Taj Mahal Shayari In Hindi : ताजमहल भी बनवा देंगे,एक बार उनको हमसेसच्चा प्यार तो हो जाने दो। किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम,आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं.
महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को, ख़ज़ाना यहाँ छूपा है, झोंपड़ी के ताजमहल में।
इश्क ने इंसान को क्या बना दिया, किसी को कवि तो किसी को कातिल बन दिया, दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया।
एक अशिक्षित व्यक्ति का जीवन कुत्ते की पूंछ की तरह बेकार है जो न तो उसके पिछले सिरे को ढकती है और न ही कीड़ों के काटने से बचाती है।
जहां ये पांच व्यक्ति न हों, वहां एक भी दिन न रुकें: एक धनी व्यक्ति, एक वैदिक विद्या में पारंगत ब्राह्मण, एक राजा, एक नदी और एक वैद्य।
कितनी ख़ास होती होगी वो स्त्री,जिसकी खातिर कोई पुरुष रोता होगा !!
अगर इतना ही आसान होता,किसी की यादों को भुलाना तो,मुमताज की याद में शाहजहां को,ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता,
ताजमहल भी बनवा देंगे, एक बार उनको हमसे सच्चा प्यार तो हो जाने दो।
नफरत हो जाएगी तुझे खुद से,अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसेबात करूं ।
भगवा माथे पर जरूरी नही हैलेकिन हाँ, व्यक्तित्व में होनी जरूरी है।
सारी उम्र तुझे मेरी कमी रहेखुदा करे तेरी उम्र बहुत लम्बी रहे!
बेहतरीन कल के लिए,आज को बेहतर बनाना पड़ेगा। आपका दिन शुभ हो। Good Morning
नज़ारे तो बदलेंगे ही ये तो कुदरत है,अफ़सोस तो हमें तेरे बदलने का हुआ है।
टूटे कांच की तरह चकनाचूर हो गएचुभ ना जाए कहीं इसलिए सबसे दूर हो गए
उम्मीद ना कर इस दुनिया में हमदर्दी की,बड़े प्यार से दर्द देते हैं शिदत से चाहाने वाले..।
वादा किया हैं तो निभाएंगे, सूरज की किरणें बनकर तेरी छत पर आएंगे हम है तो जुदाई का गम कैसा, तेरी हर सुबह को फूलों से सजायेंगे। Good Morning
अगर कसमें सच होतीतो सबसे पहले खुदा मरता.
रिश्ते ताजमहल की तरह होते हैं,सबको उनकी खूबसूरती तो दिखती हैं,पर उन्हें बनानें में लगी ‘मेहनत’ और ‘वक्त’किसी को नहीं नजर आता.
हवा में ताश का महल नहीं बनता,रोने से बिगड़ा मुकद्दर नहीं बनता.दुनिया जीतने का हौसला रख ऐ दोस्त,एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता.
रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म-ए-इश्क का फसाना, कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना।
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी,उसमें एक हलकी सी लकीर मेरी भी थी !
गलत पासवर्ड से एक छोटा सामोबाईल का लॉक तक नहीं खुलता,गलत तरीके से जिंदगी जीने सेजन्नत के दरवाजे कैसे खुलेंगे.
ज़िन्दगी एक आइने की तरह है, अगर आप इसे देखकर मुस्कुराओगे तो ये भी आप पर मुस्कुराएगी। आपका दिन शुभ हो। !!सुप्रभात!! Good Morning
जिंदगी का मिलना किस्मत की बात है, मौत का मिलना वक्त की बात है, परंतु… मौत के बाद भी लोगों के दिलों में जिंदा रहना
मैं ख़ामोशी भरी शाम कोईवो सुबह की चहल पहल है,मैं तन्हा यमुना सीवो लोगो से भरा ताजमहल है.
साथ चाहिए तो पूरा ज़िन्दगी भर का चाहिए,कुछ पल का साथ तोजनाजा उठाने वाले लोग भी दे देते हैं.
वाणी की पवित्रता, मन की, इंद्रियों की, और एक दयालु हृदय की आवश्यकता उस व्यक्ति को होती है जो दिव्य मंच पर उठने की इच्छा रखता है।
हर दिन शुरुआत के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है। सुप्रभात आपका दिन शुभ हो। Good Morning
लोगो ने ताज महल का ताज देखा हैं, मैंने उसमें इक दफ़न मुमताज़ देखा हैं.
अगर ताजमहल एक सच्चेप्यार की निशानी है,तो दूसरी तरफउसे बनाने वालेमजदूरों की भी उसके पीछे छुपीएक दर्द भरी कहानी है.
मुद्दतों बैठे रहे हम तेरे एहसास के साथदूर के दूर रहे और पास के पास….
हिन्दू जब हिंदुत्व पर डट गया,बहुतों का सेक्युलरिज्म का चोला फट गया।
पुरी रात करी है बाततिरे बिना तेरे तस्वीर के साथ।
छाता और दिमाग तभी काम करते है,जब वो खुले हो,बंद होने पर दोनों बोझ लगते है.
कोई तो बात है मोहब्बत मे वरना एकलाश के लिए कोई ताजमहल तो नही बनाता॥
ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता, नदीं रोकने से समुन्दर नहीं बनता, लड़ते रहो जिन्दगी से हरपल क्योकि एक जीत से कोई सिकन्दर नहीं
तुम वापस लौटने की तकलीफ मत करना !क्योंकि हम एक मोहब्बत दो बार नहीं करते !!
बेवफाई को वफ़ा बना दे ऐसा बाजीगर चाहिए, दिलों को ताजमहल बना दे ऐसा कारीगर चाहिए।
सवाल दूसरों पे क्या उठाऊ,की जिंदगी जवाब ढूंढ रही है….!जब खुद की जिंदगी।
मोहब्बत हर पल बढ़ रही तुमसे “चक्रवृद्धि ब्याज” की तरह, तू संगमरमरी सी मुमताज बैठी है पहलू में मेरे आगरा के “ताज” की तरह.
कोई तो बात है मोहब्बत मे वरना एक लाश के लिए कोई ताजमहल तो नही बनाता॥
किसी ने क्या खूब लिखा हैमोहब्बत नहीं, यादें रुलाती हैं.!
इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है शकील बदायुनी
तेरे न होने से बस इतनी सी कमी रहती है,में लाख मुस्कुराऊ आँखों में नमी रहती है !
जिसने देखा भगवा का अंदाज़ वो सदमे में हैतभी तो पूरी दुनियाँ श्री राम के कदमों में है ।
वो अचानक नही बिछड़ें हमसे,उनको कब से एक बहाने की तलाश थी ….!
कड़वा हैं पर सत्य हैं, आज का कट्टर मुसलमान, अतीत का कायर हिन्दु हैं, और आज का कायर हिन्दु भविष्य का मुसलमान हैं।
एक उम्र में आकर हम समझने लगते हैं,लोग अकेले रहना क्यों पसंद करते हैं..!!
हजारों झोपडियां जलकर राख होती हैं,तब जाकर एक महल बनता हैं,आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता,हसीनाओं के मरने पर ‘ताज महल’ बनता हैं.
वे, जिनके ज्ञान पुस्तकों तक ही सीमित हैं और जिनके धन दूसरों के कब्जे में हैं, वो आवश्यकता होने पर भी दोनों में से किसी का उपयोग नहीं कर पाते।
यदि रक्तपात ही अंतिम उपाय ना होता,तो क्या बाँसुरी बजाने वाला महाभारत होने देता
सुनो..मत करना भरोसा गैरों पर,क्योंकि चलना तुम्हे है,अपने ही पैरों पर.
हरे रंग का सपना लेकर आया था अफझल इस माटी में छत्रपति में घुसा दिया भगवा उसकी छाती में…
छोटी सी ज़िंदगी में रखा क्या हैअगर इश्क़ भी बुरा है तो अच्छा क्या है।
कास तुम पूछते सुकून कहा हैऔर हम निंगाऐ उठाकर तुमे देखते लेते..।
“धन, मित्र, पत्नी और राज्य तो वापस मिल सकता है, लेकिन यह शरीर खो जाने पर फिर कभी प्राप्त नहीं हो सकता।”
जिंदगी कितनी खूबसूरत है ये देखने के लिए हमें ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है, जहाँ हम अपनी आंखें खोल ले वहीं हम इसे देख सकते हैं। सुप्रभात्
मैं भी शौक से इस्लाम कबुल कर लू,यदि अल्लाह के नाम का पत्थर पानी में तैर जाये।
ताजमहल को बनाने में लगभग 22 साल का समय लग गया था और इसे बनाने के लिए 22000 से भी ज्यादा लोगों मजदूरों को काम पर लगाया गया था।
क्यूँ बोझ हो जाते हैं,वो झुके हुए कंधे साहब,जिन पर चढ़ कर कभी तुमदुनिया देखा करते थे.
इसान अगर दिल से खेलना छोड़ देतो किसी की भी मोहब्बत अधूरी नही होगी !
नदियों, शस्त्र धारण करने वाले पुरुषों, पंजों या सींग वाले जानवरों, स्त्रियों और राजपरिवार के सदस्यों पर भरोसा न करें।
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता हैतेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है…
आगरा में संगमरमर (marble) से बनी इस इमारत की खूबसूरती के पीछे कई ऐसे राज है जिसके बारे में हर किसी को पता नहीं है।
हिन्दुओ ने केवल उँगली उठाई, तो मोदी जी को PM के पद पर बैठा दिया,जिस दिन हिन्दूओ ने तलवार उठा ली, 786 भी गायब हो जायेगा जय श्रीराम।
महानता कभी ना गिरने में नहींहर बार गिरकर उठ जाने में है.
ताजमहल हमारे लिए बकवास हैं, क्योंकि रोज बदलती हमारी मुमताज हैं.
थोड़ी सी तो जिंदगी थी,कयां तेरा बिछड़ना जरूरी था ।
“साँप के दाँत में, मक्खी के मुँह में और बिच्छू के डंक में ज़हर होता है; परन्तु दुष्ट उस से तृप्त होता है।”
ताजमहल देखा है कभी, प्यार तो कूट कूट के भरा है, मगर रिश्तों का नामो निशान नहीं है।
न कद बड़ा न पद बड़ा,मुसीबत में जो साथ खड़ा,वो सबसे बड़ा.
इंतजार है मौके काहिसाब होगा हर धोखे का ।।
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता, तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता, यह तो करिश्मा है मोहब्बत का वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता।