Shayari On Saree In Hindi : आज मैंने साड़ी क्या पहनी,मुझे खुद से इश्क़ हो गया. तारीफ़ करता था मैं उसकी जुल्फों की,मेरे लफ़्ज कम पड़ गये जब उसने साड़ी पहन ली
रोने से किसी को पाया नहीं जाता,खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता।वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए।
हर गली, हर शहर, हर देश-विदेश देखा, लेकिन मां तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा।
ऐसा लगा मेरे सनम हम जो यहाँ मिले, सहारा में जैसे शबनमी चाहत के, गुल खिले ये जमीन आसमान कह रहे, हम तो कभी ना होंगे जुदा !
कहते हैं कि दुनिया में पहला प्यारकभी भुलाया नहीं जा सकता।तो फिर लोग माँ का प्यारकैसे भूल जाते हैं?
पता नही हम कब उसके चेहरे को देख उस पर है फिदा, हम अपने हमसफर से कभी नही होगें जुदा।
चेहरे की मुस्कान तेरी और भी कमाल होतीबस लाल साड़ी पर तेरी बिंदी भी लाल होती
इश्क वो नहीं जो तुझेमेरा कर दे,इश्क वो है जो तुझे किसीऔर का ना होने दे।
“ गज़ब हो तुम येनखरे तुम्हारे बवाल,पहनती हो जबतुम साड़ी लगती हो कमाल…!!
वो लिखा के लाई है किस्मत में जागना, माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है।
तेरी तारीफ में शब्द कम पड़ गए तुझको देखकर मेरे दिल में अरमान जग गए।
जरूरी तो नहीं है कि,,, नज़दीकियों में ही प्यार हो, फासलों में भी इश्क की बुलंदिया देखी है, मैंने ।
माँ की बची हुई मिल्कत के तोहिस्से हो जाते हैं लेकिनक्या कभी उनके दुखों के भी हिस्से कीए??
कुछ शिकायते बनी रहेतो बेहतर हैचासनी मे डूबे रिश्ते वफ़ादार नहीं होते।
दोस्ती शब्द का मतलब बड़ा ही मस्त होता हैं,दों हस्ती जब दों हस्ती मिलती है,तब दोस्ती होती है.
“ लाल साड़ी पहनकर जब तुम आती हो,सबके दिलों पेफिर कहर ढाती हो…!!
मेरे सांसे बंद सी हो जाती हैजब कभी भी मेरी मां बीमार होती है
हर दोस्ती दिल के करीब नही होती,गमो से ज़िंदगी दूर नही होती,ऐ मेरे दोस्त दोस्ती संजो के रखना,हर किसी को दोस्ती नसीब नही होती.
“ अब रखूंगा हमेशा ही घर में दफ़न.उसकी साड़ी जोअब तक जलाई नहीं…!!!
पता नही तुम कब हमारे दिल में बस गए, अब हमारी जिंदगी बन गए।
“माँ” यानी एक घना पेड़जो खुद तो धूप और बारिश में खड़ी रहेगी,लेकिन बच्चों को हर मुसीबत से बचाए रखेगी।इसीलिए तो“माँ” ही है “भगवान का दूसरा रूप”
कहाँ से लाऊँ वो लब्ज जोसिर्फ तुझे सुनाई दे,दुनियां देखे चांद को और मुझेसिर्फ तू दिखाई दे..!
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है,ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है।उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं,मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।
– रहते हैं आस-पास 👬🏻 ही लेकिन साथ 😊 नहीं होते, कुछ लोग जलते 💥 हैं मुझसे बस खाक 🛎 नहीं होते
जब आप एक साड़ी को गलेलगाते हैं तो आप अलग #चमकते हैं।
मोहब्बत का कोई रंग नही फिर भी वो रंगीन है,प्यार का कोई चेहरा नही फिर भी वो हसीन हैं।
माँ मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,अपने हाथों को चूल्हे में जलाना याद आता है।
जो दूसरों के चहेरों पे मुस्कराहट देखना चाहता है। ऊपरवाला उनकी मुस्कराहट कभी नहीं छीनता !
वक़्त, दोस्त और रिशतेवो चीजे है जो हमें मुफ़्ती मिलती हैपर इनकी किमत का पता तब चलता हैजब ये कही खो जाते है।
यूँ तो हर कपड़े में खूबसूरत दिखती होपर साड़ी में तो हद ही पार कर देती हो
तेरा चेहरा कितना सुहानालगता है,तेरे आगे चांद भी पुरानालगता है।💕
माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया।
एक गरीब “माँ” की झोपड़ी मेंपांच बेटे तो समा जाते हैं,लेकिन 5 बेटों के बंगलों मेंएक “माँ” नहीं समाती।😧😔
देखा उसे साड़ी में तो दिल के धड़कने का एहसास हुआमन में पल रहे ख्वाबों को सम्भालना आसान न हुआ
आज मैंने साड़ी क्या पहनी, मुझे खुद से इश्क़ हो गया
कुछ राज़ तो क़ैद रहने दो मेरी आँखों में,हर किस्से तो शायर भी नहीं सुनाता है।
– बेशक हमारी गेंग छोटी है पर सदस्य उसमें सारे सुलतान मिर्जा जैसे रखते है…
खुदा न करे आपको कोई ग़म हो,और सिर्फ खुशियां और हंसी मिले.ग़म जब भी बढ़ चले आपकी और,खुदा करे रास्ते में उसे पहले हम मिले..🎂Happy Birthday🎂🎀🎁
चेहरे की मुस्कान तेरी और भी कमाल होती,बस लाल साड़ी पर तेरी बिंदी भी लाल होती..!!
दिल से निकली दुआ है हमारी ज़िन्दगी में मिले आपको खुशियाँ सारी
माँ की आंचल के साए में कोई गम छूट भी नहीं पाता हैजब माँ के गोद में सोता हूं तो आसमान को छू लेता हूं
“ हर एक साड़ी,एक कहानी कहती है…!!
मुझे तेरा साथ ज़िन्दगी भर नहीं चाहिए,बल्कि जब तक तू साथ है,तब तक ज़िन्दगी चाहिए।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे।यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
चलो आओ अजनबीबनकर फिर से मिलेतुम मेरा नाम पूछो मैं तुम्हारा हाल पुछू।
कुछ ज़ख्म इंसान के कभी नहीं भरते
माँ अपनी पसंद को नापसंद करकेहमारी पसंद को अपना लेती है
चाहे घर में कितने ही कमरे हो,लेकिन रौनक वही होती हैजहां पर “माँ” बैठी हो।
चलती फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।
सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ, कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ।
व्वा, आज सचमें मुझे मेरे बड़े भाई की याद दिला दी आपने! बहोत खूब
ना मेरा दिल बुरा था,ना उसमे कोई बुराई थी।बस नसीब का खेल है,क्योंकि किस्मत में जुदाई थी।
“ तारीफ़ करता था मैं उसकी जुल्फों कीमेरे लफ़्ज कम पड़ गयेजब उसने साड़ी पहन ली…!!!
दिल मजबूर हो रहा हैतुम से बात करने कोबस जिद ये है कि ☝️☝️बात की शुरुआत तुम करो..
मेरी जिंदगी में सारी खुशियाँ तेरे बहाने से है,आधी तुझे सताने से है,आधी तुझे मनाने से है।
दुनिया की कोई चीज ऐसी नहीं होगीजिसे खरीदा ना जा सकेलेकिन माँ की ममता ऐसी होती हैजो किसी कीमत में बाजार में नहीं मिलती
दिल लगा के दिल तोड़ गयी वो, प्यार का पाठ पढ़ा कर भूल गयी हमें, ओ बेवफा,अब किसी से भी दिल मत लगाना , क्यूंकि वो भी मेरी तरह चैन की सांस ना ले पाएगी!!
थोड़ा सा रफू करके केदेखिए नाफिर से नई लगेगी ज़िन्दगी तो है।
रंग साड़ी का और निखरेगा,फूल गेंदे का इक लगाओ तो..!!
माँ की एक प्यारी सी smile हीमेरे दिन भर की थकान मिटा देती है
कुछ भी बोले बिनाजो हमारा दुख समझ जाए वह है “माँ”
“ कभी जींस कभी सूट,यूँ तो हर लिबास में तुम कहर ढाती होमैं पलके गिराये बिना देखता रहता हूँ,जब ब्लैक साडी में मिलने आती हो…!
प्यार वो नहीं जिसमें Attitude औरEgo हो, प्यार तो वो है,जिसमें एक रूठने में Expert हो तोदूसरा मनाने में Perfect हो।
मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है,कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है,बिक जाता है हर रिस्ता इस जमाने में,सिर्फ दोस्ती ही यहाँ नोट फॉर सेल है.
“ जब सफेद साड़ी परलाल बिंदी लगाती हो,कसम से एम्बुलेंस नजर आती हो,वो तो घायलों को लेकर जाती है,और तुम घायल कर के जाती हो…!!
तेरे ख्याल से ही एक रौनकआ जाती है दिल मेंतुम रूबरू आओगे तो नाजाने क्या आलम होगा..!
“ लाल साड़ी में खूबसूरत लगते हैऐसा वो हमेशा कहते हैअब उन्हें कैसे बताएं हमतैयार भी तो उनके लिए ही होते है…!!
बेशक बातें कम हो गई हैं,पर फिक्र हर पल रहती हैं तेरी…Beshak baatein kam ho gayi hain,Par fikra har pal rahti hain teri…
पता नहीं उसके हाथों में क्या जादू है?माँ के जैसी रोटियांकोई बना ही नहीं सकता।
यकीन तो सबकोझूठ पर ही होता है सच को तो अकसरसाबित करना पड़ता है।
“ जब मैं एक साड़ी पहनता हूं,तो ऐसा महसूस होता हैकि मैं आपको अपनेचारों ओर लपेट रहा हूं…!!
हम हंसते तो हैं लेकिन सिर्फ,दूसरों को हंसाने के लिए।वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि,ठीक से रोया भी नही जाता।
उस शख़्श की चाहत मे कमी हो ही नहीं सकती,जो दिल टूटने पर भी कभी शिकायत न करे !!