1546+ Tali Shayari In Hindi | मंच संचालन हेतु ताली शायरी

Tali Shayari In Hindi , मंच संचालन हेतु ताली शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 22, 2023 Post Updated at: March 17, 2025

Tali Shayari In Hindi : आज का ये अवसर बड़ा निराला है आज यहाँ पर नूर बरसने वाला है एक बार जोरदार तालीयाँ बजा दें कार्यक्रम अब शुरू होने वाला है। वो आये गये जिनका इंतज़ार था आओ हम खुशियों के दिये जला लें आज के मुख्य अतिथि के स्वागत में सब लोग जोरदार तालियाँ बजा दें।

जोड़ने वाले को मान मिलता है,तोड़ने वाले को अपमान मिलता है,और जो खुशियाँ बाँट सके,दुनिया मे उसे सम्मान मिलता है…

मुद्दत से आता हर दिनज़िन्दगी में नई उम्मीद जागेआज का दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामोंसे सबके नसीब जागे

वक्त अच्छे अच्छों को झुकाता है, और वक्त सबका आता है!

ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार,करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार,बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद,तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात…

हमारी आशा तो बस उससे ही हैजो किसी को गैर नहीं समझता !

दो तरफा प्यार मेंशिकायतें हो भी सकती है…लेकिन एक तरफा प्यार मेंसच्चाई के सिवा कुछ नहीं होता…

तुमको मिल सकता Hai मुझसे बेहतर तोहमको मिल सकता Hai तुमसे बेहतरलेकिन तुम और Hum ग़र मिल जाएं तोकुछ और नहीं Ho सकता इससे बेहतर।

हर सुबह एक नई शुरुआत लाती हैपुरे दिन के नेक संकल्प सजाती हैजिसने जाना हर दिन है होता शुभये सुबह उसी को ख़ूबसूरत बनाती है

तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है औरकितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है

खुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे,माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे।

कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव Ho जाएगा,समंदर में लहरों का महोत्सव Ho जाएगा,शोभा आपकी और हमारी Do दूनी चार होगी,जब आपकी तालियों का महोत्सव Ho जाएगा…

मेरी माँ का दिल बहुत बड़ा था,इतना बड़ा की उसमें सबके दुःख और खुशियाँ समा जाती थी।

“ऊँचा उड़कर इतना न इतराओ परिंदो अगर में औकात पर आ गया तो आसमान खरीद लूंगा”

जहाँ प्रेम की भाषा हैं सर्वोपरि ,जहाँ धर्म की आशा हैं सर्वोपरि।ऐसा हैं मेरा देश हिन्दुस्तान ,जहाँ देश भक्ति की भावना हैं सर्वोपरि।

नशा ऐसा करो कीगली नहीं ताली सुनने को मिले !!

सुना है आज कल नाजो नखरेकिसी और के उठाने लगे हो.क्या बे आज कल कितने तरीकोसे मुझे जलाने लगे हो.

उस देश को कोई छू भी नहीं सकता,जिस देश की सरहद है ये निगाहें !!

एक कच्चा घड़ा हूँ मैं एक कच्चा घड़ा हूँ मैं फ़िर भी बरसात में खड़ा हूँ मैं

वो तो असर है मां की दुआओं में,वरना इतना सुकून कहां था इन हवाओं में।

जैसे जीजा को साली पसंद होती हैवैसे हर महफ़िल को ताली पसंद होती है।

खुशियों से तेरा आंगन छलकता रहे,फूलों की वादियों से जीवन महकता रहे,चांद सूरज है आसमान में जब तक,तेरी जिंदगी का सितारा तब तक चमकता रहे…

कहते हैं कि इश्क में नींद उड़ जाती है, कोई हमसे भी इश्क करे, कमबख्त नींद बहुत आती है

औकात की बात मत कर पगली, हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है !

आन, बान और शान रे साथ जिम्मेदारी रो भार है पगड़ी,सर पर सजे जिसकेलागे बड़ी तगड़ी।

जो दिल का हो खूबसूरत खुदा ने ऐसे लोग कम बनाए है जिन्हे ऐसा बनाया है खुदा ने आज वो हमारी महफिल में आए हैं!!!

पूजा हो मंदिर में तो थाली भी चाहिए,गुलशन है गुल का तो माली भी चाहिए है,दिल है दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए,कार्यक्रम है हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए…

अपने दिल में रहने दो ना मुझे कसम से बाहर बहुत गर्मी है…!!! 😎 🙂

हर मायूस को हंसाने काकारोबार है अपनादिलो का दर्द खरीद लेते हैंबस यही रोजगार अपना

“न में काबिल ऐ तरीफ हु न कबीले तहसीन एक सुलजा हुआ इंसान हु उलझे मिज़ाज का !”

तेरे दिए हुए इश्क केजख्मों में जिए जा रहा हूं!..जो प्यार तूने कर दिया हैएक तरफा उसे निभाए जा रहा हूं!..

तेरे पैरों के निचे है जन्नत मेरी,उम्र भर सर पे साया तेरा चाहिए,प्यारी माँ मुझको तेरी दुआ चाहिए,तेरे आँचल की ठंडी हवा चाहिए।

निकाल दे अपने दिल से हर डर को,नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को,दामन भर जाएगा सितारों से तेरा,ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को…

शराफत महँगी पड़ रही थी, इसलिये छोड़ दी..!!

मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।।

जहां खुद को साबित करना पड़े,वहां समझ लेना तुम्हारी कोई इज्जत नहीं है

अब मिलने के लिए वो मुझे तारीख देती है पता नही प्यार करती है या मुकदमा लड़ती है!!

ग़र ख़ुद के साथ ज़ीना आ जायेटूटे हुओं के ज़ख्मो को सीना आ जायेहर पल बरसती है नियामतें कायनात कीबस हर दिन की मुबारक देना आ जाए

रूह के रिश्तों की ये गहराई तो देखिये,चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जाएं,जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ।

हर मायूस को हंसाने काकारोबार है अपनादिलो का दर्द खरीद लेते हैंबस यही रोजगार अपना।

आइए अपने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें, आप ताली बजाइए हम इस कार्यक्रम का सञ्चालन करें।

कुछ कुत्ते अपने होते हैऔर कुछ अपने भी कुत्ते होते है !!

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।

कभी तुम मुझे अकेला छोड़ करमेरा प्यार एक तरफा कर गए थे!..आज देखो वक्त बदला है…तुम्हारा प्यार भी,एक तरफा बनकर रह गया!…

मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल की शान…

जानता हु मैं कहा तक है उड़ान इनकीआखिर मेरे ही हाथ से निकले परिंदे है ये !!

चांदनी रात पर चाँद का अहसान होदिन के उजाले पर सूरज का अहसान हो ,अहसान किया जो आप इस दर पर आयेहमपर आपकी रहनुमा की अहसान हैं।

प्यार ऐसे आलसी इन्सान से करो जो छोड़ कर जाने की सोच से ही थक जाये😂😝

दिन निकला हर दिन जैसापर आज का दिन कुछ ख़ास होअपने लिए तो जीते हैं रोजआज सबके भले की अरदास हो।

तुम आ गए Ho तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता Hai

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।

अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर,तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर।मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त,तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।।

पता नहीं आज कल लोग बड़ा सताने लगे मुझे भाई और तुम्हें भाभी कहने लगे…!!!

खुशनसीब हैं जो वतन पर कुर्बान हुये ,जो तिरंगे में लिपट कर जिन्दगी से आजाद हुये ,मर कर भी अमर हो गये वो ,साधारण मनुष्य से शहीद की शहादत हो गये वो।

मुझे पढ़कर गर मोहब्बत हुई तोपढ़कर मुझे नफ़रत भी करोगेकभी ताली, कभी गाली से नवाजोकभी तो तुम शिकायत भी करोगे

नाम तक भूल जाते है लोगजब उनका काम निकल जाता है

रौनक़-ए-बज़्म नहीं था कोई तुझ से पहले रौनक़-ए-बज़्म तिरे बा’द नहीं है कोई

संभल कर तो तब चलेंगे नाजब लोग यहां संभलने का मौका दे

तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तो, हमको मिल सकता है तुमसे बेहतरलेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तो, कुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर

तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तोहमको मिल सकता है तुमसे बेहतरलेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तोकुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर।

शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैंवैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं

देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो

पूछता है जब कोई,दुनिया में मोहब्बत है कहाँ,मुस्कुरा देता हूँ और याद आ जाती है माँ।

जब खामोश आंखों से बात होती है, ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है, तुम्हारे ही ख्यालो में खोए रहते हैं, पता नहीं कब दिन कब रात होती है।

कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव हो जाएगा,समंदर में लहरों का महोत्सव हो जाएगा,शोभा आपकी और हमारी दो दूनी चार होगी,जब आपकी तालियों का महोत्सव हो जाएगा।

आवे है मने हिंदी अंग्रेजी पण सबसूं प्यारी है मातृभाषा म्हारी, मीठी सुहाणी घणी लागे मने बोले अठ रो हर नर नारी। म्हारी भाषा राजस्थानी है बड़ी दुलारी।

ये नन्हे फूल तब महकते हैं,जब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैं,ये नन्हे मुन्हे फरिश्तो के लिए,जोरदार तालियाँ तो बनती हैं…

शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ीवर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती

अपनी कद्रदानी को इस तरह ना छिपाइए, अगर प्रस्तुति पसंद आई हो तो ताली बजाइए!!!

पंख ही काफी नही हैं आसमान के लिए, हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानों के लिए!!!

तकदीर ने चाहा तकदीर ने बताया,तकदीर ने आपको और हमको मिलाया,खुशनसीब थे हम या वह पल,जब आप जैसा हमसफर जिंदगी में आया…

दिन निकला Har दिन जैसापर आज Ka दिन कुछ ख़ास होअपने लिए तो जीते Hai रोजआज सबके भले Ki अरदास हो।

नहीं अदा कर पाया मैं नमाज किसी काम में उलझने से,घर जाते ही हमने फिर मां के पैर छू लिए।

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