Program Ending Shayari In Hindi : मुद्दत से आता हर दिनज़िन्दगी में नई उम्मीद जागेआज का दिन बख्शे खुशियां आपकोनेक कामोंसे सबके नसीब जागे। शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।
विदाई का ये दिन है,माहौल थोड़ागमगिन लेकिन दुआ है रब से,आपयूं ही हंसते रहो,महकते रहो,सबकेदिल में बसते रहो।
तो आ रहे हैं अपना Talent दिखाने के लिए जोरदार तालियों के साथ स्वागत करें (Name of Contestant)… का
प्यार का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू, आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू, प्यार ने बस इतना सिखाया हे मूज़े की खुद से पहले आपके लिए दुआ करू.
अलग है भाषा, धर्म जात और प्रांत, पर हम सब का एक है, गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ।
प्रकृति सम्पूर्ण संगीत हैजीवन महज़ एक नृत्य हैन नृत्य जानूँ न जानूँ गायन न ही आये चित्रकारीइस लॉक डाउन में एक ही सहारा मेरी ये लिखने की बीमारी
भूख, गरीबी, लाचारी को, इस धरती से आज मिटायेंगे, भारत के भारतवासी को, उसके सब अधिकार दिलायेंगे, आओ सब मिलकर नये रूप में गणतंत्र मनायें।
फिक्र करूं या जिक्र करूंआपके बिना ये सफर कैसे पूरा करूं।
तेरे साथ मुस्कुराना और ठोकरों से संभलना सीखा है, आता नहीं अलविदा कहना बस रोकर जताना सीखा है।
जमाने भर में मिलते है आशिक कई, मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता।
बहुत मस्त हो तुम लोगो की नजरो से बचके रहो.आँखों में काजल के साथ, गले में भी निम्बू मिर्चीकी माला लटकाया करो.
साथ रहकर तूने संभाला है इतना,अब अलविदा कह फिर कमजोर न बना देना।
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती
अब बारी हैं दुल्हन पक्ष की, देखो कैसे खड़े हैं भोले बनकर दुल्हन के भाई
भुलाये नहीं जाते वो पलजब मैं अपने दोस्तों के साथस्कूल बंक कर जाता थाऔर किसी को पता नहीं चल पाता था
कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों के सामने,उनमें ताकत ना सही पर होसला होगा ज़रूर।इसी तरह तक आगे बढ़ते रहे तो देखना,तय समंदर तक एक दिन फासला होगा ज़रूर।।
क्या आपको है की कौन है महफ़िल की शान?, यहाँ पर आये हुए हर मेहमान.
जीवन की कश्ती डगमग थी किनारे लगा दियाजमीं से उठाकर सिहासन पर बिठा दियाऔर क्या तारीफ करूं आपकी आपने तोखुद को मिटा कर हमें बना दिया।
चलते है फिर मिलेंगे ये कह करआप तो विदा हो गए, पर हम अकेले हो गए।
आज कुछ ऐसा करे कि कल आप खुद को उस काम के लिए धन्यवाद दे सके.
विदाई की घडी आयी हैसबके आँखों में आँसू लाई है,आपके पूरे हो हर खाबदुआ ये सबके जुबान पर आई है।
चलो फिर से खुद को जगाते है, अनुसासन का डंडा फिर घुमाते है, सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से, ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते है।
बता दो आज इन हवाओं को, जला कर रखो इन चिरागों को, लहू देकर जो ली आजादी, टूटने ना देना ऐसे प्रेम के धागों को।
अब जाने पर उदास क्या होना, अब बिछड़ने पर बदहवास क्या होना,यही तो दस्तूर है इस दुनिया का कि, एक बार मिलना और मिलकर जुदा होना।
लैला से प्यार करके मजनू की किस्मत जाग गयी ,और मजनू ने इतने लव लेटर लिखा कीलैला पोस्टमेन के साथ भाग गयी।
विदा तो होना ही था आपको आज हो या कलपर जुदा कभी मत होना ये वादा करो अब।
सुना है आज कल नाजो नखरेकिसी और के उठाने लगे हो.क्या बे आज कल कितने तरीकोसे मुझे जलाने लगे हो.
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“शाम सूरज को ढलना सिखाती है शमा परवाने को जलना सिखाती हैं, गिरने वालो को होती है तकलीफ पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती।”
तेरे बिन मेरी ज़िंदगी पूरी तरह सन्नाटा,तू मेरी चाय और तू ही मेरी पराठा…Tere bin meri zindagi puri tarah sannnata,Tu meri chai aur tu hi meri paratha..
अपनी आज़ादी अपनी संप्रुभता के लिए एक बार जोरदार तालियों बजा दीजिये। धन्यवाद
इतनी सुंदर प्रस्तुति, इतना सुंदर काम,शाबाशी कर दीजिये, इन बच्चों के नाम खुलकर दे दो तालियाँ, इन परियों को आज,सबने अपने काम को, ख़ूब दिया अंजाम।
कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों के सामने,उनमें ताकत ना सही पर होसला होगा ज़रूर।इसी तरह तक आगे बढ़ते रहे तो देखना,तय समंदर तक एक दिन फासला होगा ज़रूर।
क्या बताऊं खूबियां आपकी विदाई पर,महकता था दिन आपके मुस्कुराने पर,जहां भी रहो कामयाबी की मिशाल बनो,लेकिन, अधूरा लगेगा हमें आपके जाने पर।
” जाने वाले से मुलाकात न होने पाई, दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई। ”
दिलों में विश्वास पैदा करता है,मन में कुछ आस पैदा करता है,मिटटी की तो कुछ बात ही अलग है,ईश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है…
दिलों में विश्वास पैदा करता है, हम सुब में कुछ आस पैदा करता है… मिटटी की बात तो अलग है, इश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है||
देशभक्तों से ही देश की शान है, देशभक्तों से ही देश का मान है, हम उस देश के फूल हैं यारों, जिस देश का नाम हिंदुस्तान है।
अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर, तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर… मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त, तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर||
शब्दों के इत्तेफाक़ मेंयूँ बदलाव करके देखतू देख कर न मुस्कुराबस मुस्कुरा के देख
“अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर,तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर…मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त,तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।”
याद है कॉलेज की उन किताबों मेंजो तुमने चुपके से गुलाब रख दिए थेआज भी उन पन्नो तुम्हारी खुशबु आती है
कोई हिन्दू है तो कोई मुसलमान हैएक सच्चे कलाकारों के लिए तालियां ही भगवान् है।
वो नए हॉस्टल में दिन बितानावो lecture सुनते सुनते दोस्तों का सो जानावो दोस्तों का नए नए नामो से चिढ़नाबहुत याद आता है कॉलेज का वो जमाना
मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।।
कोर पलकों की भीगी, तुम्हारे लिएहो सोहबत सभी की, तुम्हारे लिएआपकी शोहरते, इत्र बनकर उड़ेहर खुशी को जमीं की, तुम्हारे लिए।
गाँधी स्वप्ना जब सत्य बना, देश तभी जब गणतंत्र बना, आज फिर से याद करे वह मेहनत, जो थी की वीरो ने और भारत गणतंत्र बना।
निकाल दे अपने दिल से हर डर को,नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को,दामन भर जाएगा सितारों से तेरा,ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को…
मुश्किलों से .भाग जाना आसान होता हैमुश्किलों .से .भाग .जाना आसान होता हैहर पहलु जिंदगी का इम्तिहान होता है
अपनी सांसो में आबाद रखना मुझेमैं रहूं ना रहूं याद रखना मुझे।
ना गिनकर देता है ना तौलकर देता हैखुदा भी नेकबंदो को दिल खोल कर देता है
मुस्कुराकर, दर्द भूलकर रिश्तों में बंदथी दुनिया सारी हर पग को रोशन करनेवाली वो शक्ति है एक नारी महिला दिवसकी शुभकामनाएं.
कुछ बयां कर देता हूंकुछ छूपा लेता हूंमै अपनी मुस्कान से हीखूद को मना लेता हूं
गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है दिल से तुमको नमन हैं करते ये आजाद वतन जो दिलाया है….
जाने की उदासी इस दिल से हटायें कैसे, दिल में ही रहते है वो पर कैसे समझाये कैसे.
इश्क़ तो करता हैं हर कोई मेहबूब पे मरता हैं हर कोई, कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो तुझ पे मरेगा हर कोई……!!!!
अहसास के रंग में डूब कर जब चलीकलम शब्द शब्द नृत्य करने लगे और #कविता बन गयी
मित्र हमेशा काले रखों,क्योंकि काले लोग रंग नहीं बदलते..Mitra hamesha kaale rakho,Kyuki kaale log rang nahi badalte…
आज इतनी जिम्मेदारिया हैंकी हर रोज सोचता हूँमैं बड़ा क्यों हुआमेरा बचपन मुझे कोई लौटा दोमेरी खुशिया मुझे कोई लौटा दो
जैसे अनगिनत तारों के साथ चांदनी हैं सजती कई परिवारों के साथ महफिले हैं बनती हँसी ठिठोली से जब गूँजता हैं प्रांगनतभी तो खिलता हैं शादी का आँगन
देने को मेरे पास नहीं है कुछ खास,सोच कर मेरा मन बहुत है उदास,चले हो हमको बीच राह मे छोड़कर,पर रहोगे हमेशा हमारे दिल के पास
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
मैं तो College Exam में अपनी शीटइसलिए भी खाली छोड़ के आता हूँकि मास्टर यूँ ना कहने लगे “बड़ो को जवाब देता है
“जिंदगी का हर पल हो उत्सव, ऐसे कृत्य हो जाएं कदम ऐसे पड़े धरती पर की जीवन नृत्य हो जाए”।
आप का साथ धूप में छांव हैआप का साथ समंदर में नाव हैआप का साथ अंधकार में प्रकाश हैकर रहे है आज आप को विदापर दिल में आपका ही नाम है।
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमां पर, भारत का नाम होगा सब की जुबान पर, ले लेंगे उसकी जान या दे देंगे अपनी जान, कोई जो उठाएगा आँख हमारे हिंदुस्तान पर।
मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है और भाग्य लिफ्ट की तरह लिफ्ट तो किसी भी समय बंद हो सकती है पर सीढ़िया हमेशा ऊंचाई की ओर ही ले जाती हैं!
आँखों में ख़ुशी लव पर हंशीगम का कहि नाम न होये सुबह लायी आपकी ज़िंदगी में इतनी खुशियांजिसकी कभी साम न हो ,
आप दोनों के जीवन मेंख़ुशियों की भरमार रहे,और ज्यादा क्या कहूँ,खुशियों का इक प्यारा संसार रहे…!!!विवाह की हार्दिक शुभकामनाएं
मत भूलना वो हज़ारों लोगों की क़ुर्बानी दोस्तों, उनकी ही वजह से आज भारत में आज़ादी का खजाना हैं,
आज तक मन में एक सवाल हैमिलेंगे स्कूल के टीचर तो पूछूंगा जरूरये थीटा कोस और टेन थीटा काउपयोग आखिर करना कहा है
जो खो गया उसके लिए रोया नहीं करते, जो पा लिया उसे खोया नहीं करते| उनके ही सितारे चमकते है ए दोस्, जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते||
आओ आज मुश्किलों को हराते हैंचलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं