Speech Shayari In Hindi : मैंने जीवन में उस इंसान से कुछ नहीं सीखा, जो हर बात में मुझसे सहमत था। यकीन कीजिये ईश्वर के फैसले पर हमारी ख्वाहिशों से बेहतर होते है।
सफलता की वह ऊंचाई किसी अभिशाप से कम नहीं जो इंसानियत और दयाभाव खोकर प्राप्त की गई हो
खुद की कमजोरी पर नही,काबिलियत ओर ध्यान दो।
सफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
किंग की तरह जीने के लिए गुलाम की तरह मेहनत करनी पड़ती है
मुफ्त में नहीं सिखा हमने मुस्कुराने का हुनर, बदले में जिंदगी की हर खुशी तबाह की है हमने ।
गलत पासवर्ड से एक छोटा सामोबाईल का लॉक तक नहीं खुलता,गलत तरीके से जिंदगी जीने सेजन्नत के दरवाजे कैसे खुलेंगे.
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
ना जाने इतना प्यार कहां से आया है,तुम्हारे लिये कि मेरा दिल भी तुम्हारे,खातिर मुझसे रूठ जाता है
तेरी मंजिल तेरा हौसला आजमाएगीतेरे सपनो को तेरी आँखों से हटाएगीकभी पीछे मुड़कर न देखना ए दोस्त…रास्ते की ठोकर ही तुझे चलना सिखाएगी।
जिंदगी में लक्ष्य पर पहुंचने से पहले,अपने दिमाग को लक्ष्य में पहुंचाना पड़ता है।
पानी को बर्फ में, बदलने में वक्त लगता है !! ढले हुए सूरज को, निकलने में वक्त लगता है !!
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा !
सबकुछ मिल जायेगा तो तमन्ना किसकी करोगे, अधूरी ख्वाहिशें ही तो जीने का मजा देती हैं !
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशाँ होगा.
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा ,जितना देखेंगे तुम्हे उतना ही प्यार आएगा ..
क्या खूब रंग दिखाती है जिंदगी क्या इक्तेफ़ाक होता है,प्यार में ऊम्र नही होती पर…. हर ऊम्र में प्यार होता है |
सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर चलना भी जरूरी है मंजिल पाने के लिए
दुनिया क्या कहती है सबको कहने दो हम पागल हैं साहब हमें पागल ही रहने दो
ज़िन्दगी की खरोचों से ना घबराइये जनाब,तराश रही है खुद जिंदगी निखर जाने को।
मुझे गिरते हुए पत्तों ने यह समझाया है,बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देते हैं।
अभी को असली मंजिल पाना बाकी है अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकी है अभी तो तोली है मुट्ठी भर जमीन अभी तोलना आसमान बाकी है
हवा में ताश का महल नहीं बनता,रोने से बिगड़ा मुकद्दर नहीं बनता.दुनिया जीतने का हौसला रख ऐ दोस्त,एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता.
राह की धुप मेरे काम आई,छांव होती तो सो गया होता।
फासलों से तय नहीं होते मंजिलों की दूरी, अक्सर फैसले ही तय करती है कितनी पास है मंजिल ।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होतीकोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.
इंसान खुद की गलती पर,अच्छा वकील बनता है,और दूसरो की गलती पर सीधाजज बन जाता है.
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तों,दाग अपने पास रखें और रोशनी बाँट दे।
दिल के हर कोने में है आपके होने का आभास,गालों पर आपके हाथों की वह थपकी,दूर रहकर भी कराती है आपके पास होने का एहसास।
तेरे इश्क़ में इस तरह नीलाम हो जाऊ….आख़री हो तेरी बोली और में तेरे नाम हो जाऊ!!💟
आज स्याही से लिख दो तुम पहचान अपनी, हिंदी हो तुम, हिंदी से सीखो करना प्यार।
मुद्दत से आता हर दिनज़िन्दगी में नई उम्मीद जागेआज का दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामोंसे सबके नसीब जागे।
आओ झुक कर सलाम करे उनको, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है, खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है…..!!
अपने इश्क़ में कर दे मदहोश इस तरह,कि होश भी आने से पहले इज़ाज़त माँगे।
कुछ तो शराफत सीख ले, ऐ इश्क़ शराब से!! बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ!!
देशभक्ति की महक अब मेरे कपड़ों से भी आने लगी हैं,अब तो मेरी धड़कन भी जय हिंद गाने लगी है।
अगर तुम सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो तुम्हे सबसे पहले सूर्य की तरह जलना होगा।
एक दिल , एक जिस्म एक मैं,एक तू यही ख्वाब है मेरा !!!🤍💟
उदास हूँ पर, तुझसे नाराज नहीतेरे दिल मे हूँ पर तेरे पास नही।
जरा दरिया की तह तक तू पहुंच जाने की हिम्मत कर,तो फिर ऐ डूबने वाले किनारा ही किनारा है।
बुझी समा भी जल सकती है , तुफानों से भी कस्ती निकल सकती है , होके मायूस यूं ना अपने इरादे बदल, तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है ।
अगर भारत का करना है उत्थान, तो हिन्दी को अपनाना होगा, अंग्रेजी को “विषय-मात्र”, और हिंदी को “अनिवार्य” बनाना होगा।
रोली तिलक थाल मे, श्री फल लिया सजाये, स्वागत को श्री मान के, भेट दुशाला लाये..।।
मेरी शोहरत, मेरे पिताजी की बदौलत है।
तिरंगा हमारा शान-ए-जिंदगी,वतन परस्ती हैं वफा-ए-जमीं,देश के मर मिटना काबुल है हमें,अखंड भारत के स्वपन का जुनून हैं हमें…
समस्या को पहली बार में सामना करने से मत डरो, क्योकि सफल गणित भी जीरो से शुरू हुआ था।
कहते हैं कब्र में सुकून की नींद होती है,अजीब बात है की,यह बात भी ज़िन्दा लोगों ने कही.
हार तब नहीं होती जब आप गिर जाते हैं, हार तब होती है, जब आप उठने से इनकार करते हैं।
बक्श देता है खुदा उनको,जिनकी किस्मत ख़राब होती है,वो हरगिज़ नहीं बक्शे जाते है,जिनकी नियत ख़राब हो.
जो आनंद अपनी छोटी पहचान बनाने में है,वो किसी बड़े की परछाई बनने में नहीं है.
हिन्दी हर क्षेत्र में आगे है इसको अपनाकर नाम करेंहम देशभक्त कहलाएंगे जब हिन्दी में सब काम करें
आपके साथ कुछ लम्हे कई यादेंबतौर ईनाम मिले, एक सफर परनिकले और तजुर्बे तमाम मिले।
छोड़ दिया हमने तेरे ख्यालों में जीना ,अब हम लोगों से नहीं , लोग हमसे मोहब्बत करते। ..
ये नन्हे फुल तब महकते हैंजब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैंइन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिएजोरदार तालियाँ तो बनती हैं।
जिंदगी तेरी , सपने तेरे , मंजिले तेरी तो फिर मेहनत भी तो तुझे ही करना होगा ना ।
ईमानदारी किसी कायदे कानून की मोहताज़ नहीं होती।
जिन्दगी है मगर गर्मिए-रफ्तार का नाम,मंजिलें साथ लिये राह पे चलते रहना।
गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता, जैसे छत पर चढ़ जाओ तो अपना ही मकान नहीं दिखता।
दिमाग को समझाऊं तो मन नहीं समझतादिल को समझाऊं तो आंखें रो पड़ती है।
जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये, जीत के खातिर ऐसा जुनून चाहिए, ये आसमान भी आएगा जमीन पर, बस इरादों में ऐसी गूंज होनी चाहिये !
पिता वह कुम्हार हैं, जो अपनी डांट से ठोक-पीटकर, बच्चों को अच्छा इंसान बनाता है।
मंजिल मिले न मिले, ये तो मुकद्दर की बात है,हम कोशिश ही न करे ये तो गलत बात है।
जिंदगी गुजारने के दो तरीके है,जो पसंद है उसे हासिल कर लो,या जो हासिल है उसे पसंद कर लो.
बिटियां नहीं होती बेटों से कम, जब वो भरती हैं दम। जिन्होंने समझा उन्हें कम, एक हुंकार से निकाल दे दम।
किसी के पैरों में गिरकरकामयाबी पाने से बेहतर हैअपने पैरों पर चलकर कुछ बनने की ठान ली
संघर्ष के अंधेरे से अपने हौसले को कमजोर ना होने दे, समय का ग्रहण तो सूर्य और चंद्रमा भी झेलते है
ऐसा क्या लिखूं की दिल को तस्सली हो जाए,वो किसी और कि नही सिर्फ मेरी हो जाए।
चलो फिर से खुद को जगाते है,अनुसाशन का डंडा फिर घूमाते है,सुनहरा रंग है गणतंत्र स्वतंत्रता का,शहीदों के लहू से ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते है…
तिरंगा है आन मेरीतिरंगा ही है शान मेरीतिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारातिरंगे से है धरती महान मेरी
कैसे हार जाऊं मैं इन तकलीफों के सामने,मेरी माँ तरक्की की आस में कब से बैठी है।
संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है,असंभव से भी आगे निकल जाना।
जिंदगी में जितना ही सब कुछ नहीं है,परंतु जीतने का प्रयास करना बहुत जरूरी है।
सफ़र में मुश्किलें आयें तो जुर्रत और बढ़ती है,कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है।