Shayari For Annual Function Anchoring In Hindi : मुद्दत Se आता हर दिनज़िन्दगी Me नई उम्मीद जागेआज Ka दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामों Se सबके नसीब जागे शब्दों Ka वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,वैसे तो, दीवारों Par भी “वेलकम” लिखा होता हैं।
कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव हो जाएगा,समंदर में लहरों का महोत्सव हो जाएगा,शोभा आपकी और हमारी दो दूनी चार होगी,जब आपकी तालियों का महोत्सव हो जाएगा।
वक़्त के साथ सब बदल जाता हैं,किसी जमाने में जिसे ठेंगा कहते थे,आज उसे लाइक कहते हैं…
ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर,बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर,अधिक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल,ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर…
“तुम क्या चले गए,बाग से तितलियां चली गईफूल मुरझाये पत्तियां राख हुई,अब और मत सताओ,गार्डन में पानी देना है,काम पर जल्दी आओ।”
तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तोहमको मिल सकता है तुमसे बेहतरलेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तोकुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर।
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगेअल्लाह सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो
उपर दी गई जानकारी मे अगर यदि आपका कोई भी विचार,सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए जिससे हम आपकी मदद कर सकें !
सारे दुःख मिटा दो चेहरे की हंसी सेगमों की आग बुझा दो चेहरे की हँसी सेहर कोई खुश रह नहीं सकता चाह कर भीखुशी का राज बता दो चेहरे की हँसी से।
कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव Ho जाएगा,समंदर में लहरों का महोत्सव Ho जाएगा,शोभा आपकी और हमारी Do दूनी चार होगी,जब आपकी तालियों का महोत्सव Ho जाएगा…
कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव हो जाएगा,समंदर में लहरों का महोत्सव हो जाएगा,शोभा आपकी और हमारी दो दूनी चार होगी,जब आपकी तालियों का महोत्सव हो जाएगा…
जो दिल का हो खूबसूरतखुदा ने ऐसे लोग कम बनाये हैजिन्हे ऐसा बनाया है खुदा नेआज वो हमारी महफ़िल में आये है।.
हर मायूस को हंसाने काकारोबार है अपनादिलो का दर्द खरीद लेते हैंबस यही रोजगार अपना
आओ आज मुश्किलों को हराते हैंचलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं
पंख ही काफ़ी नहीं हैं आसमानों के लिए,हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानो के लिए।
ग़र ख़ुद के साथ ज़ीना आ जायेटूटे हुओं के ज़ख्मो को सीना आ जायेहर पल बरसती है नियामतें कायनात कीबस हर दिन की मुबारक देना आ जाए।
जब मै कहने गया था.दिल से दिल की बाते.तो हडबड़ा कर.गिर गया था कीचड़ पर साले.वो मुझे देख कर.पहचान नहीं पाई.उसने कोई पागल समझ कर.मेरी कर दी कुटाई.
भूल नही सकते हम वो दिन, जबआप पहेली बार मुस्कुराए थे । 😍
मुहोब्बत का एक हसीं अहसास हूँ में,हर पल में घुल जून कुछ एसा खास हूँ में…पूरी उम्र जपो यद् रहे आपको,इस शाम का वो हसीं आगाज़ हूँ में ||
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
वैल्कम डांस करने के लिए आ रही हैं इनका तालियों के साथ स्वागत कीजिये,प्यारी परी के सुंदर डांस के बाद, अब घर की देसी गर्ल्स की हैं बारी,
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से,महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों के आने से।
दिन निकला हर दिन जैसापर आज का दिन कुछ ख़ास होअपने लिए तो जीते हैं रोजआज सबके भले की अरदास हो।
बंधन में है दिल एक बहाली तो बनती है,नीरस से माहौल में एक खुशहाली तो बनती है,यह रंग जो बिखरे है पर्दें पर गर समेटने है तो,जनाब आपकी एक ताली तो बनती है।
जिस तरह चाहे हमे आजमा लेहम तेरा साथ छोड़ कर नही जायेगे। 😊
तो इस लाजवाब परफॉरमेंस के लिए एक बार फिरसे से ज़ोरदार तालिया हो जानी चाहिए। इस पर ही मुझे एक शेर याद आ रहा है।
स्नेहपूर्ण प्यार से बंधी हैं रेशमसी डौर,जिसके प्यार की सीमा का नहीं है छौर,ले रहे हैं जो एक सपनों की उड़ान,उनके प्यार की खुशबू महक रही है चहुओर…
“मंजिल उनिको मिलती ही जिनके सपनो मैँ जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।”
अर्ज किया है,रजवाड़े में उस रहे थे हाथी,रजवाड़े में उड़ रहे थे हाथी,इतने गौर से क्या सुन रहे,कभी देखे है उड़ते हाथी।
जैसा मूड हो वैसामंजर होता हैमौसम तो हर इंसान केअंदर होता है।
तू ज्यादा Waqt को जाया ना करते हुए आज की इस शाम को आगे बढ़ाते हैं और सबसे पहले हमारे परफॉर्मेंस को बुलाते हैं
क्या आपको है कीकौन है महफ़िल की शान?,यहाँ पर आये हुए हर मेहमान.
वो आँख बड़ी ही प्यारी थी.जो उसने मुझे मारी थी.हम तो मुफ्त में लूट गये यारो.हमें नही पता था की उसको,बाबा रामदेव वाली बीमारी.
तो यदि आप यह Anchoring पढ़ चुके है तो आपको हमारे द्वारा दी गई Anchoring की Script पढ़ कर अच्छा ही लगा ही होगा।
ना संघर्ष, Naa तकलीफें…क्या Hai मजा फिर जीने में।तूफान भी थम जाएगा, Jab लक्ष्य रहेगा सीने में।।
सर्वप्रथम सरस्वती पूजन और दीप प्रज्वलन के लिए में संस्थान के अध्यक्ष….……..,मुख्य अथिति…….. और प्राचार्य को आमंत्रित करती हूं।
आओ आज मुश्किलों को हराते Haiचलो आज दिन भर मुस्कुराते Hai
इम्तिहान समझकरसारे गम सहा करोशख़्सियत महक उठेगीबस खुश रहा करो
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ीवर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती।
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
बहुत मस्त हो तुम लोगो की नजरो से बचके रहो.आँखों में काजल के साथ, गले में भी निम्बू मिर्चीकी माला लटकाया करो.
तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है
तुमको मिल शक्ति है मुझसे बेहतर तोहमको मिल सकता है तुमसे बेहतरलेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तोकुछ और नहीं हो सकते इससे बेहतर।
चलता रहूँगा मंजिल की और, चलने में माहिर बन जाऊंगा या तो मंजिल मिल जाएगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा||
तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तोहमको मिल सकता है तुमसे बेहतरलेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तोकुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर।
जिंदगी के पथ पर मिलते है कई राहगीर पर आपके जैसा हमे न मिला कोई
मसेंजर पर बात कर के उनसे हमारी नीद उडी.सामने मिली तो वजन था 75 और नाम था पंखुड़ी.
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर,तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर…मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त,तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।।
वो आये गये जिनका इंतज़ार था,आओ हम खुशियों के दिये जला लें आज के मुख्य अतिथि के स्वागत में,सब लोग जोरदार तालियाँ बजा दें।
तकदीर ने चाहा तकदीर ने बताया,तकदीर ने आपको और हमको मिलाया,खुशनसीब थे हम या वह पल,जब आप जैसा हमसफर जिंदगी में आया…
जो अच्छे और दिल के बड़े होते है,वो स्वागत के लिए खड़े होते है।
मुस्कुराकर, दर्द भूलकर रिश्तों में बंदथी दुनिया सारी हर पग को रोशन करनेवाली वो शक्ति है एक नारी महिला दिवसकी शुभकामनाएं.
तो हम जब तक अथिति अपना स्थान ग्रहण न कर ले तब तक तक आप कुछ ऐसा बोल सकते है।
हर मायूस को हंसाने काकारोबार है अपनादिलो का दर्द खरीद लेते हैंबस यही रोजगार अपना
मुजहे बस तुम्हारी जरूरत है, अगरकोई तुमसे बेहतरीन हो तो भाड़ में जाए । 🙃
“दिलों में विश्वास पैदा करता है,मन में कुछ आस पैदा करता है,मिटटी की तो कुछ बात ही अलग है,ईश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है…”
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।
तब तिरछी नजरों से उन्होंने हमको देखा,तो हम मदहोश हो गएजब पता लगा उनकी नज़रे ही तिरछी हैतो हम बेहोश हो गए।
आपका स्वागत करनेहम सब मिलकर आये है,चेहरे पर मुस्कान और हाथों मेंफूलों की माला लाये है।
ये कलयुग हैं साहब,यहाँ भीड़ को रश कहते हैं,और जो भीड़ में पसंद आ जाए,उसे क्रश कहते हैं…
वो आए घर Me हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन Ko कभी अपने घर को देखते हैं।
अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर,तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर।मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त,तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।।
जैसा मूड हो वैसामंजर होता हैमौसम तो हर इंसान केअंदर होता है
शाम सूरज को ढलना सिखाती हैशमा परवाने को जलना सिखाती हैं,गिरने वालो को होती है तकलीफपर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती।”
मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।।
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से.महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों के आने से,
देख पोस्ट मेरी अच्छी है सोच मेरी अच्छी है.BUT अभी भी तुझे नही आया पसंद तो.यार तू अभी बोर्न बेबी है.
आज के दिन को सर झुकाकर करें सज़दामन की उमंगों को पँख लग जायेंगेभर लिया ख़ुद को दुआओं से इस दिनतो दूसरों के लिए भी दुआ कर पाएंगे।
अपनी कद्रदानी को,इस तरह ना छिपाइए,अगर प्रस्तुति पसंद आई हो,तो तालियाँ बजाइये।
दिन निकला हर दिन जैसापर आज का दिन कुछ ख़ास होअपने लिए तो जीते हैं रोजआज सबके भले की अरदास हो।
दिलों में विश्वास पैदा करता है,हम सुब में कुछ आस पैदा करता है।मिटटी की बात तो अलग है,इश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है।।