Tum Mujhe Samajh Na Sake Shayari In Hindi : मोहब्बत के कुछ किस्से कहे ना गए कुछ मैं तुमको बता नही पाया कुछ तुम खुद भी समझ नही पाये उसकी चौखट पर मेरी ख्वाहिशें मर गयी और वो पूछ रहे हैं तुम रो क्यों रहे हो
क्रोध भी क्या करू तुमसे,आज भी हस्ते हुए अच्छी लगती हो…Krodh bhi kya karoon tumse,Aaj bhi hastein hue acchi lagti ho…
न अपने साथ हूँ,ना तेरे पास हूँ,बस कुछ दिनों से,बस युही उदास हूँ।Na apne saath hoon,Na tere paas hoon,Bas kuch dino se,Bas yuhi udaas hoon…
उसे मैं सारी उम्र कोसता रहा वो जो मुझे मिलकर भी मिला नहीं
शीशे सा बदन लेकर यूँ निकला न करो राहों में पत्थर छुपे होते हैं यहाँ लोगों की निगाहों में
मोहब्बत थी मगर एक तरफ़ा थी अब ना एक भी आस बची है मर गए सारे जज़्बात दिल के दिल में अब बस सीने में राख बची है
अब बेमतलब की दुनिया का सिलसिला खत्म,अब जिस तरह की दुनिया है उसी तरह के है हम.
कभी अपनों को भूलाना ना आया;किसी के दिल को दुखाना ना आया;दुसरो की याद में तड़फन्ना तो सिख लिया;अपनी यादो में किसी को तड़फ़ाना ना आया.
मुझे आग भी अपनी लगती है मुझे धुप से भी अब प्यार है मुझे दर्द भी मीठा लगता है अब गम ही मेरा यार है
दिल की सच्चाई नहीं, चेहरे की रंगत देखते हैं लोग
अब शिकवा करें भी तो करें किससे,क्योंकि ये दर्द भी मेरा,और दर्द देने वाला भी मेरा.
करते नहीं तुम हमसे मोहब्बत और कोई है तुम्हारी चाहत उसको भी छोड़ोगे मेरी तरह शायद लारे हैं तुम्हारी राहत
नज़र की अपनी कोशिश थी ये दिल के अपने मसले थे वो मिलकर भी था मिला नहीं हाल कुछ ऐसे बदले थे
पागल तेरे पीछे कितने मौसम ख़राब किये किसे पता था तू एक दिन मौसम बन जाएगा
हमने ज़िन्दगी को बस इतना ही जाना है तकलीफ में अकेले हैं, खुशियों में सारा जमाना है
किसी के आने और जाने से,जीवन नही बदलता,बस जीने का अंदाज़ बदल जाता हैं..Kisi ke aane aur jane se,Jeevan nahi badalta,Bas jeene ka andaz badal jata hain…
अब खुद ही तुझको चलना होगा खुद ही तुझे संभलना होगा मैं कब तक तेरे साथ रहूँगा तुझे खुद ही वक़्त से लड़ना होगा
बुरे वक़्त की ये भी एक निशानी है हर अच्छा इंसान बुरा हो जाता है
बता दे मुझे मेरा गुनाह मेरे कातिल क्यों मेरी जान बनके मेरी जान ले गया
मुझसे दूर जाने वाले मैं तेरे पास हूँ के नहीं मुझे याद आने वाले मैं तुझे याद हूँ के नहीं
हुआ इम्तिहान मोहब्बत का और वो दो पल में हार गए
मेरी यादें उसे देकर के ये कहना मेरे यारों के वो जो था तेरा आशिक़ वो बस यादों में ही है
कहते कहते रुक जाना आसान नहीं होता जाते जाते मुड़ जाना आसान नहीं होता किस्से बयां करूँ हालात समझ नहीं आता लिख कर अपने ज़ख्म दिखाना आसान नहीं होता
“दूरियाँ बहुत है पर इतना समझ लो, पास रहकर कोई रिस्ता खास नहीं होता, तुम मेरे दिल के इतने हो पास के, मुझे दूरियों का एहसास नहीं होता।” – Sad Shayari
कहाँ कोई मिला ऐसा जिसपे दिल लुटा देते,हर एक ने धोखा दिया किस किसको भुला देते,अपने दर्द को दिल ही में दवाये रखा,करते बयां तो महफ़िलों को रुला देते.
जो ताउम्र किसी एक के होकर रहें ऐसा महबूब अब कहां मिलता है
एक दिन वो बात भी होगी मोहब्बत वाली बरसात भी होगी प्यार में तुझे भी प्यार मिलेगा उससे वो वाली मुलाकात भी होगी
इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है,ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है.
अपनों से होती है नाराजगी साहेब गैरों से क्या गिले-शिकवे
मैं भी एक नासमझी कर बैठा माँ बाप के अलावा भी किसी से प्यार कर बैठा
मेरी तन्हाई को मेरा शौक मत समझना,क्योंकि किसी अपने ने ये बहुत प्यार से दिया था तोहफे में.
खत्म हो गयी सारी लकीरें हाथों की जिनपर कभी मोहब्बत का नाम लिखा था
तेरा मेरा दिल का रिश्ता बड़ा अजीब है,मीलों की हैं दूरियां लेकिन फिर भी धड़कन करीब है.
मेरे नसीब में अच्छे दिन लिखे ही नहीं मेरी क़िस्मत में जो लोग बुरे लिखे हैं
कभी कभी वही इंसान आपको रुला कर रख देता है जिसकी ख़ुशी के लिए आप कुछ भी कर गुज़र सकते हो
के अब रहा नहीं जाता के अब सहा नहीं जाता शिकायत है बहुत उनसे मगर कुछ कहा नहीं जाता
आँखों ने आसुओं की बारिश नहीं की दिल से प्यार किया कोई साज़िश नहीं की खतावार नहीं फिर भी माफ़ी मांगते रहा तुमने मुझे समझने की कोशिश नहीं की
उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ मैंने भी तो उसके लिए सारा ज़माना छोड़ा था
“मैं नासमझ सही पर वो तारा हूँ जो तेरी एक ख्वाहिश के लिए सौ बार टूट जाऊं।”
एक उम्र बीत चली हैं,तुझे चाहते हुए,तू आज भी बेखबर हैं,कल की तरह..Ek umra beet chali hain,Tujhe chahte hue,Tu aaj bhi bekhabar hain,Kal ki tarah…
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले
“तुमसे दूर रहकर कुछ यूँ वक्त गुजारा मैंने, ना होंठ हिले फिर भी तुझे पल पल पुकारा मैंने।” – Sad Shayari
हुए पागल के अब कैसे कहें, हाँ एक मर्ज़ था जिसे मोहब्बत कहते हैं
सांस लेने से तेरी याद आती है,सांस नहीं लेता तो जान भी जाती है,कह दू कैसे की इस सांस से जिंदा हूं मै,ये सांस भी तो तेरी याद के बाद ही आती है.
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे,जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे,मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा,शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे.
ये सर्द तन्हां रातें याद आये मुलाक़ातें आँखें फिर नम हो जाती होने लगती बरसातें
तुमको क्या खबर हाल मेरा है क्या मैं कह भी नहीं सकता कुछ मुझे सहना भी सब है
“दोस्ती के बाद मोहब्बत तो हो सकती है मगर मोहब्बत के बाद दोस्ती होना बहुत मुश्किल है।” – Sad Shayari
हमारे अकेले रहने की एक वजह ये भी है,की हमे झूठे लोगो से रिश्ता तोड़ने मेंज़रा भी डर नही लगता है.
“कभी मिले फुर्सत तो इतना जरूर बताना वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके।”
किये जितने सवाल उससे वो उतनी हामी भरता था आशिक़ों की थी कमी नहीं वो कैसी मोहब्बत करता था
पागलपन और बुद्धिमता के बीच का फ़र्क़,कामयाबी से मापा जाता हैं..Pagalpan aur Budhimta ke bich ka farq,Kamyabi se mapa jata hain..
ना वो सपना देखो जो टूट जाए ना वो हाथ थामो जो छुट जाए मत आने दो किसी को करीब इतना कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाए
अपना गम हर किसी से बहुत सोच समझ क्र बाटना चाहिये,क्योंकि आज कल लोग हम दर्द कम सिरदर्द ज्यादा होते हैं.
हमें बदनाम करते हो बेवफाई हमारे नाम करते हो क्या करें तुमसे शिकायत तुम्हारी अजी आप तो कमाल करते हो
वो भी जाने क्या दौर था मेरी तू तेरी मोहब्बत कोई और था
तकलीफ उन्हें बताओ,जो उन्हें समझने के काबिल हो…Takleef unhe batao,Jo unhe samajhne ke kabil ho..
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये,क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत.
गैर थे कौन, कौन अपने थे हम ये समझ ही ना पाए हमने देखा जिधर भी चेहरे बदले ही नजर आए
इंतज़ार अगर लंबा हो तो चलता है मगर एकतरफा हो तो बस तकलीफ देता है
अगर पसंद नहीं मेरा साथ तो दूर हो जाओ यूँ रोज़ रोज़ कोई नया बहाना मत बनाओ
वो दर्द दे गए सितम भी दे गए,ज़ख्म के साथ वो मरहम भी दे गए,ओ लफ्जो से कर गए अपना मन हल्का,हमे कभी न रोने की कसम दे गए.
कभी गम तो कभी वेबफाई मार गई,कभी उनकी याद आई तो जुदाई मार गई,जिसको हमने बेइन्तहा मोहब्बत की,आखिर में हमे उसी की वेबफाई मार गई.
मैं हमदर्दी की ख़ैरातों के सिक्के मोड़ देता हूँ, जिस पर बोझ बन जाऊं उसे मैं खुद ही छोड़ देता हूँ
क्या कोई बता सकता है ये इश्क़ में क्यों होता है दिल जिसको अपना कहता है वही बेवफ़ा होता है
याद आती है तो ज़रा खो जाते हैं;आँसू आँखों मे उतार आए तो रो जाते हैं;नींद तो आती नही आँखो में;लेकिन ख्वाब में आप आओगे, सोचकर सो जाते हैं.
खो गयी है ख्वाहिशें ज़माने में हम तो अब बस ज़िम्मेदारिया निभाते हैं
उम्मीद जिनसे थी वही तनहा कर गए,आज के बाद किसी से नही कहेंगे की तू मेरा है.
जहाँ जाओगे तुम सताए जाओगे अब तुम कही नहीं आराम पाओगे तोड़ा है तुम्हारा भी टूटेगा दिल जो दिया है वही वापिस पाओगे
उल्टी सीढ़ियां होती है ये मोहब्बत की गिरकर लगना तो लाजमी है
जो आम नहीं वही काम कर रहे हो शहर जलाकर आराम कर रहे हो लोगो को सताना तो अपनी जगह है जानी आप तो क़तल-ए-आम कर रहे हो
बातों में आकर किसी की मुझे छोड़ तो रहे हो तुम, लेकिन याद रखना मैं याद आऊंगा बहुत !!
“लफ़्ज़ों में जिसे पिरोया था वो शायरी कहां पुरी हुई, दिल में जो बस गया उससे चाह कर भी न दूरी हुई।”