Romantic Shayari Urdu In Hindi : हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो, हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो। हक़ीक़त में ना सही तुम ख़्वाब बन कर ही मिला करो, इस भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर ही मिला करो।
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरजू बस तुम हो !
जहाँ से शुरू हुआ, वहीँ ख़तम होना चाहिए था,मोहब्बत था थोड़ा ज़ख़्म होना चाहिए था।
अपने हाथों से तेरी मांग सजाऊं तुझे मैं मेरी किस्मत बनाऊं हवा भी बीच से गुज़र ना सके हो इजाजत तो इतने करीब आऊं !
हक़ीक़त में ना सही तुम ख़्वाब बन कर ही मिला करो, इस भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर ही मिला करो।
वो सुर्ख लब और उनपर जालिम अंगडाईयां, तू ही बता ये दिल मरता ना तो क्या करता।
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है, हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
बहुत खूबसूरत है आखै तुम्हारी, इन्हें बना दो किस्मत हमारी.
चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था, कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी.
कभी गम तो कभी वेबफाई मार गई,कभी उनकी याद आई तो जुदाई मार गई,जिसको हमने बेइन्तहा मोहब्बत की,आखिर में हमे उसी की वेबफाई मार गई.
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर, कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम…!!
जब बड़ा भाई होता है साथ, तो दुख का नहीं होता है एहसास।
खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी, अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी, ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी, बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।
मेरा इश्क़ मेरा गुरुर है,तभी तो वो मुझसे दूर है।
मेरे बाकी उँगलियाँ भी उस ऊँगली से जलती है, जिस ऊँगली को पकड़ कर मेरी जान चलती है !
जिंदगी तो कट ही जाती है,बस यही एक जिंदगी भर,गम रहेगा की हम उसे ना पा सके.
दर्द मिट्टी के घरों का……कहाँ बरसात समझे हैकाम जिसका हो सताना कहाँ जज़्बात समझे है
तेरे हुस्न का दीवाना तो हर कोई होगा लेकिन मेरे जैसी दीवानगी हर किसी में नहीं होगी।
आखिर जो मोत कल आनी है, वह आज आये डरता कौन है,देखना होगा की, अपनों की खातिर एहतियात बरतता कौन है।
आँखे हँसती हैं, मग़र दिल ये रोता है,जिसे हम अपनी मंजिल समझे हैं,उसका हमसफ़र कोई और ही होता है.
अल्फाज़ की शक्ल में एहसास लिखा जाता है, यहाँ पर पानी को प्यास लिखा जाता है, मेरे जज़्बात वाकिफ से है मेरी कलम भी, प्यार लिखूं तो तेरा नाम लिखा जाता है।
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे, मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो !
जरा सी बात पर न छोड़ अपनों का दामन,क्योंकि जिंदगी बीत जाती है अपनों को अपना बनाने में.
कभी अपनों को भूलाना ना आया;किसी के दिल को दुखाना ना आया;दुसरो की याद में तड़फन्ना तो सिख लिया;अपनी यादो में किसी को तड़फ़ाना ना आया.
न चांद की चाहत, न तारों की फरमाईश है, तू मिले हर जन्म में, बस यही मेरी ख्वाईश है !
हर सोच में बस एक ख्याल तेरा आता है, लब जरा से हिलते नहीं की नाम तेरा आता है।
मिलावट है तेरे हुस्न में “इत्र”और “शराब”. तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,, कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…
हम किसी के काबिल नहींइसलिए दूर रहना पसंद करते हैं।जो हमारे बिना खुश हैंऐसे शख्स को हम सताया नहीं करते है।I miss you
तेरे मिलने की आस आज भी ज़िंदा दिल है,आसमान को छूने की फ़िराक़ आज भी ज़िंदा है मुझ में।
मेरी दुनिया तो जैसे रुक ही गई थी, जब उसने पहली बार इज़हार इ इश्क़ किया था।
मेरी निगाह-ए-इश्क भी कुछ कम नही, मगर, फिर भी तेरा हुस्न तेरा ही हुस्न है…
ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को, तेरी तारीफ लिखते लिखते,.. की कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन .. होने का गुमान ना हो जाये
अभी भी तेरा हुस्न डालता है मुझको हैरत में मुझे दीवाना कर देता है जलवा जानेमन तेरा
उसकी निगाह में क्या छिपा था? न चाहते हुए भी उन्होंने उसके प्रति अपनी भावनाओं का इजहार किया
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये,क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत.
तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा, चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ… मैं चाँद हूँ…।
शौक तो नहीं अब मोहब्बत का हमें, पर नजरें तुमसे मिली तो हम भी शौकीन हो गये !
तुम्हारी खुशी के लाखो ठिकाने होंगे, मगर मेरे मुस्कुराने की वजह सिर्फ तुम हो !
मन करता है आज दुआओं का समंदर बहा दूँतेरे लिए खुदा से हर तरह की ख़ुशियाँ माँग लूँ
दिल से कुछ कहना जरूरी नहीं है भाषा प्रेम की एक और अभिव्यक्ति है
काश एक शायरी कभी, तुम्हारी कलम से ऐसी भी हो, जो मेरी हो मुझ पर हो और, बस मेरे लिए ही हो !
इश्क का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है, मोहब्बत का कोई चेहरा नहीं फिर भी वो हसीन है।
ना जाने कैसे देखता होगातुम्हे तुम्हारे घर का आईना हैमैं तो हर बार तुम्हें देख कर हीअपना होश खो बैठता हूं।I love you
तुम्हारे मिलने के बाद नाराज़ है रब्ब मुझसे, क्योंकि मैं उनसे अब और कुछ मांगता ही नहीं।
बढ़ती ही जा रही है अब इंतजार की घड़ियां अब एक एक पल काटने को दौड़ता है। तू बेखबर है मेरे हाले दिल से ऐ राज क्यू मेरे अरमानों को पैरों तले रौंदता है।।
हम उसके चेहरे को कभी कभी रुख से उतार देते है,कभी कभी तो हम खुद को ही मार देते है.
मिलने को तो दुनिया में कई चेहरे मिले, पर तुम सी मोहब्बत, हम खुद से भी न कर पाए।
❤️एक अच्छा फ्यूचर देने वाली तो सबको मिल जाती है लेकिन सच्चा प्यार करने वाली किस्मत से मिलती है.❤️
मेरी तन्हाई को मेरा शौक मत समझना,क्योंकि किसी अपने ने ये बहुत प्यार से दिया था तोहफे में.
जब तुम साथ होती हो, तो लगता है, कुछ भी मुश्किल नहीं है जहां में, जब तुम नहीं होती हो, तो लगता है, जिंदगी का कोई आशियाना नहीं है मेरे पास।
खिजाँ के दौर में भी उस पर बहार आ जाये,तेरी निगाह को जिस पर भी प्यार आ जाये,
तेरी हर बात चलकर यूँ भी मेरे जी से आती हैकि जैसे याद की खुश्बू किसी हिचकी से आती है
यह ज़िन्दगी कोशिश का नाम है,जियो तो ख़ास है, नहीं तो आम है।
की रोज़ रात सपनो में आती हो,कभी दिन में भी आ जाया करो,और बड़ी याद आती है तुम्हारी,कभी मिलने भी आ जाया करो।
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ, अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…
कुछ पता नही ये दिल सुधर गया,या किसी की मोहब्बत में उजड़ गया.
हम अपने इख़्तियार की हद से गुजर गए, चाहा तुम्हें तो प्यार की हद से गुजर गए, जागी है अपने दिल में गुलाबों की आरज़ू, जब मौसम-ए-बहार की हद से गुजर गए।
आजकल सफाईयां देना छोड़ दी है मैंने,हां मैं बहुत बुरी हूँ, यही सीधी सी बात है.
अब तुझे दोस्त माना है तो उदास नहीं होने देंगेख़ुद से ज़्यादा हर वक़्त हम तेरा ख़याल रखेंगे
कितनी जल्दी ये शाम आ गई;गुड नाईट कहने की बात याद आ गई;हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में;चाँद को देखा तो आपकी याद आ गई.शुभ रात्रि.
तुमसे मिले हैं जबसे जी चाहता है, की अब बिछड़ जाये सबसे !
रहमत नेमत बरकत है, घर की बेटियां,और में दहेज़ में तुझ को क्या दूँ।
तुझे क्या कहूं तू है मरहबा. तेरा हुस्न जैसे है मयकदा मेरी मयकशी का सुरूर है, तेरी हर नजर तेरी हर अदा
मेरी मोहब्बत का हद से गुजर जाना,जब कहीं तुम्हारे दिल में जान जाना।तुम्हारी आँखों से मोहब्बत नहीं की हमने,तुम्हारे दिल में बसने का ख़याल आता है।
मोहब्बत को छुपाए लाख कोई छुप नहीं सकती ये वो अफ्साना है जो बे-कहे मशहूर होता है। – लाला माधव राम जौहर
तू दिल के करीब होकर भी दूर है,दिल तेरी ही वजह से इतना मजबूर है,तेरे बिना मेरा बहुत बुरा हाल है,ये दिल अब पत्थर की तरह चूर चूर है.
खुदा करे कोई इश्क़ का शिकार ना हो;जुदा अपने प्यार से कोई प्यार ना हो;मैं उसके बिना ज़िंदगी गुज़ार दूँ;बेशर्ते उसको किसी से प्यार ना हो.
होते तुम पास तो कोई शरारत करते, लेकर तुम्हे बाहों में बेपनाह मोहब्बत करते !
इसे हाथ में लें और जीवन भर का सौदा करें थोडा प्यार तुम करो, हम थोडा प्यार करें
अब शिकवा करें भी तो करें किससे,क्योंकि ये दर्द भी मेरा,और दर्द देने वाला भी मेरा.
मैं जितनी ज़िन्दगी जियुतुम्हारे साथ जियुअब खुवाईश ये है कीअब अगर मोत भी आये तो तुम्हारी बाहो में आये।
जाम पर जाम पीने से क्या फायदा, शाम को पीके सुबह को उतर जाएगी, जरा दो घूट मेरे इश्क की पी कर तो देख, तेरी सारी जिंदगी नशे में गुजर जायेगी !
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।