Shayari Before Dance Performance In Hindi : जो शब्द ना अब तक कह पाएमेरे घुंघरुओं ने दास्ताँ बताई हैकौन कहता है यह कोई डांस हैमेरा मन जागा है उसी की यह अंगड़ाई है डांस तुम मेरे यार होबचपन वाला मेरा प्यार होदर्द देती है एडियां लेकिनदिल कहता है हर बार हो
माथे में नक्चते है जब विचार,दिल भी भावुक हो जाता है कई बार
बहुत मस्त हो तुम लोगो की नजरो से बचके रहो.आँखों में काजल के साथ, गले में भी निम्बू मिर्चीकी माला लटकाया करो.
ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार,करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार,बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद,तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात…
“तुम क्या चले गए,बाग से तितलियां चली गईफूल मुरझाये पत्तियां राख हुई,अब और मत सताओ,गार्डन में पानी देना है,काम पर जल्दी आओ।”
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती
खुशी के फूल उन्हीं के दिलों में खिलते हैंजो आदमी की तरह आदमी से मिलते हैं
“ जिन्दगी में अच्छे लोगो सेमिलना है, तो नृत्य करना सीख लीजिये….!!
य तो कला वरदान हैपर समझता समाजइसको सिर्फ़ “नाच” है
“ जैसे अनगिनत तारों के साथ चांदनी हैं सजती,कई परिवारों के साथ महफिले हैं बनती,हँसी ठिठोली से जब गूँजता हैं प्रांगन,तभी तो खिलता हैं शादी का आँगन…!!
शब्दों के इत्तेफाक़ मेंयूँ बदलाव करके देखतू देख कर न मुस्कुराबस मुस्कुरा के देख।
पूजा हो मंदिर में तो थाली भी चाहिए,गुलशन है गुल का तो माली भी चाहिए है,दिल है दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए,कार्यक्रम है हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए।
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरहकी हर तरफ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे,देखकर दिल उनको झूमने लगासब के मन जैसे खिलखिलाने लगे.
“ मुझे लगता है कि नृत्य करना एकआदमी का खेल है और अगर वहइसे अच्छी तरह से करता है तोवह इसे एक महिला से बेहतर करता है…!!
“ वह थिरकती लौ आत्मा कीजो कण-कण में विराजित है,नृत्य में नटराज हीआदि कल से समाहित है….!!
जब तक आप नृत्य करते हैंतब तक आप जीवित रहते हैं
जैसा मूड हो वैसामंजर होता Haiमौसम तो हर इंसान केअंदर होता Hai
“ दिल की बाहो से वो खिल उठा हैकुछ बात है डांस में जो मिल चूका हैहर एक कदम पे मन उड़ जाता हैपैरो के मन से डमरू मुड़ जाता है…!!
“ बस खुद को बना ले अपनासारा जमाना अपना बन जाएगातनिक खुद के साथ झूम के देखोहर दिन सावन नजर आएगा…!!
दिलों में विश्वास पैदा करता Hai,हम सुब में कुछ आस पैदा करता Hai…मिटटी की बात तो अलग Hai,इश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता Hai।।
नृत्य दिवस चाहे कभी भी मना लो #ज़िंदगी तो हर दिन नचायेगी
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगीतुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी।
हार को जीत की एक दुआ मिल गई तपन मौसम में ठंडी हवा मिल गई। आप आये श्री मान जी यू लगा, जैसे तकलीफ को कुछ दवा मिल गई।
“ दुनिया के मेले में सब हैनाचते, जिन्दगी में सबकेआते है मुश्किल भरे रास्तें….!!
ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार,करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार,बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद,तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात।
सजदा अदा न कर सकाइस बात का ग़म नहींखुशी से झूमना भी दोस्तोंखुदा की इबादत से कम नहीं
तुम आ गए Ho तो कुछ चाँदनी सी बातें होंज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता Hai
“शाम सूरज को ढलना सिखाती है शमा परवाने को जलना सिखाती हैं, गिरने वालो को होती है तकलीफ पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती।”
नाचना रिंदगी भी होती है नाचना खुदा की बंदगी भी होती है कुछ पल झूम के देखो खुशी में तो लगेगा कि नाचना जिंदगी भी होती है !
ऊपर दी गयी एंकरिंग स्क्रिप्ट को नीचे दिए गए अलग अलग इवेंट में इस्तेमाल कर सकते है बिना किसी दिक्कत के:-
“ जीवन का मीठा सत्य है,जीवन भी एक नृत्य है….!!
आओ आज मुश्किलों को हराते Haiचलो आज दिन भर मुस्कुराते Hai
दिन निकला हर दिन जैसापर आज का दिन कुछ ख़ास होअपने लिए तो जीते है रोजआज सबके भले की अरदास हो।
नृत्य के कला को जिसने समझाउसके लिए वरदान है, जो इसे सिर्फ‘नाच’ समझा वो इंसान बड़ा ही नादान है
“ आज फिर से उसके कदमथिरकने लगे, ‘ जब बेड़ियाँधुंघरुओं का रूप लेने लगे…!!
भतीजी की मुस्कान जैसे सूरज और चाँद,सलामत रहे हमेशा तुम्हारी मुस्कान.यही दुआ है कोई ना आयें तुम पर आँच !
अपनी कद्रदानी को,इस तरह ना छिपाइए,अगर प्रस्तुति पसंद आई हो,तो तालियाँ बजाइये…
ये नन्हे फुल तब महकते हैंजब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैंइन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिएजोरदार तालियाँ तो बनती हैं।
जो दिल का हो खूबसूरतखुदा ने ऐसे लोग कम बनाये हैजिन्हे ऐसा बनाया है खुदा नेआज वो हमारी महफ़िल में आये है।.
“ वह थिरकती लौ आत्मा कीजो कण-कण में विराजित है,नृत्य में नटराज हीआदि कल से समाहित है…!!
#अहसास के रंग में डूब कर जब चली #कलम शब्द शब्द नृत्य करने लगे और #कविता बन गयी
आपको सबसे बेहतर नृत्य सीखने की आवश्यकता नहीं है आपको ज़रुरत है रोज़ खुद से बेहतर नृत्य सीखने की।
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान।
“ हर इंसान के पैर पूरे जीवन मेंसैकड़ो मील चलते है, नृत्य करनेवाले पैर इस दुनियामें बहुत कम मिलते है….!!
“ मसर्रत के तराने गा रहे हैंदिल वाले घोड़े मुबारक हो दिल,फिर से डांस करने लगे है वो थोड़े…!!
मुहोब्बत का एक हसीं अहसास हूँ में,हर पल में घुल जून कुछ एसा खास हूँ में…पूरी उम्र जपो यद् रहे आपको,इस शाम का वो हसीं आगाज़ हूँ में।।
“ नृत्य और दौड़ ख़ुशी केरसायन को बढ़ा देते है…!!
हार को जीत की एक दुआ मिल गई, तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई, आप आये श्रीमान जी यूँ लगा, जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई,
“ जरूरतें हर इंसान को नचाती है, कोई पर्दे के आगे नाचता हैतो कोई पर्दे के पीछे नाचता है….!!
जोह तेरा #हाल है, वह मेरा हाल है … हाल से हाल मिला, #ताल से ताल मिला
मुस्कुराने की मकसद ना ढूंढवरना जिंदगी यूं ही कट जाएगीकभी बेवजह मुस्कुरा के देखतेरे साथ साथ जिंदगी भी मुस्कुराएगी।
पहला नृत्य सबसे खराब नृत्य है;अंतिम नृत्य सबसे अच्छा नृत्य है.निरंतर अभ्यास के सभी मार्ग पूर्णताकी भूमि की ओर ले जाते है
तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तोहमको मिल सकता है तुमसे बेहतरलेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तोकुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर।
कुछ बयां कर देता हूंकुछ छूपा लेता हूंमै अपनी मुस्कान से हीखूद को मना लेता हूं।
बहुत नाच लिये जंगल में मोर,अब तुम जरा शहर में आओ,नंगे बदन इन कलाकारों कोअब तुम नृत्य कला सिखलाओ
Dance वो कला नहीं जिसे सीखना ज़रूरी है बल्कि ये वो कला है जिसे महसूस करना ज़रूरी है।
“ ज़िन्दगी में कमियों को देख निराश होकर बैठे रहने से अच्छा है हम ज़िन्दगी की खूबियों कोदेख खुश हो कर नाचें…!!
“ जब आप नृत्य करते है, तो आप अपने होने केविलासिता का आनंद ले सकते है…!!
किसी के नाचने में हरख होता हैमजबूरी के नाच में एक दर्द होता हैबंदगी,गुमान,शराब के नशे में नाचते हैं लोगनाचने नाचने के भाव में फ़र्क होता है
“ क्रोध को समेट लेता है नृत्य,मन को मोह लेता है नृत्य,जीवन का एक अंग है नृत्य,सुकून उसे मिलता है जिसके संग है नृत्य…!!
अजीज के इन्तजार में ही पलके बिछाते हैं, महफ़िलो की रौनक खास लोग ही बढ़ाते हैं.
अपनी कद्रदानी को,इस तरह ना छिपाइए,अगर प्रस्तुति पसंद आई हो,तो तालियाँ बजाइये।
“ अहसास के रंग में डूब कर जबचली कलम शब्द शब्द नृत्य करनेलगे और कविता बन गयी…!!
“ आज भी तुम करती हो नृत्यमेरे मन की भीगी सड़को परजहाँ से कोई गुजरता नहीं अब….!!
आंखों में करुणा दिल में दया होठों पर मुस्कानमुश्किल है मिल पाना जग में आप जैसा इंसान
शर्म नृत्य ना करने पर आनी चाहिए नृत्य बुरा करो या फिर अच्छा हमे गर्व होना चाहिए।
मुद्दत से आता हर दिनज़िन्दगी में नई उम्मीद जागेआज का दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामोंसे सबके नसीब जागे
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना, हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना||
English मुझे पहले से ही अजीब लगती है, जब T से कम चल सकता है, तो फिर ea लगाकर Tea करने की क्या जरूरत थी ।
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार, आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार, इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम इस आयोजन का करें वेलकम.
“ नाचना रिंदगी भी होती हैनाचना खुदा की बंदगी भी होती हैकुछ पल झूम के देखो खुशी में तोलगेगा कि नाचना जिंदगी भी होती है…!!
तुमको देखेगे सितारे तो स्याह मंगेगे.और प्यासे तेरी जुल्फों से घाटा मांगेगे.अपने कंधे से दुपटे को ना सरकने देना.वरना बूढ़े भी जवानी कि दुआ मांगेगे.
हार को जीत की इक दुआ मिल गई, तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई, आप आये श्रीमान जी यूँ लगा जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई.