1178+ Shayari On Mausam In Hindi | मौसम शायरी और स्टेटस

Shayari On Mausam In Hindi , मौसम शायरी और स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: August 26, 2023 Post Updated at: October 6, 2023

Shayari On Mausam In Hindi : विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,मौसम तो इंसान के अंदर होता है. रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!

महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है,महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है.

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी, दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।🌬️☁️

जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,मनाने की जिद हैकोशिश करके देख ले वह भी ,तू भी कितना ढीठ हैमौसम का नाम लू या तुम्हारीकिसी ने पूछा है बदलना किसे कहते हैं।।

सर्द मौसम में आग लगाया ना करों,बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों.

आज बादल काले घने हैं; आज चाँद पे लाखों पहरे हैं; कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के; बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं। शुभ वर्षा ऋतू!

रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!

सुना है बारिश में दुआएं कबूल हो जाती है,इजाजत हो तो तुम्हे मांग लू…!

बारिश का वो मौसम आया, प्यार की बहार संग लाया।

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है, तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।

न जाने वो शाम कब आएगी, बारिश, चाय, पकौड़े मैं और तुम साथ होंगे।

प्यासे दो दिल बरसो बाद मिल रहे थे बिना !!मौसम के बरसात तो होनी ही थी!!

मौसम बदलते होंगे तुम्हारे झरोंको से, इन आँखों के झरोंको से तो बस बरसात निकलती है।

प्यासे दो दिल बरसो बाद मिल रहे थे बिन मौसम के बरसात तो होनी ही थी।🌧️

बरसता भीगता मौसम धुआं धुआं होगा,पिघलती शम्मों पे दिल का मेरे गुमां होगा…!!

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया, ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया। बारिश की बूंदे गिरी इस तरह से लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।

जब तुम अपनी जुल्फों को यू आज़ादकरती होमानो ज़म्में पर घटा छा जाती हो !

महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है, महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है।☔

काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी !!जिंदगी से कि मैं बारिश में भी रोऊँ और !!वो मेरे आँसू पढ़ ले!!

संभला ही था दिल तेरी यादों के समंदर से, कि अचानक फ़िर से बरसात हो गई।

अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना ! लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”

वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है, वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है।

मस्त मौसम दिल में बहार लता है बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है.

आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो,  मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं ।

तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और हैअरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है

दुनिया में हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है, फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है?

अपनी चाहत की फिर से शुरुवात होगी,जब टूट के बरसेगा बदल और बरसात होगी…!

छत टपकती हैं उसके कच्चे घर की वो, किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है !!

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.

दिल की बाते कौन जाने !!मेरे हालात को कौन जाने !!बस बारिश का मौसम है !!पर दिल की ख्वाहिश कौन जाने !!मेरी प्यास का एहसास कौन जाने !!

चिलगोज़ी की खुश्बू, मूंगफली की बहार; सर्दी का मौसम आने को बेक़रार; थोड़ी सी मस्ती थोडा सा प्यार; मफलर, स्वेटर रखो तैयार; हैप्पी विंटर सीजन मेरे यार।

बारिश थम सी गई है तेज रात में,ये किसने रक्खे है कदम बरसात है…!

सुहाने से मौसम में रूहानी सी बात कह गई !!उससे प्यार नही करना था मगर प्यार हो गई !!पेड़ यहाँ कुछ सदा-बहार भी होते हैंमौसम मौसम तुम भी फूला-फला करो

कुछ तो हवा भी सर्द थीकुछ था तेरा ख़याल भी,दिल को ख़ुशी के साथ साथहोता रहा मलाल भी।

आज की ठण्ड देखते हुए लगता है, जिनकी शादी हो गयी है वो बधाई के पात्र हैं, और जिनकी नहीं हुई वो रजाई के पात्र हैं।

जालिम ये मौसम तुम्हारी  YAAD दिला देता।    जाने-अनजाने में    MUJHE रुला देता।

इश्क के चर्चे बहुत हैं दोस्तों !!हुस्न के पर्चे बहुत है यारों !!इश्क करने से पहले जान लेना !!इसमें खर्चे बहुत है दोस्तो !!

कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को।बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका।।

हवा चुरा के ले गई मेरी शायरी की किताब,देखो आसमा आज पढ़ के रो रहा है…!

बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर !!किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर !!

आज समय है रजाई का अविष्कार करने वाली महान आत्मा को शत-शत नमन करने का। कसम से कमाल की चीज बनाई है।

किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज !!उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी !!

मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी !!कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं !!

वाह मौसम आज तेरी अदा पर  दिल खुश हो गया याद मुझे आई  और बरस तू गया!

वाह मौसम आज तेरी अदा पर दिल को प्यार आ गया, वो पास आई, और तू बारिश बनकर बरस गया।

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गयाखत्म सभी का इन्तजार हो गया बारिश कीबुँदे गिरी इस तरह से लगा जैसे आसमान कोजमीन से प्यार हो गया!!!

आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना है, सपना ये मेरा कितना सुहाना है,बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे, उन कतरों को अपने होंठों से उठाना है..

इन आँखों से दिनरात बरसात होगी अगर ज़िंदगी सर्फ़एजज़्बात होगी.

वो मेरे रूबरू आया भी तो बरसाद के मौसम में !!मेरे आंसू बह रहे थे और वो बरसाद समझ बैठा !!

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते जो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करो जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।

जिसे भीगने का डर होता है,वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,जिसे बिछड़ने का डर होता है,वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है.

मौसम का रुख बदल रहा है मेरा मन मचल रहा है। कहता है मेहबूब से मिल ले अब दिल नहीं संभल रहा है।

सुहाने से मौसम में, रूहानी सी बात कह गई,उससे प्यार नही करना था, मगर प्यार हो गई.

जब इंसान की फितरत बदल रही हो तो !!ये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया !!हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो !!

मौसम की तरह बदलते हैं मेरे चेहरे के रंग भी, एक पल ख़ुशी तो अगले पल तंग भी।

भीगते हुये रोमांस से भरी कहानी तुम्हें सुनाएं, बारिश की ये झलक तुम्हारी आँखों में समाएं।

जब जब तु मेरे करीब आता था,ये मौसम मेरे साथ साथ गुनगुना था…!

जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा है नज़रों का कहर दिल में दबा रखा है अपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा है हमारे मौसम को धुंए में जला रखा है.

कोई कितना भी खुश मिजाज क्यों ना हो,रुला देती है ये बारिश कभी कभी…!

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना,मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी..

कुछ तो हवा भी सर्द थीकुछ था तेरा ख़याल भी,दिल को ख़ुशी के साथ साथहोता रहा मलाल भी।

तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे हैहम तो मर ही गए थे,लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है…!!

सोचता हूँ उस मासूम का दिल कितना मुलायम होगा !!इसीलिए मौसम बदलते रहेंगे मगर प्यार कायम होगा !!

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है मन करता चीख कर कह दूँ हमको तुमसे बहुत प्यार है।

यूं ही मौसम चाहत का कभी सुहाना नहीं होता !!मीठी बातें ना हो तो एहसास प्यार का नहीं होता !!

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने, किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है.

ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है,फर्क सिर्फ इतना है।तुम मन को भीगा देते हो,वो पूरे तन को भीगा देती है।

कोई मौसम हो दिल गुलिस्ताँ में !!आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं !!

मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता है, ठहरता है बस कुछ वक्त के लिए, पर फिर भी ये मौसम हसीन होता है।

इश्क के चर्चे बहुत हैं दोस्तों हुस्न के पर्चे बहुत है यारों इश्क करने से पहले जान लेना इसमें खर्चे बहुत है दोस्तो।

मैं तुम्हारा दिल बन जाऊं मोहब्बत मेरी तुम बन जाना !!मौसम जाड़े का मैं बन जाऊं तो गर्म रजाई तुम बन जाना !!

ये बादल ये बिजली सिर्फ आपके लिए है, ये मौसम ये हवा सिर्फ आपके लिए है, कितने दिन बीते आपको नहाये हुए, ये बेवक़्त बारिश सिर्फ आपके लिए है…

अब कोन घटाओ को घुमड़ने से रोक पायेगा, जुल्फ जो खुल गयी तेरी लगता हैं सावन आयेंगे !

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