Udas Shayari In Hindi : जब कभी भी मन होता है उदास, तब कोई नही होता है पास। उदास हो गया मन उसके जाने से, संवर जायेंगी ये जिंदगी तेरे आने से।
बहुत कर रहा हूं खुद को समझाने का प्रयास, न जाने क्यों फिर भी मन होता है उदास।
तेरे प्यार में ख्वाबों से ज्यादाआंसुओं से दोस्ती कर बैठे।लगता है, ये खता नहीं सजा है।
रोज़ रोते हुए कहती हैये ज़िंदगी मुझसेसिर्फ एक शख्स कि खातिरमुझे बर्बाद मत कर
हसरत .है .सिर्फ. तुम्हें पाने .की और. कोई .ख्वाहिश .नहीं .इस. दीवाने की
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का, अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं !
“ आज फिर से तेरी याद में हुआकर देख किस हाल में हु…!!
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं। “फ़िराक़ गोरखपुरी”
होक बेवफा हो रुक्सत नहीं हुए ,उदास करके मेरा मन शायद वो भी खुश नहीं हुए।
बिछड़ के मुझसे तुम अपनी कशिश न खो देना, उदास रहने से चेहरा ख़राब होता है।
“ अब तो मर जाता हैरिस्ता ही बुरे वक्तो परपहले मर जाते थेरिस्तो को निभाने वाले…!!!
तेरे आगोश में दम तोड़ गई कितनी जवान नस्लें, फिर किसने तेरा नाम मोहब्बत रख दिया.!!
यहाँ हर मजबूत लोहा टूट जाता है कई झूठे एक साथ हो तो सच्चा टूट जाता है
तुम से नहीं अपने आप से नाराज हूँ मै, बस इसलिए आज तन्हा और उदास हूँ मै।
तरस आता है मुझे अपनी, मासूम सी पलकों पर,जब भीग कर कहती हैं कि अब, रोया नहीं जाता।
दिल टूटने का ख़ासा गम नहीं मुझे उदासी तो इस बात की है की तूने भरोसे तक को नहीं छोड़ा।
“जो कभी डरा नहीं मुझे खोने सेवो क्या अफसोस करता होगा मेरे ना होने से”
है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको..!!
“ शाराब गम भुला देती हैये किसने कहामैंने खुद नशे में लोगोको रोते हुए देखा है….!!
छुपाने पढता है दर्द अपना जनाब ,चाहे मन कितना भी उदास क्यों ना हो।
दो पल की ज़िन्दगी भी कमाल के दुखों का सामना करवाती है ,ना मन को खुश होने देती है सुकून से जीने देती है।
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर, तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर!!
हमने तुम्हें उस दिन से और भी ज़्यादा चाहा है,जबसे मालूम हुआ तुम हमारे होना नही चाहते।
सुनो वैसे तो तुम मेरी पहली पसंद हो, मगर मैंने चाहा है तुम्हे, अपनी आखरी मोहब्बत की तरह.,
जितना प्यार तेरी बातों में था, काश तेरे दिल में भी होता !
“ बड़ी उदास है ज़िंदगी तेरे बिन,नहीं है कुछ मेरे पास तेरे बिनअँधेरा हो या हो उजाला,आता नहीं कुछ बी रास तेरे बिन….!!
जिनके पास जिंदगी में देने के लिये मोहब्बत के सिवा कुछ नही होता है उन्हें जिंदगी में दर्द के सिवा कुछ नही मिलता है
बेशक ही वो शतरंज मेंमाहिर रहे होंगे..क्योंकि उनकी चाल परहजारो फ़िदा है..!
इतनी हिम्मत तो नहीं किसी को हाल–ये–दिल सुना सके, बस जिसके लिये उदास है वो महसूस करे तो काफी है।
रास्ता ऐसा भी दुशवार न था बस उसको हमारी चाहत पे ऐतबार न था वो चल न सकी हमारे साथ वरना हमे तो जान देने से भी इनकार न था
इश्क क्या जिंदगी देगा किसी को, ये तो शुरू ही किसी पर मरने से होता है ।
छू ना पाया मेरे अंदर की उदासी कोई, मेरे चेहरे ने बहुत अच्छी अदाकारी की।
किसी के साथ प्यार से मजाक जरूर करना, मगर किसी के साथ मजाक से भी प्यार मत करना !
“ दुनिया की महफ़िलोंसे उकता गया हूँ या रब,क्या लुत्फ़ अंजुमन काजब दिल ही बुझ गया हो…!!
मेरी गलती बस यही थी के मैंने हर, किसी को खुद से ज़्यादा जरुरी समझा.,
मैं कहता केला है,तुम कहते हो ठीक है !!लगता है हमारा प्यारमिला हुआ है…!!
ये तो सच है ये ज़िन्दगानी उसी को रुलाती है जिसके आँसू पोछने बाला कोई नही होता है
“ उन का ग़म उन का तसव्वुरउन के शिकवे अब कहाँ,अब तो ये बातें भी ऐदिल हो गईं आई गई…!!
ये जानकर ख़ुशी हुई के उसे भी मेरे दुःख दर्द का एहसास है, कहती है इतना उदास रहते हो तो मर क्यूँ नही जाते।
किसी ने खूब कहा हैं,मोहब्बत नहीं जनाब,यादे रुलाती हैं..Kisi ne khoob kaha hain,Mohabbat nahi janab,Yaade rulaati hain…
ज़लज़ले यूं ही बेसबब नहीं आते, कोई दीवाना तह-ए-खाक तड़पता होगा।
ये उदासी भी चेहरे पर आने से कतराती है, जब वो लबो को लबो से छू जाती है।
मोहब्बत भी हाथों में लगी मेहँदी की तरह होती है कितनी भी गहरी क्यों ना हो फीकी पड़ ही जाती है।
तू तो मेरी जान थी,पर क्यों तेरी यादे,मेरी जान ले रही हैं…Tu toh meri jaan thi,Par kyu teri yaade,Meri jaan le rahi hain…
हम जा रहे हैँ वहाँ, जहाँ दिल की हो कदर !बैठे रहना तुम, अपनी अदाएँ सम्भालकर !!
हसीन ख़्वाब भी कुछ को नसीब होते हैं,किसी किसी को उदासी उदास करती है।
कुछ तो गलत होगा इश्क़ में जो तनहा रहना पढ़ता है,कुछ तो राज़ दफन होगा जो मन उदास रहता है।
“मैंने तोड़ दिया – हर वो #रिश्ता जो सिर्फ, अपने #मतलब के लिए Mere साथ था”
अल्फाजों की समझ नहीं है मुझमें हाँ पर जज्बात लिखने का हुनर जानकी हूँ
मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें,कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे।
पत्थरों से प्यार किया क्योंकि नादान थे हम गलती हुई क्योंकि इंसान थे हम आज जिन्हें हमसे नजरे मिलाने में तकलीफ होती है कल उसी इंसान की जान थे हम
इतना भी ना चाहो किसी को ,वो चला जाये, और ज़िन्दगी बेरंग , बोझिल, और गुमनाम हो जाए..
काश वो भी आकर हम से कह दे मैं भी तन्हाँ हूँ, तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए!!
आज मैं बंद आँखों से भी तुम्हारे कोरे कागज को पूरा पढ़ गया।मुहब्बत में लफ़्ज़ों की क्या दरकार थी बसधड़कनें पढ़ लो।
“ तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते,दगी में कभी उदास नहीं होते।हाथों किं लक़ीरों पे यक़ीन मत करना,तकदीर तो उनकी भी होती हैं,,जिन के हाथ ही नहीं होते..!!
“ सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देताबस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल,अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता…!!
न ज़ख्म भरे, न शराब सहारा हुई,न वो वापस लोटी, न मोहब्बत दोबारा हुई..
हमने सोचा के दो चार दिन की बात होगी लेकिन, तेरे ग़म से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया,
“ आज दिल बेहद उदास हैं पता हैं,अब तेरा दिल मेरे पासनहीं किसी और के पास हैं…!!
हर सजा काटने वाला गुनहगार नहीं होता, उदासी का सवाल नहीं होता जो प्यार नहीं होता।
इस उदास पल को कोशते कोशते इंसान थक जाते, पता नही ये पल कब संवर जाये।
वो उदासी का सबब पूछ रहा है, और मुझको तो बहाने भी बनाने नही आते।
जो कभी डरा नहीं मुझे खोने से, वो क्या अफसोस करता होगा मेरे ना होने से.,
मत पुछा करो आज कल कहाँ रहता हूँ जब मन करे आ जाना मिलने मुझे उदासी के आशियानों में।
तुम्हारा सिर्फ हवाओं पेशक़ गया होगा,चिराग़ खुद भी तो जल-जल केथक गया होगा।
त्यौहारों का राजा हमारा देश है, साथ रहो खुश रहो यही होली का संदेश है.,
टूट कर भी मुस्कुरा रहा हूँ मैं, देख रहे हो कैसा बेशर्म हूँ मैं !
वजह तक पूछने का मौका ही ना मिला,बस लम्हे गुजरते गए और हम अजनबी होते गए।
“ हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं,दिल हमेशा उदास रहता है…!!
सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा, ये मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा, अभी जिन्दा हु तो बात कर लिया करो, क्या पता कब हम से खुदा रूठ जायेगा।
इतना चुभने लगा हूँ तुझे,छूरा तो नहीं हूँ !जितना बताती हो मेरे बारे में,इतना बुरा तो नहीं हूँ!!
“ जब सामने आयीअसलियत उसकीमुझे अपने पसंद पर रोना आया…!!!
“ उदास उदास सहर औरउदास उदास है शाम,हयात-ओ-मौत में अबफ़र्क़ कुछ रहा ही नहीं…!!