Shikayat Shayari In Hindi : जो दूसरों की कभी शिकायत न करे,उन्हें खुद से शिकायतें बहुत होती है !! शिकवा तो हमें अपनी ज़िंदगी से हैं,न जाने मौत किस बात पर रूठ के बैठी है !!
पहचान बताना हमारी आदत नहींलोग चेहरा देखकर ही पहचान जाते हैं!
साँसों का टूट जाना तो बहुत छोटी सी बात है जब अपने याद करना छोड़ दें मौत तो उसे कहते हैं
दोस्ती का दुश्मनी से कोई वास्ता नहीं होता, दुश्मन भी डरकर भागते हैं वहां, जहां कोई रास्ता नहीं होता।
मेरी ना रात कटती है और ना ज़िन्दगी,वो शख्स मेरे वक़्त को इतना धीमा कर गया !!’
कोई इल्ज़ाम रह गया हैं तो वो भी दे दो,पहले भी बुरे थे हम, अब थोड़े और सही !!
कभी-कभी दो तरफा प्यार भीएकतरफा हो जाता है!!सनम बेवफा हो तो वह अपनीबेवफाई से तकदीरें बदल देता है!!
बेहद नाम होगा जबहद पार आपका काम होगा !
हम शिकवा करें भी तो किससे करें,न हम किसी के है न कोई हमारा !!
एक उम्र बीत चली हैं,तुझे चाहते हुए,तू आज भी बेखबर हैं,कल की तरह..Ek umra beet chali hain,Tujhe chahte hue,Tu aaj bhi bekhabar hain,Kal ki tarah…
जरा सा छेद क्या हुआ जेब में,पैसो के साथ कुछ रिश्ते भी निकल गए !!
ये ज़िन्दगी बहुत कीमत है मेरे दोस्त एक शख्स के पीछे इसे बर्बाद मत करना
जब तक शिकायत कर रहे हैं तब तक अपने है तुम्हारे, जब चुप हो जाएंगे तो समझ लेना गैर कह चुके हैं तुम्हे।
उसकी तरक्कियों की कहानी में मैं भी हूँ,अब देखना ये है की वो सुनाता कहाँ से है !!
शिकायत कर रहे हैं इश्क़ में शिकस्त खाकर खुद से ही, क्यों खामखा सिकनदर बना फिरता था।
यदि आप सही है तो आपकोगुस्सा करने की जरूरत नही है ,यदि आप गलत हैतो आपको गुस्सा करने का हक नही है ।
हसरतें कतरा-ए-कतरा ओस हुईं, तपिश भी जिंदगी में खामोश हुईं, दोस्तों से की थी साथ देने की गुजारिश, दुश्मनी के नशे में उनकी यारी मदहोश हुई।
मैं कितना पागल था के भटका बादल था मैं गरजा भी नहीं मैं बरसा भी नहीं
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हँस कर यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो कर
जाने किन मुश्किलों में दिन गुज़ारा गया मैं दुश्मनों से निकला तो दोस्तों में मारा गया
ना जाने क्यूं नजर लगी जमाने की ,अब वजह मिलती नही मुस्कुराने की ,तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज था ,हमारी आदत छूट गई मनाने की
साथी ना समझ कोई बात नहीं,लेकिन मुझे साथ तो आने दे !!
किसी पे मत मरना, चाहेस्वीटी हो या पारोबस पैसा कमाओ, पीछे आएगीहजारों।
गुस्सा बहुत चतुर होता है ,अक्सर कमजोर पर ही निकलता है ।
मतकर इतना यकीन मुझपर,मैं तो खुदको भी धोखे में रखता हूँ..Matkar mujhpar itna yakeen,Main toh khudo ko bhi dhoke main rakhta hoon..
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
कुछ ही देर की खामोशी है, फिर कानों में शोरआएगा ! तुम्हारा तो सिर्फ वक्त है… हमारा तोहदौर आएगा !
तेरी पहचान भी न खो जाए कही,इतने चेहरे ना बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए !!
इश्क़ क्या होता है तुम्हें बताऊंगा मैं बिछड़ने की भी रस्में निभाउंगा जा तो रहे हो मुझे छोड़ कर, मगर याद रखना मैं याद आऊंगा
क्यों अब मेरी जिंदगी का हरसपना सच्चा नहीं लगता,रूठ जाती है सांसें मेरी..यूँ तुम्हारा नाराज होनाहमें अच्छा नहीं लगता
खेर मनाओ तुम की ठीक से हम पीछे पड़े ही नहीवरना जंग तो हम वो भी जीत गएजो हम लड़े ही नही
एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी,फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है ।।
तुझसे प्यार करके ज़िंदा हूँ मैं अपने किये पर शर्मिंदा हूँ
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
कब तक रहेंगे तन्हाइयों में घिरे कोई तो होगा हमारे भी लिए
बहुत से तरीके हैंतुमसे शिकायत करने केपर ना जाने क्यूंमैंने चुप रहना ही चुना हैं.
अपना बना के फिर बेगाना बना दिया भर गया दिल तो बहाना बना दिया। apna bana ke fir begana bana diya bhar gaya dil to bahana bana diya.
शिकायत नहीं बस एक हिदायत है तुम्हारे लिए, फिर से किसी का इस तरह दिल मत तोडना।
हमने चाहा ही उसे उतना की,उसे खूद पे गुरूर हो गया !!
बदले बदले से हो जनाबक्या बात हो गई,शिकायत हमसे है याकिसी और से मुलाकात हो गई..!!
चाहा है तुझको तेरे तगाफुल के बावजूद,ऐ ज़िन्दगी तू भी याद करेगी कभी हमें।
मोहब्बत की हद न देखना जनाब,साँसे खत्म हो सकती हैं, पर मोहब्बत नही.
हम तो शिकायत अपनों से करते थेपर धोखेबाज तो अपना नसीब निकला.
जाने क्या मासूमियत है तेरे चहरे में,आमने सामने ज्यादा छुप छुप के देखने में मज़ा आता है.
हम कोई छोटी सी कहानी नहीं थे,बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुमने !!
इस एक तरफा प्यार में कुछ इस तरह सेमैंने जिंदगी से समझौता कर लिया है!!तेरी बेवफाई को भूल करतेरी यादों से मैंने प्यार कर लिया है!!
मेरे प्यार में ही शायदकोई कमी रह गई होगी…वरना इतना गहरा प्यार करके भीमेरा प्यार एक तरफा ही रह गया!…
क्यूँ सताते हो हमें बैगानो की तरह,कभी तो चाहो चाहने वालों की तरह !!
रूठ जाने का तो एक बहाना है जब सूख गई डाली तो परिंदों ने बदला ठिकाना है
साथ तुम्हारा हरदम चाहते थे तुम्हारे लिए हम आंसू बहाते थे हमने तुम्हें मोहब्बत में मोहब्बत दी मगर तुम हमें हर पल आज़माते थे
सच कहा था किसी ने तन्हाई मेंजीना सीख लोमोहब्बत कितनी भी सच्ची होसाथ छोड़ ही जाती है।
जान देता हूं दोस्तों पर अपने, दोस्तों के लिए मैं ताकत हूं, बन गए हैं जो दुश्मन मेरे, मैं उनके लिए बड़ी आफत हूं।
वो दे रही है दिलासे उम्र भर के मुझे,पर कहीं बिछड़ ना जाए मुझे फिर से उदास कर के !!
छोड़िए शिकायत शुक्रिया अदा कीजिएजितना है पास उसका मजा लीजिए
ना पूछो तो लाख शिकवे है, अगर पूछ लो तो फिर कोई बात नहीं !!
शिकायत करते करते हार गए हम, मुजरिम जीत गए और हार गए हम।
जो इंसान नियम बना कर आजका काम आज करेगा वो इंसानदुनियां पर राज करेगा !
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
नादान समझने वाले, दुश्मन भी इस नादानी में है, हम भी देखते रहते हैं, कौन कितने पानी में है।
जिन दिनों में मैं अपने आप को खुशनसीब मानता था आज वही दिन के उजाले मेरी जिंदगी के अंधेरों का कारण बन गए।
जिंदगी को ख़ुशी से जीनेका एक ही तरीका है.हमेशा मेहनत करते रहोफिर शिकायत करने कीजरूरत नहीं पड़ेगी।
मेरे दिल में तुम्हारे लिए प्यार कितना हैअगर तुम यह जान लेती तो…मैंने जिस तरह दुआओं में सिर्फ तुम्हें मांगा हैउसी तरह तुम भी मुझे मांग लेती…
ना तो तेरी शान कम होतीना रूतबा ही घटा होता ,जो गुस्से में कहा तुमनेवही हंस के कहा होता ।
उसको सबसे बेहतर मैं मानता था मैं उसको अच्छे से पहचानता था उसे किसी का होते हुए भी देखा मैंने मेरा हो नहीं सकता वो… मैं जानता था
खुद को जीने की तसल्ली, मैं बहाने नहीं देता अब तेरी याद भी आये तो मैं आने नहीं देता
अजीब सी दुनिया है यह साहब,यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी के सिवा कुछ नहीं था जो कुछ था उसका था मेरा कुछ नहीं था बर्दाश्त की भी हद थी तभी छोड़ गया वो उसके लिए मुझसे बुरा कुछ नहीं था
जो एक बार दिल से उतर गएफिर चाहे वो कसम खाए, या ज़हरI Dont Care,,
ना किसी से शिकायत ना ही कोई गिला हैनसीब मे जितना था हमे वो मिला है
भीड़ इतनी तो ना थी शहर के बाज़ारो में,मुझे खोने वाले तुने कुछ देर तो ढूँढा होता !!
दिया था साथ तेरा हर मुसीबत में, फिर दोस्ती को अपनी क्यों अधूरा कर दिया, दुश्मन नहीं थे मेरे इस जहान में सुन ले, और तूने उस कमी को भी पूरा कर दिया।
दर्द मुझे ढूंढ लेता है हर रोज नए बहाने से वो शक्स वाकिफ हैं मेरे हर ठिकाने से
मासूम-सी आँखों में मासूम-साअब कुछ न रहा,रहने को गुस्सा और दर्द तो रहा,बस भरोसा ही न रहा।