Rajasthani Shayari In Hindi : मिले जो पिया भर नयन सिमट गया मेरा प्यार भी कुछ चंद,अल्फाजो मे जब उसने कहा…“आखातीज पर मारो ब्याह है थे आवोला नी….” मेरे जीवन गी हर शामरेवे है थारे नाम,हिवड़े में भरी है खुशियांबस हर पल जपता रहता हूँ तेरा नाम।
रेगिस्तान में भी सुखी झाडीया भी हरी हो जाती हैजब राजस्थान वाले किसी के साथ खड़े हो जाते है
“ धोरे माथे झोपड़ीरमे बैठा टाबर नैना,मिट्टी का बनावे घरमिट्टी ही उनका खिलौना…!!
#दिल्ली_आली — तू धरती पे चाहे जहाँ भी रहेगा,,तुझे तेरी खुशबू से पहचान लुंगी 😘😘 #मन तो पेली ही ध्यान हो तेर म सगळी गंडकड़ी(कुत्ती) आळी आदता है 😂
“ घणो मुंगो हूवे भाया जिंदगी रो किरदार टैम टैम माथेसगळा रा मोल बढ़ जावे….!!
राजस्थान री विरता अर वीरों से कोई अनजान नहीं जहां मेवाड़ वीरों री गाथा स्युं ओलखिजे
शेरो के घर से शेर ही पैदा होते है करोड़ो केबीच राजस्थानी की अलग ही पहचाने जाते है।
मन मेरा हिंदुस्तानी है बोली मेरी राजस्थानी है, जो करी किसी ने गड़बड़ याद उसको दिलानी नानी है।
आँखन, कान, मोती, कर्म , ढोल, बोल अर नार.. अ तो फूट्या ना भला, ढाल, ताल, और् तलवार !!
रंगीलो रस भरियो म्हारो प्यारो राजस्थान… सोने री धरती जठे चाँदी रो आसमान… सभी को राजस्थान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
भीष्म का शौर्य कहाँ, बलों के धाम बलराम कहाँ?बोलो मेवाड़ फिर एकबर मेरा महाराणा संग्राम कहाँ?
“ कौन कहता हैं कीऔरत केवल रसोई में शोभा देती हैंपधारो हमारे राजस्थान में कभिबाईसा तलवार से धड़अलग करना भी बखुबी जानती है…!!
जद मन करै रुंख पै आवै,जद मन करै आकास में फुर सूं उड़ जावै।
राजपुतों की शान निराली है, बाईसा की जिंदगी प्यारी है।
राणा प्रताप सा व्रती, विक्रमादित्य सा त्याग किसमे ?अर्जुन सम धनुर्धर राजा भोज सा अनुराग किसमे ?
राजस्थानी का कुँवारा लन्डुर बहुत खुश होरया हैईया बोल है अब तो अजमेरण ही परनाके ल्यासया
मरुस्थल मन में उठेशीतल जल की धार,जिंदगी ऐसे जियो किजीवन में रहे प्रेम का विस्तार।
धुंसो बाजे रे महाराजा हणवंतसिंह रो, (वाह-वाह) धुंसो बाजे रे !!महाराजा हणवंतसिंह कँवर कन्हैया, हुकम दियो रे खेलो होली !!
कोई न पीसा चाहिये कोई न प्यार👩❤💋👩 आपा न तो बरसात म चा क साथ पकोड़ा बणाण आळी मिल ज्या बस आपा तो राजी हां😂😂😂😂😂
रिश्ता आळा थार छोर क तो, 2 बीघा ही जमीन पाँती आव.. मे-थारी छोरी जद आ 2बीघा को गुवार पाड़सी न जद ऐ 2बीघा ही 100बीघा लागण लागजी !!
“ राजस्थानी वाले छोरे तूधरती पे चाहे जहाँ भी रहेगी,में तुझे तेरी खुशबू सेपहचान लूँगा मेरी जान…!!!
“ अब बे लोग लुकता माफिरसीजका केवता किदियाळी बाद रिप्या देस्या….!!
पैदल, हयदल, गजदल में,छप छप करती वह निकल गई।क्षण कहाँ गई कुछ पता न फिर,देखो चम-चम वह निकल गई॥
कण-कण में वीरता की कहानी है राजस्थान,त्याग-बलिदान की प्रेरक निशानी है राजस्थान।हैप्पी राजस्थान डे
“ रंगीलो रस भरियोम्हारो प्यारो राजस्थानसोने री धरती जठे चाँदी रो आसमान…!!
रामजी थाने सगळा ने निरोगा राखै कमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे, टाबरिया आपस्यूं भी ऊँचा चढ़े घर आळी या घर आळा री मोकळी मेहरबानी रेवे।
आज एक गाड़ी आळो मिल्यो बोल्यो भाया जयपुर जाणो हैम कहयो हा जाओ ईया बताता जास्यो जद कद पहुँचस्यो
इंण धरती पर जन्म सूरमा, बे राख्यो हो जग को मान इण री माटी घणी पबितर, म्हारो मनडो ओ राजस्थान
“ अरे सुन लो प्यारीमानो बात म्हारी,थोड़ा तन खिलखिला लोआ मिलन गी रुत है प्यारी…!!
“ रिश्तों निभाणो हर कोई रे बस री बात कोनी, भाया अपणो ही काळजे माथे भाठो,मेलणो पडे कोई री खुशी रे हारु..!!
वा बोली कि चौधरी थारा दिल म्हारी खात्तर कोनी धड़कता.. अब कुण बताव बावली न, कि जाट का दिल तो ARMY खातर ही धड़कया कर हैं !!
ना हमे है टेंसन ना फिकरजहाँ जयपुर जिलावाले खड़े होते हैवहाँ matter हमेशा बड़े होते हैंजहाँ राजस्थानी भी खड़े होते हैं
मुश्किल कोनी तन बुलणो , पर मेरो प्यार देख की तन इबी तक यादा म भसा रयाखी है||
रिश्ता आळा थार छोर क तो2 बीघा ही जमीन पाँती आवमे-थारी छोरी जद आ 2बीघा को गुवार पाड़सीन जद ऐ 2बीघा ही 100बीघा लागण लागजी
वीरों ने कुर्बानी देकर जिसके कण-कण को संवारा है,ना झुकी है आज जहाँ की, ये राजस्थान हमारा है.
अकेलो ज्ञानी बनन सु चोखो हे कि, सगळा रा सागे मुर्ख बनर रहवो
“ रेगिस्तान में भी सुखीझाड़ियाँ भी हरी हो जाती हैजब राजस्थान वालेकिसी के साथ खड़े हो जाते है…!!
“ सुण रै म्हारी सखी सहेलीकिती सुखी है आ छोटी सी चिड़कलीजद मन करै रुंख पै आवैजद मन करै आकास में फुर सूं उड़ जावै…!!
राजस्थानी छोरे ATTITUDE बहुत दिखाते है देख बेटाइश्वेर कि देन है ऊपर से राजस्थानी है छिपायेगे थोड़ी..
धोरिया की रेत को सो स्वभाव है !! पर् राजस्थानी को तो… एक मिंट म गर्म तो दूसरी मिंट म ठंडा !!
कहाँ है कर्ण की दानवीरता कवच और कुंडल कहाँ?राजा जनक की बाणी विश्वामित्र का कमंडल कहाँ?
चेतक पर चढ़ जिसनेभाला से दुश्मन संघारे थे…मातृ भूमि के खातिरजंगल में कई साल गुजारे थे…
सच में यह राजाओ का स्थान है.यह म्हारों सबसे प्यारा राजस्थान है.राजस्थान स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
धौला धौला धोरिया, ऊटा लदी कतारघूंघट वाली गोरड़ी, अर मुछिया वाला मुटियारराजस्थान दिवस की शुभकामनाएं
तलवार उगी रण खेतां में, इतिहास मंडयोड़ा रेता में !बो सत रो सीरी आडावळ, बा पत री साख भरे चम्बळ !
“ रात रा 2 बजी तकधापूड़ी सु बात करने सु लाख गुणो चोखो हैके सुबह 4 बजी उठरआपरा सपना वास्ते मेहनत कर…!!
पग पग पर जागी जोत अठै, मरणे स्यूं मधरी मोत अठे !रूं रूं में छत्र्या देवळ है, आ अमर जुन्झारा री थळ है !
राजस्थान के कण-कण बोलो महाराणा प्रताप कहाँ?अरावली की मिटटी बोलो झाला का अपूर्व त्याग कहाँ?
फर्क नही पड़ता तू कितनी बड़ी हस्ती मैं हैराजस्थानी पहले भी मस्ती में था अब भी मस्ती में है
धोरिया की रेत को सो स्वभाव है आपणो तो, एक मिंट म गर्म तो दूसरी मिंट म ठंडा
राजस्थानी का कुँवारा लन्डुर बहुत खुश होरया हैईया बोल है अब तो अजमेरण ही परनाके ल्यासया
मान मर्यादा में रहना बाईसा की पहचान है, राजपुती पहनावे से बढ़ती हमारी शान है।
अपना एक ही नियत बहुत बुरा है साहब, अगर सामने वाला अपनी औकात भूल जाए हम सामने वाले को ही भूल जाते हैं ।
राजस्थानी भाषा की भील शायरीमन मेरा हिंदुस्तानी हैबोली मेरी राजस्थानी है,जो की किसी ने गड़बड़याद उसको दिलानी नानी है।
“ प्रेम रे बदळै प्रेम तोहर कोई दे सके,पण जका नफरत रेबदळै प्रेम देवे बे ही महान हूवे..!!
दिल में प्यार है आंख्या में काजल है, ओ मारो राजस्थान है जगह-जगह मीठा फल है।
सुणो रे एक ज्ञान की बात बताऊँ . आशिक👩❤💋👩👨❤ और खाज होएड़ो गंडक🐕🐕 तड़प तड़प के मरया कर
बड़े प्यार से नजर अंदाज किया था कुछ लोगो ने राजस्थानी कोऔर अब मेरे हर अंदाज पे नज़र है उनकी
वीरों ने कुर्बानी देकर जिसके कण-कण को संवारा है,ना झुकी है आज जहाँ की, ये राजस्थान हमारा है.
“ धोरिया की रेत को सोस्वभाव छे, राजस्थानी छोरियाको तो एक मिनट गर्मतो दूसरी मिनट म बिल्कुल ठंडी..!!!
अमृत है अठे रो तेल घूमे राजस्थान में रेल, लोगों में खूब है मेल,
“ ये जो “मारवाड़” की हवा है,ये भी एक दवा है…!!
इनके क्रोध को न जगानाइनके धैर्य को न डगानाक्योंकि तब- तब प्रिलय आई हैजब- जब इस धरती पर राजपूत आया__________________________
कोई न पीसा चाहिये कोई न प्यारआपा न तो बरसात म चा क साथ पकोड़ाबणाण आळी मिल ज्या बसआपा तो राजी हां
धौला धौला धोरिया, ऊटा लदी कतार घूंघट वाली गोरड़ी, अर मुछिया वाला मुटियार राजस्थान दिवस की शुभकामनाएं
रेतीली पथरीली म्हारी धरती राजस्थान,इसकी रजकण पे म्हाने होवे बड़ो गुमान।वीरता को रग-रग में भर कर लाया हूँ,मैं राजस्थान के छोटे से गाँव से आया हूँ.
आजकल दाढ़ी राखण को इसो फैशन चाल्यो है. नयी आएडी बींदणी क उग चुग होज्या है क कुणसो देवर है और कुणसो जेठ
“ जद याद आवै ढोला थारी मीठी मीठी बतियानींद कोनी आवै जी कैसै कटे रतियाजद याद आवै ढोला थारी मीठी मीठी बतियाहिवडो रोवै म्हारो छलक जावै म्हारी अँखिया…!!!
भगवान करे इणपूरे जग में नाम हो थारो,तिलक काडू थारे चंदन रोलागे घणो है प्यारो।
•» ” दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर॥सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर॥ ”
दिल में प्यार हैआंख्या में काजल हैओ मारो राजस्थान हैजगह-जगह मीठा फल है
कहाँ है वीर कुंवर का खडग रानी लक्ष्मी की तलवार?गूंज रहा अभी भी कण कण में कुंवर सिंह की ललकार?
अपना टाइम भी इस तरह लाएंगे हम, कि आज जो हमसे नफरत करते हैं वह हमसे Appointment लेकर मिलना चाहेंगे ।