852+ Shayari On Clouds In Hindi | बादल पर शायरी

Shayari On Clouds In Hindi , बादल पर शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: September 14, 2023 Post Updated at: April 19, 2025

Shayari On Clouds In Hindi : अगर मेरी चाहते के मुताबिक़ज़माने में हर बात होतीतो बस में होता और वो होतीऔर सारि रात बरसाद होती। अब तू ही बता की किस कोने मेंसुखाऊ तेरी यादे ,बरसाद बहार भी हे औरभीतर भी हे।

लाखो गम छुपाए बैठे थे वो,अपनी यादों की गठरी में।एक रोशनी हुई, सुबह कीऔर उम्मीदें भर गई,सारे आसमान में।

इश्क़ के फरिस्ते बने फिरते थे जो आज उन्हें बेवफा कहना भी कम लगता है

चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपकाजब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका!

एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं.

बेईमान मौसम से पूछो !!कुछ हरकत कर रहा है !!बताता नहीं क्या !!ये मेरे हमसफर से डर रहा है!!

भीगी मिट्टी की महक प्यास बढ़ा देती हैदर्द बरसात की बूँदों में बसा करता है

रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद, बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद…

वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

चाँद के लिए सितारे अनेक हैलेकिन सितारों के लिए चाँद एक हैआपके लिए तो हज़ारों होंगेलेकिन हमारे लिए आप एक हैं !

तुझे चाहा था इस तरह गर्मी में कोई चाहे बारिश जिस तरह और जो इन आँखों में बारिशें है सिर्फ तेरी साज़िशें हैं

प्यार की बरसात ने अब हमसे मुंह फेर लिया है !!न जाने क्यों मौसम ने रुख अपना बदल दिया है !!

मौत कई बार मेरी आँखों से मिली थीपर तेरा दीवाना किसी और पर कैसे मरता है !

किसी का किया भलाव्यर्थ नही जाता।आपकी हर सुबह सुखमय होये दुआ कोई तो करता होगा।

उसको सबसे बेहतर मैं मानता था मैं उसको अच्छे से पहचानता था उसे किसी का होते हुए भी देखा मैंने मेरा हो नहीं सकता वो… मैं जानता था

मौसम का कुछ ऐसा खुमार हैमन करता चीख कर कह दूहमको तुमसे बहुत प्यार है !

बहुत अच्छे से वो अपना किरदार निभाते हैं बेईमान हैं बेईमानी से साथ निभाते हैं

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,तो दिल में आग लग जाती है।

पिघलती बारिशों में दिल की जमीधुली धुली सी है धुआं धुआं से मौसम मेंदिल की कली खिली खिली सी है।

किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज !!उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी !!

ख्वाहिश रखता हूँ ऊँचे उड़ान का,मैं कद नही देखता किसी इंसान का.

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हु !!में आजकल वरना शौक तो आज भी हे !!बारिश में भीगने का !!

याद आई वो पहली बारिशजब तुझे एक नज़र देखा था

खुद को इतना मज़बूत कर लिए है हमने वो क्या उसकी याद भी आना मुश्किल है

बारिश रईसों के वास्ते ख़ुशी की बात सही,लेकिन मुफलिस की छत के लिये इम्तिहान होता है।

बादलों से कह दो,जरा सोच समझ के बरसे, अगर हमें उसकी याद आ गई, तो मुकाबला बराबरी का होगा

जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

जिनके पास सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में !!जिनके पास नोट थे वो छत तलाशते हुए रह गए !!

कह दो के तुम मुझसे प्यार नहीं करते वैसे भी तुम कभी इज़हार नहीं करते दिल के बदले तुम हमारी जान मांगते हो इस तरह मोहब्बत में कारोबार नहीं करते

सुना है बाजार में गिर गए हैंदाम सारे इत्र केबारिश की पहली बूंदोंने आज मिटटी को छुआ है।

वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारेपर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामनेफीके पड़ते हैं सारे सितारे!

संघर्ष जीवन का सत्य है,तभी जीवन सार्थक है।ये सुबह नई आशा है,नए जीवन का मार्ग है।

इस गम का कही और बसेरा नहीं था वो मेरा था पर सिर्फ मेरा नहीं था

जो वो बरसा तो इश्क़ होगा और मैं बरसा तोबस अश्क होगा !

जितनी बारिश की बूंदे बरस रही हैबस इतना ही प्यार है मुझे तुमसे.

सच्चे प्यार को छोड़कर जो अकेले चले तुम !!बदला है अब मौसम तो क्यों ना बदले हम !!

मौसमें बरसात के मानिंद तुम आते हो यार !!या जम के बरसते हो !!या अश्क़ बरसाते हो यार!!

ये ही एक फर्क है तेरे और मेरेशहर की बारिश में, तेरे यहाँ ‘जाम’लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं।

मौसम का कुछ ऐसा खुमार हैमन करता चीख कर कह दूहमको तुमसे बहुत प्यार है।

पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से,लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें

जब जब आता है यह बरसात का मौसमतेरी याद होती है साथ हरदमइस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमनेपर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम.

कागज़ का फूल बनाकर जला दूँ मैं उसका दिया गुलाब किसी किताब में बंद है

उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम को !!ग़ुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से !!

जिसे मेरे नाम से मोहब्बत हुआ करती थी उसे मेरा नाम अब ज़हर सा लगता है

फर्क नहीं पड़ता कि कौन आपको पाने के लिए मरता है मानो तो ये रखता है कि आपको खोने से कौन डरता है

अगर भीगने का इतना ही शौक है,बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,बारिश तो हर एक के लिए होती है,लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है।

तुम इश्क़ करो और दर्द ना हो मतलब दिसंबर की रात हो और सर्द ना हो

कितना कुछ धुल गयाआज इस बारिश मेंहाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भीधुल गए इस बारिश में।

बारिश की बूंदे लाती है बहार,दे जाती एक अनजाना-सा करार.जब पड़ती है चेहरे के ऊपर,गीला कर उसे और बना देती सुन्दर.

मुझे मार ही ना डाले इन बादलों की साज़िश, ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो

कब तक रहेंगे तन्हाइयों में घिरे कोई तो होगा हमारे भी लिए

उसे मैं सारी उम्र कोसता रहा वो जो मुझे मिलकर भी मिला नहीं

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मेहम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं

भला काग़ज़ की इतनी कश्तियाँ हम क्यों बनाते हैं, न वो गलियाँ कहीं हैं अब न वो बारिश का पानी है

डरता है दिल कहीं बदल ना जाए दिल का ये आलम !!न जाने कब शुरू हो जाए दिल तोड़ने का मौसम !!

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी मेंफिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !

चारों और छाया ये घोर ॲंधेरा, ये प्रकृति की देखों क्या माया। आज नीले- नीले आसमान में, घना ही काला ये बादल छाया।।

नहीं चाहिए मेरे चेहरे पर हसी जब तक तू गैर की बाहों में है आएगी तुझपर भी धुप वक़्त की अभी तू मीठी छाओं में है

रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,चाँद को कोई फ़र्क नही पड़ा बिल्कुल तेरे जैसा था.

फ़लक पे चाँद सितारे निकलने हैं हर शबसितम यही है निकलता नहीं हमारा चाँद

अपनों से होती है नाराजगी साहेब गैरों से क्या गिले-शिकवे

बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ीबादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी

काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाएएक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।

काश कोई इस तरह भी वाकिफ होमेरी जिंदगी से,कि मैं बारिश में भी रोऊँ औरवो मेरे आँसू पढ़ ले।

चाँद के साथ कई दर्द पुराने निकले कितने ग़म थे जो तेरे ग़म के बहाने निकले

ऐसे लोग अक्सर अकेले रह जाते हैं जो लोग खुद से पहले दूसरों का सोचते हैं

ये जिंदगी बहुत छोटी है,इस जीना एक कला है।आशा है, आप अपनी सुबह कोरंगो से भरे,यही सुखमय जीवन का राज़ है।

जरा ठहरो की बारिश हेयह थम जाये तो फिर जानाकिसी का तुम को छू लेनामुझे अच्छा नहीं लगता।

वो दुःख देकर मेरा सुकून ले गया थोड़ा पागलपन थोड़ा जूनून दे गया

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।

सवेरे से लिखो कहानी एक नईतारे फिर लौट आएंगेइस दिन को सवारोये नए अवसर फिर यू ही चले जाएंगे।

बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता हैकिसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैफिजा भी सर्द है यादें भी ताजा हैयह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है।

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