560+ Rahat Shayari In Hindi | राहत इंदौरी शायरी

Rahat Shayari In Hindi , राहत इंदौरी शायरी
Author: Quotes And Status Post Published at: October 4, 2023 Post Updated at: April 10, 2024

Rahat Shayari In Hindi : न हम-सफर न किसी हम नशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा ! सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहें, जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें !

वबा (महामारी) फैली हुई है हर तरफअभी माहौल मर जाने का नहीं

लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं,इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं।

विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,फिर न जाने क्यों बदल जाते है।

तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच आखिर चांद भी तो तन्‍हा है सितारों के बीच

बादशाहो से भी फेंके हुए सिक्के न लिएहमने खेरत भी मांगी है तो खुद्दारी से

सरहदों पर तनाव हे क्या,ज़रा पता तो करो चुनाव हैं क्या,शहरों में तो बारूदो का मौसम हैं,गाँव चलों अमरूदो का मौसम हैं।

अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको, वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं, मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था, मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं.

एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तोदोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो

अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,वहाँ पर ढूंढ रहे हैं जहाँ नहीं हूँ मैं,मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था,मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं।

#मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी!!!

उमीदे टूटी तो उमीद करना छोड़ दिया, सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया, जबसे दिल टूटा है, साँसे तो ले रहे है, पर अब उन्होंने जीना छोड़ दिया !

जहाँ से गुजरो धुआं बिछा दो, जहाँ भी पहुंचो धमाल कर दो, तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो.

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते !

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें.

उन्हें फ़ासलो की क्या फ़िक्र जो रूह से ताल्लुक रखते हो

आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के

मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो, मुझे आदत है मुस्कुराने की, मेरी लाश को ना दफ़नाओ, मुझे उम्मीद है उस के आने की !

ज़रूर वो मेरे बारे में राय दे लेकिनये पूछ लेना कभी मुझसे वो मिला भी है

आग के पास कभी मोम को लाकर देखूँ,हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूँ,दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता हैसोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ।

मसला पाने का होता तो खुदा से छीन लेते ख्वाहिश तुझे चाहने की थी उम्र भर चलेगी

नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं, कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं, जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते, सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं.

तुम मेरा उतना ही सच जानते हो जितना मैंने बताया है ना जाने अभी कितनी हजार कहानियां खुद की मैंने खुद में ही छिपाई हैं।

हाथ खाली हैं तेरे शहर से जाते-जाते, जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते, अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है, उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते !

#तूफानों से आँख मिलाओ सैलाबों पर वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो तैर के दरिया पार करो!!!

छू गया जब कभी ख़याल तेरा,दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में,और घर देर तक महकता रहा।

#फुलों की दुकाने खोलों खुसबू का व्यापार करो इश्क खता हैं तो इसे एक बार नहीं सौ बार करो!!!

कैसे कह दू की मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते है मगर बात नहीं होती है

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हमआँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने परजो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

एक अख़बार हु औकात ही क्या मेरी,मगर शहर में आग लगाने के लिए काफी हो

“उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी, मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी।”

नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं,कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं।

तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो, वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो, सितम करो तो मिसाल कर दो, करम करो तो कमाल कर दो.

“अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है, उम्र गुजरी है तेरे शहर में आते जाते।”

कितना जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में मेरे मुस्कुराने पे जिसने पूछ लिया तुम उदास क्यों हो

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला थामैं बच भी जाता तो एक रोज मरनेवाला था..!

तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह,तुम्हारे वादे का क्या भरोसा,जो पल की कह दो तो कल बना दो,जो कल की कह दो तो साल कर दो।

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगाहमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा

बोतलें खोल कर तो पी बरसों आज दिल खोल कर भी पी जाए

“फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो।”

सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहेचले चलो की जहाँ तक ये आसमान  रहेये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिलमज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को, समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे !

“तेरी परछाई मेरे घर से नहीं जाती है तू कहीं हो, मेरे अंदर से नहीं जाती है।”

“तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा कर के दिल के बाज़ार में बैठे हैं खासारा कर के।”

“कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे।”

हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जातेजान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता हैउम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।

वो जो दो पल थे तुम्हारी और मेरी मुस्कान के बीच  बस वहीँ कहीं इश्क़ ने जगह बना ली…!

दोस्ती जब किसी से की जाए दुश्मनों की भी राय ली जाए..!!!

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है..!!!

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ..!!!

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है..!!!

आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो..!!!

तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो..!!!

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है..!!!

न हम-सफ़र न किसी हम नशीं से निकलेगा हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा..!!!

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