Tareef Shayari For Beautiful Girl In Hindi : देख कर तेरी आँखों को मदहोश मै हो जाता हूँ. तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पता हूँ. कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं, चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ।
चल काजल लगा ले पलकों पर..क़त्ल का नया इतिहास रचते हैं,आज शाम मेरी महफ़िल में आना..हम एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखते हैं..!!
ज़रा स्माइल रखो चेहरे पे… क्यूँकि, रात में सपनों को हँसते हुए चेहरे पसंद हैं……!!
मेरी निगाह-ए-शौक भी कुछ कम नहीं मगर,फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।
पर्दा-ए-लुत्फ़ में ये ज़ुल्म-ओ-सितम क्या कहिए,हाय ज़ालिम तेरा अंदाज़-ए-करम क्या कहिए।
आँखों पर तुमने कुछ ऐसे जुल्फ गिरा दीबेचारे से कुछ ख्वाबों की नींद उड़ा दी
लेने न पाए उनकी बलायें बढ़ा के हाथ,उस बदगुमाँ ने थाम लिए मुस्कुरा के हाथ।
कसा हुआ तीर हुस्न का ज़रा संभल के रहियेगानजर नजर को मारेगी तो कातिल हमें न कहियेगा
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम
कसा हुआ तीर हुस्न का, ज़रा संभल के रहियेगा,नजर नजर को मारेगी, तो क़ातिल हमें ना कहियेगा।
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है,उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है।
देख कर तेरी आँखों को,मदहोश में हो जाता हूँ।तेरी तारीफ किये बिना,मैं रह नहीं पाता हूँ।
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है।खूबसूरती की इंतेहा है तू,तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
कमियां तो बहुत है मुझ मेंपर कोई निकाल कर तो देखें
लोग होते होंगे खूबसुरत…तूम तो कतई जहर हो…
तुम्हारी तारीफ किये बिना मै रुक नहीं पता.तुम्हारे हुस्न के चर्चे महफ़िल में करता जाता.
फूल तब खफा हुए मुझसे,तेरे जिस्म की खुशबू लिए मैं बगीचे में गया
आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन, मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है
ये रूठना अच्छा लगता है बार बार मुझे तुमसे,मनाने मे मुझ पे तेरा प्यार बरस जाता हैं।।
मेरी हर बात अब वो मान रही है, लगता है वो अब मुझसे रूठ गई है !
हैं होंठ उसके किताबों में लिखी तहरीरों जैसे,ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है।
उनके खूबसूरत चेहरे से नकाब क्या उतरा,जमाने भर की नीयत बेनकाब हो गई।
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा,जो दिल जलाये बोहोत फिर भी दिल-रुबा ही लगे।
जलवों की साजिशों को न रखो हिजाब में,ये बिजलियाँ हैं रुक न सकेंगीं नक़ाब में।
उड़ते आँचल में दिखती कमर को मैं छुपाना चाहता हूँइज़ाज़त हो तो में तुम्हारे पल्लू में आलपिन लगाना चाहता हूँ
हर दिन से प्यारा लगता है हमें यह ख़ास दिन, जिसे बिताना नहीं चाहते हम आप बिन, वैसे तो दिल देता है सदा ही दुआ आपको, फिर भी कहते है मुबारक हो
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा,ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं…
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयालबड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल
क्या ख़ाक करू उस चाँद की तारीफ में,जो हर लम्हा डूब जाता है, अब तोह चाँद,,को भी तैरना सीखना है।
हमारे इस पोस्ट में जितने भी Status for beautiful girl के मैसेज मिलेंगे वो सभी स्तरीय हैं इसलिए आप उनका इस्तेमाल आंख मूँद कर कर सकते हैं।
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर…तेरे सामने आने से ज़्यादातुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है.
सुगर तो मैने हमेशा सही मात्रा में ली है, डाइबीटीज होने के कसूरवार तो तुम्हारे होंठ है..!
ढाया है खुदा ने हम दोनों पर जुल्म तुम्हें हुस्न देकर और मुझे इश्क देकर
तेरे इश्क की जंग में, हम मुस्कुराके डट गए,तलवार से तो बच गए, तेरी मुस्कान से कट गए
अच्छे लगे तुम सो हमने बता दिया,नुकसान ये हुआ कि तुम मगरूर हो गए।।
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम।
इन आँखो को जब-जब उनका दीदार हो जाता है, दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है…
तुम्हारा यूं मिलना कोई इत्तेफाक ना था.. एक उम्र की तन्हाई का मुआवजा हो तुम..
क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार, अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर।
ये तेरी ख़ूबसूरती है या,मेरी दीवानगी ऐ सनम।मुद्दतों से देख रहा हूँ,फिर भी ये आँखें थकती नहीं।
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर,ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।
क्या लिखूं तेरी तारीफ ऐ-सूरत में यार,अल्फाज कम पड़ रहे है तेरी मासूमियत देखकर।
मेरी किस्मत की लकीरों का तुम ताज बन जाओ…कल की बात छोड़ो तुम मेरे आज बन जाओ…
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है, वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं
हुस्न वालों को संवरने की जरुरत क्या हैवो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,तन्हाई में खुद अपनी तस्वीर न देखा कर।
बात करने में फूल झड़ते हैं,बर्क गिरती है मुस्कराने में।नजरें जैसे फराखदिल साकी,खुम लुढाये मैखाने में।
रुके तो चाँद चले तो हवाओं जैसा है,वो शख्स धूप में भी छाव जैसा है।
मोहब्बत से अपनी सवारू तुझे, बाहों में लेकर दिल में उतारू तुझे, बसा के तुझे अपनी आँखों में, इश्क़ अपना बना लू तुझे
आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन, मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है
घनी ज़ुल्फों के साये में चमकता चाँद सा चेहरा,तुझे देखूं तो कुछ रातें सुहानी याद आती हैं।
आपके होठो को अपने होठो से लगाना हैं बस इसी रात को पाने का हर के बहाना हैं
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी,मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।
इस जहां में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे, सदियों तक इस जमीं पे तेरी कयामत रहे।
ढाया है खुदा ने ज़ुल्म हम दोनों पर, तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क़ देकर
उन्होनें कहा,,, तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं …मने भी कह दिया,,,तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं !!
हुस्न वालों को संवरने की जरूरत ही क्या हैवो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं
उनके हुस्न का आलम न पूछिये, बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर
आखें खोलू तो चेहरा तुम्हारा हो बंद करू तो सपना तुम्हारा हो, मर भी जाऊं तो कोई गम नही, अगर कफ़न के बदले आँचल तुम्हारा हो
तेरे नयनों के स्पर्श बिना, मेरी हर रचना अधूरी है…!!!
नहीं मालूम हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूँ कि मुझे तेरी जरूरत है।
साथ शोखी के कुछ हिजाब भी है,इस अदा का कहीं जवाब भी है?
मैं भी ठहरूं किसी के होंठों परक़ाश मेरी ख़ातिर….दुआ करे कोई
अगर दूरियों से भी फर्क ना पड़े, तो समझना काफी नजदीक हो तुम !
तेरे होठों में भी क्या खूब नशा हैए सनम लगता हैतेरे झूठे पानी से ही शराब बनती है
देख कर तेरी आँखों को मदहोश मै हो जाता हूँ. तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पता हूँ.
हमारी हर अदा का आईना आप से है, हमारी हर मंज़िल का रास्ता आप से है, कभी ना दूर होना हमारी ज़िंदगी से, हमारी हर खुशी का वास्ता आप से है
जंगली जड़ी बूटी सी मैं दोस्तोंकिसी को जहर, किसी को दवा सी लगती हूं
अभी इस तरफ़ न निगाह कर,मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ।मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,तुझे आईने में उतार लूँ।
हटा के ज़ुल्फ़ चहरे से,न तुम छत पर शाम को जाना।कहीं कोई ईद ना करले सनम,अभी रमज़ान बांकी है।
हस्ते रहे आप करोड़ों के बीच, खिलते रहे आप लाखों के बीच, रोशन रहे आप हज़ारों के बीच, जैसे रहता है सूरज आसमानों के बीच!
पर्दा-ए-लुत्फ़ में ये ज़ुल्म-ओ-सितम क्या कहिए,हाय ज़ालिम तेरा अंदाज़-ए-करम क्या कहिए।