188+ Train Shayari In Hindi | ट्रेन शायरी स्टेटस

Train Shayari In Hindi , ट्रेन शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 27, 2023 Post Updated at: June 8, 2025

Train Shayari In Hindi : तुम ठहरी CBSE टॉपर, मैं बिहार बोर्ड में फिल प्रिये, मैं हूँ भोजपुरिया खांटी, तू इंग्लिश में रेलम रेल प्रिये. इश्क ना हुआ रेल हो गई, देरी से भी आती है, इंतजार भी कराती है और अगले ही स्टेशन पर बेवफा भी हो जाती है.

ये मेरी जिन्दगी थी या रेल का सफर, सारे खूबसूरत नजारे पलक झपकते ही गुजर गये. Train Shayari

मेरा सफ़र अच्छा है लेकिन मेरा, हमसफर उससे भी अच्छा है !

"ज़िंदगी एक ऐसा सफर है जिसकी राह ही इसकी मंज़िल है।"

कभी सांस थकी तो कभी सर दुखा, ज़िन्दगी वो सफर है जहाँ कभी पैर थके तो कभी दिल दुखा ||

मैं रेल सा, मुश्किलें पटरी सी, छोर के अंत में थोड़ा सा सुकून फिर मीलों ला तन्हा सफर.

मेरा खुद का बचपन खत्म ना हो रहा, और मेरे दोस्तों के बच्चे हो रहें हैं..!

इतनी ठोकरें देने के लिए शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी,चलने का न सही सँभलने का हुनर तो आ गया।

क्या खूब सफर है ये ज़िंदगी, हर रोज़ वही सुबह और वही शाम, फिर भी हर रोज़ का सवेरा नया लगता है।

रात चलने सीखो सवेरे चलना सीखो, कोई साथ नहीं देगा कोई हाथ नहीं देगा एक काम करो अकेले चलना सीखो ||

"ज़िंदगी के सफर में हिंदी वाला "सफर" करते रहिये, वर्ना अंग्रेजी वाला "Suffer" तो लगा ही रहेगा।"

मेरी हर खुशी हर बात तेरी हैं साँसों, में छुपी ये हयात तेरी हैं दो पल भी, नहीं रह सकते तेरे बिन धडकनों की, धडकती हर आवाज तेरी है !!

उम्र बिना रुके चली जा रही है, लगता है सफ़र लम्बा है ||

रफ़्तार से गुजरती, दोस्ती की रेल के नीचे पाई जाती हूँ, मैं वो गिट्टी हूँ, जो कुचलने को बिछायी जाती हूँ.Train Shayari

जिस पर सिर्फ खुशियां उगे ज़िन्दगी वो पेड़ नहीं है, गम काफी मिले मगर ज़िन्दगी मुझे तुझसे कोई खेद नहीं है ||

ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती, मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती, कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता, मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती !

रफ़्तार से गुजरती, दोस्ती की रेल के नीचे पाई जाती हूँ, मैं वो गिट्टी हूँ, जो कुचलने को बिछायी जाती हूँ. Train Shayari

जरूरी नही की रिलेशनशिप ही हो, कुछ लोगो की दोस्ती भी प्यार से बढ़कर होती है।

ज़िंदगी के सफर में हूँ लेकिन मानो कहीं गहरे पानी सा ठहरा सा हूँ ||

धुप खिलती गई बादल छंटते गए, मुश्किलें बहुत आई पर क़दम बढ़ते रहे और रास्ते कटते रहे ||

छुक-छुक करके आगे बढ़ना, रेल कभी बनाते थे, बचपन में एक दुसरे के पीछे हम लग जाते थे,

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ ज़िंदगी,हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।

यूँ तो बहुत हैं अपने मगर अपनों सी, किसी में वो बात नहीं हम सफ़र में तो हैं जिंदगी के, लेकिन हमसफ़र कोई साथ नहीं !!

कैसा होगा ज़िन्दगी का सफर किसे इल्म है, अगर गुज़रे तो जन्नत है जो ना गुज़रे तो सजा-ऐ-ज़ुल्म है ||

"क्या बताऊं कैसे गुज़र रही है राह-ए-ज़िंदगी, शामें तन्हा है और रातें अकेली।"

ट्रेन से यात्रा करते ये ध्यान आया, कि किसी ज्ञानी पुरूष ने कहा था कि पटरी पर सिक्का रख दो तो चुम्बक बन जाता है.

"अगर अपने आप से ऊब जाए तो जरूर सफर पर निकल जाय, हो सकता है की आपकी ज़िंदगी संवर जाए।"

मैं रेल सा, मुश्किलें पटरी सी, छोर के अंत में थोड़ा सा सुकून फिर मीलों ला तन्हा सफर.

इश्क ना हुआ रेल हो गई, देरी से भी आती है, इंतजार भी कराती है और अगले ही स्टेशन पर बेवफा भी हो जाती है.

कुछ ऐसा छोड़ जाओ असर ज़िन्दगी का, की मरने के बाद भी याद रहे तुम्हारा सफर ज़िन्दगी का ||

हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।

जीते जी न हो सकेगा अपना ये मेल प्रिये, चाहे तेरे पापा लेकर दे दे रेल प्रिये.

जानता हूँ काफिर हूँ मैं, सबसे अलग रास्ते पर चलने वाला मुसाफिर हूँ मैं ||

ये मेरी जिन्दगी थी या रेल का सफर, सारे खूबसूरत नजारे पलक झपकते ही गुजर गये.Train Shayari

एक ही मंजिल है उनकी एक ही है रास्ता, क्या सबब फिर हमसफर से हमसफर लड़ने लगे !

नींद भी कमबख्त भारतीय रेल हो गई, आजकल समय पर आती नहीं.

राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो, मेरे सुख और दुख को बांटने वाली, हमसफर भी तुम ही हो !

बहुत से लोग करते बहुत सी बातें, जब हम ट्रेन में सफ़र करने जाते.

हम दोस्तों के लिए दिल तोड़ सकते हैं, दुश्मनों ज़रा सोचों तुम्हारा क्या क्या तोड़ेंगे।

तुम ठहरी CBSE टॉपर, मैं बिहार बोर्ड में फिल प्रिये, मैं हूँ भोजपुरिया खांटी, तू इंग्लिश में रेलम रेल प्रिये.

एक दिन अपनी खामोशी ही,सब का हिसाब कर देगी।

मंज़िलों की तलाश में तरसना सीख लिया, ज़िन्दगी को जीना सीख लिए जब मुश्किलों में हसना सीख लिया ||

लोग चाहे जितना भी करीब हो, लेकिन हर कोई अकेला है ज़िंदगी के इस सफर में ||

चलती रेल से भागती हुई पेड़ को जो गिनते है, वो अपनी जिन्दगी में गजब की तरक्की करते हैं.

दिल में ठहर जाते हो तुम ऐसे, रेल का आखिरी स्टेशन हो जैसे. Train Shayari

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