनि बैठा होने का बहाना करते हैं.
दिया कलेजा काढ़, हुआ नहिं आपना. अपना कलेजा निकाल कर दे दिया फिर भी वह अपना न हुआ.
गिने पूए संभाल खाए. धन संपत्ति को ठीक से गिन कर रखा जाए तो उस का प्रबन्धन आसान हो जाता है..
बता दे मुझे मेरा गुनाह मेरे कातिल क्यों मेरी जान बनके मेरी जान ले गया
खुद को इतना भी ना बचाया करो, बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !
चोर और चाँद का बैर. चोर को चांदनी अच्छी नहीं लगती.
गाजर की पूंगी, बजी तो बजी, नहीं तो तोड़ खाई. हर तरह से उपयोगी वस्तु.
मुर्गे को कलगी का गुमान. अपने रूप रंग पर वही लोग घमंड करते हैं जो मुर्गे की भांति छोटी सोच वाले होते हैं.
कड़ुआ स्वभाव, डूबती नाव. जिस को मीठा बोलना न आता हो वह किसी काम में सफल नहीं हो सकता.
रो रो खाई, धो धो जाई. रो रो कर खाओगे तो शरीर को नहीं लगेगा, बार बार शौच जाओगे. जो भी खाने को मिले प्रसन्न मन से खाना चाहिए.
चोर का माल सब घर खाए, चोर अकेला मारा जाए. चोरी का फायदा उसके घर वाले भी उठाते हैं और माल खरीदने वाले भी, लेकिन सजा अकेले चोर को ही मिलती है.
अहीर अपने दही को खट्टा नहीं बताता. अपनी चीज़ की बुराई कोई नहीं करता.
दिल में रहम हो, जुबान नरम हो, आँखों में शरम हो, तो सब कुछ तुम्हारा है. स्पष्ट है.
भील का घर टोकरी में. बहुत गरीब आदमी के पास इतना कम सामान होता है कि एक टोकरी में आ सकता है.
अंधेरी रात और साथ में रंडुआ. किसी भी स्त्री के लिए खतरनाक स्थिति. रंडुआ – अविवाहित या विधुर पुरुष.
जिसे फूल समझकर संभाल कर रखा उसी ने काटे चुभोएं हैं हमें
छूछा कोई न पूछा. गरीब आदमी का आदर-सत्कार कोई नहीं करता.
ना अमीरों की बात हैं, ना गरीबों की बात हैं, श्याम तेरे धाम की सेवा, तो नसीबो की बात हैं।
एक दुआ 🙏 है कोई गिला नहीं हो, ऐसा प्यार 💖 का फूल 🌺 जो आज तक खिला ना हो, आज मिले वो सब आपको, जो आज तक कभी किसी को मिला ना हो…🎂H’py B’day to u🎂🎀🎁
ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती. ईश्वर जब पापों की सजा देता है तो व्यक्ति कुछ समझ ही नहीं पाता कि यह क्या हुआ कैसे हुआ.
खुशी आत्म-सम्मान का उच्चतम रूप है,एक व्यक्ति जो खुद को खुश रहने की अनुमति देता है,,वह अपना स्वाभिमान दिखाता है।मैरी रुबिन
माँ की सौत, न बाप से यारी, किस नाते बन गई महतारी. जब कोई जबरदस्ती रिश्तेदारी निकाल कर अपना अधिकार जमा रहा हो तो.
बैठी बुढ़िया मंगल गाए. समझदार आदमी कभी खाली नहीं बैठता. वह ऐसा कुछ न कुछ काम करता रहता है जो दूसरों को अच्छा लगे.
खेत में तरकारी को बघार नहीं लगता. हर कार्य के लिए अलग अलग स्थान उपयुक्त होते हैं.
हर चिड़िया को अपना घोंसला प्यारा. हर जीव जन्तु को अपना घर प्यारा होता है.
लघुता से प्रभुता मिले. विनम्रता से ही आदमी बड़ा बनता है.
उतरा हाकिम कुत्ते बराबर (उतरा हाकिम चूहे बराबर). पद खोने के बाद हाकिम को कोई नहीं पूछता.
सावन मास बहे पुरवैया, बेचे बरधा लेवे गैया. सावन में पुरवाई चलने से वर्षा नहीं होती. ऐसे में बैल बेच कर गाय खरीद लेना चाहिए जिससे गुजर हो सके.
सच्चा जाय रोता आए, झूठा जाय हंसता आए. अदालतों में मिलने वाले झूठे न्याय के बारे में कहावत.
बूढ़ा बैल ब्याह गया है. कोई असम्भव सी बात. जैसे कोई बहुत कंजूस आदमी बड़ी रकम दान कर दे तो.
फूहड़ का मैल फागुन में उतरे. जो लोग जाड़े के मौसम में बहुत कम नहाते हैं उन पर व्यंग्य.
मांग लुंगी तुझे अब तकदीर से,क्योंकि अब मेरा मन नही भरता है तेरी तस्वीर से.
एक राम इन सबसे न्यारा, चौथा छोड़ पांचवा को धावै , कहै कबीर सो हम पर आवै ।।
फौजी हूँ पागलपल भर में ही तुझे अपना बना लूँगातुझे खबर भी ना होगीतुझे तुझसे ही चुरा लूँगा