Shayari On Mountains In Hindi : माना पहाड़ ऊँचा है,हम चढ़ना भी नहीं जानते है,फिर भी हम जिद्दी हैहम हार कहाँ मानते है. हौसलें से इंसान खुद को जब जोड़ देता है,तब मुश्किलों का पर्वत भी रस्ता छोड़ देता है।
जब वो अपने हाथों से चाय बनती है,चाय बड़ी गरम और कड़क हो जाती है.
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शहर में आना तोमजबूरी है साहब,आज भी हमारा दिलपहाड़ों में बसता है.
“प्रकृति हमारा दुश्मन नहीं है, बलात्कार और विजय प्राप्त करने के लिए। प्रकृति स्वयं है, पोषित और अन्वेषण किया जाना है।”
तुम्हारे हाथों में हाथ हो,तुम्हारा हरदम साथ होतो जिंदगी मस्तानी लगे,जैसे पहाड़ो की सुबह बड़ी सुहानी लगे.
“ जो गर आज काटोगे तुम पेड़-पौधेतो कल नहीं होगी हरियालीकल जो होगी संतान तुम्हारीवो फिर कैसे काटेगी जिंदगानी…!!
हर दिशा में है उमंग, खामोशियाँ यहाँ अभंग;सुनो! कुछ है गा रही, झंकार पर हर एक तरंग.
ये Mohabbat नहीं, उसूल-ए-वफ़ा है ऐ Dost , हम जान तो दे देंगे जान का Number नहीं देंगे..
“आपकी खिड़की के ठीक बाहर एक पूरी दुनिया है, आप इसे याद नहीं करना चाहते।”
बे फिक्र रहो दोस्तों ये सब मोह माया है,अगर कही सचाई है तो वो बस पहाड़ों की सुंदरता पे है.
“जिस दिन मैं एक पत्ती देखता हूं वह एक दिन का चमत्कार है।”
ये तो इन पहाड़ों की खूबसूरती ही है जनाब,जो लोगों को अपने तरफ खीच के बांध लेती है।
“ हमें पृथ्वी अपने पूर्वजों से विरासत मेंनहीं मिली है, हम इसेअपने बच्चों से उधार लेते हैं….!!
पढ़ते क्या हो आंखों में मेरी कहानी, Attitude में रहना तो आदत है मेरी पुरानी
“प्रत्येक जीवित जीव तब पूरा होता है जब वह अपनी प्रकृति के लिए सही मार्ग का अनुसरण करता है।”
क्या खूब कहा है किसी शायर ने की,अगर जीनी हो सुकून की जिंदगी तो पहाड़ों पे आओ,आके जरा पहाड़ों की खूबसूरती देख जाओ।
कुदरत की ख़ूबसूरती ही बहुत है, हमें ताज़गी से भरने के लिए
कितनी सादगी है इन हवाओं में, देखो घटाएं बरस रही हैं।
महान पर्वतों के बिना हम महान ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकते|
पेड़ों के बीच बिताया गया समय कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है। -कैटरीना मेयर
“ सूर्यास्त इस बात का प्रमाण हैकि अंत अक्सर सुंदरभी हो सकते हैं…!!
“ पता नहीं हम अपनों से क्योंरिश्तों को तोड़ देते हैं, प्रकृतिफिर भी किसी न किसी बहानेहमसे रिश्ता जोड़ लेती है….!!
वो मंज़िल खूबसूरत नहीं लगती !!जिसका सफर कठिन नहीं होता !!
तूने जो दी वो तो एक खरोंच थी, अब मैं जो दूंगा वो घाव देखना।
पिता पहाड़ से होते है, लेकिन जिंदगी में दुःख पहाड़ से हो जाते है, जब पिता नहीं होते है.
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से याद करनेचाय ठंडी होती गई और किस्से गरम होते गये
हौसले अपने साथ,दवा की तरह रखो।हर तकलीफ में,ये ही ताकत का काम करेंगे।
Ek चिड़ा था, Ek चिड़ी थी, दोनों की सादी हो गयी और, वो चिड़चिड़े हो गए.
हल्के में मत लेना तुम सांवले रंग कोदूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौकीन चाय के
पहाड़ों की उचाईओं पर बसी है सुकून की ज़िन्दगी,मन को शांत कर देती है यह पहाड़ों की ज़िन्दगी।
“यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलें।”
एक खरपतवार भेस में एक फूल से अधिक नहीं है। —जेम्स रसेल लोवेल
“ पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना,सागर से सीखो जी भरकर लहराना,प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना,इसे बस आता है सबको अपनाना…!!
“सर्दी आराम के लिए, अच्छे भोजन और गर्मजोशी के लिए, दोस्ताना हाथ के स्पर्श के लिए और आग के बगल में बातचीत के लिए समय है: यह घर के लिए समय है।”
वो मंज़िल खूबसूरत नहीं लगती जिसका सफर कठिन नहीं होता।
“ प्रकृति से मिलती हमें हवा,प्रकृति से मिलती हमें दुआ,प्रकृति से मिलता है सब कुछ,फिर भी नहीं होती प्रकृति संग वफा….!!
“ ज्यादा ऊँचे पहाड़ों का साथअक्सर पेड़ भी छोड़ देते हैं,कुछ तो कीमत चुकानी पड़तीहै ऊंचाइयां छूने की…!!
एक हुनर हैं जो कर गया हुँ मैं सबके दिल से उतर गया हुँ मैं क्या बताऊँ की मर नहीं पाता, जीते जी जब से मर गया हुँ मैं।
बहुत सारे लोग सर पे बारिश की बूँद गिरने पर उसे कोसते हैं, और ये नहीं जानते की वही प्रचुरता में भूख मिटाने में वाली चीजें लेकर आती है.
हमारा लक्ष्य होना चाहिए अपने दिल की धड़कन को ब्रह्माण्ड की धड़कन से मिलाना और अपने सवभाव को प्रकृति से मिलाना।
कल के बीते पल से बेहतर; होते यादों के अक्स अक्सर।
रिश्तों की चाय में शक्करज़रा माप के ही रखनाऐ दोस्त फीकी हुई तो स्वाद नहीआएगा,ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जाएगा
वो जो मधुमक्खी के छत्ते के लिए ठीक नहीं है वो मधुमक्खी के लिए भी अच्छा नहीं हो सकता.
यूँ जो ताकता है आसमान को तू, कोई रहता है आसमान में क्या ? यह मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता, एक ही शख्स था जहां में क्या?
Pap धोने है कौन सा साबुन अच्छा रहेगा.
अगर देख लोगे तो मदहोस हो जाओगे,इन पहाड़ों की खुबसूरती देख इनमे ही खो जाओगे।
Kismat आजमा चुका हूं, नसीब आजमा रहा हूं, FACEBOOK पर एक लड़की पटाने के चक्कर में 15 लड़के पटा चुका हूँ.
एक हस्ती को पाना और एक हस्ती को गवाना,एह मेरे दोस्त अगर वक्त मिले तो पहाड़ों पे आना
कुछ तो बात है पहाड़ की हवाओं में, तन के साथ साथ मन भी छू रही हैं।
दुनिया तो सबको देखती ही रहती है पर ख़ुशक़िस्मत तो वो है जिसने दुनिया देखी है।
“ प्रकृति में आपकी गहरी जड़ें हैंचाहे आप कोई भी होंकही भी रहतें होंया किसी भी तरह का जीवन जीते होंआप शेष रचना से अपरिवर्तनीय रूप से जुड़े हैं…!!
किरदार जो भी हो, कहानी हसीन होनी चाहिए।
सौंदर्य की मेरी परिभाषा प्रकृति है।
क्यूं न सहेज कर रख लें, इस प्रकृति को,आने वाले कल के लिए,आने वाले अपनों के लिए।
दरख्त नहीं हूँ जो तुम काट कर चले जाओगे, पहाड़ हूँ गिराने से तुम्हारे नस्ले मिट जाएगी।
Deva रे Deva कहा से लाता है इतना Noor, एक दम फाडू लग रहा है रे बाबा.
पहाड़ इसलिए पहाड़ है क्योंकि जितना फैला है वह आसमान में उससे अधिक धंसा है कहीं अपनी जमीन में.
इलाज यह हैं की मजबूर कर दिया जाऊं, वर्ना यूं तो किसी की नहीं सुनीं मैंने।
Himachal Day Message सुंदर वादियों का हसिन नजारा कुछ ऐसा हिमाचल हमारा है
मैंने पूरी ज़िन्दगी वहां कांटे निकालने और फूल लगाने का प्रयास किया है जहाँ वो विचारों और मन में बड़े हो सके.
“ कभी आसमां में बादल काले,कभी आसमां में सफेदी प्यारी,कभी फूल हैं मुरझा जाते,कभी खिलती है कली प्यारी-प्यारी….!!
परम सत्य : कितनी भी Mountain Dew पीयो पर डर तो दारु पीने से ही दूर होता है..
“सबसे अच्छी बात यह हो सकती है कि जब बारिश हो रही है तो इसे बारिश होने दें।”
“ हवा की सरसराहट,चिड़िया की चचहाहट,समुद्र का शोर,जंगलों में नाचते मोर,इनका नहीं कोई मोल,क्योंकि प्रकृति है अनमोल…!!
धरती गगन हवा पवन ये सब nature के फूल हैं,इनके एहसास ही गुलों की खुशबू और गुलशन का उसूल हैं…
जिंदगी में वही लोग रूलाते है,जिनकी ख़ुशी के लिए हमअपनी हँसी तक भूल जाते है…अब तेरी यादों में एक -एक पल जीनापहाड़ की तरह भारी हो गया है.
दुनिया वो नहीं जो दिखती है, दुनिया तो प्रकृति के सात रंगों से ही खिलती है।
जो जितना आग में तपता है,वो उतना ही उमदा बनता है।जो झुलस जाए बस धूप खिलते ही,उसका नसीब कहां बनता है।
पहाड़ों पर जाना घर जाने जैसा है.
प्रकृति माँ इस साल भले माफ़ कर दें , या अगले साल भी, पर अंत में वो आएँगी और आपको सजा देंगी. आपको तैयार रहना होगा.
नदी, पहाड़, जंगल और झरने ये सब हैं प्रतीक निस्वार्थ के, आओ इनको संरक्षित कर सुरक्षित करें जीवन अपनों के।
“ प्रकृति के बारे में सबसे बेहतरीन चीज़ यही है कीये हमैशा ही देने में भरोसा करती हैन की हमसे किसी भी तौर पर कुछ लेने में…!!