Shayari On Books In Hindi : किताबों सी हो गई है जिंदगी मेरी, पढ़ हर कोई रहा है, जिन्दगी मेरी. पढ़ने का शौक़ीन वो, उसे शोर पसंद नहीं, किताबों के सिवाय उसे कोई और पसंद नहीं.
~ हम वतन के सिपाही है, तन मन धन सब देश के नाम लिख जाएंगेजान तो क्या रूह भी देश के नाम कर जाएंगे।
कर्म के पास न कागज हैऔर न किताबलेकिन फिर भी रखता हैसारे जग का हिसाब ।
ये दिल ही तो जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम, की मुझे जीने के लिए सांसों की नही तेरी ज़रुरत है।
तेरी यादें अब उस बंद किताब में रखे सूखे फूल सी है, जो न फेंक सकता हूँ आर न सम्भाल कर रख सकता हूँ.
यूँ ही नहीं जिंदगी के किताब को सबके सामने खोलता हूँ, हार हो या जीत हर खेल को बड़ी शिद्दत से खेलता हूँ.किताब शायरी
ये दोस्ती का गणित है साहब यहां दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता..
इश्क की एक दास्ताँ लिखी जायेगी,कॉलेज में किसी ने फिर किताब माँगा है.
एक औरत अपनी ज़िन्दगी में सबसे ज्यादादर्द हमें पैदा करते वक़्त सेहती है तभी तोहर बच्चे के दिल में उसकी माँ ही रहती हैमेरी जान मेरी माँ।
किताबों को दो भागों में विभक्त किया जाता हैं. तत्कालिक पुस्तके तथा सर्वकालिक पुस्तकें.
यकीन ना हो तो पूछलो मेरे कमरे की दीवारों से, अपनी किताबों से मैं बस तेरा ही जिक्र करता हूँ.Kitab Shayari
ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिएबस अमन से भरा यह वतन चाहिएजब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिएऔर जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
किताबें टेलीविजन के विपरीत होती है। वे धीरे से आपसे घुलकर, प्रोत्साहित करके, बुद्धि को जागृत करके, आपकी उत्पादक क्षमता को बढ़ती है।
माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,तू नाराज है तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा।
ओर सुनिये “– “मुझे रोकेगा तू ऐ नाखुदा’ क्या ग़रक़ होनेसे ? कि जिनको ड्बना हो, डूब जाते हे सफ़ीनोंसें ॥
सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब, रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।
ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे ,यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।
जो एक लफ़्ज़ की ख़ुशबू न रख सका महफूज़मैं उस के हाथ में पूरी किताब क्या देताअश्कों में पिरो के उस की यादेंपानी पे किताब लिख रहा हूँ
तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी थी और चाँद भी था , हाँ मगर नींद नहीं।
एक किताब पढ़ना एक आलू चिप खाने की तरह है.
जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा हैवो देश हमारा है, वो देश हमारा है
इस वतन के रखवाले हैं हमशेर ए जिगर वाले हैं हममौत से हम नहीं डरतेमौत को बाँहों में पाले हैं हम
माँग लूँ यह दुआ कि फिर यही जहाँ मिले,फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
यदि आप सिर्फ वही किताबें पढ़ते हैं जो बाकी सभी पढ़ रहे हैं तो आप वही सोच पायेंगे जो बाकी सभी सोच रहे हैं.
अपना तेज बनाये रखने के लिए जिस तरह तलवार को पत्थर की ज़रुरत होती है उसी प्रकार दिमाग को किताबों की.
एक किताब जितना वफादार कोई दोस्त नहीं है.
किताबें विचारों की प्राथमिक वाहक है।
मैं किताबों के बगैर जिंदा नहीं रह सकता.
खुद को प्रेरित करने के लिए व्यक्ति को, महान लोगो की किताबे पढ़नी चाहिए।
अच्छी किताबें और सच्चे दोस्त तुरंत समझ में नहीं आते
किताबों का असली मकसद होता है मस्तिष्क को सोचने के लिए मजबूर करना।
एक सो सोलह चाँद की रातें ,एक तुम्हारे कंधे का तिल। गीली मेहँदी की खुश्बू झूठ मूठ के वादे,सब याद करादो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।।
काश तुम पूंछो की हम तुम्हारे क्या लगते हैं, और हम तुम्हे गले लगा कर कहे सब कुछ।
“बिना शब्दों की किताब बिना चुम्बन के प्रेम के सामान है; वो खाली है।”
अच्छे विचारों का संघर्य आपको पुस्तकों से आसानी से प्राप्त हो जाता हैं।
“हँसकर मेरा हर गम भुलाती है माँ,मैं रोता हूँ तो सीने से लगाती है माँ,बहुत दर्द दिया है इस ज़माने ने मुझको,सबकुछ झेलकर जीना सिखाती है माँ..”
मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।
आ बैठ मेरे संग, तुझ पर भी मोहब्बत का नकाब रख दूँ, दो शब्द क्या, तेरे इश्क में पूरी किताब लिख दूँ.
~ तूफान कभी शांत नहीं होते आंधियों से जो डर जाए वो मुकाम नहीं होतेजो देश के झंडे को सलाम नहीं करते वो सच्चे इंसान नहीं होते।
~ चिराग जलते है तो जलने दो आसमां रोशन होता है होने दोबंद करो हिन्दू मुस्लिम को बाटने का धंधा अब हमे मिलजुलकर एक तिरंगे के नीचे रहने दो।
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आंसू पूरी किताब है. – अज्ञात
कुछ लोगों की मोहब्बत भी सरकारी होती है, न तो फाइल आगे बढती है, न ही मामला बंद होता है.Book Shayari
~ इतना भी मत मरो सनम बेवफा के लिए, दो गज जमीन भी नहीं मिलेगी दफ़न के लिए,मरना है तो मरो अपने वतन के लिए, हसीना भी दुपट्टा निकाल देगी कफ़न के लिए।
जो व्यक्ति किताबों के महत्व को समझता हैं, वह उनको पढ़ने के लिए हमेशा उत्सुक रहता है।
~ आओ, हम एक शेर कहें, जो बच्चों की जुबान से निकले,देशभक्ति की आग जो जले, वतन के लिए जो जीवन गवाए।
इश्क तो करता है हर कोईमहबूब पे तो मरता है हर कोईकभी वतन को महबूब बना के देखोतुझ पे मरेगा हर कोई
पुस्तक हमारे भीतर जमे हुए समुद्र के लिए निश्चय ही एक कुल्हाड़ी है।
जीवन के आदर्श मूल्य व्यक्ति को किताबों से पढ़कर ही ज़्यादा बेहतर समझ आते हैं।
एक चराग़ और एक किताब और एक उम्मीद असासाउस के बा'द तो जो कुछ है वो सब अफ़्साना है-इफ़्तिख़ार आरिफ़
कुछ खास नही इन हाथों की लकीरों में, मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है।
बिना किताबों के जीवन किसी घर में दरवाजे खिड़की ना होने के सामान हैं।
परायों से जीतने में इतनी ख़ुशी नहीं मिलती जितनी कभी-कभी अपनों से हार कर मिल जाती है।
~ इस तिरंगे को कभी मत तुम झुकने देना, देश की बढ़ती शान को तुम कभी न रुकने देना,यही अरमान है बस अब इस दिल में, कि ऐसे ही आगे तुम बढ़ते रहना।
बुद्धि के विकास के लिए किताबे पढ़ना बहुत आवश्यक हैं।
जिसे पा नहीं सकते जरूरी नहीं ,कि उसे प्यार करना भी छोड़ दिया जाए।।
केवल कुछ समय के लिए पुस्तकों को रटकर ज्ञान अर्जित ना करे, बल्कि पुस्तकों को ध्यान से पढ़कर पूरी उम्र भर के लिए ज्ञान अर्जित करे।
किसे सुनाएँ अपने गमके चन्द पन्नो के किस्सेयहाँ तो हर शक्स भरीकिताब लिए बैठा है…!!!
दूर से सबको दूसरों की ज़िन्दगी अच्छी लगती है पर अगर सब नज़दीक से अपनी ज़िन्दगी देखेंगे तो सबको अपनी ज़िन्दगी अच्छी लगने लगेगी।
तेरी मोहब्बत मैंने एक बात सीखी है, तेरे साथ के बगैर ये दुनिया फीकी है।
हर शख़्स है इश्तिहार अपनाहर चेहरा किताब हो गया है~क़ैसरउलजाफ़री
ठहर जा नजर में तू जी भर के तुझे देख लूं, बीत जाए ना ये पल कहीं इन पलों को मैं समेट लूं।
सबसे अच्छी किताबें….वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों.
“खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी…जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी..”
“क्लासिक” – एक ऐसी किताब जिसकी लोग प्रशंशा करते हैं और पढ़ते नहीं.
पुस्तकें मन के लिए साबुन का कार्य करती हैं।
इस मोहब्बत की किताब के दो ही सबक याद हुए, कुछ तुम जैसे आबाद हुए, कुछ हम जैसे बर्बाद हुए.
जरा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए,कि मेरी माँ दीये से मेरे लिए काजल बनाती है।
~ नफरत बुरी है न पालो इसे, दिलो में खालिश है निकालो इसे,न तेरा न मेरा न इसका न उसका,ये सबका वतन है संभालों इसे।
मोहब्बत करनी है, फिर से करनी है, बार बार करनी है, हज़ार बार करनी है, लेकिन सिर्फ तुमसे ही करनी है।
पोषण, आश्रय और साहचर्य के बाद, कहानियां वो चीजें हैं जिनकी हमें दुनिया में सबसे ज्यादा ज़रुरत होती है.
आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।