1349+ Shikayat Shayari In Hindi | शिकायत शायरी

Shikayat Shayari In Hindi , शिकायत शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 25, 2023 Post Updated at: March 30, 2024

Shikayat Shayari In Hindi : जो दूसरों की कभी शिकायत न करे,उन्हें खुद से शिकायतें बहुत होती है !! शिकवा तो हमें अपनी ज़िंदगी से हैं,न जाने मौत किस बात पर रूठ के बैठी है !!

बहुत शौक है न तुझे बहस का,आ बैठ और बता मोहब्बत क्या है !!

उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ मैंने भी तो उसके लिए सारा ज़माना छोड़ा था

जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा

एक उम्र लग गई हमें ये जानने में सिर्फ कहने से कोई अपना नहीं होता

दुश्मनी हमसे कब तक निभाओगे, एक दिन टूटकर बिखर जाओगे, देखो अभी भी वक्त है साथ दो मेरा, बरना सिर्फ तस्वीरों में नजर आओगे।

आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त  सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..

तेरा ख्याल भी है क्या गजब,जो न आये तो आफत,और जो आ जाए तो कयामत.

पहचान कफ़न से नहीं होती हैं दोस्तोंलाश के पीछे काफिला बयां कर देता हैंरुतबा किसी हस्ती का हैं.!

हम भी अब मोहब्बत के गीत गाने लगे हैं,जब से वो हमारे ख्वाबों में आने लगे हैं.

तुझे भी खुद से नफरत होने लगेगी अंधेरों की तुझे भी आदत होने लगेगी तब तुझे पता लगेगा आखिर इश्क़ है क्या, इश्क़ है क्या

थका हु थोड़ा रुका नही हुकोई इज्जत पे वार करे इतनाझुका नही हु..!!

नाकाम मोहब्बत भी बड़े काम की होती है दोस्तों,दिल मिले ना मिले पर इलज़ाम जरुर मिल जाता है !!

लिखना नहीं था आता उनकी याद लिखवाती है जिन्हें हमारा ख्याल नहीं वो याद आती है।

किसी ने खूब कहा हैं,मोहब्बत नहीं जनाब,यादे रुलाती हैं..Kisi ne khoob kaha hain,Mohabbat nahi janab,Yaade rulaati hain…

यह इश्क, मोहब्बत भीनसीब का खेल हैभले ही एक तरफा प्यार होलेकिन होना हो तो हो ही जाता है!!

रिश्ते टूट न जायें इस डर से बदल लिया है खुद को,अपनी ज़िद से ज्यादा रिश्तों को अहमियत दी है मैंने !!

सुनकर यह कैसा फसाना हो गया, दुश्मन हमारा सारा जमाना हो गया, हम करते रहे भलाई यारों की और, दुश्मनों से ही उसका याराना हो गया।

न होगी कोई शिकायत बीती बातों का,गर फिर से आप मेरे मेहरम बन जाओ !!

चाँद सी सूरत जो रब ने दे दी थी तुमको,काश रौशन मेरी किस्मत का सितारा करते !!

के अब रहा नहीं जाता के अब सहा नहीं जाता शिकायत है बहुत उनसे मगर कुछ कहा नहीं जाता

भुलाना चाहा था मैंने तुझे…लेकिन यह हो ना सका!..प्यार करना चाहा दो तरफा,लेकिन यह एक तरफा बनकर रह गया!.

उन्हीं सपने दिखाने की आदत थी और हम बोलते रहे उनको झूठ बोलने की आदत थी और हम सुनते रहे।

नज़र की अपनी कोशिश थी ये दिल के अपने मसले थे वो मिलकर भी था मिला नहीं हाल कुछ ऐसे बदले थे

“ जिन्होंने रातों को जागकरसूरज को जगाया है,उन्होंने ने ही इतिहास बनाया है।

क्या वो भी मेरे जैसा प्यार करता है तुझसे तेरी बातें हज़ार करता है क्या उसको मेरे बारे बताया था तूने क्या मेरी तरह तुझपे जान निसार करता है

जिन्हें साँसों की महक से इश्क़ महसूस न हुआ हो,वो गुलाब देने भर से हाल ऐ दिल क्या समझेंगी !!

ये दुनिया किसी काम की हो न हो, पर तुम्हे नीचा दिखने में और तुम्हारा फायदा, उठाने का काम ये बखूबी करते हैं !

दिल का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो,अपनी आँखों में किसी को उतार कर तो देखो,चोट उन्हें लगेगी दर्द तुम्हे होगा,जरा अपना दिल एक बार हार कर तो देखो.

एक एक करके सब जुदा हो जायेंगे मैं इंसान ही रहूँगा सब खुदा हो जायेंगे

मिल जाए फिर कोई बहाना मुश्किल है मेरा उसकी गली में आना मुश्किल है भूला हूँ कुछ इस क़दर मैं उसको अब तो उसकी याद भी आना मुश्किल है

बिन तेरे मेरी हर ख़ुशी अधूरी है,फिर सोच मेरे लिए तू कितनी ज़रूरी है.

न तेरी शान कम होती न रूतबा ही घटा होता ,जो गुस्से में कहा तुमने वही हंस के कहा होता ।

रिश्ते में कुछ शिकायत बनी रहे तो ही बेहतर है,चाशनी में डूबे रिश्ते भी बहुत वफादार नहीं होते।

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है,बस मुद्दतों से मिला ही नहीं कोई शिद्दत से चाहने वाला !!

थोड़े गुस्से वाले थोड़े नादान होतुम मगर जैसे भी हो मेरी जान हो तुम ।

क्या खूब इश्क था तेरामुझे समझना तो बहुत दूर की बात है!…तूने मुझे कहीं और दिललगाने केलायक भी नहीं रखा!…

रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ,तुमने जरा सी बात को अखबार बना दिया !!

तूने क्या सोचा डर जाऊँगाबेटा बाप हूँ तेरे घर तक आऊँगा

इंतेजार है मौके का क्योंकि,अब हिसाब होगा हर धोके का !

जिसे फूल समझकर संभाल कर रखा उसी ने काटे चुभोएं हैं हमें

प्यार एक तरफा ही सहीलेकिन जीने का सहारा था!…इस झूठी उम्मीद के सहारेमैंने वक्त अपना गुजारा था!…

उनका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है ,क्यूंकि ना ही उनका गुस्सा कम होता है ,ना ही मेरा प्यार ।

करनी थी शिकायत मगर इबादत हों गईनाराज़गी थी मगर तेरी आदत हों गई।

तेरे बदलने का दुःख नहीं हैं मुझकों,हम तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हैं..Tere badalne ka dukh nahi hain mujhko,Hum toh apne yakeen par sharminda hain…

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

मेरे हार जाने का वो, न जाने कब से इंतजार कर रहे हैं। कम अकल हैं मेरे सारे दुश्मन, अपना समय बेकार कर रहे हैं।

मैं वो नही जो तुझे गम में छोड़ दूँ,मै वो नही जो तुझसे नाता तोड़ दू,मैं वो हूँ जो तेरी साँसे रुके तो,अपनी साँसे छोड़ दूँ.

मैं यह नहीं कहता की मेरी खबर पुछो तुम,खुद किस हाल में हो इतना तो बता दिया करो !!

फायदा कुछ नज़र आता नहीं शिकायत करने का मुझे, मुनासिब यही रहेगा की मैं घाटे में रहूँ।

गुलाम थे तोहम सब हिंदुस्तानी थेआज़ादी ने हमेंहिन्दू मुसलमान बना दियाGulam the to Hum Sab Hindustani theAzadi Ne HamenHindu Musalman bana diya

अपनी बदमाशी का आलम कुछ ऐसा हैदुश्मन तो दुश्मन साला जमाना भी हमसेखफा है ।।

ना ही है नाराज़गी, ना ही है बेरूख़ीना ही अब शिक़ायत बची कोईज़िन्दगी ने अब जाकर जानाइस क़दर ग़ैर भी हो सकता है कोई।

मरने की बात पे जो हाथ रखते थे होंठों पर वो अब बद्दुआ देते हैं के खुश ना रहोगे तुम

आशिकी करने को दिल नही करता है अब,लेकिन तेरा चेहरा देखते ही दिल फिर आशिक हो जाता है.

वो शख़्स जो झुक के तुमसे मिला होगाय़कीनन उसका क़द तुमसे बड़ा होगा …!

एक पहेली है सुलझाओगे ?मेरे हो या नहीं ये बतलाओगे ?

अक्सर उस इंसान के साथ बुरा हो जाता है जो सब को खुश रखने की कोशिश करता है।

ख्वाबो में आकर दिल में उतर जाता हो,खुशबू बन कर सांसों में बिखर जाते हो,क्यों करते हो इश्क का जादू,अब तो हर तरफ तुम ही तुम नज़र आते हो.

तुम ही से डरते हैं, तुम्ही पे मरते हैं,तुम ही जिंदगी ही हमारी,तुम्ही से हम सबसे ज्यादा प्यार करते हैं.

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।

शायद मैं इसलिए पीछे हूँ मुझे होशियारी नही आती बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी मगर मुझे गद्दारी नहीं आती

ये जो मासूम लोग होते है न ,वो गुस्से में भी रोने लगते है ।

जिंदगी में आए दुश्मन बड़े-बड़े, लेकिन हम कभी किसी से नहीं डरे, दुश्मनी करना है तो कद ऊंचा करो, क्योंकि हम चूहे नहीं मारते।

लोग भी कमाल करते है,भाई भाई बोलकर इस्तेमाल करते है!

बुरे नहीं हैं हम बस किसीको अच्छे नहीं लगते !

मेरी कामयाबी से जलने वालोये मेरे हक़ की कमाई हैमैन तेरे बाप के पैसों की रोटियां नही खाई है

तेरे ही प्यार से मेरा ये दिल धड़कता है,तेरे ही नाम से मेरा ये दिल बहकता है,मेरे इस दिल की वेबफाई को तो देखो,मेरा है पर तेरे लिये ही धड़कता है.

कुछ पल का साथ देकर तुमने,पल पल का मोहताज बना दिया !!

खो गयी है ख्वाहिशें ज़माने में हम तो अब बस ज़िम्मेदारिया निभाते हैं

सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कोई हाथ से ले जाए पर नसीब से छीना नहीं जा सकता है

तू शिकायत छोड़ तुझसे कभी बात भी नहीं करूंगा, तू तो बस मेरे मैं को लौटा दे।

शिकायत है खुदा से तेरा मुझे यूँ छोड़ कर जाना,फिर सोचा मर्ज़ी तुम्हारी थी तो खुदा को क्यों बीच में लाना !!

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