Taj Mahal Shayari In Hindi : ताजमहल भी बनवा देंगे,एक बार उनको हमसेसच्चा प्यार तो हो जाने दो। किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम,आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं.
आज फुर्सत नहीं लोगों को,पलट के देखने की,कल जब हम बदलेंगे,तो रो रो कर आवाज़ देंगे.
आपका ‘मुस्कुराना’ हर रोज हो, कभी चेहरा ‘कमल’ तो कभी ‘Rose’ हो, ’24’ घण्टे खुशी ‘365’ दिन मौज हो, बस ऐसा ही दिन आपका रोज हो।
मुझे छूकर एक फकीर ने कहाअजीब लाश है सांस भी लेती है।
सुबह की सब ख्वाहिशों कोशाम तक टाला हैं,ज़िंदगी को हमने कुछ इस तरहसंभाला है.
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,हम नहीं रोते, लोग रोते हैं हम देखकर ।
आप कभी भी ताजमहल देखने जाए तो इसकी सुंदरता को निहारते ही रह जाएंगे।
सपने दिखाती हैं तो चकनाचुर क्यों करती हैं,ये जिंदगी हमें अपनो से दूर क्यों करती है…
बदलना कौन चाहता है जनाब,लोग यहाँ मजबूर कर देते हैं,बदलने के लिए.
जिस व्यक्ति का आचरण दुराचारी हो, जिसकी दृष्टि अशुद्ध हो, और जो कुटिलता के लिए प्रसिद्ध हो, उससे जो मित्रता करता है, वह शीघ्र ही नष्ट हो जाता है।
ए ताज तेरा रंग या मेरा इश्क़ गहरा है, यूं तो दोनों पर ही दुनिया का पहरा है।
दिल की तकलीफ़ कम नही करते,अब कोई शिकवा हम नही करते….
इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल, सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है…
इस साल का सफर कुछ यूँ गुज़र गया,कुछ अपने अनजाने हो गए,कुछ अनजानों को अपना कर गया.
बिन सोये गुजर रहीं हैं,ये राते तुम पर कर्ज होंगी।
रुलाया ना कर ऐ जिंदगीमुझे चुप कराने वाला कोई नहीं है… । ।
बुरा वक़्त इतना दर्द नहीं देताजितना बुरे वक़्त में साथ छोड़ने वालेअपने दर्द देते हैं..
जिन्दा है शाहजहाँ की चाहत अब तक, जवान है मुमताज की उल्फत अब तक, जाकर देखो ताजमहल को यारो पत्थर से भी टपकती है मोहब्बत अब तक.
वो मोहब्बत नहीं इबादत रही होगी, जो शाहजहां ने मुमताज से की होगी।
वे नीच लोग जो दूसरों के गुप्त दोषों की बात करते हैं, वे स्वयं को वैसे ही नष्ट कर देते हैं जैसे साँप चींटियों के टीलों पर भटक जाते हैं।
सफर लम्हा है दोस्त बनाते रहिये,दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये,ताजमहल ना बनाईये महंगा पड़ेगामगर हर तरफ मुमताज बनाते रहिये।
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते हैपूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में
क्रोध के समय थोड़ा रुक जाएं,और गलती के समय थोड़ा झुक जाएं,तो दुनिया की सब समस्याएं हल हो जाएगी.
इज्ज़त तो जनाजे के दिन पता चलेगी,पैसा तो हर कोई कमा लेता हैं.
एक मुर्दे ने क्या खूब कहा हैं,ये लोग जो मेरी लाश पर रोते हैं,कभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे.
ताजमहल जब से बना है तब से इसका रंग सफेद ही है और इसकी देखभाल बहुत अत्यधिक होने की वजह से इसका रंग अभी भी फीका और गंदा नहीं हुआ है।
जो आनंद अपनी छोटी पहचान बनाने में है,वो किसी बड़े की परछाई बनने में नहीं है.
मैंने पूछा, "मैं मर गई तो तुमभी मेरे लिए बनाओगे एक हसीन ताज?" वो बोला, "नहीं, मैं तुम्हारे साथ ताज से भी खूबसूरत कुछ बनाऊंगा ... आज!!!"
“जिस तरह एक सूखा पेड़ आग लगने पर पूरे जंगल को जला देता है, उसी तरह एक दुष्ट पुत्र पूरे परिवार को नष्ट कर देता है।”
जिंदगी उस दौर से गुज़र रही हैदिल दुखता है लेकिन चेहरा हँसता है..!
अगर हुआ मेरे धर्म पर घाततो मैं प्रतिघात करूँगामैं हिन्दू हूँहिंदुत्व की ही बात करूँगा।
गद्दारों का हाथ छोड़ अब त्रिशूल तलवारउठाना होगा, भारत भूमि के वीरोअब भगवा लहराना होगा..!
तुझे खोने से क्यू डर लगता है…!जब की मुझे पता है तू मेरी है ही नही..।
नैतिक उत्कृष्टता व्यक्तिगत सुंदरता के लिए एक आभूषण है; धर्मी आचरण, उच्च जन्म के लिए; सीखने में सफलता; और धन के लिए उचित खर्च।
ताजमहल की ईमारत मोहब्बत की मिसाल हैहम किस किस के लिए ताजमहल बनायेहमे तो हर लड़की में मुम्ताज़ नज़र आती है
हिंदुत्व से उपजी सभी विचारधाराएँ महान हैंचाहे बौद्ध, जैन अथवा सिख कोई भी हो।
प्यार, एहसास, हँसी और शरारत बनाए रखनाखुद में जरा सा बच्चा हर हाल में बचाए रखना ।
ताजमहल तो देख लिए, मुमताज महल को देखा है? आओ चलो दिखाता हूँ मेरे गाँव में अब भी रहती हैं.
बेचैन हो ‘तुम भी और बेचैन हूँ ‘मैं’ भी, तुम ताज़ के लिए,मैं मुमताज़ के लिए।
ग़लती उससी से होता है जो काम करता है निकम्मो की ज़िंदेगी तो दूसरो की बुराई खोजने मे ही ख़तम हो जाती हैं।
दुनिया के सबसे ज्यादा सपने,इस बात ने तोड़े है की,“लोग क्या कहेंगे..”
झोपड़ियों में कहां बसता है इश्क “शहजादी”ताजमहल की बात तो अगले जन्म में करूंगा।
सफ़र लम्बा है दोस्त बनाते रहिये,दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये,ताजमहल न बनाईये महंगा पड़ेगा,मगर हर तरफ मुमताज़ बनाते रहिये।
बदले नहीं हैं हम बस समझ गये कोईकिसी का नहीं होता सब मतलबी हैं …
जिंदगी में जो भी हासिल करना हो,उसे वक़्त पर हासिल करो,क्यूंकि, जिंदगी मौके कमऔर धोके ज्यादा देती हैं.
बेवफा को वफ़ा सिखा दूँ,मैं वो बाजीगर हूँ,दिलों को ही ताजमहल बना दूँमैं वो जादूगर हूँ.
ताजमहल तो वो ईमारत है,जब जब कोई इसे देखे तो,तो महबूब याद आ जाता है,
मुश्किल वक्त का सबसे बड़ा सहारा है- ‘उम्मीद’ जो एक प्यारी सी ‘मुस्कान’ देकर….कानों में धीरे से कहती है- ‘सब अच्छा होगा’ आपका दिन शुभ हो। Good Morning
मर्यादा पाँव में कब तक जंजीर डालेगीमाथे पर तिलक लगाकर चला करोयही पहचान दुश्मनों का कलेजा चिर डालेगी
मुश्किल वक्त में कुछ लोग खुद टूट जाते हैं,और कुछ लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं.
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता? बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल” अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
“फूलों की सुगंध हवा की दिशा में ही फैलती है। लेकिन, एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है”
किसी को चाहो तो इतना चाहो,फिर किसी को चाहने की चाहत ना रहे..!!
सिर्फ इशारों में होती मोहब्बततो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता,बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहलअगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता।
सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत, तो इन अलफाजों को ख़ूबसूरती कौन देता, बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताजमहल’ अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता.
तरस गया हूँ खुद को देखने के लिए,आईना भी देखूं तो नजर तुम आती हो.!
वक़्त के रहते वक़्त दिया करो,वक़्त कटने के बाद वक़्त ना रहेगा.
बिछड़ने की इतनी जल्दी थी उसे,खुद को आधा छोड़ गया मुझमे..!!
तैयारी कर लो रामनवमी कीक्योंकि हमें मंदिर में भीड़ और सड़क पर तूफान चाहिए हाथों में भगवा और जुबान परजय श्री राम चाहिए
गजब की एकता देखी लोगों की ज़माने में,ज़िन्दों को गिराने में और मुर्दों को उठाने में.
बदल जाओ वक्त के साथ,या फिर वक्त बदलना सीखो,मजबूरियों को मत कोसो,हर हाल में चलना सीखो.
उम्मीद का भी गजब तमाशा है,रोज टूटे जा रहे हैं, फिर भी आशा हैं..
जिंदगी गुजारने के दो तरीके है,जो पसंद है उसे हासिल कर लो,या जो हासिल है उसे पसंद कर लो.
जो व्यक्ति अपनी ग़लतियों के लिएखुद से लड़ता हैं,उसे कोई भी हरा नहीं सकता.
मुश्किल वक़्त दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर हैं,जो एक पल में आपके चाहने वालों के चेहरे से,नकाब हटा देता हैं.
अगर इतना ही आसान होता, किसी की यादों को भुलाना तो, मुमताज की याद में शाहजहां को, ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता।
तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ कहाँ से लाऊँगा साग़र आज़मी
ताज तेरे लिए एक मज़हर-ए-उल्फ़त ही सही तुझको इस वादी-ए-रंगीं से अक़ीदत ही सही मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझसे
ना कोई आया है और ना कोई आएगा,हम तुमसे कितना प्यार करते है ये गूगल भी नहीं बता पाएगा.!
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता, तुम्हारे चेहरे को कमल कौन कहता, यह तो करिश्मा हैं मोहब्बत का वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता.
हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ होता है। बिना स्वार्थ के दोस्ती नहीं होती। यह एक कड़वा सच है।
वक्त भी… कैसी पहेली दे गया….उलझने सौ… जां अकेली दे गया…..
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो.टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो.