Shayari On Rain In Hindi : मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए, प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !! बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं ! दूर आसमा से निकल कर, जमी में मिल जाती हैं !
उड़ते बादल से कहाजा बरसाके आ उस पर मेरा प्यारवो हंस के पुछा क्यों जनाबतो बोले वह दिल से रही हमें पुकार
बारिश के मौसम में क्या आपका दिल मचलता है; क्या पानी में भीगने का भी आपका दिल करता है; इसमें आपकी गलती नहीं है; इस मौसम में हर मेंढक ऐसे ही फुदकता है।
मेरा शहर बैरन का घर हुआ करता था,एहान की आंखें या दिल बहुत बहे।
हमारे शहर आ जाओसदा बरसात रहती हैकभी बादल बरसते हैकभी आँखे बरसती है।
सड़कों पर जमा पानी देखकरशहर की बारिश का पता चलता है,जब गाँव में बारिश होती हैतब बाग़-बगीचों और खेतों मेंहरियाली ही हरियाली नजर आती है.
ये मौसम भी कितना प्यारा है, करती ये हवाएं कुछ इशारा है, जरा समझो इनके जज्बातों को, ये कह रही हैं किसी ने दिल से पुकारा है
पहली बारिश का नशा ही,कुछ अलग होता है,पलको को छूते ही,सीधा दिल पे असर होता है।
परदेस में क्या महसूस करे बारिश का मज़ा मिट्टी की महक।जब गाव में अपने होती हैं बरसात से खुशबू आती हैं।
बारिशों की भी अपनी कहानी है,जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है।
तेरे इश्क़ की बारिश हो,मैं जलमगन हो जाऊं,तुम घटा बन कर चलेआओ,मैं बादल बन जाऊं..!!
बारिश से मोहब्बत मुझेकुछ इस क़दर है,वो बरसता उधर है,और मेरा दिल धड़कता इधर है.
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें!!इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये!!
बरस रही थी बारिश बहारऔर वो भीग रही थी मुझ मे
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
गम- ए- बारिशे इसलिए नहींकि तुम चले गएबल्कि इसलिए किहम खुद को भूल गए !!
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
मुझे मिलने मेरी औकात आयी है , मकान कच्चा है और बरसात आई है।
हैरत से ताकता है सहरा बारिशके नजराने कोकितनी दूर से आई हैये रेत से हाथ मिलाने को।
आज बादल काले घने हैं; आज चाँद पे लाखों पहरे हैं; कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के; बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं। शुभ वर्षा ऋतू!
ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे,आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए.
अकेले हम ही शामिल नहींइस जुर्म में,नज़रे जब मिली तो मुस्कराएतुम भी थे ! 🍁
बादलों से कह दो, जरा सोच समझ करबरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,तो मुकाबला बराबरी का होगा।
आज की इस बारिश में,साथ तुम नहीं हो तो,आँख नम सी कितनी है,सांस तंग सी कितनी है,रूह प्यासी कितनी है,ये उदासी कितनी है,आज की इस बारिस में।
सुहाने मौसम और तेरा दीवाना हु में, इंतज़ार दिल से दोनो का करता हु में ।।
बारिश का मतलब है सूरज की छुट्टी, पसंदीदा गाने की धुन। बारिश का मतलब खुली खिड़की, पुरानी यादें बारिश का मतलब है मीठा आनंद, छूना नहीं
ज़रा ठहरो बारिश थम जाये तो फिर चले जाना किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता
अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश मेंबदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में
दिल की बाते कौन जाने। मेरे हालात को कौन जाने।बस बारिश का मौसम हैं। पर दिल की ख़्वाहिश कौन जाने।मेरी प्यास का एहसास कौन जाने।
ये मौसम भी क्या रंग लाया है,साथ हवा और घटाएं लाया है,मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है,दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।
मैंने उससे एक बार पूछा किया धुप में बारिश होती है और वो तो हसने लगी हस्ते हस्ते रोने लगी और धुप में बारिश होने लगी
ये बारिश जरा थम के बरस, जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस, पहले ना बरस कि वो आ न सके, जब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके।
बारिश में चलने से एक बात याद आती है, फिसलने के डर से वो मेरा हाथ थाम लेता था।
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसेतन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है
भला काग़ज़ की इतनी कश्तियाँ हम क्यों बनाते हैं,न वो गलियाँ कहीं हैं अब न वो बारिश का पानी है.
आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश,दिल खुश करने वाली हुई बारिश।
बारिश की बूंदो में झलकती हेउसकी तस्वीरआज फिर भीग बैठे उसेपाने की चाहत में
आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो, मौसम हसीन है, लेकिन तुम जैसा नहीं।
तलाश रही हैं ये नजरें तुझे देखने को,इतनी बेरूखी ना दिखा, ये आंखे नमी सी है…
बारिश पर रोमांटिक शायरी बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इसक़दर है, वो बरश्ता उधर है, और मेरा दिल धड़कता इधर है।
सुबह का मौसम बारिश का साथ है,हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,बना के रखिए चाय और पकौड़े,बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाबकितनी अजीब सी है बात,मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।
काश कोई इस तरह भी वाकिफ होमेरी जिंदगी से,कि मैं बारिश में भी रोऊँ औरवो मेरे आँसू पढ़ ले।
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानीयाद आई कुछ अपना ज़माना याद आयाकुछ उनकी जवानी याद आई,
हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने कोकितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को
सुना है बारिश में दुआ कुबूल होती है, अगर इजाजत हो तो मांग लू तुम्हे।
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में, फिर भी फ़िजा को रंगीन बना देता है !!
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों मेंरुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
ऐ बारिश, तुझसे शुक्रिया इन कलियों ने कहा है,एक तुझसे मिलने के लिए सूरज की गर्मी को सहा है.
आज मौसम कितना खुश गवार हो गयाखत्म सभी का इंतज़ार हो गयाबारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह सेलगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ीबादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी
अब जब भी बारिश हो, तब आप अपने साथी को ये barish की shayari जरूर भेजिये
तुम ने बूंदे हथेली में संभाल के उछली तो नहीं,आज मेरे शहर का मिज़ाज़ कुछ सावन जैसा है
पीने से कर चुका था मैं तौबा यारो, बादलों का रंग देखकर नियत बदल गई।
कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा धीमी बरसात का है,हमे तुम यूँही पागल मत समझोयह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।
हो रही है बारिश, पूरा शहर ये वीरान है, एक हम ही तो उदास नहीं, सारा शहर परेशान है।
तेरे प्रेम की बारिश हो, मैं जलमग्न हो जाऊं,तुम घटा बन चली आओ, मैं बादल बन जाऊं।
एक हम ही हे जो इश्क की बारिश करते हे,और एक वो हे जो भीगने को तैयार ही नहीं।
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,बादलों का रंग देख नियत बदल गई।
चलो भूल जाते है हम सारी खताये,फिरसे इश्क़ की बारिश में भीग जाते है…
न कोई छत्रछाया है, न कोई मोह माया है, बारिश से ज्यादा तो मुझको तेरी यादों ने भिगाया है।
कहीं गिर ना जाउ मैंआपको याद करते करते हैंआज मेरे शहर मेंजोरो से बारिश हो रही है।
आज मौसम कितना ख़ुश गंवार हो गया!!ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया!!बारिश की बूंदें गिरी इस तरह से!!
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।
रास्तो में सफ़र करने का मज़ा आ जाता हैजब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में, हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में।
बरसात का बादल तो दीवाना है वो क्या जानेकिस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
हर बार ये बारिश उसके प्यार का पैगाम लाती है,मेरे बंजर दिल के सूखे घावों को हरा कर जाती है.
कितने अजब रंग समेटे है ये बे-मौसम बारिश खुद में; अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा है तो किसान जहर।
अगर भीगने का इतना ही शौक है,बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,बारिश तो हर एक के लिए होती है,लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिएबरसती है ।
बारिश की बूंदों सा ये दिल गिरता बरसता है, तुम पास होते हो मगर फिर भी तरसता रहता है।
गर्मी सांग: सुनो गौर से पेप्सी वालो; बुरी नज़र ना कोक पे डालो; चाहे जितना Dew पिला दो; सबसे आगे होगा नींबू पानी। शुभ गर्मी!