Sadgi Shayari In Hindi : कुछ रंग “सादगी” के जीते है साथ अपनों के सब रूप “रोशनी” के मेरे पास_सिखाने के लिए सिर्फ तीन_चीजें हैं: ‘सादगी’ ‘धैर्य’ ‘करुणा’। ये तीनों आपके सबसे बड़े खजाने हैं।
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का, कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो !
किया दिल पे जादू तेरी सादगी ने। दिवाना बनाया तेरी आशिकी ने।।
उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा ,आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा ।
सादगी केवल श्रृंगार नहीं करने से नहीं होती, बल्कि बात और व्यवहार से भी कोई लड़की सादगीपूर्ण हो सकती है.
हमदम तो साथ-साथ चलते हैं,रास्ते तो बेवफा बदलते हैं।तेरा चेहरा है जब से आंखों में,मेरी आंखों से लोग जलते हैं।
तेरी आँखों के जादू से तू खुद नहीं है वाकिफ,ये इस्तेमाल भी जीना सिखा देता है मरने का शौक है।
जिसे किसी की “सादगी” आकर्षित करती हो, उसका साथ सफर को #मजेदार बना देता है.
बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं ! वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे !
मुझे बहुत पैसे की जरूरत नहीं है,सादगी मेरे लिए जवाब है।
इज़्ज़त हमेशा इज़्ज़दार लोग ही करते हैं,जिनके पास खुद इज़्ज़त नही,वो किसी दूसरे को क्या इज़्ज़त देंगे।
क़ातिल तेरी अदाओं ने लूटा है,मुझे तेरी जफाओं ने लूटा है।शौंक नही था मुझे मर-मिटने का,मुझे तो इन नशीली निगाहों ने लूटा है।
बचपन में सोचता था चाँद को छू लूँ,आपको देखा वो ख्वाहिश जाती रही।
उसे भी thankyou बोलो वो भी सिखाता है कि विश्वास सोच समझ कर करना चाहिए।
‘सरलता’ दो चरणों में उबलती है: आवश्यक को #पहचानें। बाकी को हटा दें।
तेरी जुल्फों की घटाओं का मुन्तजिर होता जाता हूं ,अब ये आलम है की,,बारिश भी सुखी सी लगती हैं ।
खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की,शायद खिड़की खुली रह गई होगी उनके मकान की।
यहाँ मौसम अपने रंग बदलते है लोग नहीं“अपना गाँव “
“अगर कोई तन्हा है तो उसे अकेलापन से ज्यादा दर्द क्या होता है, ये कोई नहीं समझ सकता।”
फिर किसी शख्स के चेहरे की तमन्ना न रही,एक नज़र देखलिया जिसने तुम्हारा चेहरा।
डरता हूँ कहीं लग न जाए तेरे हुस्न को मेरी नज़र,इस लिए अभी तक तुझे गौर से देखा ही नहीं।
उनकी आंखों से काश कोई इशारा तो होता,कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता।तोड़ देते हम हर रस्म जमाने की ,एक बार ही सही कोई इशारा तो होता ।
जो भी व्यक्ति सुंदरता को देखने की क्षमता रखता है वह कभी बूढ़ा नहीं होता है।
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,किस लिए देखती हो आईना,तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मैं हो जाता हूँ ! तेरी तारीफ किये बिना मैं रह नहीं पाता हूँ !
व्यस्त होने के बजाय उत्पादक होने पर ध्यान दें। टिम फेरिस
कुछ जिम्मेदारियां मजबूर कर देती है वरना कौन अपनी मिट्टी में जीना नहीं चाहता।
सादगी”🧏🏻♀️😍 भी… कमाल 👌है उनकी💁। बिना 🤗”सँवरें”.🤩.. चमकना ✨जानती🤗😘 है।
शोख़ी से ठहरती नहीं क़ातिल की नज़र आज,ये बर्क़-ए-बला देखिए गिरती है किधर आज।
कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,कुछ मुझे भी खराब होना था।
देख कर तुमको याकिन होता है,कोई इतना भी हसीन होता है।देख पाते हैं कहा हम तुमको,दिल कहीं होश कहीं गरम है।
तुम हर तरफ प्यार से देखा ना करो,हर तरफ प्यार की एक कहानी बनेगी।नजर जो झूकी तो नयी शायरी बनेगी,नजर जो उठी तो गज़ल की जुबान बनेगी ।
लहलहाते खेतों, और हवाओं की ताजगी सेमन शांत लगा,फिर से गाँव अपना और सहर अनजान लगा।
कोई और गुनाह करवादे बेशक अब खुदा मुझसे।मोहब्बत करना अब मेरे बस्की बात नहीं ।
नकाब तो उनका सर से लेकर पाँव तक थामगर आँखें बयान कर रही थी की मोहब्बत की शौक़ीन वो भी थी
सरलता दो चरणों में उबलती है: आवश्यक को पहचानें। बाकी को हटा दें। – लियो बबौटा
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम, अलफाज कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर !
जिसके हिस्से में रात आई है…यकीनन उसके हिस्से में “चांद” भी होगा…!!!
सादगी ही कत्ल करती है मेराक्या होगा..?जब सवर कर आएँगी वह
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर,कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम।
अगर आप पर कोई मरता है तो,कोशिश करो की, वो ज़िंदा रहे।
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है।
महफिल लगी थी 🙇बद-दुआओं की, Hamne भी DiL💔 से कहा, उसे Ishq💔 हो, उसे Ishq हो, उसे Ishq हो.
यह तेरा हुस्न और ये अदाएं तेरी, मार जाते हैं इन्हें देख मुहल्ले के सारे आशिक, उतर आते है ।
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं, चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं !
फरेब 🙄देखा🧐 होगा गोरे 🧏🏻♀️रंग का, सांवले 😊रंग की सादगी😍🤗 नहीं देखी 😍😊होंगी..!!
आपके पास जितना अधिक होगा, आप उतना ही #बंधनों में बंधे रहेंगे। आपके पास जितना कम होगा, आप उतने ही “मुक्त” होंगे। उतने ही पूर्ण हो जाते हैं।
हाल पूछने को कोई भी नहीं है, कहने को यार बहोत है।
इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको,कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी।
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है।खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
कैसे ना हो इश्क उनकी #सादगी पर ए-खुदा ख़फा हैं हमसे मगर_करीब बैठे हैं
मैं उमरा भर जिन्का ना दे शक जवाब,वो एक नज़र में इतने सवाल कर गए।
माना🤔 कि सादगी😍 😉का दौर नहीं ⏳मगर सादगी😊😍 से अच्छा 🤗कुछ 🤷और नहीं❌
इश्क़ तो हमेशा से ही ख़ूबसूरत रहा है,दाग़ तो ख्वाहिशें लगाती हैं।
राज दिल का दिल में छुपाते हैं वो,सामने आते ही नज़र झुकते हैं वो।बात करते नहीं, ये होती नहीं,प्रति जेबी भी मिलते हैं वो।
बहुत खूबसूरत हैं ये आँखें तुम्हारी,इन्हें बना दो किस्मत हमारी,हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी।
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया, तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया !
वो बला की शोख़ी देखी है तेरी नज़रो मैं,वो हुस्न वो नजाकत वो बेकाबू जुल्फ की घटा।
तुझसे ना मिलने के कसम खाकड़ो,मैंने हर राह मैं ढुंडा है तुझे।
उनकी नज़रें कितनी सादगी भरी है देखना चाहती है हमे हमसे छिपा कर।
में तेरी ख़बसूरती पर नहीं तेरी सादगी पे मरता हुआ,तुम मुझे चाहो या ना चाहो मैं सिर्फ तुमा ही चाहूंगा।
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,रहे दोनों खामोश पर बात कर ली,मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली।
हर बार तेरी मुस्कुराती आँखों को देखता हूँ,चला आता हूँ तेरे पास ख़यालों में उड़ते हुए..
हम तो फ़ना हो गए उन को की आँखें देख कर ग़ालिबन जाने वो आईना कैसे देखते होंगे
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता हैतेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
प्यार तो हमें उनकी सादगी से है,वरना हम किसी के हुस्न के दीवाने तो आज भी नहीं है।
जिस दिन कमीने बने हम तुम तरस जाओगे हमारी सादगी को देखने के लिये।
“खुद को खो दिए जब खुदा छोड़ गया, तब कोई अपना सबकुछ्छ ख़ो गया।” “दर्द की ये पहचान अपने को ही होती है, जब हम सभी को ख़ुद के बारे में भूल जाते हैं।”
कुछ अपना अंदाज हैं कुछ मौसम रंगीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन हैं! ?
लगती है फीकी चाँदनी चाँद की भी उसके आगे,नूर बे नूर सा लगता है उसके आगे।क्या लिखु उसके तारीफ मे ,मेरे शब्द की खूबसूरती क़म पड़ जाएगी उसके आगे।
खुदा जाने मेरे किया वजन है उनकी निगाहों मेंसुना है आदमी को में तुल लेते है
मासूम सी सूरत तेरी,दिल में उतर जाती है।भूल जाऊं कैसे मैं तुझे,तू मुझे हर जगह नजर आती है।
तू ज़रा सी कम खूबसूरत होती तो,भी बहुत खूबसूरत होती।