Taj Mahal Shayari In Hindi : ताजमहल भी बनवा देंगे,एक बार उनको हमसेसच्चा प्यार तो हो जाने दो। किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम,आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं.
चाहत थी मेरी हंसी ताजमहल की तरह, तेरी यादो ने हमको ही खण्डहर बना दिया।
ताज महल क्या चीज़ है मैं तेरे लिए हीरों का महल बनवाऊंगामुमताज़ तो मर के दफ़न हुई थी मैं तुझे जिंदा ही दफ्नाऊंगा.
ताजमहल भी बनवा देंगे,एक बार उनको हमसेसच्चा प्यार तो हो जाने दो।
अनपढ़ लोगो की वजह से हीहमारी मातृभाषा बची हुई हैं साहबवरना पढ़े हुए कुछ लोग तो राम राम बोलने में भी शरमाते हैं।
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता, तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता, यह तो करिश्मा है मोहब्बत का वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता।
ताज महल नहीं चाहिए,मुझे तेरा प्यार ही चाहिए,रुक्सत होने पर मेरे नाम का ताजमहल नहीं बनना,सिर्फ अपने दिल में मेरी तस्वीर तुम सजाना.
जिस प्रकार एक सूखा पेड़ आग लगने पर पूरे जंगल को जला देता है, उसी प्रकार एक दुष्ट पुत्र पूरे परिवार को नष्ट कर देता है।
आगरा में विदेशी ताजमहलदेखकर खुश होते है,...और इण्डिया वाले उनकीलुगाई देखकर।
कलयुग है साहब,यहाँ झूठे को स्वीकार किया जाता हैं,और सच्चे का शिकार किया जाता हैं.
ना उम्मीद सी हो रही है ये मेरी सभी उम्मीदें !अरमां था कभी तेरे सीने से लिपटकर जी भर के रोने का !!
सब किताबों के किस्से है,वक़्त आने पर अपने भी पलट जाते हैं..!
मोहब्बत वो चीज़ है मेरे दोस्त,जो हस्ते हुए को भी रुला देती है।
इश्क के गलियारों में दर्द की आवाजाही है, दर्द छुपे ना जाने कितने पर खूबसूरती की नुमाइश है.
‘खुदा ने बहुत कुछ छीना है मुझसे,लगता है वो गरीब ज्यादा है मुझसे…
अपने वो नहीं होते,जो तस्वीर में साथ खड़े होते हैं,अपने वो है जो तकलीफ मेंसाथ खड़े होते हैं.
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता,जो टूट जाए वो संकल्प नहीं होता.हार को लक्ष्य से दूर ही रखना मेरे दोस्त,क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता.
वही गलती हर रोज़ कर रहे हैं हमजो मिल नहीं सकता उसी पे मर रहे हैं हम।
हम कोनसा उस बेवफा की वफा के मोहताज है, हमारे सपनों के ताजमहल के लिए उम्मीदवार कई मुमताज है।
रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं,सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं,पर उन्हें बनाने में लगी “मेहनत” और “वक्त”किसी को नजर नहीं आता हैं.
सांप बेरोजगार हो गए,अब आदमी काटने लगे,कुत्ते क्या करे?तलवे अब आदमी चाटने लगे !
सुबह सुबह उठना पड़ता हैं,कमाने के लिए साहब,आराम कमाने निकलता हूँआराम छोड़कर.
तुम कि इस झील के साहिल पे मिली हो मुझसे जब भी देखूँगा यहीं मुझको नज़र आओगी याद मिटती है न मंज़र कोई मिट सकता है दूर जाकर भी तुम अपने को यहीं पाओगी
ताजमहल तो वो ईमारत है,जब जब कोई इसे देखे तोतो महबूब याद आ जाता है।
वो भी मिट जाएंगेजो देश को तोड़ा करते थेभगवा जैसे शब्द को भीआतंक से जोड़ा करते थे।
ज़िन्दगी उस दौर से गुज़र रही हैदिल दुखता है, लेकिन चेहरा हँसता है.!
हम वो नही जो मतलब से याद करते हैं, हम वो हैं जो रिश्तों से प्यार करते हैं। हम आपको याद आये या न आएं हम हर दिन आपको दिल से याद करते हैं। Good Morning
तुम जितना मुझसे टकराओगे,मैं उतना कट्टर होता जाऊंगा।
सीख रही हूं लफ्ज़ो की कारीगरी, मुझे भी तो उसकी याद में, लफ्ज़ो का ताजमहल बनाना हैं।
ना जख्म भरे, ना शराब सहारा हुईना तुम लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई ।
वफ़ा की कसम हम बेवफ़ा ना होंगे, मर जाएंगे पर आपसे जुदा ना होंगे, हम भी बनाएंगे अपनी दोस्ती का महल शरम से झुक जाएंगे ताजमहल।
अजीब इत्तेफाक हैं।उल्लू को सूर्य से परेशानी हैं,और उल्लू के पठ्ठो को सूर्य नमस्कार से।
ज़िंदा है शाहजहाँ की चाहत अब तक, गवाह है मुमताज़़ की उल्फत अब तक, जाके देखो ताजमहल को ए दोस्तों, पत्थर से टपकती है मोहब्बत अब तक – अज्ञात
जब मोहब्बत का शुरुर चलता हैसेहरा में फूल खिल जाता हैजब कोई दिवाना मचलता हैतब ताजमहल बन जाता है.
जैसे ही भय निकट आए, आक्रमण करके उसका नाश कर दो।
अमर भगवा स्वाभिमान सेदुनिया भर मैं डोलेगा,जहा गिरेगा लहू हमाराजय जय श्रीराम बोलेगा।
कभी दुर्गा कभी सीता हैकभी चण्डी कभी काली हैभारत छोड़ो देशद्रोहियोंये भगवा की लाली है…
हम दिलजले हैं हमे जलाओ नहीं, हम तूफान हैं हमसे टकराओ नहीं, हम हिन्दू हैं हमे ललकारो नहीं, वरना हम क्या करेगे हमे पता नहीं ।।
रिश्ते ताजमहल की तरह होते हैं,सबको उनकी खूबसूरती तो दिखती हैं,पर उन्हें बनानें में लगी ‘मेहनत’ और ‘वक्त’किसी को नहीं नजर आता.
ताजमहल तो वो ईमारत है, जब जब कोई इसे देखे तो तो महबूब याद आ जाता है।
याद वो नहीं जो अकेले में आये बल्कि वो है जोमहफ़िल में आये और अकेला कर जाए..!
किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम,आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं.
रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म-ए-इश्क का फसाना,कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना।
जो बीत गया उसके लिए हमें परेशान नहीं होना चाहिए, न ही हमें भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकी पुरुष केवल वर्तमान क्षण से निपटते हैं।
वो इस अंदाज़ में मुझसे मोहब्बत चाहती हैं,मेरे ख्वाब में भी अपनी हुकूमत चाहती है.!!
अपनी हालत का खुद एहसास नहीं है मुझ कोमैं ने औरों से सुना है के परेशां हूँ मैं ।
एक आगरा में हैऔर दूसरा मेरे दिल मे,जो अपनी मुमताज के इंतजार मेंफ़ना होता जा रहा है।
वह जो नाशवान के लिए जो अविनाशी है उसे त्याग देता है, जो अविनाशी है उसे खो देता है; और निस्संदेह उसे खो देता है जो नाशवान भी है।
सबकुछ पा लिया तुमसे इश्क करके !बस जो बाकि रह गया वो तुम ही थे !!
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर हम ग़रीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़ साहिर लुधियानवी
एक उत्कृष्ट बात जो शेर से सीखी जा सकती है वह यह है कि मनुष्य जो कुछ भी करने का इरादा रखता है उसे पूरे दिल और ज़ोरदार प्रयास के साथ करना चाहिए।
दरिया बनकरकिसी को डुबाना बहुत आसान हैं,मगर जरियाँ बनकरकिसी को बचाये तो कोई बात बने..!
ना मुझे नाम चाहिये,ना ही मुझे ईनाम चाहिए,मुझे तो बस भगवा से सजा,पूरा हिन्दुस्तान चाहिये।
एक बार जब आप किसी चीज़ पर काम करना शुरू कर दें। असफलता से डरो मत और उसका परित्याग मत करो। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वे सबसे ज्यादा खुश होते हैं।
जो व्यक्ति अपना लक्ष्य तय नहीं कर सकता, वह जीत भी नहीं सकता।
तुम चली जाओगी परछाँइयाँ रह जाएँगी कुछ न कुछ हुस्न की रानाइयाँ रह जाएँगी
गलत को गलत और सही को सहीकहने की हिम्मत रखता हूँ,तभी आज कल मैं रिश्ते कम रखता हूँ.
हम ये नहीं कहते की सिर्फ कट्टर हिन्दू हमसे जुड़े,हम कहते हैं, सिर्फ हिन्दू हमसे जुड़े, कट्टर तो हम उनको बना देंगे।
हुई मोहब्बत तो यू जीने लगा ।चाय का शौकीन सिगरेट पीने लगा….!
धन, मित्र, पत्नी और राज्य तो वापस मिल सकता है, लेकिन यह शरीर खो जाने पर फिर कभी नहीं मिल सकता।
अगर मोहब्बत हो तो गरीब से होतोहफ़े ना सही, धोके तो नहीं मिलेंगे..।
जिस प्रकार सुगन्धित पुष्पों से लदा वृक्ष सारे वन में सुगन्ध फैलाता है। इसी प्रकार एक योग्य पुत्र पूरे परिवार, समुदाय और देश का नाम रोशन करता है।
ख़ुद भी ख़ुश रहो और अपने चारों तरफ़ भी खुशियाँ फैलाओ। ये ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है। !!सुप्रभात!! Good Morning
इश्क़ वक्त, जाति-धर्म जैसी चीजों का मोहताज नहीं, वरना बनता मुमताज की मौत पर ताज नहीं।
मै भी बना लूंगा महल तू मुमताज़ बनके तो दिखा
पापपूर्वक अर्जित धन दस वर्षों तक रह सकता है; ग्यारहवें वर्ष में यह मूल धन के साथ भी गायब हो जाता है।
महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को,ख़ज़ाना यहाँ छूपा है, झोंपड़ी के ताजमहल में,
ये जिनसे बातें हो रही है, इन्हे दिल पूछता कहा है,जान तो उधर ब्लॉक लिस्ट में पड़ी है.!
जो रुला सकता हैवो भूला भी सकता है ।
नदी के किनारे के पेड़, दूसरे आदमी के घर में एक महिला और बिना सलाहकार के राजा निस्संदेह तेजी से विनाश के लिए जाते हैं।
दशहत बनाओ तो शेर जैसी वरना, खाली डराना तो कुत्ते भी जानते हैं, कट्टर हिन्दु हो तो खूंखार होना चाहिये।
सबसे तेज वही चलता हैंजो अकेला चलता हैं,लेकिन दूर तक वही जाता हैंजो सबको साथ लेकर चलता हैं.
अगर ना लिखते तो ख़ाक हो गये होतेदिल में ही नहीं रूह में भी सुराख हो गये होते ।