Sasural Shayari In Hindi : ससुराल में बहू को डांट दो तो अपराध होता है,बेटियों को डांट दो तो कोई सवाल नही होता है. मायके में बेटी को संस्कार इस तरह से मिले,ससुराल में आकर होठों की मुस्कान न सिले.
सदा रहना दो दिलों में एक जान,चुटकी भर सिंदूर से हो गई हैतू जीजा जी के नाम।
खुदा दो सींग दे तो भी सहे जाते हैं. ईश्वर कुछ भी दे उसे सहर्ष स्वीकार करना पड़ता है.
अभागे की जाई, गरीब के गले लगाई. अभागे व्यक्ति की बेटी की शादी गरीब से ही होती है.
बुढ़िया मरे का गम नहीं, पर जम घर देख गए. बुढ़िया मर गई इस बात का गम नहीं है पर इस बात की चिंता है कि यमदूत घर देख गए (अब दोबारा जल्दी न आ धमकें).
खूब दुनिया को आजमा देखा, जिसको देखा तो बेवफा देखा. ईमानदारी और कृतज्ञता बहुत कम लोगों में मिलती है.
काम को सलाम है. काम की ही प्रशंसा होती है.
करो तो सबाब नहीं, न करो तो अजाब नहीं. अजाब – पाप का दंड. कोई ऐसा काम जिसे करने में पुण्य न मिले और न करने में पाप भी न हो.
खाने में आगे, काम से भागे. ऐसे व्यक्ति के लिए जो खाने पीने के मौकों पर आगे रहता हो और काम पड़ने पर गायब हो जाता हो.
एक जोरू सारे कुनबे को बस है. एक स्त्री पूरे परिवार को संभालती है.
अच्छी सूरत से अच्छी सीरत भली. अच्छी शक्ल वाले के मुकाबले वह व्यक्ति अधिक अच्छा है जिसके व्यवहार अच्छा हो.
छोटे बिगड़ें, देख बड़ों को. बड़े लोगों को कोई गलत काम करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे वही सीखते हैं जो वे बड़ों को करते देखते हैं.
गुणवान सब जगह पूजा जाता है. जबकि राजा केवल स्वदेश में पूजा जाता है.
बहुत बोलना मूरखताई. बहुत बोलना मूर्खता की निशानी है.
अपने हाथों अपने कान नहीं छेदे जाते. अपने कुछ काम ऐसे भी होते हैं जिन्हें हम अपने हाथ से नहीं कर सकते.
जितना जाने उतना बखाने. किसी भी विषय में व्यक्ति जितना जानता है उतनी ही बात कर सकता है.
आधा तजे पंडित, सारा तजे गंवार. संकट के समय मूर्ख व्यक्ति सब कुछ गँवा देता है जबकि समझदार व्यक्ति आधे को दांव पर लगा कर आधा बचा लेता है.
मुहर्रम की पैदाइश. मनहूस आदमी.
गधे का मूंह कुत्ता चाटे तो क्या बिगड़े. दो मूर्ख या निकृष्ट लोग एक दूसरे से प्रेम करें या एक दूसरे को नुकसान पहुँचाएं, तो हमें क्या.
बिछड़ के एक दूसरे से हमकितने रंगीले हो गएमेरी आंखे लाल और उसकेहाथ पीले हो गये
मरे कोई और, स्वर्ग मैं जाऊं. निकृष्ट स्वार्थपरता.
अकल हाट बिके तो मूरख कौन रहे. अर्थ स्पष्ट है.
कतरा कतरा गुलाब होता है,कतरा कतरा गुलाब होता है,,अगर वो अपने हाथों से पिला दें तोमिनरल वाटर भी शराब होता है।😝😝🤣🤣😂
जहाँ के मुरदे तहाँ ही गड़ते हैं. जो काम जहां का है उसे वहीं निबटाना चाहिए.
सखी का खजाना कभी खाली नहीं होता. सखी – दानी. परोपकारी व्यक्ति का खजाना कभी खाली नहीं होता. ईश्वर किसी न किसी बहाने स्वयं उसे भरता रहता है.
कम जोर और गुस्सा ज्यादा, यही मार खाने का इरादा. कमजोर आदमी ज्यादा गुस्सा दिखाएगा तो पिटेगा.
कभी न घोड़ा हींसिया, कभी न खींची तंग, कभी न कायर रण चढ़ा, कभी न बाजी बंब. जो कायर पुरुष कभी भी रण भूमि में नहीं गया, उसका मजाक उड़ाने के लिए. .
मूसे और बिलार में कबहुं प्रीत न होय. चूहे और बिल्ली में कभी प्रेम नहीं हो सकता. शोषक और शोषित में कभी मधुर संबंध नहीं हो सकते.
“ दिल में नफ़रत हो तोचेहरे पे भी ले आता हूँ,बस इसी बात सेदुश्मन मुझे पहचान गए…!!
मारा चोर उपासा पाहुन लौटता नहीं. मार खाया हुआ चोर और भूखे लौटाया हुआ अतिथि दोबारा नहीं आते. उपासा – उपवास कराया हुआ.
डायनों को पराए न मिलें तो अपनों को ही गटकें. जिसको अपराध करने की लत और गलत आदतें लग जाती हैं वह बाहर कुछ न मिले तो घर वालों को ही अपना शिकार बनाता है.
काया राखे धर्म है. हम धर्म का पालन तभी कर सकते हैं जब शरीर स्वस्थ हो. इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. (शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्).
जिस का खाओ, उसका गाओ. जिससे आपको लाभ होता हो उसी की प्रशंसा करनी चाहिए.
अंग लगी मक्खियाँ पीछा न छोड़तीं. जो लोग कोई लाभ पाने के लिए किसी के पीछे ही पड़ जाएं उन के लिए.
एक हल हत्या, दो हल काज, तीन हल खेती, चार हल राज. एक हल की खेती सत्यानाश, दो हल की काम चलाऊ, तीन हल सही सही और चार हल उत्तम.
विपत्ति शूरवीर की कसौटी है. कोई व्यक्ति सही मानों में शूरवीर है या नहीं इसकी परख तभी होती है जब वह विपत्तियों से हो कर गुजरता है.
राम का खाये, रावण का गीत गाये. अर्थ स्पष्ट है.
गंगा की राह में पीर के गीत. गंगा नहाने जाएंगे तो गंगा के गीत गाए जाएंगे, पीर बाबा के नहीं.
बुद्धि बिना विद्या बेकार (बुद्धि बिना विद्या बेचारी). कोई कितनी भी विद्याएँ सीख ले, जब तक अपने अंदर बुद्धि न हो वे किसी काम की नहीं हैं.
बाँट कर खाना, स्वर्ग में जाना. अपनी कमाई को बाँट कर खाने वाले को स्वर्ग में भी स्थान मिलता है और इस धरा पर भी उस के लिए स्वर्ग है.
बोटी नहीं तो शोरबा ही सही. जो मिल जाए वही गनीमत.
जो न मानें बड़न की सीख, ले खपरिया मांगें भीख. जो बड़ों की सीख नहीं मानते, उन्हें खप्पर ले कर भीख मांगनी पड़ती है.
“ वो इंकार करते है इकरार के लिए,नफरत करते है तो प्यार के लिएउलटी चाल चलते है ये इश्क़ वाले,आंखें बंद करते है दीदार के लिए…!!
हलाल में हरकत, हराम में बरकत. ईमानदारी से काम करने में बहुत सी परेशानियाँ हैं और नुकसान भी होता है जबकि बेईमानी करने में नफा ही नफा है.
सावन मास बहे पुरवैया, बेचे बरधा लेवे गैया. सावन में पुरवाई चलने से वर्षा नहीं होती. ऐसे में बैल बेच कर गाय खरीद लेना चाहिए जिससे गुजर हो सके.
फालूदा खाते दांत टूटे. किसी बहुत नाजुक आदमी का मजाक उड़ाने के लिए.
जो खेत में मोती फरे, तबहूँ बनिया न खेती करे. बनिए बहुत चालाक होते हैं, वे खेती जैसा मेहनत और खतरे से भरा काम कभी नहीं करते.
आल तू जलाल तू, आई बला को टाल तू. कोई परेशानी आ पड़ने पर ईश्वर से सहायता मांगने के लिए. जलाल – ईश्वर का तेज (उर्दू)
लुच्चे की जोरू को सदा तलाक. चरित्रहीन व्यक्ति की पत्नी को सदा इस बात का डर सताता है कि उसका पति उसे छोड़ कर नई स्त्री ला सकता है.
बड़े शहर का बड़ा ही चाँद. बड़े शहरों की हर बात निराली होती है.
कूद कूद मछली बगुले को खाए. असंभव बात. कोरी गप्प.
बेटियां कभी जहमत नहीं होतीबेटियां तो एक रहमत होती है।बेटियां खुदा की दी हुईअनकही बरकत होती है।
जोतेगा हल पावेगा फल. जो खेती में मेहनत करेगा उसी को लाभ मिलेगा.
कोरी ठकुराई और बगल में कंडा. झूठ मूठ के ठाकुर. राजस्थानी कहावत – ठाली ठकुराई कांख में छाण.
दूर रहे से हेत बढ़े. दूर रहने से प्रेम बढ़ जाता है.
सोचो साथ क्या जाएगा. इंसान कितना भी कुछ इकट्ठा कर ले अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा सकता.
प्यार कभी ना करो परदेशी से,रोते रोते नैना थक जायेंगे,प्यार करो पड़ोसी से,खिड़की से भी दर्शन हो जायेंगे।
जैसो पावणों, वैसो ही जीमावणों. (राजस्थानी कहावत)जैसा मेहमान वैसा ही सत्कार. पावणा – पाहुना, अतिथि, जिमावणा – जीमाना, खाना खिलाना.
जितना छानो, उतना ही किरकिरा. जितनी मीन मेख निकालोगे, उतने ही दोष नज़र आएँगे.
सास से बैर, पड़ोसन से नाता. अपने घर के सगे सम्बन्धियों से अधिक पड़ोसियों को तवज्जो देना.
जीत पक्की हो तो कायर भी लड़ सकते हैं। बहादुर उन लोगों के रूप में जाने जाते हैं जो हार के बारे में सुनिश्चित होते हैं, फिर भी कभी मैदान नहीं छोड़ते।
हाथी हाथी कह कर गदहा मत ले आना. बहुत बड़ा आश्वासन दे कर छोटी चीज न ले आना.
बिन वेतन काम करती है वो, निस्वार्थ सेवा करती है, दूसरों की खुशी के लिए वो अपनी आहुति देती है।
जीवन की दौड़ में पिछले अनुभवों से सीखो,सकारात्मकता को बढ़ाओ और सपनों को पूरा करो।
दो भिड़ेंगे तो एक तो गिरेगा ही. अर्थ स्पष्ट है.
एक बनिये से बाजार नहीं बसता. समाज की अर्थ व्यवस्था एक व्यक्ति से नहीं चल सकती.
घर के आंगन की महक है बेटीमाता पिता के दुख का सहारा है बेटीएक नहीं… दो कुलों को तारती है बेटी
खाओ दाल रोटी चटनी, कमाई कितनी भी हो अपनी. आमदनी अधिक हो तब भी सादगी से रहना चाहिए.
नया घर, नए लोग नई दुनिया मिल गई माँ का प्यार, पिता का दुलार, भाई की शरारते खो गई
एक रोता सौ को रुलाए. एक व्यक्ति के दुःख को देख कर सौ व्यक्ति दुखी होते हैं.
हरि अनंत हरिकथा अनंता (कहहिं सुनहिं एहि विधि सब संता). ईश्वर अनंत है और ईश्वर की कथा का भी कोई आदि व अंत नहीं है.
बूढ़ों से बरकत. घर में मार्ग दिखाने वाले बूढ़े लोग हों तभी समृद्धि आती है.
रंग फूल का तीन दिनां, फिर बदरंग. फूल का रंग केवल तीन दिन स्थिर रहता है. मनुष्य का यौवन और जीवन भी इसी प्रकार क्षणभंगुर है.