Shayari On Nazar In Hindi : धड़कने लगा दिल जो नज़र मिली इक दफा, फ़िर मिरी नज़रों का झुकना तो लाज़मी था। नसीहत देने वाले यहाँ आम दिख जातें हैं, साथ देने वाले लोग नज़र कहा आते हैं।
सरकार ने लगा दिया पोलीथीन पे बेन सरकार ने लगा दिया पोलीथीन पे बेन तेरे मस्त मस्त दो नैन मेरे दिल का ले गए चैन
मेरी सबसे बड़ी ताकत तुम हो और मुझे इस बात पर बेहद गर्व है।
ज़िन्दगी आसान नहीं होती इसे आसान बनाना, पङता है कुछ अंदाज़ से कुछ नज़र-अंदाज़ से।।
अपनी हैसियत इतनी बुलंद रखना,की कोई तुम्हें Ignore कर ही न पाए।
दिल क्या अपनी जान भी दे दें तुम्हें, अपनी हंसी का दीदार जो कराना है हमें ।
वो आज भी हमें देख कर मुस्कुराते है वो आज भी हमें देख कर मुस्कुराते है ये तो उनके बच्चे ही कमीने है जो हमें मामा मामा बुलाते है
तुम्हें इग्नोर करके चोट पहुँचाना मेरा मकशद नहींबस तुम्हें तुम्हारी गलती का एहसास करवाना है।
तुम्हारे कुछ न कहने पर भी तुम्हारा इंतजार करते हैं, कुछ इस तरह तुमसे पहली नजर का प्यार करते हैं।
वो आपका पलके झुका के मुस्कुराना, वो आपका नजरें झुका के शर्माना, वैसे आपको पता है या नहीं हम नहीं जानते, पर इस दिल को मिल गया है नज़राना उसका।
“ हमको तूफ़ान के ख़तरोंसे डराते क्यों होहम समंदर के तमाशों पेनज़र रखते हैं…!!!
एक नजर देख ले हमे जीने की इजाजत दे दे, ए रुठने वाले… वो पहली सी मोहब्बत दे दे।
मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए, करें वो तुम्हारी ताऱीफ इतनी कि नज़र लग जाए।।
वो इश्क की राहों में क्या कमाल करती है वो इश्क की राहों में क्या कमाल करती है लिखती है आई लव यू और सैंड तो आल करती है
मैं जो देखता हूं उसे ध्यान से देखो। मैं भी लंबे समय से लापता हूं।
नज़रें मिलाके आप झुकाया ना कीजिये , दिल पर हमारे ज़ुल्म ये ढाया ना कीजिये! खुद की ही लग ना जाए कही आप आप को नज़र, आईना -आईने को दिखाया ना कीजिये!!
“ एक नज़र से देखना मुझकोधड़कन भी रुक जाएगी,वार हुस्न का अगर हुआ तोतू कातिल कह लाएगी…!!
नज़रों का ही खेल है ये सारा, जिनमे फस गया दिल बेचारा।।
मैंने उनसे पूछा की क्या तुम्हे मुझसे प्यार है, उन्होंने तो मुझे कुछ नहीं कहा पर पर उनकी शर्माई हुई झुकी नजरे जाते जाते सब बयां कर गयी।।
एक सपने की तरह तुझे सजा के रखूं चाँदनी रात की नज़रों से छूपा के रखूं, मेरी तक़दीर में तुम्हारा साथ नही वरना सारी उमर तुझे अपना बना के रखूं!!।।
नज़र से गुफ्तगू,ख़ामोश लब ,तुम्हारी तरह, ग़ज़ल ने सीखे है अंदाज़,सब तुम्हारी तरह -बशीरबद्र।।
तुम नजरअंदाज करके थक जाओगे,हम नजरों में बसाकर तेरा इन्तजार करेंगे
नज़रों से कितने क़त्ल हुए हैं तेरे इससे तो तू भी अनजान होगी, कितने हो गए अपनी जान के दुश्मन जाने कितनों की तू जान होगी।
अगर तुम्हें मुझसे इश्क़ नहीं, तो बेसक मेरा ये भ्रम तोड़ दो,अगर जरा सी भी मोहब्बत है, तो मुझे इग्नोर करना छोड़ दो..!!
तुम्हारी बातों की खुशबू से महका रहता हूं,जब भी सोचता हूं तुम्हें, बहका-सा रहता हूं।
नज़रें मिलाकर यूँ ना जाओ, दिल कहता है यहीं बस यहीं ठहर जाओ।।
ये किन नज़रों से तूने आज देखा , के तेरा देखना देखा ना जाए |
मैं ख़यालों खवाब की महफ़िलें न ब्क़्द्रे शोक़ सजा सका तेरी एक नज़र के साथ ही मेरे सब इरादे बदल गए
फ़ोन के रिश्ते भी अजीब होते है बैलेंस रखकर भी लोग गरीब होते है खुद तो मैसेज करते नहीं है मुफ्त के मैसेज पढ़ने के कितने शौक़ीन होते है
“ सुना है तुम्हारी एक निगाह सेकत्ल होते हैं लोगएक नज़र हमको भी देख लोज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती…!!
लबों ने तो चुप रह कर दिल को समझा लियाकम्बख्त नज़र क्या झुकी सब कुछ बता दिया
जब आपको हमेशा नजरअंदाज किया जाता रहे तोहआपकी आगे बढ़ने की हिम्मत टूट जाती है।
चाँद से इस चेहरे को नज़रों में बसाकर, कहां चलदी यूँ ऐसे दिवाना बनाकर, रुक भी जाओ ए सनम दिले बहार बात भी कर लो हमें कभी अपना बनाकर ।।
मैं चंद्रमुखी तू सूरजमुखी मैं तुझसे दुखी तू मुझसे दुखी एक काम कर दे बिल्डिंग से कूदकर मरजा तू भी सुखी मैं भी सुखी
“ मैं क्या बताऊँ ये दिलरूबातेरे सामने मेरा हाल है, तेरी एक निगाह की बात हैमेरी ज़िन्दगी का सवाल है…!!
चेहरे पर हंसी और दिल में खुशियाँ रखता हूँ, गरीब हूँ साहब पर जिंदगी हंस के जीता हूँ !
उठने लगती है मांग दवा की फिर जिसे तू एक दफा देख लेती है /
तुम्हें मिलकर मेरे दिल को जो सुकून मिलता है, वो सुकून दुनिया के किसी भी सुख में नहीं है।
रंग छलकते है मेरे नज़रो से किसी के पैमाने का यू खुलती है मेरी आँखों के मैखाने मैं ।।
इन आंखों की मस्ती इस कदर छाई है, बीच में फसा हूँ क्यूंकि एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई है।।
आप चाहते हो कि आप को कोईनजर अंदाज न करें तो मेहनत करो और नाम कमाओं
पहली नजर के प्यार से मैं अब तक था बेखबर, मिला जब तुमसे, तो हुई इस प्यार की कदर।
उस बेवफा की आँख से आँसू छलक पड़े , हसरत भरी निगाह बड़ा काम कर गई |
बहुत तकलीफ होती है यार जब कोई इग्नोर करता है,सेल्फ रेस्पेक्ट के चक्कर में तो सभी कह देते है आई डोंट केयर!
पैगाम आया है उनकी तरफ से ज़रा,गौर फरमाना,नज़रो से जो शुरू हुआ था जो इश्क,नज़र लगा गया उसको जमाना !!
जब तुम मुस्कुराते हो, तो तुम्हारा चेहरा दुनिया का सबसे हसीन चेहरा लगता है।
उनकी नज़र में फर्क आज भी नहीं, पहले मुड़ कर देखते थे, अब देख कर मुड़ जाते है।
हम इतने भाग्यशाली कहाँ हैं? तस्वीर में खुश दिखें
“ एक नजर मुझे देख लेमै फिर से जीना सिख जाऊ.मै पहले जैसा फिर सेखुशनुमा बन जाऊ…!!
कितने लोग हो जाते हैं आपे से बहार इन नज़रों पर थोड़ा काबू रखा करो।
तेरी नज़रे देख दिल संभल नहीं पता किसी और की नज़र ना लगे हर वक्त मेरा दिल यहीं है चाहता।।
“ फासले बहुत है हमारे दरमियान,पर इतना भी नहीं कीनजर बंद करूऔर वो नजर न आये…!!!
रास्ते भी मंज़िल बन जाते हैं आकर नीचे तेरे क़दमों के, सुना है इन कानों से मैंने क़त्ल कई किए हैं तूने इन नज़रों से।
जब Unnecessary कुछ लोग भोंकने लगेतो Barking Dog समझकरइग्नोर करो..!!
“ दुनिया में किसी पर हद से ज्यादानिर्भर ना रहें क्यूंकिजब आप किसी की छाया में होतेहैं तो आपको अपनी परछाईनज़र नहीं आती…!!
“ मैंने तो देखा था बसएक नजर के खातिर, क्या खबर थी की रगरग मे समां जाओगे तुम…!!
बस इतनी पाकीज़ा रहे,आईना-ऐ-ज़िन्दगी,जब खुद से मिले नज़र,तो शर्मसार ना हो !!
जिसने सच्चे मोहब्बत को इग्नोर कर दिया,उसने अपने दामन में सिर्फ दर्द भर लिया।
“ अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाय कैसेतेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे…!!
“ हमसे अब किसी पर्दे-दारीकी उम्मीद न कीजे, कुछ जुस्तजूएं निगाहतक झुकने नहीं देतीं…!!
हमारे बाद उसकी इस नज़र में कौन था वैसेहमारे बाद चश्मों से नमी किसने निकाली थी
“ यूँ ही नहीं हासिल हुआ करतीएक झलक उस यार की,जब शौख-ए-दीदार हो तोनज़रें टिकाये रहना पड़ता है…!!
चाहत खरीदना मेरी आदत नही है औरउसकी नजर में सब कुछ पैसा है जान दे
तेरी कातिल नज़रों से जो टकराया होगा मुझे नहीं लगता वो अब तक घर पहुँच पाया होगा ।।
दर्द रुकता नही, कमबख्त संभालता नही।ये तो यादें है, जो सच के सिवा कुछ कहता नहीं।।
यूँ ही नहीं हासिल हुआ करती,एक झलक उस यार की,जब शोख़ ए दीदार हो,तो नज़रे टिके रहना पड़ता है.
“ सालीका पर्दे का बड़ाही अजीब रखा हैनज़रें जो कातिल हैंउन्हे ही खुला रखा है…!!
तुमसे पहली मुलाकात में ही मुझे यह एहसास हो गया था कि तुम मेरी जिंदगी के सबसे खास इंसान होने वाले हो।
यहाँ फुटपाथ पे अब तो नज़र है ही नहीं आख़िरपढ़ाई छोड़ मजबूरी कहे मुझको कमाना है
झुकी झुकी सी ये नज़र कमाल करती है, सीधे-साधे लोगो को भी बेहाल करती है, निहाल करती है ,बवाल करती है, इन नज़रों के कैदियों को हलाल करती है ।।
बस एक छोटी सी दुआ है, जिन लम्हों में मेरे अपने मुस्कुराते हो, वो लम्हे कभी खत्म ना हो !
हमको तूफ़ान के ख़तरों,से डराते क्यों हो,हम समंदर के तमाशों पे,नज़र रखते हैं !!
नजरअंदाज करने वालीतेरी कोई ख़ता ही नहीमोहब्बत क्या होती हैशायद तुझको पता ही नही