1956+ Sky Shayari In Hindi | Romantic Shayari Status on Sky

Sky Shayari In Hindi , Romantic Shayari Status on Sky
Author: Quotes And Status Post Published at: September 22, 2023 Post Updated at: September 10, 2024

Sky Shayari In Hindi : यूँ जो तकता है आसमान को तू कोई रहता है आसमान में क्या जौन एलिया उतरने नहीं देती आसमान से कोई परेशानी, मेरी माँ की दुआओं ने उसे रोक रक्खा है.

मुझ पर सितम ढा गयें मेरी ही गज़ल के शेर ~ पढ़ पढ़ के वो खो रहे है किसी और के खयाल में,.,!!!

️ कुछ हार गयी तकदीर कुछ टूट गए सपने ~ कुछ गैरों ने बर्बाद किया कुछ छोड़ गए अपने! **************************************

मेरा इलाज भी वही है जो मर्ज़ है मेरा मेरा यार मुझे दे दो मैं ठीक जाऊँगा

दिन कटता गया तेरी यादों के झरोखे मेंदिल की शाम दिदार को सराबोर हो गई !

जो नींद चुराते है,वो कहते है सोते क्यो नहीं !अरे जब इतनी ही फिक्र हैतो हमारे होते क्यों नहीं !!

इससे पहले के रात हो जाये,क्यों न एक मुलाक़ात हो जाये,अपने मोबाइल से एक प्यारा सा मेसेज ही कर दो,जिससे शोर भी न हो और बात हो जाये.

जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है

चाँद ने चाँदनी बिखेरी है,तारों ने आसमान को सजाया है,कहने को तुम्हें शुभ रात्रि,देखो स्वर्ग से कोई फरिश्ता आया है.

होती है ज़रूरत अमीर के बच्चों को “खिलोनों” की.. ~ गरीब के बच्चे तो एक “बोरी” में भी खुशिया तलाश लेते है…!!

कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते, ~ हर कदम पर काँच बन कर जख़्म  देते है. **************************************

सूर्यास्त ने मुझे पकड़ लियाब्रश को तांबे में बदल दिया,पृथ्वी के ऊपर बादलछत पर लगी एक बड़ी लौ।

मुझे खौफ कहां  मौत का, मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।

सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी,मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी।

खुद को इतना भी ना बचाया करो, बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !

अब कौन घटाओ को, घुमड़ने से रोक पायेगा,ज़ुल्फ़ जो खुल गयी तेरी, लगता है सावन आयेगा.

आँखों को बचाये थे हम अश्के-शिकायत से, ~ साकी के तबस्सुम ने छलका दिया पैमाना

ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं ~ वफ़ा-दारी का दावा क्यूँ करें हम

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,अब याद आते हो तो बारिश होती है

“बीते पल वापस ला नहीं सकते, सूखे फूल वापस खिला नहीं सकते.., कभी-कभी लगता है आप हमें कहीं भुला नो.., पर दिल कहता है कि आप हमें भुला नहीं सकते।”

काश मेरा एक ख्वाब पूरा हो जाये, एक बार आसमान की शैर करना मेरे लिए हकीकत हो जाये।

मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।

ये जो तुम बार बार हवा देते हो, तो ये यादों के पन्ने फड़फड़ाते हैं ~ भूल जाने दो अब, क्यों मुझे बार बार जगा देते हो!!!

❤️मोहब्बत में गुस्सा और शक़ वही करता है *जिसमें मोहब्बत कूट-कूट के भरी होती है.❤️

अभी कल की बात थीयारों की  याराना था?ख़ुशियों का आसमाना थासाथ में हंसना और हंसाना था?उनके संग बिता कल.. कल नहीं एक जमाना था ?

अकेला वारिस हूँ उसकी तमाम नफरतों का, ~ जो शख्स सारे शहर में प्यार बाटंता है,.,!!!

आज कुछ ऐसा हुआ दिल टूट कर बिखर गया ~ दर्द कुछ इतना बड़ा हद से ही गुजर गया।

आपका वर्क🏠 इन पृष्ठों को यादकरना है। #और कोई #कार्य नहीं😍।

यादों का हिसाब रख रहा हूँ सीने में अज़ाब रख रहा हूँ तुम कुछ कहे जाओ, क्या कहूं मैं बस दिल में जवाब रख रहा हूँ

हमारे शहर आ जाओ सदा बरसात रहती हैं,कभी बादल बरसते हैं, कभी आँखे बरसती हैं.

सूरज जब ढलता है तो लम्बी परछाई होती है,याद जब आती हो तो तन्हाई ही तन्हाई होती है.

दुश्मनी कर बैठे हम खुदा से तुम्हारे लिए और तुम हो के जिन्हें हमसे प्यार नहीं होता

जिस नजाकत से ये लहरे मेरे पैरो को छुती है,.,. ~ यकीन नही होता की ये तमाम कश्तियाँ डूबोकर आ रही है,.,!!

बेनाम सा ही रिश्ता, कुछ है तो सही, ~ उन लाखों से बेहतर, जो सिर्फ नाम के हैं..

मेरी रूह गुलाम हो गई है, तेरे इश्क़ में शायद .. ~ वरना यूँ छटपटाना , मेरी आदत तो ना थी…!!!

ज़िन्दगी का हर पल कुछ ऐसा रहे की मर कर भी अमर रहे।

इस ख़ामोशी की कैद में इतने बरस रहा, दस्तख सुनी तो रूह की चीखे निकल गई ।।

तू पसंद है मुझको बस कहने से डरता हूँ,चोरी-चोरी बस तुझसे ही इश्क़ करता हूँ!

चाँद सा चेहरा देखने की इजाज़त दे दो मुझे, ये शाम सजाने के इजाज़त दे दो मुझे, क़ैद करलो अपने इश्क़ में या,इश्क़ करने के इजाज़त दे दो मुझे

कैसे कहें कि उस को भी हम से है कोई वास्ता उस ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया

प्यारी-प्यारी रात है, तारों की बारात है,हवा थोडी कुल है, मौसम भी अनुकूल है,लवली-लवली नाईट है, बस कहना गुड नाईट है.

यूं समझ लो कि, लगी प्यास गज़ब की थी और पानी में जहर भी था, ~ पीते तो मर जाते और न पीते तो भी मर जाते…!!!

“जब भी तुम मुझे देखना चाहते हो, तो हमेशा सूर्यास्त देखना मैं वहाँ रहूँगा।” – ग्रेस ओगेट

मौसम हे बारिश का औरयाद तुम्हारी आती हेबारिश के हर कतरे से सिर्फतुम्हारी आवाज़ आती हे।

“हर एक अच्छे दिन का भी एक सूर्यास्त होता ही है।” – अज्ञात

हर तरफ पढ़ाई का साया है किताबो मैं सुख किसने पाया है लड़के तो जाते है Tution लड़कियाँ देखने और Sir कहते है देखो इतनी बरसात में लड़का पढ़ने आया है…!!!

कुदरत के करिश्मे में अगर रात ना होती,ख्वाबों में भी उनसे मुलाकात ना होती,सो जाते हैं हम इसी आस में,कि आज नहीं तो कल कभी तो उनसे बात होगी.

हवा चुरा ले गयी थी मेरी ग़ज़लों की किताब.. देखो, आसमां पढ़ के रो रहा है और नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो रही है..!

हम हैं मसरूफ़-ए-इंतिज़ाम मगर ~ जाने क्या इंतिज़ाम कर रहे हैं

रहमत नेमत बरकत है, घर की बेटियां, और में दहेज़ में तुझ को क्या दूँ।

गुन्हेगार तो सब बनते है ~ हमें तो बस यादगार बनना है!!! ________________________________________

अब तो दिन में भी चेहरे धुंधले नजर आते हैं ~ लगता है उजालों में अँधेरे की मिलावट है,.,!!! ________________________________________

ज़िंदगी चल रही थी मेरी तेरे बगैर भी, ~ फिर क्यूँ तूने अपना कह के बेचैन कर दिया

अगर मोहब्बत हो तो गरीब से होतोहफे न सही धोके तो नहीं मिलेंगे।Agar mohabbat ho to garib se hotohfe na sahi dhoke to nahi milenge.

जब कभी भी मुझे करनी होती है खुद से अकेले बातें, तो होता हूँ मैं, आसमान और साथ होती है बोलती रातें।

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने मेंएक पुराना ख़त खोला अनजाने में

तुम ही तुम दिखते हो.. हमें कुछ हुआ तो जरूर है. ~ ये आइनें की भूल है..या मस्त निगाहों का कसूर है.

न कर सको इकरार तो बस इतना कीजिये ~ जिसे कहते हो ‘आप’, उसे बस ‘तुम’ कह दीजिये

कुछ नशा आपकीबात का हैकुछ नशा धीमी सीबरसात का हैहम आप युही पागलमत समझनादिल पर असर आपसे पहलीमुलकत का है।

दिल करदा ऐ तेरे कोल आ के रुक जावा तेरी बुक्कल विच रख के सर मुक जावे हंजू बन के डिग्गा तेरियां अक्खां दा तेरे बुल्ला दे कोल आ के सुख जावे

दोस्ती का लम्हा ऐसा होता है,जो कभी तनहा नहीं रहने देता।

ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर।

सिमटते जा रहे हैं  दिल और ज़ज्बातों  के रिश्ते, ~ सौदा करने में जो माहिर है बस वही कामयाब है!!

पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता हैपलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता है !

जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले…दोस्त, ~ वो क्या समझेगा एक सितारे कि कमी को….!!

बदनाम क्यूँ करते हो तुम इश्क को, माल आपका चालु निकला इसमें इश्क का क्या कसूर

देखो अब बिन बादल भी मौसम बरस जाता है ~ क्या तुमको एक बार भी मुझ पर तरस नहीं आता है??

कन्धों पर बस्ता था पर वो कभी आज की ज़िम्मेदारियों की तरह बोझ नहीं लगा करता था।

तमाम रात नहाया था शहर बारिश से,वो रंग उतर ही गये जो उतरने वाले थे।

मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, ~ सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो!!!

बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करोबेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं !

खुदा जाने मुहब्बत कौन-सी मंजिल को कहते हैं, ~ न जिसकी इब्तिदा ही है न जिसकी इन्तिहा ही है

कितनी अजीब है ये बारिश,पूरे शरीर को भिगो देता है,पर उसके सामने आंसुओं को छुपाने में,मेरी मदद नहीं कर सकता।

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