Shayari On Safar In Hindi : बहुत कुछ सिखाया जिंदगी के सफर अनजाने ने, वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, जो पढ़ाया सबक जमाने ने ! चल वहीं ऐ दिल जहाँ हमसफर है मेरा , ये अजनबी रास्ते वो आखिरी सफर है तेरा !
वही आँगन वही खिड़की वही दर याद आता हैअकेला जब भी होता हूँ मुझे घर याद आता है |
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो !!सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो !!
मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था,एक अजनबी मिला और,उसने अपना बना लिया !
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली…!!
हर मंजिल की एक पहचान होती है, और हर सफ़र की एक कहानी !
कहीं जाना चाहते हैं तो आज चले जाए,क्यूंकि किसी ने सच ही कहा है क्या पता कल हो ना हो..!!
सफर में पास दिख रही वो मंजिल बस धोखा है,पास जाना नहीं उसके,इन सब ने कसम देकर मुझे रोका है।
पांव जमीन पर थे आसमान नजर में रहा निकला था,मंजिल के लिए लेकिन उम्र भर सफर में रहा…!!
पांव जमीन पर थे आसमान,नजर में रहा निकला था,मंजिल के लिए लेकिन,उम्र भर सफ़र में रहा।
जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा काफिला साथ और सफर तन्हा !
सफ़र के ब’अद भी मुझ को सफ़र में रहना है नज़र से गिरना भी गोया ख़बर में रहना है आदिल रज़ा मंसूरी
जब भी सफर करो, दिल से करो, सफर से खूबसूरत यादें नहीं होतीं
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
मिलना सफ़र का और बिछड़ना सफ़र का हैदुनिया तो रहगुज़ार है महफ़िल न कह इसे
ज़िंदगी एक सुहाना सफर है अगर साथ एक मनचाहा हमसफ़र है।
मुमकिन है सफ़र हो आसाँ अब साथ भी चल कर देखेंकुछ तुम भी बदल कर देखो, कुछ हम भी बदल कर देखें
उम्र भर मंजिल की तलाश में रहे हमसफर गुजर गया मगर फिर भीमंजिल की आश में रहे हम।
यूं ही नहीं आगे हूं जिंदगी के सफर में, पीछे हटना मुझे नहीं आता।
जिंदगी की तरह ये वादियां भी कितनी, हसीन हैं आसमान नीला, और जमीन रंगीन है !
खुद को पाना है, तो सफर जरूर कर मुसाफिर जीवन है एक सफर ,इसलिय सफर जरूर कर।
ख़ामोश ज़िंदगी जो बसर कर रहे हैं हमगहरे समुंदरों में सफ़र कर रहे हैं हम.
वो पेड़, वो ज़मीन,सब मुझे अपने घर बुला रहे हैं.
ज़िंदगी का सफ़र एक ख़ुदगर्ज़ी है,यात्रा की मंज़िलें हम ख़ुद ही चुनते हैं।
तुम मुझे कभी दिल से कभी आँखों से पुकारो, ये होठों के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए होते हैं।
मेरा ख्वाब वही है बस सफर नया है।
यात्रा एक गुरु की तरह है, जो जीवन के सबसे नए अध्याय सिखाती है।अगर समझना है जीवन को, तो यात्रा जरूर करिए।
याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा,कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा..!!
लिखावट तो खूब है इन लकीरों की !!लिखने वाले ने सफर तो लिख दिया !!मगर मंजिलो को लिखने तक का !!किनारा तक नहीं छोड़ पाया !!
बहुत कुछ सिखाया जिंदगी के सफर अनजाने ने, वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, जो पढ़ाया सबक जमाने ने !
जिंदगी को यादगार बनाते चलिए,इसलिए सफर पर जरूर चलिए।
अंदाज बदलने लगते है , आँखों में शरारत रहती है चहरे से पता चल जाता है जब दिल मैं मोहब्बत होती है
दिल में बसी तुम्हारी तस्वीर, बस यही सोचती है हर पल, के इस शहर से उस शहर तक का सफर कितना सुहाना हो गया है।
खुशियां खरीदी नहीं जा सकती वो कोई सामान नहीं है, ज़िन्दगी बेहद खूबसूरत है मगर बिलकुल भी आसान नहीं है।
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं - अहमद फ़राज़
रहेंगे दर्द जिंदगी में,तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को,न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा?
सिर्फ़ दरवाज़े तलक जा के ही लौट आया हूँ,ऐसा लगता है कि सदियों का सफ़र कर आया…!! कैफ़ी_वजदानी
कितने दुख हैं इस जीवन में !!पर सफ़र पर निकल के देखो कितनी खुशियां हैं !!
जब हमसफर अच्छा हो, तो जिंदगी का हर सफर सुहाना होता है।
दिल से मांगी जाए तो,हर दुआ में असर होता है,मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है…!!
जिन्दगी के सफर में ये बात भी आम रही की मोड़ तो आये कई मगर मंजिले गुमनाम रही।
यू ही हाथ थाम मेरा साथ निभाना,जिंदगी का सफर संग है तेरे बिताना!
मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से, कुछ इस कदर, कि ना खुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से !
Sawal to bahut hai zindagi se ,Jis din ye safar khatam hoga aaram se puchunga.सवाल तो बहुत है जिंदगी से,जिस दिन ये सफर खत्म होगा आराम से हिसाब लूंगा।
वो मंजिल ही क्या जिसके रास्ते में मजा न हो।
आज फिर तेरी यादों के सफर में खो गया ना मंजिल मिले ना सफर पूरा हुआ।
वो मंजिल ही क्या जिसक रास्ते में मजा ना हो।
दिल में बसी तुम्हारी तस्वीरबस यही सोचती है हर पलके इस शहर से उस शहर तक का सफरकितना सुहाना हो गया है
कुछ सपने पूरे करने हैं कुछ मंजिलों से मिलना है अभी सफर शुरू हुआ है मुझे बहुत दूर तक चलना है.
किसी को मंज़िल की भूख है तो किसी को पैसों की प्यास है पर सच कहूँ तो मेरे लिए ये सफर ही ख़ास है
"दूर तक सफर कर लो, खुद से मिल जाओगे।"
"ज़िंदगी एक सुहाना सफर है अगर साथ एक मनचाहा हमसफ़र है।"
इन अजनबी सी राहों में, जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,बीत जाए पल भर में ये वक़्त, और हसीन सफ़र हो जाये.
शाम से सामना कर रातों की रवानी लेकर, हाथों में तजुर्बा लिए जेब में जवानी लेकर।
रहेंगे दर्द जिंदगी में तो ख़ुशी का इंतजामक्या होगा,निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को,न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा..!!
मशहूर हो जाते हैं जिनकी हस्ती बदनाम होती है, कट जाती है जीवन सफर में अक्सर जिनकी मंजिले गुमनाम होती है।
जाने किस किस चीज़ की खातिर भटक रहे हैं, जिस रास्ते पर नज़र मारो हर जगह मुसाफिर भटक रहे हैं।
मंजिल बड़ी हो तो सफ़र में कारवां छूट जाता है !!मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है !!
वो इंसान कभी मार नहीं खा सकता !!जिंदगी के सफर में !!जिसको जीना बुरे हालातों ने !!सिखाया हो !!
मुझे ख़बर थी मेरा इन्तजार घर में रहा,ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा…
जितना कम सामान रहेगाउतना सफ़र आसान रहेगा
ना पुछो हमसे मंजिल तक पहुंचने का रास्ता, क्योंकि सफर से ही है मंजिल तक जाने का वास्ता।
आप खुशी को नहीं खरीद सकते हैं,लेकिन यात्रा के लिये हवाई जहाज का टिकट खरीद सकते हैं,ये खुशी खरीदने के बराबर है।
मंजिल बड़ी हो तो सफ़र में कारवां छूट जाता है !!मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है !!
कर रही है,अभी तय सफर ज़न्दगी, कहीं ना कहीं तो होगी बसर ज़िन्दगी ||
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई हम न सोए रात थक कर सो गई राही मासूम रज़ा
जब भी सफर करो, दिल से करो,सफर से खूबसूरत यादें नहीं होतीं।
ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चलकट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चलएक अंधी दौड़ है किस को ख़बरकौन है किस राह पर आहिस्ता चल
खुद को पाना है, तो सफर जरूर कर मुसाफिर,जीवन है एक सफर, इसलिए सफर जरूर कर।
हम-सफ़र हो तो कोई अपना-सा,चाँद के साथ चलोगे कब तक…!! शोहरत बुख़ारी
थोड़ी सी मुस्कुराहट बरकरार रखना,सफर में अभी और भी किरदार निभाने है…!!
बहुत अज़ीज़ थे उस को सफ़र के हंगामेवो सब के साथ चला था मगर अकेला था
दहशत सी होने लगी है इस सफर से,अब तो ए-जिंदगी कहीं तो पहुँचा दे,खत्म होने से पहले |