1671+ Shayari On Khamoshi In Hindi | ख़ामोशी शायरी

Shayari On Khamoshi In Hindi , ख़ामोशी शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 14, 2023 Post Updated at: October 13, 2023

Shayari On Khamoshi In Hindi : दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया, चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया। मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया, घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।

बे मौसम बरसात से अंदाज़ा लगता हूँ मैंफिर किसी मासूम का दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में

गुज़र जाएँगे हर लम्हें,तुम्हारी यादों के साथ।इज़हार नहीं करेंगे कभी,ख़ामोशी का देंगे साथ।

खामोशियों का #एक अलग एहसास है,#जो न पसंद हो इस दिल को, #वह बोलकर रुलाना दे ना।

ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनोंशख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!

किताबों से ये हुनर सिखा है हमनेसब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!!

दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।

खामोशी ऐसी की अपनी आवाज़ भी दो बार सुनाई दे, मगर चुप रहना पड़ता है क्यूंकि कोई सुनने वाला ही नहीं।

कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !

मेरी सारी ख्वाइशें ख़तम हो जाती हैं तेरे ख़ामोशी से भरे चेहरे को देख कर, बस फिर एक खवाइश रह जाती है, कैसे तेरी ख़ामोशी को दूर किया जाए …!!

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता !!हर नाकामी का मतलब हार नही होता !!तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके !!सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता !!

ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।।

प्यार के बड़े-बड़े दावे करता था वो और मेरी ख़ामोशी की वजह तक उसने नहीं पूछी.

इंसान की अच्छाई #पर सब खामोश रहते हैं, #चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो,# तो गुगे भी बोल पड़ते हैं

आखिर में कैसे निकाल दू ~ तुम्हे अपने दिल से ~ तू मेरे भाग्य में ना सही धडकन में तो है ..|

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!

ख़ामोशी से मुसीबतऔर भी संगीन होती हैतड़प ऐ दिल तड़पनेसे ज़रा तस्कीन होती है।

रहना चाहते थे साथ उनकेपर इस ज़माने ने रहने ना दियाकभी वक़्त की खामोशी मे ख़ामोश रहे तोकभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया।

मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश कोमगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है

उसकी कई बात चुभती है तीर की तरह,पर चुप रहती हूं मैं बेजान तस्वीर की तरह!

मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया !!घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया !!

खामोशी और तन्हाई हमें प्यारी हो गई है,आजकल रातों से यारी हो गई है,सारी सारी रात तुम्हें याद करते हैं,शायद तुम्हें याद करने की बीमारी हो गई है।

उसकी ख़ामोशी से डर लगता है,दूर न हो जाये मुझसे ऐसा क्यों लगता है,ज़माने से उसे छीन लेने का हौसला है मुझ में,लेकिन वह साथ न देगा ऐसा क्यों लगता है।

जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.

ख़ामोश शहर की चीखती रातें !!सब चुप हैं पर कहने को है हजार बातें !!

यदि वो आपका होता तो वो जाता नही, और यदि वो गया तो आपका वो था नहीं ,

यदि जलेगा ज़िस्म तो रूह भी ख़ामोशी से जलेगी , कुरेदते हो जो अब राख ज़ुस्तज़ू बचेगी ,

हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है,कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है।

ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायेंइंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये

खामोशी बहुत अच्छी है, #कई रिश्तो की आबरू ढक लेती है।

चलो अब जाने भी दो !!क्या करोगे दास्ताँ सुनकर !!ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं !!और बयाँ हम से होगा नहीं !!

मेरी खामोशी को मजबूरी न समझना,खामोशी दूरी बढ़ाती है, ये याद रखना,प्यार करती हूं, इसलिए तू मुझे सताती है,क्यों तू बिल्कुल भी प्यार नहीं जताती है!

खामोश रहती है# वह फिर भी सवाल करती है, #उसकी ये कातिल आंखें, #मेरे दिल में बवाल करती है।

यदि हम वास्तव में प्रार्थना करना चाहते हैं तो हमें सबसे पहले सुनना सीखना चाहिए, क्योंकि हृदय की चुप्पी में ईश्वर बोलता है। – टी। एस। एलियट

जब रूह को ही मार दीजियेगा , तब ज़िस्म का क्या कीजियेगा ,

क्या रिश्ता है तेरा और मेरातेरे चेहरे की खामोशी मेंमेरी खामोशी झलकती है

अंधेरे में भी सितारे उग आते, रात चाँदनी रहती है, कहीं जलन है दिल में मेरे, ये खामोशी कुछ तो कहती है।

खामोश है ये जुबां सुनी सी है राते !!न दिल का ठिकाना है न दिल का बसेरा !!

ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो !!लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है !!

जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं।

कभी सोचा  भी है कि कैसा हूँ बिन तेरे , फिर भी तो ज़िन्दा हूँ लाश की तरह बिन तेरे ,

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,हर नाकामी का मतलब हार नही होता,तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सकेसिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.

सोचा था की ख़ामोश रहकर हर जंग जीत लेंगे,क्या पता था कि लोग उसका भी गलत मतलब निकाल लेंगे !

जब से ये अक्ल जवान हो गयीतब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी!

उनके पास झूठ कहने का हुनर ऐसा था की हम उसे ही सच समझ कर खामोश रहते थे।

जब खामोश आँखो से बात होती है,ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं,पतानही कब दिन और कब रात होती है

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं हम एक दूसरे के करीब से, फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है।

कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसमआज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है!

चुभता तो बहुत कुछ हैंमुझे भी तीर की तरह,लेकिन खामोश रहता हूँतेरी तस्वीर की तरह.

हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता !!हर नाकामी का मतलब हार नही होता !!तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके !!सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता !!

जवाब पलट कर #देने में क्या जोर जनाब, #असली ताकत तो खामोश रहने में लगती है।

रात हुई जब हर शाम के बाद,तेरी याद आयी हर बात के बाद,हमने खामोश रह कर भी महसूस किया,तेरी आवाज़ आयी हर सांस के बाद…!

जब खामोश आँखो से बात होती हैऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती हैतुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैंपता नही कब दिन और कब रात होती है!

खामोश रहती है वोफिर भी सवाल करती हैउसकी ये कातिल आंखेंमेरे दिल में बवाल करता है.!

सूरज घाटियों से बाहर आ गया हैफूलों में एक नए रंग की छटा हैतुम चुप क्यों हो अब मुस्कुराओतेरी मुस्कान देखने के लिए एक नया सवेरा आया है!

दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.

हां अब ख़ामोशी ही ख़ामोशी होगी, हमेश हमेशा के लिए. Haa ab khamoshi he khamoshi hogi, Hamesh hamesha ke liye.

चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर, ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हम से होगा नहीं।।

बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैंहम एक दूसरे के करीब सेफिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है!

तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए !!तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !!

घर के हालात देख खामोश हो जाता हूं,घर में सबको खुश रखना चाहता हूं,पर अक्सर इस काम में फेल हो जाता हूंइस बात को मैं बिल्कुल सह नहीं पाता हूं।

मै कुछ लिखूँ और तेरा जिक्र ना हो वो तो मुकुल की शायरी की तौहीन होगी.

कोई ख्याल जब दिल से टकराता है , दिल चाह कर भी  खामोश रह जाता है ,

खामोशी खामखा नहीं है जुबां पर मेरी, तुमने कुछ ऐसा कह दिया की मैं कुछ कहने लायक ही ना रहा।

गर नहीं था इश्क़ तुम्हें हमसे तो इंकार कर देते,गलती हमारी है जो तेरी खामोशी को प्यार समझ बैठे !!

चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.

रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई मेंहाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.

ना जाने आज कल ये अहसास क्यों है ?हम ख़ामोशी के इतने पास क्यों है ?कहने को तो जिंदगी में सब कुछ ठीक है ,फिर भी हम बेवजह इतने उदास क्यों है

जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,दर्द की मर्जी हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.

इश्क़ तब होता है जब दो दिलों में एक ही बात हो, इश्क़ तब नहीं होता है जब दो दिल धड़कें और जुबां खामोश हो ।।

हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहतीकभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है

भटक जाते है लोग अक्सर इश्क की गलियों मे इस सफर का कोई एक नक्शा तो होना चाहिए।

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