Shayari In Hindi Maa : सीधा साधा भोला भाला में ही सबसे अच्छा हूँ,कितना भी हो जाऊ बड़ा माँ में आज भी तेरा छोटा बच्चा हूँ। भीड़ में भी सीने से लगा के दूध पिला देती है,बच्चा अगर भूखा हो तो माँ शर्म को भुला देती है।
तुझपे क्या शायरी लिखूं मेरी मां.. लिखने के लिए कम पड़ेगा आसमां..
मंजिल दूर और सफर बहुत है,छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है,मार डालती ये दुनिया कब की हमें,लेकिन “माँ” की दुआओं में असर बहुत है।
न किसी अपने, न पराये की तरह, मेरे साथ रहना ,मेरे साये की तरह, माँ।
मेरी दुनिया में जो इतनी शोहरत है,मेरी मां की बदौलत है।
लेके प्यार हम माँ के दीवाने है,हम अमीर है क्योंकि हमारे हिस्से में,आशीर्वाद के खजाने हैं।
तकिए बदले हमने बेशुमार लेकिन तकिए हमें सुलाते नहीं, बेखबर थे हम कि तकिए में मां की गोद को तलाशते नहीं।
माता-पिता वो हस्ती हैंजिसके पसीने की एक बूँद काकर्ज भी औलाद नहींचुका सकती
एक तेरा ही प्यार सच्चा है माँ,औरो की तो शर्ते बहुत है
बालाएं आकर भी मेरी चौखट से लौट जाती हैं,मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं।
भगवान शिव से मैंने दुआ मांगी, भगवान ने मुझे माँ दी है, जिसकी दुआ वक्त तो क्या नसीब भी बदल देती है।
इस बात से अभी तक कई इंसान अनजान है,मां सिर्फ मां नहीं एक वरदान है।
मां तेरी कमी बहुत सताती है !!तेरे बिना बेचैनी सताती है !!
सबका ध्यान रखने में“माँ”खुद अपना ध्यान रखना भूल जाती है।
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया, मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।
हर मंदिर, हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेका, दुआ तो तब कबूल हुई जब मां के पैरों में माथा टेका।
यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ, जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।
जब भी मैं घबरा जाता हूं !!बैठकर मां को याद कर लेता हूं !!
तुम्हारे सीने में दिल नहींहर शख्स ये मुझसे कहता हैअब उनको कौन समझाए किदिल की जगह मेरी माँ का अक्स रहता है
हालात बुरे थे मगर अमीर बना कर रखती थी, हम गरीब थे यह बस हमारी मां जानती थी।
“माँ” की एक दुआ जिन्दगी बना देगी,खुद रोएगी मगर तुम्हे हँसा देगी…कभी भुल के भी ना “माँ” को रूलाना,एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी
जिंदगी की पहली Teacher माँ,जिंदगी की पहली Friend माँ,ZINDAGI भी माँ, क्योकि,Zindagi देने वाली भी माँ !!!
ढूंढती है ये आँखें इस अंजान सहर में, एक चेहरा, याद दिलाती है माँ की, जब पड़ोस वाले घर से गुज़रता हूं में।
मां तेरे एहसास की खुशबू हमेशा ताजा रहती है, तेरी रहमत की बारिश से मुरादें भीग जाती है।
सूना-सूना सा मुझे ये घर लगता है, माँ जब नहीं होती तो बहुत डर लगता है।
हादसोंकी गर्द से… ख़ुद को बचानेके लिए, माँ हमअपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे।
वो तो बस दुनिया के रिवाजों की बात है वर्ना संसार में माँ के अलावा सच्चा प्यार कोई नहीं देता !!
बलाएं आकर भी मेरी चौखट से लौट जाती हैं,मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं..!!
कल माँ की गोद में, आज मौत की आग़ोश में,हम को दुनिया में ये दो वक़्त बड़े सुहाने से मिले..!!
सिखाने में क्या कमी रही मैं यह सोचूं !!जिसे गिनती सिखाई गलतियां मेरी गिनाता है !!
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।
माँ को खोने का दर्दबहुत ही दर्दनाक होता है,क्योंकि माँ के सिवायकोई भी अपना नहीं होता है..!
मेरे माथे को चुम करजब मेरी मां मुझे प्यार करती हैतब सारी मुश्किले होने पर भीअपनी ममता का फर्ज अदा करती है..
मांग लू यह दुआ कीफिर यही मंजिल मिले, फिर वहीगोद मिले फिर वही माँ मिले।।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आयी…मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई!
मेरी किस्मत में कभी भीदुख नाम का शब्द नहीं होता,अगर किस्मत लिखने वालीमेरी माँ होती तो।
माँ ! के आगे यूँ ही कभी खुल कर नहीं रोना, जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती।
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता।
माँ का आँचल…मैं ने माँ का लिबास जब पहना,मुझ को तितली ने अपने रंग दिए।
मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है,जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है..!!
तैरती निश्छल सी बातें अब नहीं है माँ !!मुझे आशीष देने को अब तेरी बाहें नहीं है माँ !!
एक हस्ती है जो जान है मेरी,जो जान से भी बढ़ कर शान हे मेरी, रब हुक्म दे तो कर दू सजदा उसे, क्यूँ की वो कोई और नही माँ है मेरी
हालातों के आगे जब साथ न जुबां होती है, पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द वो साफ “माँ” होती है |
इस तरह वो तेरे गुनाहोंको धो देती है, माँ बहुत गुस्से मेंहोती है तो रो देती है।।
ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते है,जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है।
वो दुल्हन थी तो कॉकरोच से डरती थी अब वो_माँ_है साँप को भी मार देती है !!
ये जिंदगी है जनाब मांनही जो हर वक़्त प्यार दे..
ममता के सागर से भरी है, वो माँ की मूरत,उसके बनाई हर चीज होती है खूबसूरत।
अपनी माँ को कभी न देखूँ तो चैन नहीं आता है,दिल न जाने क्यूँ माँ का नाम लेते ही बहल जाता है।
बहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेरा,मैं अपने पर्स में रखी माँ की तस्वीर को देख लेता हूँ।
मंजिलें बहुत ऊची चढ़ा मैं, मगर कुछ हाथ ना आया,मां ने प्यार से उठाया, तब जाकर आसमां आया..!!
जन्नत का हरलम्हा दीदार किया था,माँ तूने गोद में उठा कर कब प्यार किया था।।
माँ से बड़ा कोई भगवान हो ही नहीं सकताक्योंकि जब भगवान को भी अवतार लेना होता हैतो उससे भी माँ की कोख की ही जरूरत पड़ती है
कभी चाउमीन, कभी मैगी, कभी पीजा खाया लेकिन,जब मां के हाथ की रोटी खायी तब ही पेट भर पाया।
मां की तरह कोई और ख्याल रख पाए,ये तो बस ख्याल ही हो सकता है
ना जाने 😞क्यों आज के 🙁इंसान इस बात से😧 अनजान है,🤔छोड़ 😌देते है बुढ़ापे में 🙏जिसे वो माँ तो 🤰एक वरदान है🤗🤗🤗
ज़ख्म जब बच्चे को लगता है तो माँ रोती है, ऐसी निस्बत किसी और रिश्ते में कहाँ होती है।
सब ने कहा अच्छे से जाना लेकिन मेरी माँ ने कहा बेटा जल्दी घर बापस आना। Sab ne kaha achhe se jana lekin meri maa ne kaha beta jaldi ghar bpas aana.
सारा गम भुल जाता हूं !!जब मां को करीब पाता हूं !!मिस यू मां !!
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता हैये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है
माँ से दूर होने पर आसूं छलक ही जाते है,चाहे जितना छूपा के रखो, माँ को नजर आ ही जाते है।
एक मुद्दत हुई मेरी मां नहीं सोई तबिश,मैंने एक बार कहा था कि मुझे डर लगता है..!!
किसी के जाने से डर नहीं लगता साहबमाँ के बिना जीने से लगता है !!
मेरी हर कोशिश को खुदा सफल कर देता है,मेरी माँ का होना मुझे मुकम्मल कर देता है।
फर्क नहीं पड़ता दुनिया मुझे क्या कहती हैं मेरी माँ कहती हैं मेरा लाल बड़ा सुन्दर है.
दुनिया सिर्फ हालात पूछती है फिक्रसिर्फ मां करती है..
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है..!!
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दीं सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़-ए-मां रहने दिया
भगवान से ऊंचा दर्जामाँ का क्यों होता है?क्योंकि भगवान तोकर्मों के हिसाब से फल देते हैंलेकिन माँ हमें अपना सब कुछहमारी करतुते देखे बिना दे देती है
मेरी माँ आज भीकितनी अनपढ़ है, मेंमांगती रोटी एक हू वो देती मुझे दो है।।
ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हेये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हेएक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश …मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे
मेरी तक़दीर में कभी कोई गम नही होता,अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता।