493+ Samvidhan Shayari In Hindi |संविधान दिवस पर शायरी स्टेटस

Samvidhan Shayari In Hindi , संविधान दिवस पर शायरी स्टेटस
Author: Quotes And Status Post Published at: September 23, 2023 Post Updated at: August 14, 2024

Samvidhan Shayari In Hindi : संविधान को यहाँ कौन मानता है, बच्चा-बच्चा अब पैसे को पहचानता है. हर किसी के हितों की रक्षा हो ऐसा विधान है, सबको जोड़कर रखे ऐसा भारत का संविधान है.

अमर भगवा स्वाभिमान सेदुनिया भर मैं डोलेगा,जहा गिरेगा लहू हमाराजय जय श्रीराम बोलेगा।

भगवा ध्वज हवा से नहीरामभक्तों की जयकारों से लहराता है…

हर किसी को संविधान का सम्मान करना चाहिएसच की जीत हो, अन्याय का दमन होना चाहिए

कच्ची सुपारी मीठा पान, काश्मीर बनेगा पाकिस्तान,तो हमने भी कह दिया सफ़ेद हैचुना लाल हैं पान, ठोकेगे इतना पहुच जाओगे कब्रिस्तान।

Samvidhan Divas Status Marathiजे संविधानाचा आदर करू शकत नाहीततो कधीही देशावर प्रेम करू शकत नाही

लिपट कर बंदन कई तिरंगो में आज भी आते हैं। यू ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते हैं। गणतंत्र दिवस मुबारक हो

भारत का संविधान न तो अधिक कठोर है न तो अधिक लचीला।

भरातीय संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि इस संविधान को भारत की जनता ने बनाया है और इसमें अंतिम शक्ति जनता को प्रदान की गई है.

संविधान में रखो आस्था, मत चुनो गलत रास्ता।

आजु हम अपने आप से कुछ कहल चाहत तानी बाहर त बहुत छलकनी अब अंदर ही बहल चाहत तानी

कुछ नशा तिरंगे की आन है,कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा,नशा ये हिंदुस्तान की शान का हैगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मातृभूमि की शान का है हम लहरायेंगे हर जगह यह तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है इंडियन नेवी डे की शुभकामना

फना होने की इजाजत ली नहीं जाती। ये वतन की मुहब्बत हैं जनाब पूछ। के नहीं की जाती। गणतंत्र दिवस मुबारक हो

ना सरकार मेरी है !ना रौब मेरा है !ना बड़ा सा नाम मेरा है !मुझे तो एक छोटी सी बात का गर्व है,मैं “हिन्दुस्तान” का हूँ और “हिन्दुस्तान” मेरा है

हरे रंग का सपना लेकर आया था अफझल इस माटी में छत्रपति में घुसा दिया भगवा उसकी छाती में…

मनु नहीं, मनु-पुत्र है यह सामने, जिसकीकल्पना की जीभ में भी धार होती है,वाण ही होते विचारों के नहीं केवल,स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है।

सिन्धु देह धर त्राहि-त्राहिकरता आ गिरा शरण मेंचरण पूज दासता ग्रहण कीबँधा मूढ़ बन्धन में।

भारत माता तेरी गाथा सबसे ऊँची तेरी शान तेरे आगे शीश झुकाये दे तुझको हम सब सम्मान भारत माता की जय हैप्पी नौसेना दिवस

यदि रक्तपात ही अंतिम उपाय ना होता,तो क्या बाँसुरी बजाने वाला महाभारत होने देता

दबी सी आग हूँ भीषण क्षुधा कादलित का मौन हाहाकार हूँ मैंसजग संसार, तू निज को सम्हालेप्रलय का क्षुब्ध पारावार हूँ मैं

मैं सुधरूंगा तो एक सुधरेगा,सब सुधरेंगे तो देश सुधरेगा.

मैं सुधरूंगा तो एक सुधरेगा,सब सुधरेंगे तो देश सुधरेगा.

जब कुपित काल धीरता त्याग जलता हैचिनगी बन फूलों का पराग जलता हैसौन्दर्य बोध बन नई आग जलता हैऊँचा उठकर कामार्त्त राग जलता है

दिवाली में बसे~अली रमज़ान में बसे -राम। ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिंदुस्तान। गणतंत्र दिवस मुबारक हो,

आरती लिए तू किसे ढूँढ़ता है मूरख,मन्दिरों, राजप्रासादों में, तहखानों में?देवता कहीं सड़कों पर गिट्टी तोड़ रहे,देवता मिलेंगे खेतों में, खलिहानों में ।

कुंकुम? लेपूं किसे? सुनाऊँ किसको कोमल गान?तड़प रहा आँखों के आगे भूखा हिन्दुस्तान

अब तक जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है,जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है।गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,

वर्षों की मेहनत से यह संविधान बना है,इसे संभाल कर रखना इसी से हमारा भारत महान बना है

संविधान में रखो आस्था,मत चुनो गलत रास्ता।

“संविधान हमें न्याय और समानता की सुरक्षा देता है” – भीमराव अंबेडकर.

आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो, जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो, दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो.

भारत देश का जो संविधान है, हर भारतवासी का अभिमान है.

मखमल के पर्दों के बाहर, फूलों के उस पारज्यों का त्यों है खड़ा, आज भी मरघट-सा संसार

“संविधान हमें न्याय की गारंटी देता है” – चांद्रशेखर आजाद. “संविधान हमें अपने संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा देता है” – डॉ. राधाकृष्णन.

अजीब इत्तेफाक हैं।उल्लू को सूर्य से परेशानी हैं,और उल्लू के पठ्ठो को सूर्य नमस्कार से।

जो संविधान का सम्मान नही कर सकता है,वह कभी भी देश से प्यार नही कर सकता है.

किसके बाल ओज भर देंगेखुलकर मंद पवन में?पड़ जायेगी जान देखकरकिसको चंद्र-किरन में?

तलवार बन्दुक से खेला हूँ,मुझे डर ना चौकी थाने काछाती ठोक के कहता हूँ,मैं छोरा हूँ हिन्दू घराने का

पड़ जाता चस्का जब मोहकप्रेम-सुधा पीने का,सारा स्वाद बदल जाता हैदुनिया में जीने का।

लोकतंत्र का सबसे बड़ा ग्रन्थ संविधान है,जिसने इसको पढ़ लिया वही विद्वान है.

समर शेष है, शपथ धर्म की लाना है वह कालविचरें अभय देश में गाँधी और जवाहर लाल

नफरत नहीं हम प्रेम के आदि हैं,हमें गर्व हैं हम हिन्दूत्व वादी हैं।

“संविधान हमारा मार्गदर्शक है, हमेशा उसका पालन करें” – सरदार वल्लभभाई पटेल.

कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मात्रभूमि की शान का है हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है नौसेना दिवस की शुभकामनाये

समर शेष है, यह प्रकाश बंदीगृह से छूटेगाऔर नहीं तो तुझ पर पापिनी! महावज्र टूटेगा

चांदनी सी बिखरी, कोमल पत्तो पर, छितराती उज्जवल चमक सी उन पर, बदल कर पल्लव चांदी रूप में, फिर बरसी प्रभात की ओस ।

सविधान देता है समानता का अधिकार,अब इंसान नहीं कर सकता है इंसान का तिरस्कार।

नयी सी सुबह, नया सा सवेरा, सूरज की किरणों में हवाओं का बसेरा, खुले आसमान में सूरज का चेहरा, मुबारक हो आपको ये हसीं सवेरा. सुप्रभात

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़तमेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगीगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

ऊंची-नीची, धर्म-जात, गरीब-अमीर को, सामान नजरों से देखने वाला भारत का संविधान ही है।

चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए। मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए। गणतंत्र दिवस मुबारक हो,

पलती है दिल का रस पीकरसबसे प्यारी पीर,बनती है बिगड़ती रहतीपुतली में तस्वीर।

कली की पंखुडीं पर ओस-कण मेंरंगीले स्वप्न का संसार हूँ मैंमुझे क्या आज ही या कल झरुँ मैंसुमन हूँ, एक लघु उपहार हूँ मैं

भगवा माथे पर जरूरी नही हैलेकिन हाँ, व्यक्तित्व में होनी जरूरी है।

जिससे होता है बस हो ही जाता है, मियां संविधान-ए-इश्क़ में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता।

ना मुझे नाम चाहिये और ना ही कोई ईनाममुझे तो बस भगवा से सजा पूरा हिन्दुस्तान चाहिये।

आओ मिलकर करें साधना,दिव्य शक्ति के तंत्र की,गूँजे फिर जयकार धरा पर,सत्य सनातन धर्म की।

जब तक गंगा में धार, सिंधु में ज्वार, अग्नि में जलन, सूर्य में तपन शेष, स्वातंत्र समर की वर्दी अर्पित होंगे अगणित जीवन यौवन अवशेष।

चढ़ गये जो हंसकर सूली,खाई जिन्होंने सीने पर गोली,हम उनको प्रणाम करते हैं,जो मिट गए देश के लिए,हम उनको सलाम करते हैं।

जब कभी अहम पर नियति चोट देती हैकुछ चीज़ अहम से बड़ी जन्म लेती हैनर पर जब भी भीषण विपत्ति आती हैवह उसे और दुर्धुर्ष बना जाती है

कानून दिवस पर इस आर्टिकल में पेश की गई कविता आपको पसंद आई होगी। नेशनल लॉ डे 2019 पर हिंदी में दी गई पोएम को सोशल मीडिया पर शेयर करना ना भूलें।

दे सलामी इस तिरंगे कोजिस से तेरी शान हैं,सर हमेशा ऊँचा रखना इसकाजब तक दिल में जान हैं..!!जय हिन्द, जय भारतगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

आओ झुक कर सलाम करते हैं। जिन्हें हिस्से में ये मुकाम आता हैं। खुशनसीब होते हैं वो लोग। जिनका लहू इस देश के काम आता हैं। गणतंत्र दिवस मुबारक हो

भगवा प्रेम छाया है,राम राज्य फिर से आया है।देख ताकत हिन्दुओ की,पूरा संसार घबराया है।

संविधान में न जाने कितने बदलाव हुए, पर आज भी गरीबों की किस्मत नहीं बदली।

हिन्दुस्तान की धरती पर हम भगवा ध्वज लहरायेंगेहिन्दू धर्म सनातन है हम अपना धर्म निभाएंगे

तीन दिवस तक पंथ मांगतेरघुपति सिन्धु किनारे,बैठे पढ़ते रहे छन्दअनुनय के प्यारे-प्यारे।

माफ़ी भी एक इन्साफ है, देश में बड़ी जरूरी। बस मिलती उसे जो कीमत देता पूरी – पूरी।।

घमंड पैसों का नहीं साहब,कट्टर हिन्दू होने का हैं।

लेकिन होता भूडोल, बवण्डर उठते हैं,जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढाती हैदो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो,सिंहासन खाली करो कि जनता आती है ।

संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंहर नागरिक के लिए देश ही सबसे बड़ा धर्म होता हैजो देश के साथ गद्दारी कर सकता हैवो धर्म के साथ गद्दारी कर सकता है

आज सलाम है उन वीरो को जिनके कारण ये दिन आता है वो माँ खुशनसीब होती है बलिदान जिनके बच्चो का देश के काम आता है हैप्पी नौसेना दिवस

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