Sherni Shayari In Hindi : हां कुछ ऐसा ही Attitude है मेरा…जो जैसी जुबान बोलेगा…उसको उसी भाषा में जवाब मिलेगा!! जिसे मेरी बुराई करनी हैवह जी भर के करोजिसकी जैसी औकात होगीवह वैसा ही तो काम करेगा!!!
नफरत नहीं हम प्रेम के आदि हैहमें गर्व है हम हिन्दूत्व वादी है .जय श्री राम
अपनी खुशियों का घोट कर गला तुमने,जमाने की हर रीत तुमने निभाई,दुआ है रब से अब कोई गम ना आए,तेरी जिंदगी में बहना।
आशिकी उनसे पूछिए जिनके लबो पे, दुरुद औ सलाम रहता है, उनके हर ख्याल में हुज़ूर का ही ख्याल रहता है।
उंगली उठाने वालों जरा संभल केमेरा अभी वक्त बुरा हैइसलिए चुप बैठी हूंजब मेरा सही वक्त आएगातो तुम को भी दिखा दूंगी
चर्चे हमेशा उन्ही के हुआ करते हैं, जिनके अंदाज़ अलग हुआ करते हैं।
सजा कोई भी दो मगर नजर के सामने रहो, क्योंकि तुम्हारे बिना जीने की आदत नहीं मुझे !
मैं ना ही सुल्तान हूँ, ना ही devil, मैं सिर्फ हिन्दू हूँ, हमारी baby को base नहीं भगवा पसंद होना चाहिये।🚩
भाड़ में जाये लोग ओर, लोगो की बातें, हम वैसे ही जियेंगे, जैसे हम है चाहते।
पूरा हक है तेरा मुझ पे तू सब जताया कर, मैं ना पूछूँ मुझे फिर भी सब बताया कर !!
तभाही का दौर है साहब, शांति की उम्मीद हमसे ना रखिये।
हिन्दू पुत्र हूँ माँ भारती का, मैं कैसे डर जाऊंगा मैं मिट के अमर रहू या ना रहू, लेकिन भगवा अमर कर जाऊंगा
किसी ने गैंगस्टर बनना है – किसे IPS बनना है….पर हमने हर जन्म में वीर गुज्जर बनना है….
दिखावे की महोब्बत से अच्छा है,हमसे नफरत कीजिए जनाब, हम सच्चे जज्बातो की बहुत कदर करते है।
“हर प्रकार की बुरी नज़र से बचाकर रखेंगे हम हमारी आस्था कोजिस आस्था द्वारा हम में करुणता का भाव उत्पन्न हो पाया…”-मयंक विश्नोई
Attitude तो बच्चे दिखाते है,गुर्जर तो लोगो को उनकी औकात देखते है….
शिकायत है तो प्यार भी है,मार्गदर्शन है तो जिम्मेदारी भी है,बड़ी पक्की है भाई बहन की ये दोस्ती।
माँ, माटी और मातृभूमि के लिए बलिदान देना हर एक के बस की बात नहीं होती। इसके लिए समर्पण की भावना होनी चाहिए।
मुझे इस दुनिया से कोई हमदर्दी नही है,मैं अपनी धुन में चलने वाला परिंदा हूँ।
सुधरी हे तो बस मेरी आदते वरना मेरे शौक, वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं।
शेरनी के चुप रहने सेजंगल में बंदरियो काराज नहीं हो जाता
बहस ऐसी भी मत करो किसी के साथ की बहस खत्म हो जाए,लेकिन रिश्ता भी खत्म हो जाए।
किसी के बाप से नहीं डरती क्योंकियह इजाजत देने वाले मेरे मां बाप ही है
हम अपने अंदाज में मस्त रहते हैंजरूरी नहीं कि हम सबको पसंद आए।
बेटे तू हम #गुज्जर की क्या रीस करेगा,हम तो 30 बन्दे मारके नु कह दिया करे,लड़ाई में स्वाद नही आया…
हम कोई शायर नहीं जो किताब लिखेंगे, हम बादशाह है जब भी लिखेंगे इतिहास लिखेंगे।
Look ही Attitude वाली है,दिल में कोई घमंड नहीं हमारे
मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरनाशायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता
Maa Shayari in Hindiसुना - सुना सा मुझे घर लगता हैमाँ नहीं होती तो बहुत डर लगता है
मुझे गलत कहने वालों… पहले अपने आप कोसही तो साबित करके दिखाओ….फिर मुझे गलत कहना!!
कलम की धार तेज कर” स्याही खुन की बना दो, हर एक हिन्दू के अन्दर भगवाँ को जगा दो जय श्री राम।🚩
खुद की तुलना नहीं करता मे किसी और से, हमारे जैसा कोई नहीं इस दौर में ।
मशहूर होने का शोक नही है लेकिन,क्या करे लोग नाम से ही पहचान लेते है।
घर घर भगवा छाएगा राम राज फिर आएगा.एक ही नारा एक ही नाम जय श्री राम .समय शेष है शपथ धर्म की खाना हैअब भारत देश मैं भगवा राज़ लाना है .जय श्री राम
अगर बुराइयां करने का इतना ही शौख हैंतो सामने किया करो, क्योंकि पीठ पीछे तोकुत्ते भोका करते हैं,शेर हमेशा सामने आकर ही जवाब देता हैं।
खुद को शेर कहने से पहलेअपने पैरों पर खड़ा होना तो सीख लो.
शेर को जगाना और हमे सुलाना,किसी के बस की बात नहीं।हम वहां खड़े होते हैं,जहा मैटर बड़े होते हैं।
मैं दिल की तो बहुत साफ हूं लेकिनजुबान की कोई गारंटी नहीं ले सकती।
सुधरी है तो बस मेरी आदतें वरना मेरे शौक, वो तो आज भी तेरी औकात से ऊंचे है।
हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज हो, वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है…
महबूब का घर हो या फरिश्तों की ज़मी…जो छोड़ दिया फिर उसे मुड़ कर नहीं देखा
तुम जलन बरकरार रखना, हम जलवे बरकरार रखेंगे।
तुम ही हमारे घर की शान हो, हमारा अभिमान हो, तुम ही खुशियां की खान हो, हमारे चेहरे की मुस्कान हो।
“जीत की जयकार हैं, हम प्रकृति का विस्तार हैंजो रोके हमारे क़दमों को, हम हर उस बुराई का संहार हैं…”-मयंक विश्नोई
शेर की शेरनी है वो कभी हार नही मानेगी...करके रहेगी जो करना है उसको एक बाजी मार के ही वो दूसरी बाजी की ठानेगी...
कुछ लोगों का प्यार कभी नहीं बदलता,उन्हें ही माँ – बाप कहते है..!! mata pita shayari
मसल ने की बात तो दूर रही तुझेबिना फुक मार के भी उड़ा सकते हैं.
जो लोग हमे इग्नोर करते हैंउनको हम वही चीजरिटर्न गिफ्ट के तौर परहम लौटा देते हैं
हमसे जलने वालों और हम पर नजर रखने वालोंजरा ध्यान से सुन लो…. हम कल भी “बेमिसाल” थेऔर आज भी “कमाल” के हैं!!
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेंगे, शहर तुम खरीद लो पर हुकूमत हम चलायेंगे.
कमल बनो कीचड़ नहीं,शेर बनों गीदड़ नहीं।
हम हम हैं जिसको देख ले एक बार तिरछी नजरों से,पास उसके सांसे बचती कम है।
तेरी दहाड़ से ज्यादा, मेरी ख़ामोशी का खौफ है।
अकड़ तोड़नी है उन मंजिलों की,जिनको अपनी ऊंचाई पर गरूर है।
आँख उठाए जो कोई हिन्दुस्तान की ओर, वह आँख ही फोड़ दूंगा, जो मौका मिला, भारत तो क्या पाकिस्तान की हर मस्जित पर भगवा गाड़ दूंगा।🚩
नाम और पहचान भले ही छोटा है हमारा, मगर जितना भी खुद के दम पर है।
रफ्तार कुछ जिंदगी की यू बनाये रखी है हमने,कि दुश्मन भले आगे निकल जाए पर दोस्त कोई पिछे ना छुटेगा।
शेर की तरह अपना जीवन वहीव्यक्ति व्यतीत कर सकता हैंजिसे खतरे उठाने से भय ना लगता हो।
भले ही अभी वक्त सही नही चल रहा है हमारा,लेकिन एक समय आयेगा जब घडिया तुम्हारी होगी,और वक्त हमारा होगा दोस्त।
नाम तेरा ऐसे लिख चुके है अपने वजूद पर, कि तेरे नाम का भी कोई मिल जाए तो भी दिल धड़क जाता है।
नजर से हमारी जो एक बार गिर जाता है,फिर फर्क नहीं पढ़ता है की जिंदा है या मर गया।
बदमाश तो हम शुरू से ही है,जनाब लेकिन कभी दिखाई नहीं जिस दिन दिखा दी,,उस दिन लोगों का घर से निकलना बंद हो जाएगा।
वो मेरी न हुई तो,इसमें हैरत की कोई बात नही,क्योंकि शेर से दिल लगाये बकरी,की इतनी औकात नही…
दिल पर भगवा प्रेम छाया हैंराम राज फिर आया हैंदेख ताक़त हिन्दू कीपूरा संसार घबराया हैं .
मैं छुईमुई सी रहूँ, ये ना पसंद तुमको,तुम्हें मुझे शेरनी बुलाना अच्छा लगता है।
परख ना सकोगे ऐसी शख्सियत है मेरी, मैं उन्हीं के लिए हूं जो जाने कदर मेरी..
परिवार के चेहरे पे ये जो मुस्कान हसती है,“पिता” ही है जिसमे सबकी जान बस्ती है..!!
दौड़ में चीता तेज, शरीर में हाथी बड़ा,लंबाई में जिर्राफ ऊँचा, फिर भी जंगल पर राज,सिर्फ शेर का ही होता है।
इतिहास #गवाह है जिसे इस दुनिया में “बेइज़्ज़त” होने का डर रहा है उसकी कभी ज़माने में कभी #इज़्ज़त नहीं हुई।
हमने तो वक्त के पहियों को धीरे से चलते देखा है लोग गैरों की बात करते हूं हमने तो अपनों को मुसीबत में बदलते देखा है ।
शेर की तरह बनिए निडर वो भेड़ की सलाह से अपने जीने का अंदाज़ नहीं बदलता।
शेर के पाँव में अगर काँटा चुभ जाए,तो उसका ये मतलब नहीं की अब कुत्ते राज करेंगे।
खामोशियों का होता है रुतबा,तो जनाब शब्दों का क्या है वो तो बदलते रहते हैं।