Shayari Before Dance Performance In Hindi : जो शब्द ना अब तक कह पाएमेरे घुंघरुओं ने दास्ताँ बताई हैकौन कहता है यह कोई डांस हैमेरा मन जागा है उसी की यह अंगड़ाई है डांस तुम मेरे यार होबचपन वाला मेरा प्यार होदर्द देती है एडियां लेकिनदिल कहता है हर बार हो
जो तेरा हाल है वो मेरा हाल है,हाल से हाल मिला ताल से ताल मिला
अपनी प्यारी-सी मुस्कान सेहर गम को दूर कर देती है,मेरी प्यारी भतीजी पूरे घर कोखुशियों से भर देती है।
कई बार ऐसे ही लोग हमें मिलते हैं ।हमारे बीच विराजमान होते हैं तो हमारे लिए प्रेरणा बन जाती है।
मिलते हो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।
नृत्य मेरी अभिलाषा है,नृत्य ही मेरी भाषा है,नृत्य मेरे लिए सम्मान है,नृत्य ही मेरी पहचान है
आज के दिन को सर झुकाकर करें सज़दामन की उमंगों को पँख लग जायेंगेभर लिया ख़ुद को दुआओं से इस दिनतो दूसरों के लिए भी दुआ कर पाएंगे।
“ नृत्य तो असंख्य गोपिकाएंकरती थी भगवान श्रीकृष्ण के संग,उन्हें लुभाने के लिए नहीं अपितुस्वयं को उनमे भुलाने के लिए…!!
“ नाचने का हुनर बचपनमें ही सीख लो, ये जिंदगीवक़्त-बेवक्त बड़ा नचाती है….!!
उस #आदमी को कभी तलवार मत दो जो #नाच न सके.
मुद्दत से एक ठुमका देखने की ललक थी आज देखना नसीब हो गया अब तक तो था दिल से अमीर आज दिल का गरीब हो गया
ये कलयुग हैं साहब,यहाँ भीड़ को रश कहते हैं,और जो भीड़ में पसंद आ जाए,उसे क्रश कहते हैं…
देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो
ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर Baar,करतल ध्वनि हो जाये तो Ho जाये उपकार,बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति Ke बाद,तड़-तड़ वाली तालियाँ तब Hai कोई बात…
मुद्दत से एक ठुमका देखने की ललक थी आज देखना नसीब हो गया अब तक तो था दिल से अमीर आज दिल का गरीब हो गया
देखा है तुम्हारे आगे,शर्मा के फूलों को मुरझाते,ए जहाँ को घायल करने वालेतुम डिओडोरेंट क्यों नहीं लगाते।
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह, कि हर तरफ़ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे, देखकर दिल उनको झूमने लगा, सब
महिला संगीत की शाम को रंगीन बनाने कितने सारे सितारे आज हमारे प्रांगण में उतर आये हैं उन सभी सितारों का हम तहे दिल से अभिनंदन करते हैं.
मंजिल उनिको मिलती हीजिनके सपनो मैँ जान होती है,पंखो से कुछ नहीं होताहौसलों से उड़ान होती है।
“ किसी के नाचने में हरख होता हैमजबूरी के नाच में एक दर्द होता हैबंदगी,गुमान,शराब के नशे में नाचते हैं लोगनाचने नाचने के भाव में फ़र्क होता है…!!
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।
नाचते वक़्त आपका ध्यान बस एक चीज़ की तरफ होना चाहिए ख़ुशी की तरफ।
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
चेहरे पर हंसी और दिल में खुशी होती हैसही मायनों में यही जिंदगी होती हैऔर हंसना किसी इबादत से कम नहींकिसी और को हंसा दो तो बंदगी होती है
प्यार तो हम भी कर लेते लेकिन मेरे दिल में कुछ खास नहीं था, ताज महल तो हम भी बनवा देते पर लोन पास नही हुआ था ।
ग़र ख़ुद के साथ ज़ीना आ जायेटूटे हुओं के ज़ख्मो को सीना आ जायेहर पल बरसती है नियामतें कायनात कीबस हर दिन की मुबारक देना आ जाए।
#नृत्य तो असंख्य गोपिकाएं करती थीं #भगवान श्री कृष्ण के संग… उन्हें ‘लुभाने’ के लिए नहीं #अपितु स्वयं को उनमें #भुलाने के लिए!
हसी तेरे चहरे पर रहे सदा, यह दुआ है मेरी.तेरी माशूका बन जाये GF मेरी.
इम्तिहान समझकरसारे गम सहा करोशख़्सियत महक उठेगीबस खुश रहा करो।
स्नेहपूर्ण प्यार से बंधी हैं रेशमसी डौर,जिसके प्यार की सीमा का नहीं है छौर,ले रहे हैं जो एक सपनों की उड़ान,उनके प्यार की खुशबू महक रही है चहुओर…
कला की हम करते है कदर,गज़लहो या हमारी पायल,लिखे नज़्मऔर थिर्के पैर भी,रहें ना इसकेबगैर अब,जहां मान चुके इसे हम रब
लडकियाँ शादी में नागिनडांस इसलिये नहीं करती क्योंकि,नाचते नाचते कहीं असली रूप मेंआ गई तो पोल खुल जायेगी तो । 😂
कलाकार हु अपनी कला जानती हुकहाँ सुनती हु बस दिल का ही मानती हुगर्व है मुझे अपनी विरासत पेकुछ और नहीं आपकी तारीफें मांगती हु
कब से था इंतजार,आज हुई है खुशियों की बहार,मुबारक हो आपकोसुनाई दी है नन्ही भतीजी की किलकारी
और बीच-बीच में इन सारे चुटकुलों का इन सारी कविताओं का इन सारी शायरियों का इस्तेमाल करके आप अपनी एक बढ़िया कॉमेडी एंकरिंग स्क्रिप्ट बना सकते हैं।
जैसे अनगिनत तारों के साथ चांदनी हैं सजती,कई परिवारों के साथ महफिले हैं बनती,हँसी ठिठोली से जब गूँजता हैं प्रांगन,तभी तो खिलता हैं शादी का आँगन…
नृत्य करने पर घंघरू कीआवाज़ दे सुकून तेरे इत्र केमहकने पर एहसास ए प्यार का जुनून
“शाम सूरज को ढलना सिखाती हैशमा परवाने को जलना सिखाती हैं,गिरने वालो को होती है तकलीफपर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती।”
“ नृत्य मेरी अभिलाषा है,नृत्य ही मेरी भाषा है,नृत्य मेरे लिए सम्मान है,नृत्य ही मेरी पहचान है….!!
हम बहुत ही भाग्यशाली है कि आज हमारे साथ हमारे माननीय मुख्य अतिथि जी हैं जोकि एक अधिकारी है। और साथ ही हमारी स्कूल के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं।
दुनिया के मेले में सब हैनाचते, जिन्दगी में सबकेआते है मुश्किल भरे रास्तें
नृत्य है एक ऐसी कलाजिसका ना कोई. मेल नृत्य हैएक ऐसी कला जो बच्चों का ना खेल
ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर,बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर,अधिक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल,ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर…
चंदा की चकोरी से कभी बात ना होती, गर तुमसे हमारी ये मुलाकात ना होती| इस शाम के लोगों में कुछ बात हे यारों, वरना तो कभी इतनी हसीं रात ना होती||
जिन्दगी में अच्छे लोगो सेमिलना है, तो नृत्य करना सीख लीजिये
जिंदगी की राह पर अकेला हूं,खूब खिलाया पिज्जा इस बेवफा कोइसीलिए आज भूखा और भिखारी हूं। 💔
रौनक़-ए-बज़्म नहीं था कोई तुझ से पहलेरौनक़-ए-बज़्म तिरे बा’द नहीं है कोई।
रूकावट के लिए खेद हैं. लेकिन आपकी खिदमत में कुछ लाइने पेश हैं. अगर सही लगे तो कुबूल फरमाइए और गलत लगे तो भूल जाइये.
“ यदि आप अपनी आक्रामकताको छोड़ना चाहते हैं,तो उठो और नृत्य करो…!!
मां के स्पर्श में प्यार है,पिता के स्पर्श में दुलार है,वो हमेशा खुश रहे,ऐसा हमारा आशीर्वाद है।
अपनी बहना को देकर बिदाई का संदेश लौट रही हैं वो अपने देश हर ख़ुशी के साथ सजाया उसने बहना को और दिल में दर्द चेहरे पर हँसी लिए बिदा किया आज उसको
“मंजिल उनिको मिलती ही जिनके सपनो मैँ जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है।”
दिल और दिमाग एक ही जिद पर अड़े हैं,सबकुछ छोड़कर दोनों लड़की के पीछे पड़े हैं..
“ प्रकृति सम्पूर्ण संगीत है, जीवन महज एक नृत्य है….!!
सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी, सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी.
“ रक्स ना कर अपनी खुशीपर इस कदर दूसरों का दर्दभी तुझ ही से वाबस्ता है…!!
जो तेरा हाल है वो मेराहाल है, हाल से हालमिला ताल से ताल मिला
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
भतीजी को कभी किसी चीज के लिए न रोकना,उसे कोई काम करने के लिए न टोकना।
“ दिमाग में चल रहा नृत्यविचारों का, दिल भटकरहा यहाँ बंजारों सा….!!
“ चाहे न चाहे जिदंगी हमसे उम्रभर नृत्य करवाती है, नृत्य करतेकरते इंसान की पूरी उम्र निकल जाती है….!!!
#नृत्य,,, सिर्फ़ एक कला नहीं, मेरी भावनाओं# का सार है,,,:)
ये नन्हे फुल तब महकते हैंजब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैंइन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिएजोरदार तालियाँ तो बनती हैं
मस्तिष्क में नृत्य करते हैजब विचार, हृदय भी भावुकहो जाता है कई बार
” खुद को पेश करो नाचो, गाओ,सीना चीरके दिलको, अपनी जानलगाओ देखो ना सूनेपन से इसजहाँ को कुछ दुसरो का कुछहमरा दिल बहलाओ…!!
मन मचल के मोर होना चाहिए,संगीत की शाम है, थोडा शोर होना चाहिए,दिखाने को तो रात भर डांस दिखाए हम आपको,मगर आपकी तालियों में भी थोडा जोर होना चाहिए…
आज कुछ शर्माए से लगते हो,सर्दी के कारण कपकपए से लगते हो,चेहरा आपका खिलखिलाये सा लगता है,हफ्ते के बाद नहाए से लगते हो।
मुद्दत से एक ठुमका देखने की ललक थीआज देखना नसीब हो गयाअब तक तो था दिल से अमीरआज दिल का गरीब हो गया
दिन निकला हर दिन जैसापर आज का दिन कुछ ख़ास होअपने लिए तो जीते हैं रोजआज सबके भले की अरदास हो।
तुम्हारा जिक्र हो औरदिल उछल पड़े, कहींयही तो नही परिभाषा नृत्य की
नृत्य दिल से किया जाता है क़दमों एवं शरीर में तो केवल उस नृत्य का प्रतिबिम्ब नज़र आता है।
जवानी के दिन चमकीले हो गए,हुस्न के तेवर भी नुकीले हो गए,हम इज़हार करने में रह गए औरउधर उसके हाथ पीले हो गए । 💔