Sad Shayari On Love Hurts In Hindi : इस दर्द को भी कैसे न दिल से लगाएं? ये भी तो मेरे प्यार ने सौगात में दी है हर्फ़-हर्फ़ इस कदर था तल्खियों से भरा आखिरी ख़त तेरा दीमक से भी खाया ना गया
वक़्त का पहिया कुछ ऐसे मोड़ परचल पड़ा है,बहार है मौत का साया, और अंदरइंसान जी के भी मरा है !!
किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे किसी को रुलाकर हँसे तो क्या हँसे
बाज़ औकात ख़ामोशी इख्तियार नहीं मजबूरी होती है इंसान झूट बोलना नहीं चाहता और सच बोल नहीं सकता
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी,नमक भी अदा किया तो ज़ख्मों पर छिड़क कर।
ये मोहोब्बत वाकई नकारा है बहुत ना जीने देती है और ना मरने देती है।
बिछड़ना भी था हमारी किस्मत में लिखा ऐसी बातों पर मुझे चुप कराया करती थी जैसे ही आंखे छलकती थी मेरी वो झट से मुस्कान लाया करती थी
आज फिर आइना हमसे पूछता हैतेरी आँखों में नमी🥺 क्यों है?जिसके प्यार में तुमने खुदको भुला दिया😏फिर उसी के प्यार में कमी क्यों🤔 है
खुश तो वो रहते है जो जिस्मो से मोहब्बत करते है ! क्यूंकि रूह से मोहब्बत करने वालो को अक्सर तडपते ही देखा.
तुमसे गुस्सा होकर भी तुम्हे ही ढूंढा करता हूं !
💔🤥😔 “तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करने के लिए, मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं, मेरी “”एक तरफा चाहत”” ही काफी है।” 💔🤥😔
दिल नाराज नही था मेरा पर तुमने, मुंह फेर लिया था हमे देखने से !
जब आप किसी से बहुत प्यार करते हो तो ये जताना कि आप नहीं करते, बहुत मुश्किल है।
शिकायत नहीं इस ज़िंदगी से कि तेरा साथ नहीं !बस तुम खुश रहना बाकी हमारी कोई बात नहीं !
जरूरत थी तो पास था, अब जब मुझे जरूरत है, ना जाने कहां गुम है।
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो।
जिन रिश्तों को चीख चीखकर ये बताना पड़े कि हमें तुम्हारी जरूरत हैतो समझ लेना… कि तुम उनके लिए जरूरी नही हो🙂💔💯
कल भी मुसाफिर था, आज भी मुसाफिर हूं, कल अपनी की तलाश में था, आज अपनी तलाश में हूं।
दिल खफा है मुझसे,लगता है रूठा है,न जाने क्यों ऐसा लगा,अन्दर ही अन्दर कुछ टूटा है।
मैं उस समय को बहुत याद करता हूँ जब मैं तुम्हारे लिए सब कुछ था।
रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर
चला गया वो जो मेरा अपना था, आज उसका नामो-निशाँ नहीं जैसे वो बस एक ख़्वाब था एक सपना था।
क़िस्मत बदलकर आएंगे हम क्या है ये दिखलाएंगे ख्वाहिश अधूरी थी जितनी आज हम सच कर जाएंगे
तू गलतियां किया कर ये तुझे कुछ नया सिखायेंगी जीवन के तेरे तजुर्बे को समय से पहले ....... और ज्यादा बढ़ाएंगी।
मैं तो रह लूंगा तुझसे #बिछड़ कर तन्हा भी,बस दिल का सोचता हूँ, कहीं #धडकना न छोड़ दे..!
कोई भी आपकी उदासी और आंसुओं पर ध्यान नहीं देता लेकिन सब आपकी गलती को जरूर नोटिस करते हैं।
ना दुनिया की है खबर, ना मेरी ये सुनती है बेवजह बहकता रहता हूं, एक शराब है मेरी जिंदगी
बहुत 🫀मजबूत थे👥 हम !!मगर वो 👁️कहते हैं🫂 ना !!मोहब्बत💗 अच्छे-अच्छों को 😭रुला देती है !!
प्यार अपना है यह कहते कहते कभी यह पताही नहीं चला साला हमारा प्यार भी एकतरफानिकलेगा
हम को मिटा सके, ये ज़माने में दम नहीं हमसे ज़माना खुद है, ज़माने से हम नहीं
गम की राहें जब फैलाती है बाहें, मुस्कुराने पर भी निकल जाती है आहें
है अगर इश्क़ तो असर भी होगा,है जितना इधर, उतना उधर भी होगा।
उनके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा,तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..!
मैंने जब खुदा से कहा, तू मेरी दुआ भी कभी कुबूल कर दे, उसने भी मुस्कुरा कर कह दिया, तू एक ही शक्श को मांगना छोड़ दे.
हर्फ़-हर्फ़ इस कदर था तल्खियों से भराआखिरी ख़त तेरा दीमक से भी खाया ना गया
हर एक ने देखा मुझे अपनी नज़रों सेकाश कोई तो मेरी नज़र से भी देखता मुझको
मैं खुद कभी बेचा करता था, दर्दे दिल की दवा, आज वक़्त ने मुझे अपनी ही दुकान पर ले आया
तू तो बेनकाब कर गई मेरे दो तरफा प्यार कोएकतरफ़ा कर गई
यूँ महफिल में हमें बदनाम करते हो ये गुनाह भी सरेआम करते हो खुद को खुदा के नाम कर जाओगे हम सच बोल दे तो तुम मर जाओगे
वो शाम का दायरा मिटने नहीं देते,हमसे सुबहे का इंतज़ार होता नहीं है।
चाहे तू कितने भी करले सितम, मुस्कुराकर सह लेंगे हमें प्यार करो ना करो हमसे, तेरी यांदो के सहारे जी लेंगे हम।
सिर्फ चेहरे की उदासी से भर आये तेरी आँखों में आँसू मेरे दिल का क्या आलम है ये तो तुम अभी जानते नहीं…!!!
जिस्म इंसानी और खुशबु फूलों की नज़रें गुलाब देखने की शौक़ीन होती है मर गए जो हम अब आशिक़ कहलायेंगे सबके नसीब में कहाँ ज़मीन होती है
बहुत कुछ कहने को है पर अब ना जाने क्योंइस दिल को खामोशी में रहना अच्छा लगता है।
साँसो का टूट जाना तो आम बात हैं,जहा अपने बदलजाये मोत तो तब आती हैं।
तरस गए हैं थोड़ी सी वफ़ा के लिए,किसी से प्यार न करेंगे खुदा के लिए,जब भी लगती है इश्क की अदालत,हम ही चुने जाते हैं सजा के लिए।
जानते हो मुहब्बत किसे कहते है..? किसी को सोचना, फ़िर मुस्कुराना और आँसू बहाते हुए सो जाना…!!
इश्क करना तो लगता है जैसे, मौत से भी बड़ी एक सजा है, क्या किसी से शिकायत करें हम, जब अपनी तकदीर ही बेवफा है
किसी इंसान को दर्द देना इतना आसान होता है, जितना समुद्र में पत्थर फेकना लेकिन यह कोई नहीं जनता की वह कितनी गहराई तक गया होगा
मैं उस किस्मत कासबसे पसंदीदा खिलौना हूँ,वो रोज़ जोड़ती हैमुझे फिर से तोड़ने के लिए।
बुरे नही हैं हम, बस सबको अच्छे नही लगते..!
अच्छे और बुरे का अर्थ, बेहतर और बदतर, बस मदद या चोट पहुँचाना है।
कभी बेपनाह बरस पड़ी कभी गुम सी है, यह बारिश भी कुछ-कुछ तुम सी है.
हर बात पे रंजिशें हर बात पे हिसाब, शायद मैंने इश्क नहीं नौकरी कर ली.
जिंदगी🙋 की तमन्ना तो कब की ✌️मर चुकी है !!जिंदा हैं इसलिए💖 की हमारी 🫀जिम्मेदारियां कौन🧏 उठाएगा !!
इंसान की खामोशी ही काफ़ी है,ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चुका है।
अजीब 👁️सी बेताबी 💖है !!तेरे 💯बिना रह 💌भी लेते हैं !!और रहा💥 भी नही 💖जाता !!
पता है तकलीफ क्या🤔 है किसी को चाहना🥰फिर उसे खो देना और खामोश🤫 हो जाना
इशारे तो उसने भी बहुत किए परमैं समझ नहीं पाया वरना,गर्मी की भरी दोपहरी में कौन छत पर आता है !!
जो लोग बड़ी आसानी से मुस्कराते हैं, वो बड़ी आसानी से अपने दर्द को भी छुपा लेते हैं !!
जीने की तमन्ना तो बहुत है पर कोई आता ही नहीं ज़िन्दगी में ज़िन्दगी बन कर.
जहां 👥से शुरू किया👁️ था सफर !!फिर वही 😂खड़े 🌵हो गए !!अजनबी🌌 थे लो 🫀फिर !!अजनबी 😂हो गए !!
जो था तुझ पर, तेरी बातों पर,अब किसी और पर नहीं होता, इस कदर टूटा हूँ तेरे इश्क में, की अब तो यकीन पर भी यकीन नहीं होता।
💔🤥😔 “मोहब्बत के सफर में… बस यही होता है… तुम उसके, और वो… किसी और का होता है…” 💔🤥😔
हर मौसम की अपनी एक खूबी है बेवक़्त की बारिश भी ठीक नहीं कैसे कहूं मैं किस सफर से लौटा हूँ बस समझ लो इश्क़ करना ठीक नहीं
जब कर ही चुके होते हैं किसी और से दिलदारी गुफ्तगू तब भी क्यों रखते हैं पहले सी जारी… जो साथ निभाना नहीं आता तो क्यों झूठे कसमें वादे खाते हैं
आदत बन गई है हमारी इस तरह दर्द काटने की, चाहत नही रही किसी के साथ दर्द बांटने की।
एक मैं हूँ, किया ना कभी सवाल कोई, एक तुम हो, जिसका कोई नहीं जवाब
कर देना माफ़, अगर दुखाया हो दिल तुम्हाराक्या पता कफ़न में लिपटा मिले, कल ये यार तुम्हारा
मेरे दोस्त मुझे जानने से पहले ही मुझे जज कर लेते हैं। यही कारण है कि मैं अकेले बेहतर हूँ।
खड़ा हूँ तेरी राहो में रहता जैसे कोई सजर(पेड़) है,सारा जमाना कहता मुझे आशिक तेरा बस एक तू ही बेखबर है॥
कितना पागल है ये दिल कैसे समझाऊं इसे,कि जिसे तू खोना नही चाहता, वो तेरा होना नही चाहता।
तुझसे दूर जाने का कोई इरादा न था, पर रुकते भी कैसे जब तू हमारा न था.