Qawwali Shayari In Hindi : पता नही होश में हूँ या बेहोश हूँ मैंपर बहोत सोच समझकर खामोश हूँ मैं कितना मुश्किल है मोहब्बतकी कहानी लिखना जैसेपानी पे पानी से पानी लिखना
हम को मामला है जन्नत की हकीकत लेकिन,दिल को खुस रखने का,,‘गालिब’ ये ख्याल अच्छा अच्छा है।
तलाशी ले ले ए सरकार तू भीमेरी अगर व्यापर में मज़बूरी के सिवाकुछ मिले तो ये जिंदगी तेरी
जा कोई अमीर यहाँ ,ना कोई गरीब हैं।यहाँ तो बाबा सब ,बस तेरे करीब हैं।
मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना, शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता !
ये जगमगाता गुम्बद ,और कुदसियों कि हाज़िरी।जहाँ सर झुकाये हैं बादशाह ,ये दरे ग़रीब नवाज़ है।
इक नाम जो तेरा लिख दिया मैंने रेत पर, उम्र भर हवा से फिर दुश्मनी रही !
मचल के रख लिया करती हैं रहमतें उसकोपूकारता है कोई जब भी या गरीब नवाऩनतुम्हारे वास्ते हम को किया खुढ रीबहमारे वास्ते तुम को किया गरीब नवाज
वो हमें खुद इतना मजबूर कर गए, ना चाहकर भी हमें खुद से दूर कर गए, दिल इबादत करता था जिनकी सबसे, वो ना जाने कैसे मौसम की तरह बदल गए !
अजीब सा प्यार था उसकी उदास आँखों में, महसूस तक न हुआ की मुलाकात आखरी है !
तुजे अली के घराने का फूल केहते है,या ख्वाज़ा तुझको अता ए रसूल केहते है।ख्वाज़ा मेरा ऐसा ख्वाज़ा है,उँस मुबारक हो ख्वाजा निजामुद्दीन महबुबे इलाही।
वो कातिल रातें जब हम, तारों की बातें करते थे, पतझड़ के सूने मौसम मे, बहारों की बातें करते थे !
याहा भीक मिलती है बे गुमा,ये बड़े सखी का है आस्तान।यह सब की भारती है झोलिया,ये दार ए गरीब नवाज है।
आईना- ए -अजमेर कुछ ऐसा अक्स दिखाता हैं।जर्रा जर्रा आशिक -ए-“ख़्वाजा” नजर आता हैं।।
मेरी एक चाहत है की एकचाहने वाला ऐसा हो जोचाहने मै Bilkul मेरे जैसा हो
या ग़रीब नवाज़ ,तू अहले सखी हे दुनिया को बता दूंगा।हर मांगे वाले को मैं तेरा पता दूंगा।ग़रीब नवाज़ उर्स मुबारक।
सजा कोई भी दो मगर नजर के सामने रहो, क्योंकि तुम्हारे बिना जीने की आदत नहीं मुझे !
मेरे ख्वाजा तेरी निस्बत का असर काफी है.,हम गुलाम-पे तेरी एक नज़र काफी है.!
पूरा हक है तेरा मुझ पे तू सब जताया कर, मैं ना पूछूँ मुझे फिर भी सब बताया कर !!
मेरी मुराद मेरा मुद्दुआ गरीब नवाज ,मेरी उम्मीद मेरा आसरा गरीब नवाज।🍁खवाजा के दिवाने को उर्स मुबारक🍁.
शायर कहकर बदनाम न कर मुझे, मैं तो रोज शाम को दिनभर का हिसाब लिखता हूँ !
माना के मुमकिन नहीं तेरा मेराहो जाना पर सूना है इसदुनिया में चमत्कार बहुत होते है
मुश्किलों को तुम मौका मानो,भूल उसे हर पल मुस्कुराओ ।सपनों में सितारे भर धड़कन की धुन पर कव्वाली गाओ ।
हैं और भी दुनिया में सुहान-वर बहुत अच्छे कहते हैं,की ‘गालिब’ का है अंदाज-ए-बयान और।
यु तो हर दिल में एक कशिश होती है हरकशिश में एक ख्वाहिश होती है मुमकिननहीं सभी के लिए ताज महल बनानालेकिन हर दिल में एक मुमताज होती है
क्वाजा-ए-हिंद वो दरबार है आला तेरा,कभी महरूम नहीं मंगनेवाला तेरा..ग़रीब नवाज़ उर्स मुबारक।
नजर चाहती है दीदार करना, दिल चाहता है प्यार करना, क्या बताऊँ इस दिल का आलम, नसीब में लिखा है इंतजार करना !
मुझे समझना है तो बसअपना समझ लेना क्यूकि हमअपनों का साथ खुदसे भी ज्यादा निभाते हैं
मेरे ख्वाजा की क्या शान है,जिस पर नज़र गया वह दुनिया का सरदार हो गया.
तेरी ज़ात आला मक़ाम है।तेरी बारगाह में सलाम है।यहाँ किस्मतों का फ़ैसला ,बस एक इशारे का काम है।
माँ बाप और उस्ताद सब है ख़ुदा रहमतहै रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने मत की
मेरी ग़ज़लों में तुम, मेरी नज्मों में तुम, तुमसे ही मेरी हर कव्वाली है, तुझे सोचूँ तो होली के रंग, तुझसे मिलके जगमग होती दीवाली है!!
जिंदगी तो सारी उम्र संभालती रहीहमें दो पाँवों पर और मौतके नखरे तो देखो आते ही कहदिया मुझे चार कंधे चाहिए
या ख्वाजा गरीब नवाज़,मुझे रहने के लिए किसी आशियाने की जरूरत नहीं।तेरा दर ही काफी है जिंदगी बिताने के लिए,ख्वाजा गरीब नवाज़ उर्स मुबारक।
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना, गमों की महफिल भी कमाल की जमती है !
जहाँ माँगने से मिले उसे संसार कहते है ,जहाँ बिन माँगे मिले उसे मेरे ख्वाजा का दरबार कहते हैं।ख्वाजा गरीब नवाज़ उसे मुबारक।
ये महफ़िल और ये गुनाहगार,इस खुशकिस्मती पे हूँ निसार।कुर्बान जाऊँ मैं हज़ारो बार ,ये दरे ग़रीब नवाज़ है।
मेरा ख्वाजा आता ए रसूल है..वो बहार इ चिश्त का फूल है..वो बहार इ गुल्शन इ फ़ातिमा…चमन ऐ अली का निहाल है!!!
इश्क करने की इजाजतकभी ली नहीं जातीदिल पे कब्जे अक्सरनिगाहो से कर लिए जाते है
तुम👦फटे 👎बांस की बांसुरी💤🙉 हो,मैं👱मधुर🎶😍सी शहनाई🎷हूं..तुम👦परमाणु बम🎳जैसे,मैं👱फुलझड़ी🎆और पटाखे💣हूं!!
या ख्वाजा या ख्वाजा घर जल्दी से मेरे आजा ,वह मंजर वो तराना ,सब वलियों को लेकर आना।
या ख्वाजा या ख्वाजा घर जल्दी से मेरे आजा ,हालात नहीं है जाने का ,ना बना बहाना आने का।
थोड़ा सावली है वो पर मेरी दिलवाली है।निकले जब मटक तो बजे जैसे कव्वाली है।।
आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो, मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं !
या ख्वाजा या ख्वाजा घर जल्दी से मेरे आजा ,याद तेरी अब आने लगी है।नशा तेरा अब छाने लगी है।
बड़ी दूर से चलते ऐ है ख्वाजा पिया की छत्ती है,मेरे दिल ने कहा अजमेर चल जहां रात दिन रहमत बरसी है।
हमे फिर सुहाना नजारा मिला है, जिंदगी में साथ तुम्हारा मिला है, अब जिंदगी में कोई ख्वाइश नही रही, क्योंकि हमे अब तुम्हारी बाहों का सहारा मिला है !
जहाँ माँगने से मिले उसे संसार कहते हे,जहाँ बिन माँगे मिले उसे मेरे ख्वाजा का दरबार कहते है,🍁 ख्वाजा गरीब नवाज़ उर्स मुबारक 🍁 .
मेरा रब तो पानी का भी हिसाबलेगा और तूने तो मुझसेआंसुओं का समंदर बेहवाया है
मिल कर रहो साथ रहोदोस्ताना इतना बरकरार रखो कीमजहब बिच में न आयेकभी तुम उसे मंदिर छोड़ दोकभी वो तुम्हे मस्जिद छोड़ दे
तन्हाइयों का एक अलग ही सुरुर होता है, इसमें डर नहीं होता.किसी से बिछड जाने का !
कत्ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद हैइस्लाम ज़िंदा होता है हर करबला के बाद
मुझे तलाश है जो मेरी रुह से प्यार करे, वरना इन्सान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं !
जरा जरा सी बात पर रिश्तोंको मत तोडिये सात अरबकी भीड़ में सातलोग तो जोड़िये
शायरी वही सही होती हैसाहब जिसे पढ़ करदिल को यु लगे कीअरे हां यही बात तो हमकहना चाहते थे
सारे फैसले खुदा के फिरगलतियाँ तेरी या मेरी कैसे
होके मायूस तेरे दर से सवाली न गया,झोलिया भर गई सबकी कोई खाली न गया।🌹 हक मोईन या मोईन 🌹
ये दरिया-ए-इश्क है, कदम जरा सोच के रखना, इस में उतर कर किसी को किनारा नहीं मिला !
सवाल जहर का नहीं थावो तो मैं पि गयातकलीफ लोगो को तब हुईजब मैं फिर भी जी गया
क्या पेशी तुझको चढाऊँ, ख्वाजा तेरी खिदमत में?मेरी खुशियों कि झोली को नवाजा है बडी फुर्सत में I।
रब के वलियों से है जिसे निस्बत.वो तोह रब के करीब होता है.वर्ण वलियों के घर पर आना भी.कहां सबको नसीब होता है.
तुमने देखा ही नहीं हमसे बनाके वरना, तुम्हे वो मकाम देते की जमाना देखता !
हर रिश्ते का नाम जरुरीनहीं होता मेरे दोस्तकुछ बेनाम रिश्ते रुकीजिंदगी को साँस देते है
वो मेरी न हुई तो, इसमें हैरत की कोई बात नही, क्योंकि शेर से दिल लगाये बकरी, की इतनी औकात नही !
आह को चाहिये इक उमर असर होते तक कौन जीता है,तेरी जुल्फ के सर होते तक।
कितना मुश्किल है मोहब्बतकी कहानी लिखना जैसेपानी पे पानी से पानी लिखना
प्यार तो सिर्फ प्यार है क्या पूराक्या आधा दोनों की ही चाहतबेमिसाल क्या मीरा क्या राधा
कौन कहता है खूबसूरती पुरेमें होती है चाँद औरइश्क अधूरे भी बेहदखूबसूरत हुआ करते है
आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो, मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं !
कितने मासूम होते है ये आँखों के आँसू भी, ये निकलते भी उन के लिए है, जिन्हे इनकी परवाह तक नहीं होती !
में खुद हैरान हूँ की इतनी मोहब्बत क्यों है मुझे तुझसे, जब भी प्यार शब्द आता है, चेहरा तेरा ही याद आता है !
या ख्वाजा या ख्वाजा घर जल्दी से मेरे आजा,वह चिश्त नगर का गागर ,वह प्रेम का भरकर सागूर।
पंछी ने जब जब किया पंखों पर विश्वास, दूर दूर तक हो गया उसका ही आकाश !