Program Ending Shayari In Hindi : मुद्दत से आता हर दिनज़िन्दगी में नई उम्मीद जागेआज का दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामोंसे सबके नसीब जागे। शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।
सरे दुःख मिटा दो चेहरे की हंसी से गमों की आग बुझा दो चेहरे की हंसी से हर कोई खुश रह नहीं सकता चाह कर भी ख़ुशी का राज बता दो चेहरे की हँसी से।
चुप चुप रहती हैं ये बहनों की जोड़ी इनके शांत स्वभाव पर मत जाइये
सूरज हर शाम को ढल ही जाता हैपतझर बसंत में बदल ही जाता है।मेरे मन मुसीवत में हिम्मत नहीं हारना।समय कैसा भी हो गुजर ही जाता है।
यदि आप इतने हिम्मत वाले है कि अलविदा कह सकें, तो आपका जीवन आपको एक नया हाय अवश्य कहेगी.
ध्यान दें अगर आप भाषण देना चाहते है तो जब भी आपका नंबर आये तो मंच पर बहुत ही शालीनता के साथ बहुत ही धीरे-धीरे जाएँ।
क्लास में मस्ती थीहमारी भी कुछ हस्ती थीटीचर का सहारा थादिल यह आवारा था
इम्तिहान समझकरसारे गम सहा करोशख़्सियत महक उठेगीबस खुश रहा करो
सीने में तड़प, एक हुंकार, एक गुर्राहट पैदा करती बहुत ही शानदार प्रस्तुति । एक बार जोरदार तालियाँ इस प्रस्तुति के कलाकारों के लिये।
बेफिक्र था मैं, सर पर जो आपका हाथ थाबे हिसाब था मैं, आपके हाथों में जो हिसाब थाविदा तो कर दूंगा आज आपकोलेकिन यह बहते आंसू ना रोक पाऊंगा।
रौनक़-ए-बज़्म नहीं था कोई तुझ से पहलेरौनक़-ए-बज़्म तिरे बा’द नहीं है कोई।
बिंदास मुस्कुराओ क्या गम हैज़िंदगी में टेंसन किसको कम हैयाद करने वाले तो बहुत है आपकोदिल से तंग करने वाले तो सिर्फ हम है।
हमारी स्वागत में लोग बिन बुलाये आते है क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पके बिछाये जाते है
दिमाग को समझाऊं तो मन नहीं समझतादिल को समझाऊं तो आंखें रो पड़ती है।
तुम्हारा जिक्र हो और दिल उछल पड़े कहीं यही तो नहीं परिभाषा नृत्य की
मंजिल उनिको मिलती हीजिनके सपनो मैँ जान होती है,पंखो से कुछ नहीं होताहौसलों से उड़ान होती है।”
एंकर फीमेल – बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति थी। मैं इस उत्सव के आरंभ में कही हुई अपनी पंक्तियाँ पुनः दोहराना चाहती हूँ कि..
यह तन तेरा दिल मन तेरा, ऐ वतन कहो तो मैं मर जाऊंजब रुत आये मर मिटने की, तो कफ़न तिरंगा कर जाऊं
क्या बात है, क्या बात है इतनी जबरदस्त Performance देखकर हमें तो एक शेर याद आ गया अर्ज कीजिएगा… की
वो आये गये जिनका इंतज़ार था,आओ हम खुशियों के दिये जला लें आज के मुख्य अतिथि के स्वागत में,सब लोग जोरदार तालियाँ बजा दें।
हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में, अपने द्वारा की गयी गलतियों को धन्यवाद देना चाहिए.
कुछ नशा तिरंगा की आन का है कुछ नशा मातृभूमि की शान का है हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है।। Happy Independence Day
चावल में दूध डालो तो उसे खीर कहते हैआपके लोग के जैसा चाहने वाले हो तोतक़दीर कहते हैं।
दिखा मिला जब प्यात में हमे, ज़िन्दगी में उदासी छा गयी, सोचा था छोड़ देंगे प्यार करना, पर आज मोहल्ले में दूसरी आ गयी।
सपने देखना कभी न छोड़े जिस दिन आप सपने देखना छोड़ देंगे उस दिन समझ ले की आप हर गए।
बंधन में है दिल एक बहाली तो बनती है,नीरस से माहौल में एक खुशहाली तो बनती है,यह रंग जो बिखरे है पर्दें पर गर समेटने है तो,जनाब आपकी एक ताली तो बनती है…
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा है, हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है।
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ीवर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती
मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में, मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती||
सबसे पहले बोले – मैं सम्माननीय मंच को नमन करता हूँ। यह बहुत कम लोग बोलते है। अगर आप ऐसा बोलेंगे तो सामने वाले को ऐसा ही लगेगा की आपको अनुभव है।
बिना बात की लड़ाई,और मेडिकल की पढ़ाई,अकसर लड़कियां ही करती हैं।
न पैसा लगता हैन खर्चा लगता है ,प्लीज् स्माइल कीजियेबड़ा अच्छा लगता है।
हार को जीत की इक दुआ मिल गई, तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई, आप आये श्रीमान जी यूँ लगा जैसे तकलीफो को कुछ दवा मिल गई.
सभी ने दिल छू लेने वाले स्वागत गीत गाया है कृपया इनके के लिए तालियां बजाएं। (यह लाइन स्वागत गीत खत्म होने के बाद बोले)
मौके अक्सर कड़ी मेहनत के पीछे छुपे हुए होते हैं इसीलिए बहुत सारे लोग इन्हें पहचान नहीं पाते।
“चम चम करती चाँदनी टिम टिम करते तारे.. ताली कोई नई बजा रहे शोक सभा में आये क्या सारे!!”
ख्वाबों में आने वाले तेरा शुक्रिया, दिल को बहलाने वाले तेरा शुक्रिया, कौन करता है इस ज़माने में किसी से दोस्ती इतनी हमें दोस्त कहने वाले तेरा शुक्रिया.
मिलना बिछड़ना दुनिया की रीत हैइसको ख़ुशी से निभाते रहोकब किस्से दिल मिल जाये इसलिएराहों में दोस्त बनाते रहो
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
आओ आज मुश्किलों को हारते है चलो आज दिन भर मुस्कुराते है
जो खो गया उसके लिए रोया नहीं करते,जो पा लिया उसे खोया नहीं करते |उनके ही सितारे चमकते है ए दोस्,जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते ||
कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों के सामने,उनमें ताकत ना सही पर होसला होगा ज़रूर।इसी तरह तक आगे बढ़ते रहे तो देखना,तय समंदर तक एक दिन फासला होगा ज़रूर।
लाख दिए जला लीजिये अपनी महफ़िल मेंलेकिन रौशनी तो हमारे आने से ही होगी।
दुनियां का हर शौक पला नहीं जाता,कांच के खिलोनो को उछाला नहीं जाता |महनत करने से हो जाती है मुश्किले आसान,क्यों की हर कम तक़दीर पर टाला नहीं जाता ||
तुमको मिल शक्ति है मुझसे बेहतर तो हमको मिल सकता है तुमसे बेहतर लेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तो कुछ और नहीं हो सकते इससे बेहतर।
“तुम क्या चले गए, बाग से तितलियां चली गई फूल मुरझाये पत्तियां राख हुई, अब और मत सताओ, गार्डन में पानी देना है, काम पर जल्दी आओ।”
विवाह के इस पवित्ररिश्तें को दिल से लगाएंगे,हर इक जिम्मेदारी औरतेरा साथ हरदम निभाएंगे।
चारों और पढाई का साया हैसारे पेपरों में जीरो आया हैहम तो यूँ ही चल देते हैबिना मुँह धोये एग्जाम देनेदोस्त कहते है यार रात भर पढ़ के आया है
ईश्वर ने भी कीमती रत्न,गिनती के ही बनाये है,उन रत्नो में सबसे कीमती,आज हमारे बीच में आये है।
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।
मैं इन पंक्तियों के माध्यम से हमारी देश की सौहार्दपूर्ण विरासत की याद दिलाते हुये इस प्रस्तुति की और आपको ले चलूंगा कि…
वो आए घर Me हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभीहम उन Ko कभी अपने घर को देखते हैं।
ये कलयुग हैं साहब,यहाँ भीड़ को रश कहते हैं,और जो भीड़ में पसंद आ जाए,उसे क्रश कहते हैं…
छु ले आसमां जमी की तलाश ना कर,जी ले ज़िन्दगी ख़ुशी की तलाश ना कर |तक़दीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,मुस्कुराना सिख ले ख़ुशी की तलाश ना कर ||
विदा तो आप हो रहे हो इस कॉलेज सेबस आंखों के सामने से जा रहे होदिल से कैसे निकल के जाओगे आप।
एक गुज़ारिश एक इल्तिजा रुक जाओ ना।
अगर कड़ी मेहनत इतनी अद्भुत चीज होती तो निश्चित रूप से अमीर उसे अपने पास ही रखते ।
सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगेअल्लाह सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो
निकाल दे अपने दिल से हर डर को,नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को,दामन भर जाएगा सितारों से तेरा,ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को…
ये नन्हे फुल तब महकते हैंजब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैंइन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिएजोरदार तालियाँ तो बनती हैं।
आप थे तो, सफल हो गयेआप थे तो, हवा सारे गम हो गयेहम अकेले चले तो, बहुत खार थेआप के साथ राहों में, गुल हो गये।
बस रुँधे कंठ है, यूँ विकल कर दियादिल हुआ तरबतर, मन तरल कर दियाआपकी ये जुदाई, कठिन हो गईइस विदाई ने हमको, सजल कर दिया।
वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए, वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए, रखते है हम वो हौसले भी जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए।
वो कॉलेज के दिन – कुछ बातें भूली हुई,कुछ पल बीते हुए, हर गलती का एक नया बहानाऔर फिर सबकी नज़र में आना
ग़र ख़ुद के साथ ज़ीना आ जायेटूटे हुओं के ज़ख्मो को सीना आ जायेहर पल बरसती है नियामतें कायनात कीबस हर दिन की मुबारक देना आ जाए।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में, भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में।
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं।
बिना प्रकाश के कोई उजाला हो नहीं सकताबिना दिल के कोई दिलवाला हो नहीं सकताजो न बजाए मेरे कलाकारों के लिए तालीवो कार्यक्रम का दीवाना हो नहीं सकता।
ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार,करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार, बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद,तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात…
एग्जाम के मामले सच में अजीब होते हैंजो सवाल रहते हैं निगाहों से दूर साला वही सबसे इम्पोर्टेन्ट होते हैं
ताउम्र तेरे साथ बीती रातों को फिर याद करेंगे, कह सकें अलविदा तुझसे इसलिए मेरे यार, आंसू का एक भी कतरा बहाए बिना बात करेंगे।
हमेशा याद आते है वो college के दिनजब नहीं जाते थे College दोस्तों के बिन
औरत कभी खिलौना नहीं होती, परमात्माके बाद पूजनीय औरत ही होती है जो मौतकी गौद में जाकर जिंदगी को जन्म देती है.महिला दिवस की हार्दिक बधाई.