Train Safar Shayari In Hindi : रेल की पटरियों की माफ़िक है ये जिन्दगी, साथ-साथ चलती है फिर भी कोसो दूर है ये जिन्दगी. तू आता है और बारिश आ बरस जाता है, मैं पत्ते पर बूँद सी ठहर जाती हूँ तू रेल सा गुजर जाता है.
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दिल को मेरे लोगों ने कोई खेल समझा है, जो रहता है जल्दी में वो मुझे रेल समझा है.
तू किसी रेल सी गुजर गई, मैं कोई स्टेशन सा थम गया, मैं रहता हूँ बस इसी इन्तजार में, कब फिर तेरा सफर यहाँ खत्म होगा.
यह रास्ते कहां तक हैं इनका कोई किनारा क्यों नहीं दिखता इस तन्हाई में कोई सहारा क्यों नहीं दिखता।
अजीब सी पहेलियां है मेरे हाथों की लकीरों में लिखा तो है सफर मगर मंजिल का निशान नहीं।
फ़रिश्ते आ कर उन के जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं वो बच्चे रेल के डिब्बों में जो झाड़ू लगाते हैं
छोटी छोटी बातों में पराया क्या करना, मुँह फेरकर किसी से वक्त बिताया क्या करना, जिन्दगी रेल की तरह गुजर जायेगी मन हसीन वक्त नफरतों में जाया क्या करना .
वो मंजिल ही क्या जिसक रास्ते में मजा ना हो।
बदनामी से बेहतर गुमनामी में जी लेंगे, बेईमानी से नाम कमाने से बेहतर हम बेनामी ही जी लेंगे ||