Reunion Shayari In Hindi : सच्चा दोस्त वो है,जो कभी आपके रास्ते में नही आता है,वो अपना कदम तभी बढ़ाता है,जब आपका रास्ता गलत नज़र आता है हर पल हम आपके साथ हैं,तनहाइयों में होकर भी हम आपके पास हैं,आपका हो न हो पर हमें,आपकी कमी का हर पल अहसास है
जिंदगी में किसी का साथ काफी है,कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं,दूर हो या पास फ़र्क नही पड़ता,सच्चे रिश्तों का तो बस एहसास काफ़ी हैं।
आप हमारे कितने पास हो,आप हमारे लिए कितने खास हो,काश आपको भी ये एहसास हो,आपकी यादो में हम भी खास हो
दिल ही क्या जो मिलने की आरजू न करे,तुम्हें भूलकर जियूं यह खुदा न करे,रहे तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बनकर,यह बात और है जिन्दगी वफा न करे
हर नई चीज अच्छी होती है, लेकिन दोस्त पुराने ही अच्छे होते है…!!
मिट्टी के मटके की कीमत,और परिवार की कीमत,सिर्फ वही जानते है,जो इन्हें बनाते है।
दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,दोस्ती वो भी नहीं जो ख़ुशी देती है,दोस्तों, सच्ची दोस्ती तो वो है,जो पानी में गिरा हुआदोस्त का आंसू भी पहचान लेती है
दुःख में जो अपनों के साथ खड़ा होता है,असल में वही परिवार में सबसे बड़ा होता है।
कहते है होसलो से उड़ान होती है,सच्ची दोस्ती से ही पहचान होती है,ज़िन्दगी में सब कुछ मिल जाता है,जब हमारी दोस्ती में जान होती है
ज़िन्दगी तो पल पल चलती ही रहती है,रोशनी भी हर पल मिलती ही रहती है,प्यार की महक भी मिलती ही रहती है,पर सच्ची दोस्ती बहुत कम ही मिलती रहती है
दोस्ती वो नही जो मिट जाये,रास्तो की तरह कट जाये,दोस्ती तो वो प्यारा एहसास है,जिसमे सब कुछ पल भर में ही सिमट जाये
सच्चे परिवार से ही जिंदगी खूबसूरत हो जाती है।
सुख में तो सब साथ देते हैं,लेकिन जो दुख में साथ दें,वह परिवार ही होता है।
कैसी पलट गई है ज़िन्दगी, पहले स्कूल ना जाने का बहाना ढूंढते थे अब स्कूल जाने का मौका तक नहीं मिलता।
प्यारी ही है जो परिवार को जोड़ें रखता हैऔर प्यार के बिना कोई परिवार नहीं।
अगर ज़िंदगी एक सफर है,तो परिवार,उस सफर का सबसे सुन्दर हम-सफ़र है।
अब कौन करे इंतज़ार लंच के होने का ये सोच कर स्कूल शुरू होते ही अपना लंच ख़त्म कर लेते थे।
कोई रूठे तो उसे मना लिया करो,कोई टूटे तो उसे सम्भाल लिया करो,कुछ दोस्त बहुत अज़ीज होते है,दोस्ती में कभी मुलाकात भी कर लिया करो
स्कूल में पढ़ा क्या था सही से याद नहीं पर स्कूल का हर एक दिन अच्छे से याद है।
तेरी मेरी दोस्ती इतनी खास हो, की दुनिया कहे काश ऐसा दोस्त भी मेरे पास हो…!!
रिश्ते भी किसी परिवार से कम नहीं होते,हर एक रिश्ते परिवार होते हैंऔर रिश्तो से ही परिवार बनते हैं।
बहुत नम्रता चाहिए रिश्ते निभाने के लिए,छल कपट में तो सिर्फ महाभारत रची जाती है।
आग तो तूफान में भी जल जाती हैं,पुष्प तो काँटो में भी खिल जाते हैं,मस्त बहुत होती हैं वो शाम,दोस्त आप जैसे जहां मिल जाते हैं.
आप अपने परिवार का चयन नहीं करते हैं,वे आप के लिए भगवान का उपहार हैं,जैसा कि आप उनके लिए हैं।
उम्र बढ़ गई है पर दिल आज भी पुरानी यादों के पन्नों में स्कूल के दिन ही ढूंढता है।
उन लम्हों की हवा में एक शाम हमारा हो,उगते चमन में एक गुल हमारा हो,जब सोचे हम अपने दोस्तों के बारे में,उन नामों में बस एक नाम तुम्हारा हो
दिल से वादा है आपसे,ये ना समझना की भूल से भी भुल जायेगे हम,याद रखना जिन्दगी भर दोस्ती निभाएंगे हम
होमवर्क ना कर पाने का डर भी ख़ुशी में बदल जाता था, जब पता लगता था आज किसी दोस्त ने भी होमवर्क नहीं किया है।
कुछ पल बिताया करो फ्रेंड्स के साथ हर चीज़ नहीं मिलती, फेसबुक या इंस्टाग्राम के पास…!!
हल्के से इशारे की जरुरत होगी, दिल की कश्ती को किनारे की जरुरत होगी, हम हर मोड़ पर मिलेंगे आप को जहाँ आप को सहारे की जरुरत होगी…!!
दोस्ती मई यार अपने यार का ख़ुदा होता है, तब महसूस होता है जब यार जुड़ा होता है…!!
बस एक बार और मिल जाएंगे जो मुझे स्कूल के दिन वापस तो इस बार स्कूल के दिन काटूंगा नहीं खुल कर जियूँगा।
फर्क तो अपनी सोच का है वरना दोस्ती भी मोहब्बत से कम नहीं…!!
हर पल हम आपके साथ हैं,तनहाइयों में होकर भी हम आपके पास हैं,आपका हो न हो पर हमें,आपकी कमी का हर पल अहसास है
जो दिल को चीर कर दिखा दे वो यार कहा मिलेगा, जो बेज़ती कर के भी हंसा दे वो यार कहा मिलेंगे…!!
परिवार में हर एक व्यक्ति की सोच अच्छी होनी चाहिए,अगर किसी एक व्यक्ति की सोच खराब होफिर परिवार बिखर जाता है।
परिवार वह है जहाँ जिंदगी की शुरुआत होती हैऔर प्यार कभी खत्म नहीं होता।
दिन तो स्कूल में काटते थे, अब तो रातें काटना भी भारी पड़ रहा है।
न जाने क्यों हमें आंख भिगाना नहीं आता,न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल समझाना नहीं आता,क्यों सारे दोस्त बिछड़ गए हमसे,शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता
जब दोस्त तरक्की करे,तो तुम गर्व से कहो ये मेरा दोस्त है,और जब दोस्त मुसीबत में हो,तो तुम कहो हम इसके दोस्त हैं
कामयाबी हमेशा हौसलों से मिलती है,हौसले हमेशा दोस्तों से मिलते हैं,अच्छे दोस्त मुश्किल से मिलते हैं,और आप जैसे दोस्त नसीब से मिलते हैं
पुष्प बनकर हँसना जिन्दगी है,खुश होकर दुःख भूल जाना ज़िंदगी है,मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,बिना मिले दोस्ती निभाना हमारी जिन्दगी है
परिवार चाहे कैसा भी हो छोटा या बड़ा,पर परिवार के लोग खुश रहने चाहिए।
सब ने पूछा बहु दहेज़ में क्या क्या लाई,किसी ने ये न पूछा बेटी क्या छोड़ आई।
दोस्ती इतनी गहरी होनी चाहिए की समझ ही ना आये कि किसने किसको बिगाड़ा है…!!
किताब हाथों में पर ध्यान दोस्तों की बातों में।
स्कूल की दोस्ती की सबसे बड़ी खासियत ये थी की यहां हैसियत नहीं बस मज़ाक और हसी देखी जाती थी।
हर सुबह उठ कर स्कूल को जाना, बड़ा खूबसूरत था वो स्कूल का ज़माना।
इश्क पर तो फिदा कर दू अपनी पूरी ज़िन्दगी, पर दोस्ती पर तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है…!!
किस्मत लिखने वाले एक उपकार करदे,मेरे दोस्त की किस्मत में एक ख़ुशी और लिख दे,न मिले कभी जख्म उसको,तू चाहे तो उसकी तक़दीर में मेरी जान लिख दे
जब आप अपनी जिंदगी की तरफ देखते हैं,तो आपकी सबसे बड़ी ख़ुशियाँ,आपके परिवार की ख़ुशियाँ ही होती हैं।
हम बहुत अजीब सा दोस्ताना करते है,दोस्ती पर सब कुछ वार दिया करते हैं,रिश्तो को तो हम निभाते ही है,पर दोस्ती का अंदाज अलग ही रखा करते है
जुबान पे उल्फत के अफसाने नहीं आते,यार ही होते हैं यारो के हमदर्द,कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते
कलेजे की बात दिखाना हमे आता नही,किसी के दिल को सताना हमे आता नही,आप सोचते हैं हम भूल गए आपको,पर कुछ अच्छे यारो को भुलाना हमे आता नही
पहले पता नहीं लगता था स्कूल में दिन कब बीत जाता था, अब पता नहीं लगता स्कूल के दिन कब बीत गए।
मरने के बाद की गई तारीफ और दिल दुखाने के बाद मांगी गई माफी, दोनों का कोई महत्व नहीं होता है ...!!
मिल जाती है कितनो को मुस्कुराहट,मिट जाते हैं कितनो के दुःख,मैसेज इसलिये भेजते हैं हम,ताकि न मिलने से भी अपनी यारी न हो कम
एक वक़्त था जब स्कूल न जाने के लिए झूठ-मूठ सोया करते थे, और आज स्कूल के दिनों को याद कर रोया करते हैं।
दिखावा नहीं था स्कूल में अच्छे कपड़ों का, वहां हर बच्चा एक ही वेश में एक सा लगता था।
याद आते है वो स्कूल के यार जो साथ मार खाने को भी रहते थे हमेशा तैयार।
पहले स्कूल के वक़्त आराम था इसलिए छुट्टी के दिनों में भागदौड़ किया करते थे, आज छुट्टी के मायने आराम करने तक ही रह गए हैं।
काश एक दफा फिर स्कूल के दिन लौट आए, पक्का इस बार ना जाने का कोई बहाना नहीं बनाऊंगा।
अजीब बात थी ये स्कूल के समय की सोमवार बीतते सदियाँ लग जाती थी और रविवार पालख झपकते ही ख़त्म हो जाता था।
"किसी शायर से तुम उसके राज़ ना पुछो...!! कल ख़ुद लिख देगा , बस आज ना पुछो...
दोस्ती का वो पुराना पल याद आता है,मेरी आँखों को भर जाता है,तेरी दोस्ती सदा जिंदा रहे,यही हमारा दिल चाहता है
हकीकत मोहब्बत की जुदाई होती है, कभी कभी प्यार मैं बेवफ़ई होती है, हमरी तराफ़ हाठ बधा कर तो देखूँ, दोस्ती मैं हमारी कितनी सचाई होती है…!!
इस दुनिया के लिए आप एक इंसान है,लेकिन आपके परिवार के लिए आप पूरी दुनिया है।
सच्चे दोस्त भी परिवार से कम नहीं होते,चाहे तो दोस्त, दोस्त रहता हैऔर जो दोस्त अपने दोस्तों को परिवार की तरह रखता है,वह दोस्त सच्चा दोस्त होता है।
गुज़रते दिनों की यही कहानी है शाम नयी, और यारी पुराणी है…!!
याद है मुझे उस गर्व का एहसान होना एक रात पहले पढ़ कर भी इम्तेहानों में पास होना।
एक छोटे से कमरे में हम चालीस बच्चे रहते थे, वो मेरा दूसरा घर स्कूल थोड़ा छोटा था पर कमाल का था।
हर दूरी मिटानी पड़ती है, हर बात बतानी पड़ती है, दोस्तों के पास वक़्त नहीं है, आज कल खुद अपनी याद दिलानी पड़ती है…!!
वो राह आज भी याद है जहाँ था स्कूल मेरा, वही मेरी नन्ही सी दुनिया थी वही खूबसूरत जहाँ था स्कूल मेरा।