Shayari On Weather In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
ईस बरसात में हम भीग जायेंगे, दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे, अगर दिल करे मिलने को तो याद करना.. बरसात बनकर बरस जायेंगे!
उदास जिन्दगी लगती है,उदास वक़्त लगता है,उदास ये मौसम लगता है,जब उदास तू लगता है.
पहली बारिश का नशा ही, कुछ अलग होता है, पलको को छूते ही, सीधा दिल पे असर होता है !
मौसम बदलने की राह तकते हैं, बारिश की बूंदों के लिए तड़पते हैं।
रात हो या सुबह बस एक फरियाद आती है, जब भी आंखें खोलता हूं बस तेरी याद आती है। गुड मॉर्निंग!
शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे!!तभी बारिश होने लगी!!मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा!!
ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना, . . . . . . . . . . सर्दी आ गई अब भाङ में जाए नहाना।
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की!
दिन छोटे और रातें लम्बी हो चली है मौसम ने यादों का वक्त बढा दिया. dil chote aur rate lambi ho chali hai mausam ne yadon ka waqt bada diya.
अब के सावन मे पानी बरसा बहुत, पानी की हर बूँद मे वह आये याद बहुत, इस सुहाने मौसम मे साथ नही था कोई, बादलों के साथ इन आँखों से पानी बहा बहुत…
बहुत अफ़सोस हो रहा है उन बेचारे लड़के-लड़कियों पे जो, . . . . . . . . . कंबल, रज़ाई में छुप कर कॉल और मैसेज किया करते थे। अब करो, हाय रे गर्मी!
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है,क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारों,अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है…Advertisement
जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा हैनज़रों का कहर दिल में दबा रखा हैअपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा हैहमारे मौसम को धुंए में जला रखा है
बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर,किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर.
बारिश का मौसम बहुत ही romantic होता हैं लोग अक्सर बारिश मे अपने साथी हो miss करते हैं
जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो, तो संग मौसम बहार का लाते हो।🌈
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।
एक ख्वाब ने आँखे खोली हैं, क्या मोड़ आया है कहानी मे वो भीग रही थी बारिश में और आग लगी है पानी में
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है।वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।।
कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा धीमी बरसात का है,हमे तुम यूँही पागल मत समझोयह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।
कुछ नशा तो आपकी बात का हेकुछ नशा तो धीमी बरसात का हेहमें आप युही शराबी ना कहिएइस दिल पर असर तो आप से कीमुलाकात का भी हे।
सर्द मौसम में आग लगाया ना करों,बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों.
इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम,हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम.
झिलमिलाते हुए अश्कों की लङी टूट गई जगमगाती हुई बरसात ने दम तोड़ दिया
“कपडे भींग जाते है बारिश में धोने पड़ते है आके वापस घर पर जो मन की गंदिगी होती है! जो उसको धुलने के लिए तो बारिश की एक बुँदे ही काफी होती है,
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।
बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबब्त में आंखे !
मिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकात रह गई!!बादल तो घर आये थे!!बस बरसात रह गई!!Barish Status
सड़कों पर जमा पानी देखकरशहर की बारिश का पता चलता है,जब गाँव में बारिश होती हैतब बाग़-बगीचों और खेतों मेंहरियाली ही हरियाली नजर आती है.
इस मौसम ने सबको सताया हैजो भीगा नहीं था …..आज उसको भी भिगाया हैकीचड़ में भिगाया हैनाले में बहाया हैइस मौसम ने सबको नचाया है
ए बादल इतना बरस के नफ़रतें धुल जायें!!इंसानियत तरस गयी है मुहब्बत के सैलाब को!!
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है.
दिसंबर सा मैं जनवरी से तुमकरीब हो के भी बहुत दूर हैं हम!
चेहरे पर मुस्कान और भी बढ़ जाती है, जब हर सुबह गुड मॉर्निंग मैसेज का जवाब आता है।
आज फूल भी निखरे निखरे है, आज उन में तुम्हारा अक्स भी है आज हलकी हलकी बारिश है, आज सर्द हवा का रक्स भी है
हर दिन आपके लिए खास हो, आप जो चाहो वो आपको पास हो, जीवन से रात का अंधेरी दूर हो, आपकी जिंदगी में हरदम उजाला हो। गुड मॉर्निंग!
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है
सभी मौसम में बारिश का, मौसम मुझे भाता बहुत है, जब आता है तेरी याद संग लाता है !
तेरे ख्यालों में चलते चलते!!कहीं फिसल न जाऊं मैं!!अपनी यादों को रोक ले!!शहर में बारिश का मौसम है!!
कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की।मौसम की तरह तुम बदल गएऔर फसल की तरह हम बरबाद हो गए।
सुहाने से मौसम में रूहानी सी बात कह गई !!उससे प्यार नही करना था मगर प्यार हो गई !!पेड़ यहाँ कुछ सदा-बहार भी होते हैंमौसम मौसम तुम भी फूला-फला करो
न जाने क्यू अभी आपकी याद गइमौसम क्या बदला बरसाद सी आ गइमेने छूकर देखा बूंदो को तोहर बून्द में आपकी तस्वीर आ गइ।
मुझे मार ही न डाले इन बादलों की साज़िश , ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो
मत पूछ कितनी “मोहब्बत ” है मुझे उस से , बारिश की बूँद भी अगर उसे छु ले तो दिल में आग लग जाती है
इन आँखों से दिनरात बरसात होगी अगर ज़िंदगी सर्फ़एजज़्बात होगी.
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था.
प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं !!पर जब तुम सामने आते हो !!तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं !!
जनवरी की सर्दी, हल्की-हल्की बारिस की बूदें!!तुम्हारा वो गले से लग जाना याद आता हैं!!
मुझे मार ही ना डाले!!इन बादलों की साज़िश!!ये जब से बरस रहे हैं!!तुम याद आ रहे हो!!
आज बारिश की बूंदों से जलन हो रही हैं!!जिसे मैं छू नहीं पाता!!उसे वो अपनी बूंदों से छू-छू कर भीगा रही है!!
हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने,बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने..
रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के !!आया है अब तो मौसम कैसा खुमार बन के !!मेरे दिल में यूँहीं रहना तुम प्यार प्यार बन के !!
क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी,सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा।।
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे, मैं इक शाम चुरा लूँ अगर बुरा ना लगे, डूबना है तो इतने सुकून से डुबो कि आस-पास के लहरों को पता ना लगे.
मौसम मौसम याद में तेरी तन्हा हम ने काट दिएइक लम्हे के मेल का रिश्ता सच है कोई रिश्ता भी
वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम, वही आहट। शरारत है, शरारत है, शरारत है, शरारत है।
भीगे मौसम की भीगी सी सूरत; भीगी सी याद भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें; वो भीगा हुआ साथ; मुबारक हो आपको आज की खूबसूरत बरसात!
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है,जिसमे आधे कपड़े और ठंडे
परदेस में क्या महसूस करें!!बारिश का मज़ा मिट्टी की महक़!!जब गाँव में अपने होती है!!बरसात से खुशबू आती है!!
हमें बारिश इसलिए पसंद हेक्योकि बारिश में हम दिल खोलकररो सकते हे और किसी कोपता भी नहीं चलता
अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा है !!खुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आना !!ओह अरे मुझे शता रहा है !!
वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम का सलेक्शन, द्रविड़-रोहित और चयनकर्ताओं की दिल्ली में बैठक, संभावित खिलाड़ियों का चयन!
“बारिश की सोर ही ऐसा सोर है जो शांति देती है! बाकि शांति वाले हालात में भी मैंने अंदर से बहुत सोर होते सुना है,
बरसता भीगता मौसम धुआं धुआं होगा,पिघलती शम्मों पे दिल का मेरे गुमां होगा…!!
न कोई छत्रछाया है,न कोई मोह माया है,बारिश से ज्यादा तो मुझकोतेरी यादों ने भिगाया है।
इस बरसात में हम भीग जायेंगे,दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,अगर दिल करे मिलने को तो यादकरना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूं!!घर से आजकल!!वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगनें का!!
मौसम का रुख बदल रहा है मेरा मन मचल रहा है। कहता है मेहबूब से मिल ले अब दिल नहीं संभल रहा है।
सुनो महसूस करो बादल की गरजबिजली की चमकबारिश की एक एक बूँदतुमसे चीख चीख कर कह रही है???आज तो नहा लो
अर्ज़ किया है!!चलो हो जाये फ़ना!!नज़ाकत-ए -मौसम पर!!क्यूंकि खुदा की इनायत!!बार-बार नहीं बरसा करती!!
रास्तों में सफर करने का मज़ा आ जाता है!!जब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है!!
पराया सा समझने लगा है मुझे, जो था कभी हमदम की तरह।