369+ Train Safar Shayari In Hindi | ट्रेन शायरी स्टेटस

Train Safar Shayari In Hindi , ट्रेन शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 1, 2023 Post Updated at: August 10, 2024

Train Safar Shayari In Hindi : रेल की पटरियों की माफ़िक है ये जिन्दगी, साथ-साथ चलती है फिर भी कोसो दूर है ये जिन्दगी. तू आता है और बारिश आ बरस जाता है, मैं पत्ते पर बूँद सी ठहर जाती हूँ तू रेल सा गुजर जाता है.

ट्रेन को कहते है लोहपथगामिनी, तुम मेरी दिल की धड़कन हो यामिनी.

अब जाना मैंने ज़िंदगी क्या है, सफर में भी हूँ लेकिन जाना कहीं नहीं है !

नई चीजों से रूबरू होना चाहते हैं, तो एक बार अकेले सफर पर निकले…!

बिछड़ के भी वो मिरे साथ ही रहा हर दम सफ़र के बा’द भी मैं रेल में सवार रहा

कितने दुख हैं इस जीवन में, पर सफ़र पर निकल के देखो कितनी खुशियां हैं।

हसीन सफर के हसीन नज़ारे है लकीरों में ढूंढ रहें है मंजिल देखो कमबख्त इतने किस्मत के मारे है।

इस दुनिया के चक्करों में मुझे चक़्कर आता है, मुझे तो बस दुनिया घूमना पसंद है।

सफर में हूं मंजिल आंखों में बसाए अभी अरमान अधूरे से है।

Ye zindagi ka safar haiYahan thakna mana hain.ये इंदगी का सफर है,यहां थकना मना हैं।

जानता हूँ काफिर हूँ मैं, सबसे अलग रास्ते पर चलने वाला मुसाफिर हूँ मैं ||

आज मैंने ट्रेन के सफ़र में ये जाना, कितना मुश्किल होता ट्रेन का पंचर बनाना. Train Shayari

हटो काँधे से आँसू पोंछ डालो वो देखो रेल-गाड़ी आ रही है मैं तुमको छोड़ कर हरगिज़ न जाता ग़रीबी मुझको ले कर जा रही है

ये सफ़र है, लगता है अब मेरा कोई घर नहीं, ताउम्र सफ़र में बिता दी ज़िंदगी मैने, अब लगता है कि सफ़र का हि हूँ मैं।

जब तक ज़िन्दगी के सफर में रहूँ !!मैं, ख्वाहिश है की सफर में रहूँ मैं !!

तेरे बिन इस सफर में ख़ाली अँधेरा है तुम मिलों तो ये सफर खुद ही एक सवेरा है।

मैं वो रास्ता हूँ जो आगे निकल चूका है मंज़िल से भी।

सुब्ह-ए-काज़िब की हवा में दर्द था कितना ‘मुनीर’ रेल की सीटी बजी तो दिल लहू से भर गया

Aakhir tak pahuchne me pata chala ki,Zindagi ka safar hi uski manzil hain.आखिर तक पहुंचने में पता चला कि,जिंदगी का सफर ही उसकी मंजिल है।

मेरी हर मंजिल एक नए सफर का आगाज होती है !

जिंदगी के सफर में हिंदी वाला सफर करते रहिये, वर्ना अंग्रेजी वाला Suffer तो लगा ही रहेगा !

काफी है,तुम मंजिल ना सही सफर बन जा मेरा।– Namrata ShahKaafi hai,

ज़िंदगी के इस सफर में रिश्तों का बोझ जितना कम हो, सफर उतना आसान हो जाता है ||

तू आता है और बारिश आ बरस जाता है, मैं पत्ते पर बूँद सी ठहर जाती हूँ तू रेल सा गुजर जाता है.

दिल को मेरे लोगों ने कोई खेल समझा है, जो रहता है जल्दी में वो मुझे रेल समझा है.

हो जीवन में क्या आए बदल गई जिंदगी हमारी, वरना सफर ये जिंदगी कट रही थी धीरे-धीरे।

ज़िन्दगी एक ऐसा रास्ता है कहाँ ले जाएगी किसी को मालूम नहीं।

इन अनजान रास्तों पर अकेले खुद को जानने का मौका मिलता है।

दरिया बहाने नहीं बनता बेहटा रहता है।

"क्या बताऊं कैसे गुज़र रही है राह-ए-ज़िंदगी, शामें तन्हा है और रातें अकेली।"

मैंने कब कहाँ की मैं सब कुछ बेहतर समझता हूँ, मैं तो बस इतना जानता हूँ की मैं खुद को जानना बेहतर समझता हूँ।

Manzil par Milne walo se jyadaSafar me Milne walo ki ahmiyat jyada karna.मंजिल पर मिलने वाले से ज्यादा,सफर में मिलने वालो की अहमियत ज्याद करना।

अब कहाँ मिलेंगे साथी काम के मैं अकेले चलना बेहतर समझता हूँ।

काश ये सफर भी हमारा कभी रुके ना इन रास्तों की तरह।

तू आता है और बारिश आ बरस जाता है, मैं पत्ते पर बूँद सी ठहर जाती हूँ तू रेल सा गुजर जाता है.

"आज फिर तेरी यादों के सफर में खो गया, ना मंज़िल मिली ना सफर पूरा हुआ।"

वो लुत्फ़ उठाएगा सफ़र का,आप-अपने में जो सफ़र करेगा। –ग़मगीन देहलवीWo Luft Uthayega Safar Ka,Aap-Apane Me Jo Safar Karega.

ज़िंदगी के सफर में हूँ लेकिन मानो कहीं गहरे पानी सा ठहरा सा हूँ।

नई चीज़ों से रु ब रु होना चाहते है तो एक बार अकेले सफर पर निकलें।

ज़िंदगी के इस सफर में रिश्तों का बोझ जितना कम हो, सफर उतना आसान हो जाता है।

"ज़िंदगी के सफर में हिंदी वाला "सफर" करते रहिये, वर्ना अंग्रेजी वाला "Suffer" तो लगा ही रहेगा।"

प्रवासियों के लिए ख़ुशी का सबसे बड़ा पैगाम होता है, जब गाँव की रेल की रिजर्वेशन लिस्ट में अपना नाम होता है.

निकल पड़े हो सफर में तो अंजाम जान लो इन राहों पर मिलेंगी कई मुश्किलें तुम थोड़ा सब्र से काम लो।

सफर करने से ज़िंदगी का अनुभव बढ़ता है।

यू ही हाथ थाम मेरा साथ निभाना, जिंदगी का सफर संग है तेरे बिताना!

इक दनदनाती रेल सी उम्रें गुज़र गईं दो पटरियों के बीच वही फ़ासले रहे

मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था, एक अजनबी मिला और उसने अपना बना लिया !

यूँ ही नहीं इतना बखूबी चल लेता हूँ, मैं इन रास्तों से मेरे राब्ते है कुछ।

Has ke kaat lo ye zindagi ka safarYahan har phool ke sath kaate milenge.हस के काट लो ये जिंदगी का सफर,यहां हर फूल के साथ काटे मिलेंगे।

ये उमर, वक्त, रास्ता, गुज़रता रहा सफ़र का ही था मैं सफ़र का रहा ||

आते हैं जैसे जैसे बिछड़ने के दिन क़रीब लगता है जैसे रेल से कटने लगा हूँ मैं

अपनी जिन्दगी भारतीय रेल की तरह है, लेट हो सकती है पर मंजिल पर जरूर पहुंचेगी.Train Shayari

ज़िन्दगी जब तक चलती है चलते रहना रुकना मत।

ज़िन्दगी एक Long drive है जनाब यहाँ थोड़ा आगे चलने में ही थक मत जाना।

उम्र बिना रुके चला रही है,लगता है सफर कितना लंबा है।

मुझे नहीं रहना मतलबी लोगों के !!बीच मैं तो दुनिया का कोना-कोना देखना चाहता हूँ !!

जिन्दगी से मौत तक के सफर को ही, जिन्दगी कहते हैं !

ख्वाहिश इतनी है कि मंजिल मिल जाए मौत से पहले।

तू किसी रेल सी गुजर गई, मैं कोई स्टेशन सा थम गया, मैं रहता हूँ बस इसी इन्तजार में, कब फिर तेरा सफर यहाँ खत्म होगा.

ज़िन्दगी के सफ़र में सबको साथ लेकर चलते रहो, वरना ज़िन्दगी अफ़सोस से भरी रहेगी।

गाड़ी आती है लेकिन आती ही नहीं रेल की पटरी देख के थक जाता हूँ मैं

असल में खो जाना ही मंज़िल पाना है।

रफ़्तार से गुजरती, दोस्ती की रेल के नीचे पाई जाती हूँ, मैं वो गिट्टी हूँ, जो कुचलने को बिछायी जाती हूँ. Train Shayari

Ek din zindagi kaano me aake boliTere dukh pe mujhe bhi rona aa raha hai.एक दिन जिंदगी कानो में आके बोली,तेरे दुख पे मुझे भी रोना आ गया।

"ज़िंदगी के सफर के पड़ाव कई बिता दिये, पर किरदार हमारा है के कुछ बदलता नहीं।"

मेरा उसका साथ है ऐसे जैसे हो रेल की पटरियां जो मीलों तक साथ निभाए पर इक ना होने पाए.

बूढ़े ने हाथ जोड़ के कहा, "बच्चो, मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, मुझे क्यो फंसा रहे हो?"

इस सफर में नींद ऐसी खो गई, हम न सोए रात थक कर सो गई ।

प्रोडक्ट वापसी तभी मान्य है जब यह जांच लिया जाता है की आइटम आपके पास रहते हुए क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है, या यह आपको जो भेजा गया था उस से अलग नहीं है.

दिल में ठहर जाते हो तुम ऐसे, रेल का आखिरी स्टेशन हो जैसे. Train Shayari

ये रास्ते कहां तक हैं इनका कोई किनारा क्यों नहीं दिखता, इस तन्हाई में कोई सहारा क्यों नहीं दिखता ||

मंजिल दूर और सफर बहुत है छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है मार डालती यह दुनिया कब ही हमें लेकिन मां की दुआओं में असर बहुत है।

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा!

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