Speech Shayari In Hindi : मैंने जीवन में उस इंसान से कुछ नहीं सीखा, जो हर बात में मुझसे सहमत था। यकीन कीजिये ईश्वर के फैसले पर हमारी ख्वाहिशों से बेहतर होते है।
क्या जवानी क्या बुढ़ापा सब आज़ादी का दीवाना था.! हर जिगर में जोश था आँखों का एक खवाब था.!!
सच की राह पर चलना सिखाते,टीचर ईमानदारी का पाठ पढ़ाते।
अपने अस्तित्व की तलाश में उलझा प्रत्येक व्यक्ति संघर्षशील बस किसी का संघर्ष छप जाता है तो किसी का छिप जाता है .. !
सफल जीवन सजता हैं सपनो से जो मिलता हैं किसी गुरु की दस्तक सेजीवन सूर्य सा प्रकाशित हो उठता हैंजब साथ एक सच्चे गुरु का मिलता हैं .
अक्षर – अक्षर हमें सिखाते , शब्द – शब्द का अर्थ बताते , कभी प्यार से कभी डाट से जीवन जीना हमें सिखाते Happy Teachers day
मुझे तू चहियते तेरा साथ चाहिए जिसे थम्भ कर मै पूरी ज़िंदगी बिता दू…वो वाला हाथ चाहिए!!!😍
दुनिया में छोड़ने जैसा कुछ है तो, दुसरों से उम्मीद करना छोड़ दो।
सामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना जो भी मन में हो वो सपना मत तोड़ना कदम कदम पर मिलेगी मुश्किल आपको बस सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना
इंसान वही तरक्की करता हैं, जो अपनी सोच सकारात्मक रखता हैं।
जिस मेहनत से आज आप भाग रहे हो कल वही आपको सफलता दिलाएगी , झोंक दो खुद को इस आग में कल यही आपको हीरा बनाएगी ।
शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है,गुरू का आशीर्वाद मिले इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं है.
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ परसो जाऊं तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती है
इन्हीं गम की घटाओं से खुशी का चांद निकलेगा,अंधेरी रात के पर्दों में दिन की रौशनी भी है।
जीवन मे सबसे बड़ी खुशी उस काम को करने में है,जिसे लोग कहते है कि आप नहीं कर सकते।
बिन दिल के जज्बात अधूरे, बिन धड़कन अहसास अधूरे,बिन साँसों के ख्वाब अधूरे, बिन तेरे हम कब हैं पूरे।
वो रहिये जो आप है और वो कहिये जो आप महसूस करते है क्योंकि जो लोग बुरा मानते है मायने नहीं रखते जो लोग मायने रखते है वो बुरा नहीं मानते
एक दिन ऐसा भी आएगा हिंदी परचम लहराएगा, इस राष्ट्र भाषा का हर ज्ञाता भारतवासी कहलाएगा।
अगर आप के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो जाती है तो ये दुनिया डरावनी नज़र आती है
तारीफ खुद की करना फिजूल है,खुशबू खुद ही बता देती है कौन सा फूल है.
मेरी खुशी के लिए दुनिया से टकराने की हिम्मत रखने वाले इंसान हैं, मेरे पिताजी।
बुझी शमां भी जल सकती है तूफान से कश्ती भी निकल सकती है होके मायूस यूं ना अपने इरादे बदल तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है
उम्र तो सिर्फ एक आंकड़ा है मेरे दोस्त असली जुनून तो लोगों के ताने देते हैं।
मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में, मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती||
बेटी जैसे-जैसे बड़ी होती है,पिता खुद को बेटी के और करीब पाता है।इसीलिए तो बेटी के जाने के बाद,सबसे ज्यादा गम पिता को होता है।
क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है
वो आँखों ही आँखों में करती है ऐसे बातें,के कानों कान किसी को खबर नही होती।
पानी में तस्वीर बना सकते हो तुम कलाम को शमशेर बना सकते हो तुम कायर हैं जो तकदीर पे रोते हैं जैसी चाहो वैसी तकदीर बना सकते हो तुम
हिंदी दिवस के अवसर पर आओ पढ़ें और पढ़ायें, हिंदी है हमारी भाषा आओ इसे अपनाएं।
आज हम भारत की आजादी की 76वीं सालगिरह मना रहे हैं।
खामोशी से भी नेक काम होते हैं,मैंने देखा है, पेड़ों को छांव देते हुए।
उदास बैठकर न देख, हाथों की लकीरें अपनी|उठ बाध कमर और लिख दे, खुद तकदीर अपनी||
” ऐ दोस्त खुल जाएँगे सभी रास्ते तेरे, रूकावट से लड़ तो सही होगा मंजिल पर तू भी, लेकिन जिद्द पर अड़ तो सही।। “
तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे ही वक़्त नही दे पा रहे हम , माफ़ करना ऐ ‘ ज़िन्दगी ‘ तुझे ही जी नही पा रहे हम ।
अकेले हो तो विचारों पर काबू रखो,और सबके साथ हो तो जुबान पर काबू रखो.
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे , इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे , कल क्या होगा कभी मत सोचो , क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल ले !!
लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है
पिता ही तो हैं, जिसने उंगली पकड़कर चलना सिखाया और जिंदगी से लड़ना भी सिखाया।
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो।
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे, बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत।
समझनी हैं जिन्दगी तो पीछे देखो, जीनी हैं जिन्दगी तो आगे देखों
कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं, जीता वही जो डरा नहीं।
जीत की खातिर बस जुनून चाहिए, जिसमें उबाल हो एसा खून चाहिए| यह आसमां भी आएगा ज़मी पर, बस इरादों में जीत कि गुंज चाहिए||
घायल तो यहाँ, हर एक परिंदा है मगर जो फिरसे उड़ सका वही जिन्दा है।
क्यों डरे कि जिंदगी में क्या होगा,हर वक्त क्यों सोचें कि बुरा होगा.बढ़ते रहें मंजिल की ओर हम,कुछ ना मिला तो क्या तजुर्बा तो नया होगा.
हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम हिंदी को आगे बढ़ाएं और उन्नति की राह पर ले जाएं। आओ संकल्प लें की केवल एक ही दिन नहीं हमें हर दिन हिंदी दिवस मनाना है।
विदाई का ये दिन है, माहौल थोड़ा गमगिनलेकिन दुआ है रब से, आप यूं ही हंसते रहो,महकते रहो, सबके दिल में बसते रहो।
कभी गुस्सा, तो कभी प्यार, यही है पापा के प्यार की पहचान।
केवल आत्मविश्वास होना चाहिए जिंदगी तो कहीं से भी शुरू हो सकती हैं।
कर जज्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम !हर दुश्मन को मार गिराएंगे, जो हमसे देश बँटवाएंगे !!
मानो आप ही थे मेरा परिवार, और आप ही थे मेरे यार, नहीं कोई था सीनियर आप-सा, संभाला था आपने मुझे हर बार।
अशिक्षित को शिक्षा दो, अज्ञानी को ज्ञान…शिक्षा से ही बन सकता हैं, भारत देश महान…
भूलकर भी गुरु का अपमान मत करना,भूलकर भी शिक्षा का तिरस्कार मत करना,उस दिन अपनी भूल पर बड़ा पछताओगेजिस दिन मुसीबतों से लड़ नहीं पाओगे।
हम उस दौर में जी रहे हैं,जहाँ मासूमियत को बेवकूफी कहा जाता हैं.
गुरु का महत्व कभी होगा ना कम, भले कर ले कितनी भी उन्नति हम, वैसे तो है इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान, पर अच्छे बुरे की नहीं है उसे पहचान…
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो.टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो.
हमने मांगा था साथ उनकागम दे गए, दे गए वो जुदाईहम यादों के सहारे जी लेतेकसम दे गए रह जाती केवल तन्हाई
दुनिया की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं होते हैं, खुद को समझ लीजिए सब समस्याओं का समाधान हो जाएगा
ना हिन्दू बन कर देखो ना मुस्लिम बन कर देखों बेटों की इस लड़ाई में दुःख भरी भारत माँ को देखो |
जितने का सबसे ज्यादा मजा तब आता है,सारे आपके हारने का इन्तजार कर रहे हो।
बहुत सौदे होते हैं संसार में साहब,मगर, सुख बेचने वाले,और दुःख ख़रीदने वाले नहीं मिलते.
विदा तो होना ही था आपको आज हो या कल पर जुदा कभी मत होना ये वादा करो अब।
रौनक़-ए-बज़्म नहीं था कोई तुझ से पहलेरौनक़-ए-बज़्म तिरे बाद नहीं है कोई।
कुछ लोग दिखावे की शान रखते हैतलवार की औकात नही और मयान रखते है
काश पापा मैं कभी बड़ी नहीं होती,तो आज आपकी परी रानी कभी पराई नहीं होती।
बहुत याद आयेंगे ये कॉलेज के दिन, कैसे दिन गुजरेगी यारा तेरे बिन. Bahut yaad ayenge ye collage ke din kese din guzaregi yara tere bin.
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं.
तेरे इश्क में में इस तरह नीलाम हो जाऊँ,आखरी हो तेरी बोली और में तेरे नाम हो जाऊ ।
बिन तेरे मेरी हर ख़ुशी अधूरी है! सोच तू मेरे लिए कितनी जरुरी है!!
तुम सुनो या न सुनो हाथ बढ़ाओ न बढ़ाओडूबते डूबते इक बार पुकारेंगे तुम्हेंइरफ़ान सिद्दीक़ी
ये माना की जिंदगी की राह आसान नहींपर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं।
जो व्यक्ति अपनी ग़लतियों के लिएखुद से लड़ता हैं,उसे कोई भी हरा नहीं सकता.
रफ्तार धीमी ही सही मगर उड़ान जरूर लंबी रखो