1546+ Tali Shayari In Hindi | मंच संचालन हेतु ताली शायरी

Tali Shayari In Hindi , मंच संचालन हेतु ताली शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 22, 2023 Post Updated at: March 17, 2025

Tali Shayari In Hindi : आज का ये अवसर बड़ा निराला है आज यहाँ पर नूर बरसने वाला है एक बार जोरदार तालीयाँ बजा दें कार्यक्रम अब शुरू होने वाला है। वो आये गये जिनका इंतज़ार था आओ हम खुशियों के दिये जला लें आज के मुख्य अतिथि के स्वागत में सब लोग जोरदार तालियाँ बजा दें।

चलता रहूँगा मंजिल की और, चलने में माहिर बन जाऊंगाया तो मंजिल मिल जाएगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा ||

शेर के पैर में अगर काटा चुब जायेतो उसका ये मतलब नहीं कीअब कुत्ते राज करेंगे !!

पता नही कैसे उसने मुझे छोड दिया ??? वो कमीनी तो किसी के पांच रूपए 💵 भी नही छोडती थी 😂

ज़िन्दगी तब बहतर होती है जब हम खुश होते हैं,लेकिन ज़िन्दगी तब बहतरीन होती है जब हमारी वजह से कोई खुश होता है।।

हर सुबह एक नई शुरुआत लाती हैपुरे दिन के नेक संकल्प सजाती हैजिसने जाना हर दिन है होता शुभये सुबह उसी को ख़ूबसूरत बनाती है

नीम का पेड़ कोई चन्दन से कम नहींहमारा शहर भी कोई लन्दन से कम नहींजहां बरस रही है आप सभी की मीठी तालियांये हमारे लिए अमृत से कम नहीं।

देशभक्तों से ही देश की शान है,देशभक्तों से ही देश की शान है,हम उस देश के फूल हैं यारो ,जिस देश का नाम हिंदुस्तान है।

आज कुछ शर्माए से लगते हो, सर्दी के कारण कपकपए से लगते हो, चेहरा आपका खिलखिलाये सा लगता है, हफ्ते के बाद नहाए से लगते हो।

सीधा-साधा भोला-भाला मैं ही सबसे सच्चा हूँ,कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ।

आसमान से अच्छा कोई नहींसमंदर से गहरा कोई नहींवैसे तो हमे हर जगह प्यार मिलालेकिन आप लोग जितना प्यार दिया कोई नहीं।

“लगता है आज जिंदिगी खफा है ! चलिए छोड़िये कौन सी पहली दफा है !”

हम जुबां से कुछ कह ना पाएतुम मेरी आँखें पढ़ ना पाए…इस दर्दे दिल की दास्तांअब क्या सुनाएं इस एक तरफाप्यार का दर्द हम सह ना पाए!!

वो छम छम कर के आई वो छम छम कर के चली गयी मैं सिंदूर ले कर खड़ा था और वो राखी बाँध कर चली गयी😂

पहले के जमाने मे लोग सफल हुआ करते थे.और आजकल लोग वायरल हुआ करते है.

“सर झुकाने की आदत नहीं आंसू बहाने की आदत नहीं ! हम बिछड़ गए तो रोओगे ! क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं !”

आज का अवसर बड़ा निराला है आज यहाँ पर नूर बरसने वाला है एक बार जोरदार तालियां बजा दो कार्यक्रम अभी शुरू होने वाला है

आए वो हमारी महफिल में कुछ इस तरह, की हर तरफ चांद तारे झिलमिलाने लगे, देखकर दिल उनको झूमने लगा, सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे!!!

इस ज़माने में हज़ारों दर्दमंद हैं लेकिन ख़ुशी बांटने वाले चन्द हैं तो बाँटिये ख़ुशी तालियाँ बजाकर तालियाँ तो वैसे भी फायदेमंद हैं।

जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है ,तो राँझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ।

जब भी बैठता हूँ तन्हाई में  तो उसकी यादें रुला देती हैं, आज भी जब आँखों में नींद न आये तो उसकी लोरियां मुझे झट से सुला देती हैं।

करेंसी के लिए पावंड का, क्रिकेट के लिए ग्राउंड काऔर कार्यक्रम के लिए तालियों के साउंड का होना बहुत जरुरी है

बंधन में है दिल एक बहाली तो बनती है,नीरस से माहौल में एक खुशहाली तो बनती है,यह रंग जो बिखरे है पर्दें पर गर समेटने है तो,जनाब आपकी एक ताली तो बनती है।

हार को जेट की एक दुआ मिल गई तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई। आप आये श्री मान जी यू लगा, जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई.

मीठी बात और चेहरे Par मुस्कान,ऐसे लोग ही Hai हमारी महफ़िल के शान।

मेरा दोस्त मुझसे यह कह कर दूर चला गया फ़राज़ कि दोस्ती दूर की अच्छी, रोटी तंदूर की अच्छी…!!!

खुद पर यह गुरूर था मुझे किमेरे जैसा प्यार कहीं नहीं!..जब पता चला मेरा प्यार एक तरफा है…तो मेरा गुरूर चकनाचूर हो गया!..

सब्र जितना था कर लियाअब किस्मत से लड़ जाना है!

अपन कदर दानी ल, झन छुपावा। कार्यक्रम अच्छा लगिस हो ही त ,ताली जरूर बजावा।।

खुशियों से तेरा आंगन छलकता रहे,फूलों की वादियों से जीवन महकता रहे,चांद सूरज है आसमान में जब तक,तेरी जिंदगी का सितारा तब तक चमकता रहे…

जन्नत का एक टुकड़ा,जमीन पर भी है,जो मेरी माँ के क़दमों में है।

जब जब कागज पर लिखा, मैने “माँ” का नाम, कलम अदब से बोल उठी, हो गये चारो धाम।

गंगा, यमुना, यहां नर्मदामंदिर, मस्जिद के संग गिरजा,शांति प्रेम की देता शिक्षा,मेरा भारत सदा सर्वदा।सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभ कामनाएं !

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

दिल तोड़ना कभी नहीं आया मुझे,प्यार करना जो सिखा है माँ से।

मुझे मेरी औकात बताने का शुक्रिया तुम्हें तुम्हारी औकात वक़्त बताएगा !

हाँ थोड़े बदनाम हैं हम परआपकी तरह गिरे हुए नहीं…

ज़िन्दगी तब बहतर होती है जब हम खुश होते हैं,लेकिन ज़िन्दगी तब बहतरीन होती है जब हमारी वजह से कोई खुश होता है।।

हर किसी की किस्मत में मुहब्बत होती हैकिसी को दर्द मिलता है तो किसी की इबादत होती है

आओ आज मुश्किलों को हारते है चलो आज दिन भर मुस्कुराते है

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है

अपनी कद्रदानी को,इस तरह Naa छिपाइए,अगर प्रस्तुति पसंद आई Ho,तो तालियाँ बजाइये……

जो एक बार हमसे उलझा वो दोबारा नहीं उलझ पायाइल्जाम तो बहुत है हम परपर आज तक कोई साबित नहीं कर पाया

सारे जहां में नहीं मिलता बेशुमार इतना,सुकून मिलता है माँ के प्यार में जितना।

हर सुबह एक नई शुरुआत लाती हैपुरे दिन के नेक संकल्प सजाती हैजिसने जाना हर दिन है होता शुभये सुबह उसी को ख़ूबसूरत बनाती है।

हसी तेरे चहरे पर रहे सदा, यह दुआ है मेरी.तेरी माशूका बन जाये GF मेरी.

मसला यही है कि हर महफिल में खौफ रखते हैंहम गांव वाले हैं जनाब हसीना के नहीं मूछों के शौक रखते हैं

आओ आज मुश्किलों को हराते Haiचलो आज दिन भर मुस्कुराते Hai

ये कौन आया, रौशन हो गयी महफ़िल किसके नाम से मेरे घर में जैसे सूरज निकला है शाम से.

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

मसेंजर पर बात कर के उनसे हमारी नीद उडी.सामने मिली तो वजन था 75 और नाम था पंखुड़ी.

कुछ बयां कर देता हूंकुछ छूपा लेता हूंमै अपनी मुस्कान से हीखूद को मना लेता हूं

देख पोस्ट मेरी अच्छी है सोच मेरी अच्छी है.BUT अभी भी तुझे नही आया पसंद तो.यार तू अभी बोर्न  बेबी है.

“आँखों में आंसू और चेहरे पर नमी है, सांसो में अहले दिल में बेबसी है, पहले क्यों नहीं बताया यार, दरवाज़े में तेरी ऊँगली फसी है।”

माँ अपने बच्चों पर सब न्योंछावर करती है,बिना लालच उन्हें प्यार करती है,भगवान् का दूसरा रूप है मेरी माँ,जो हर दुःख में मेरा साथ देती है।

फिर उड़ गयी नींद मेरी ये सोच कर !के जो शहीदों का बहा वो खून मेरी नींद के लिए थे !!

स्नेहपूर्ण प्यार से बंधी हैं रेशमसी डौर,जिसके प्यार की सीमा का नहीं है छौर,ले रहे हैं जो एक सपनों की उड़ान,उनके प्यार की खुशबू महक रही है चहुओर…

ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं

“ये मत सोच के तेरे काबिल नहीं है हम ! तड़प रहे है वो जिन्हे हासिल नहीं है हम !”

जब मै कहने गया था.दिल से दिल की बाते.तो हडबड़ा कर.गिर गया था कीचड़ पर साले.वो मुझे देख कर.पहचान नहीं पाई.उसने कोई पागल समझ कर.मेरी कर दी कुटाई.

पहले के जमाने मे लोग सफल हुआ करते थे.और आजकल लोग वायरल हुआ करते है.

दुश्मन बर हम दुश्मन,सिधवा बर निच्चट सिधवा । बइरी के चूर कर देबो घमण्ड,हम हिन्दुस्तानी बघवा।।

जरा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए, कि मेरी माँ दिए से मेरे लिए काजल बनाती है।

दिल को थाम कर बैठेदेवियों सज्जनों, दिल को थाम कर बैठेअब बारी हैं उनकीजिनके नाम से बड़े भैया हैं ऐठे

भूल जाता हूँ परेशानियाँ जिंदगी की सारी,मां अपनी गोद में जब मेरा सर रख लेती हैं।

बहुत मस्त हो तुम लोगो की नजरो से बचके रहो.आँखों में काजल के साथ, गले में भी निम्बू मिर्चीकी माला लटकाया करो.

ये माना की जिंदगी की राह आसान नहींपर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं

ये नन्हे फुल तब महकते हैंजब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैंइन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिएजोरदार तालियाँ तो बनती हैं

शाम सूरज को ढलना सिखाती हैशमा परवाने को जलना सिखाती हैं,गिरने वालो को होती है तकलीफपर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती।”

कल हो तो आज जैसा, महल हो तो ताज जैसाफूल हो तो गुलाब जैसा, कद्रदान हो तो आप जैसा

पैसे की असली कीमत तब पता चलती हैजब इसके लिए दर दर ठोकर खाना पड़ता है।

वाह गालिब तूने क्या शेर मारा है वाह गालिब तूने क्या शेर मारा है अरे यार! देख जरा शेरनी कितना रो रही है

खुशियों पर मौज की रवानी रहेगी, जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी, हम यू कार्यक्रम में चांद तारे लगाते रहेंगे, गर आपकी तालियो की मेहरबानी रहेगी!!!

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