1208+ Swagat Shayari In Hindi | मेहमान स्वागत शायरी

Swagat Shayari In Hindi , मेहमान स्वागत शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 14, 2023 Post Updated at: June 15, 2024

Swagat Shayari In Hindi : स्वीकार आमंत्रण किया, रखा हमारा मान, कैसे करे कृतज्ञता, स्वागत है श्री मान..।।। हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं, क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं।

क्या आपको पता है किकौन है महफिल की शान?,यहाँ पर आये हुए हर मेहमान.

मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान, ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान.

हसरतो ने फिर से करवट बदली है, आप आये तो बलखा के बहारें आईं।

सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी, सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी.

एक सुखी परिवार में रहना कैसा होता है, इस बात से तुमने हमें परिचित कराया। मुस्कुराती रहो बहू।

आप आने का खबर तो दीजिए आपके स्वागत में हम अपनी पलके बिछा देंगे

सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी,सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी…

“ तेरे आने पर जोहवा का झोंका आया है,पता चल गया दोस्तआज भी नहीं नहाया है…!!

जो खुद ही नाप लेते हें बुलंदी आसमानों की,परिंदों को कहाँ तालीम दी जाती उड़ानों की।

“ दोस्तों खुशियों का त्योहार आया है,मेरे घर में एकप्यारा-सा राजकुमार आया है…!!

तारो ने खुशिया बिखेरीसितारों ने महफ़िल लगाई हैआपके आगमण में तोमौसम ने भी अपनी खूबसूरती बिछायी है।

बहू मेरी खुशियों की दुकान है, सच कहते हैं लोग कि बहू से ही घर की शान है।

दिल को सुकून मिला है आपके मुस्कुराने से,महफ़िल में रौनक आती है आपके घर आने से ।

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत हैकभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैंमिर्ज़ा ग़ालिब

दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से, महफ़िल में रौनक आती है आपके आने से।

ज़िन्दगी में हमेशा मुस्कुराते रहो, जो दर्द मिले उनपे IODEX लगाते रहो।

दिल के तारों से गूथ सुमन हार कुछ, मंजू – माला नहीं तुक्ष उपहार कुछआपको है समर्पित हमारे सुमन, आप आये यंहा आपको शत नमन

तेरेआने कीखबर हैहम दिलथामे बैठेहैंकहींदिलशाद तमन्नाऐमेरी जानन लेलें

अगर सच्ची लगन और विश्वास न होती।तो मन में दर्सको की चाह न होतीकुछ तो बात ही दिल वालो मेंवरना आपसे मिलने की इतनी आस नहीं होती।

जिनको हम चुनते है वो ही हमे घंटे है, चाहे बीवी हो या नेता दोनों कहां सुनते है..!!

फितरत बन चुकी हैदिल-ए-बेकरार कीअब तो आदत सी हो गई हैआपके इंतजार की

आपका स्वागत करने हम सब मिलकर आये है, चेहरे पर मुस्कान और हाथों में फूलों की माला लाये है।

मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान, ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान

हर गली अच्छी लगी,हर एक घर अच्छा लगा,वो जो आया शहर में,तो शहर भर अच्छा लगा…

हार को जीत की एक दुआ मिल गईतपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई।आप आये श्री मान जी यू लगा,जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई.

दिल को था आपका बेसब्री से इंतजार, पलकें भी थी आपकी एक झलक को बेकरार, आपके आने से आई है रोनक और बहार, मिले तरक्की की राहें और खुशियां बेशुमार

धन्य धन्य हुए आज तो हम, मिट गये सारे अन्धियारें,आँखों को बहुत सुकून आया, जो आप हमारे द्वार पधारें.

आज कल की लड़किया भीअपने हुस्न पे घमंड करती हैहिंदी ठीक से आती नहींइंग्लिश में बात करती है।

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

क्या आपको पता है कि कौन है महफिल की शान?, यहाँ पर आये हुए हर मेहमान.

इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम, इस आयोजन का आओ हम करें वेलकम।

फितरत बन चुकी है दिल-ए-बेकरार की अब तो आदत सी हो गई है आपके इंतजार की

“दोस्तो, इस जश्न का आगाज़ करते हैंऊपर वाले को कर सलाममेहमानों का इस्तिकबाल करते हैंथोड़ा अर्ज़ हम फरमाएंथोड़ी उनसे बोलचाल करते हैं”

तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी,दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी,किसके आने की खबर ले कर हवाएँ आईरूह खिलने लगी साँसों में महक जाग उठी.

आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह की हर तरफ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे, देखकर दिल उनको झूमने लगा सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे.

“ आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरहकी हर तरफ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे,देखकर दिल उनको झूमने लगासब के मन जैसे खिलखिलाने लगे….!!

राग बजता है रंग बजता हैप्यार का अंग अंग बजताजब यह ताली बजाते हैंहुजुरेवाला जनाबे अलीतो ऐसा लगता है ,संगीते का जलतरंग बजता है।

हर मायूस को हंसाने काकारोबार है अपनादिलो का दर्द खरीद लेते हैंबस यही रोजगार अपना।

कौन आया, रौशन हो गयी महफ़िल किसके नाम से मेरे घर में जैसे सूरज निकला है शाम से.

इश्क तो करता है हर कोई, महबूब पर मरता है हर कोई, कभी वतन को महबूब बना कर देखो, तुझ पर मरेगा हर कोई !

हार को जीत की इक दुआ मिल गई,तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई,आप आये श्रीमान जी यूँ लगाजैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई.

महफ़िल में चार चाँद लगाने के बावजूदजब तक न आप आए उजाला न हो सका

“ मुहोब्बत का एक हसीं अहसास हूँ में,हर पल में घुल जाउ कुछ ऐसा खास हूँ में,पूरी उम्र जो याद रहे आपको,इस शाम का वो हसीं आगाज़ हूँ में…!!

हार को जीत की एक दुआ मिल गई तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई आप आये श्रीमान जी यूँ लगा जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई!!!

“ हम जिन्हें बुलाते हैंवो बेहद खास होते हैं,स्वागत है उनका जोहरदम दिल के पास रहते हैं…!!

हमारी महफ़िल में लोगबिन बुलायें आते हैं,क्योकि यहाँ स्वागत में फूलनहीं पलकें बिछाये जाते हैं।

हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं..!!

कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी, दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी, किसके आने की खबर ले कर हवाएँ आई रूह खिलने लगी साँसों में महक जाग उठी.

“वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत हैकभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैंमिर्ज़ा ग़ालिब”

हमारे पोते/पोती को एक आदर्शवादी जीवन देने के तुम्हारा शुक्रिया बहू।

धरती सुनहरी अंबर नीला, हर मौसम रंगीला, ऐसा देश है मेरा !

“ हार को जीत की इक दुआ मिल गई,तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई,आप आये मेरे सनम तो यूँ लगा,जैसे दिल के दर्द को कुछ दवा मिल गई…!!

मेरे घर में रहने आया,एक नया गेस्टमैंने भी कहा,वेलकम एंड टेक सम रेस्ट !

मेरेअतिथि आएहैं आजभगवान बनकरहमारेभगवान कोहृदय सेतिलक लगातेहैं

सजाई महफिल में भी लगती है कुछ कमी,आपके आने से मुक्कमल महफिल सजी.

हमारीमहफ़िल मेंलोग बिनबुलायें आतेहैं,क्योकि…!!यहाँस्वागत मेंफूल नहींपलकें बिछायेजाते हैं…

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

देशभक्तों से ही देश की शान है, देशभक्तों से ही देश का मान है, हम उस देश के फूल हैं यारों, जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !

आपकी मुस्कुराहट खुशियों की आयीना हो, आपकी हर ख़ुशी जिंदगी की तरंग हो।

हर गली अच्छी लगी हर एक घर अच्छा लगा वो जो आया शहर में तो शहर भर अच्छा लगा

पग में फूल खिले,हर ख़ुशी आपको मिले,कभी न हो दुखों का सामना,यही मेरी गणेश चतुर्थी की शुभकामना.

क्या आपको पता है किकौन है महफिल की शान?,यहाँ पर आये हुए हर मेहमान.

मीठी बात और आपके चेहरे पर मुस्कान,आप जैसे लोग ही है इस महफ़िल के शान.

जिस तरह चांद के पास होता है सितारा, उसी तरह बहू मेरी है खुशियों का पिटारा।

“दिलों में विश्वास पैदा करता है,हम सुब में कुछ आस पैदा करता है…मिटटी की बात तो अलग है,इश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है|”

शब्दों के इत्तेफाक़ मेंयूँ बदलाव करके देखतू देख कर न मुस्कुराबस मुस्कुरा के देख।

तुम दोस्त ही नहीं मेरी जान हो,मेरी दिल के महफ़िल की शान हो.

“ सदा रहे सबके दिलो में प्यारआती रहे खुसियो का बहाररखकर मंजिलो की ओर कदममेहमान का करे तालियोंके साथ वेलकम…!!

फर्क पड़ता कहां है मुझकोहर किसी के आने और जाने परमेरी महफ़िल में रौनक़ बढ़ जाया करती हैंआज भी बस एक तुम्हारे आ जाने पर

उस ने वा’दा किया है आने का रंग देखो ग़रीब ख़ाने का जोश मलीहाबादी

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