1059+ Patriotic Shayari In Hindi | Desh Bhakti Shayari

Patriotic Shayari In Hindi , Desh Bhakti Shayari
Author: Quotes And Status Post Published at: September 15, 2023 Post Updated at: August 15, 2024

Patriotic Shayari In Hindi : लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है, उछ्ल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी। दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की नफरत, मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आयेगी।

देशभक्तों से ही देश की शान है, देशभक्तों से ही देश का मान है, हम उस देश के फूल हैं यारों, जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !

दुश्मन क्या मारे इतनी उसकी औकात नहीं,हम तो अपनो की ही साजिश के शिकार है।

फरिस्ते सिर्फ आसमान में नहीं रहते हैं,जमीन ए हिंद पर उन्हें जवान कहते हैं..!!

हम वो वीर नौजवान हैजो भारत मां की तरफ आंख उठाने वाले काजहानुम तक पीछा नहीं छोड़ते।

जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो: जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो: हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन, मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

जमाने में मिलेंगे आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं, नोटों में और सोने में लिपटकर मरे है कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता!

देशभक्ति में शामिल हर कण कण ये बोले की हमे अपने भारत के लिये “जी जान” लगा देनी है|

चलो फिर से खुद को जगाते है, अनुशासन का डंडा फिर घूमाते है! सुनहरा रंग है स्वतंत्रता का शहीदों के लहू से, ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकते है!!

खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है,सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।

दे सलामी इस तिरंगे को, जिस से तेरी शान है, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका, जब तक तुझ में जान है।

चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लेंशहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर लेंजिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारेदेशभक्तों के खून की वो धारा याद कर लें

लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान परभारत का ही नाम होगा सबके जुबान परले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान परकोई तो उठाएगा आँख हिन्दुस्तान पर

गूंजे कहीं पर शंख,कही पे अजाँ हैं,बाइबिल है, ग्रंथ साहब है,गीता का ज्ञान हैं,दुनिया में कहीं और यह मंजर नसीब नहीं,दिखाओ जमाने को यह हिन्दुस्तान हैं।

ये बात हवाओं को भी बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को भी जलाये रखना, लहू देकर जिसकी हिफाजत की हमने, ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना!

दे सलामी इस तिरगे को जिस से तेरी शान हैं, झंडा हमेशा ऊचा रखना जब तक शरीर में प्राण हैं।

यही ख्वाहिश है कि भगवान् हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देनाअगर देना तो दिल में देश भक्ति का चलन देना

जबरदस्त बहती हैं शांति की गंगा बहने दो मत फैलाओ मेरे देश में दंगा हमे अमन से रहने दो मत बाटो मेरे तिरंगे को मेरा प्यारा तिरंगा एक रहने दो

खून से खेलेंगे होली, अगर वतन मुश्किल में है,सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है..!!

दिलो से नफरतो को निकालो,देश के इन गद्दारों को मारो,ये देश है खतरे में ए -मेरे -देशवालो,हिन्दुस्तान के सम्मान को बचा लो!!

नशा है मुझे इस तिरंगे की आन में बसा है मेरा दिल इस धरती की जान में शक हो कोई मन में तो देख लेना कल भी थे कल भी रहेंगे इसी हिंदुस्तान में

चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में! देश की मिटटी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रखा है!

तु लिख दे नयी तस्वीर, खींच के तलवार से लकीर। तू भारत माँ का लाल है, तेरे हाथ में है तकदीर।।

अमन चैन इस देश में रहने दोमत फैलाओ दंगा इस धरती को कहने दोरंगो में ना बांटो मुझकोमेरे दिल में हिन्दुस्तानी तिरंगा फहरने दो।

मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज हैऔर मेरा मुल्क ही मेरी जान है,इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।

फिर उड़ गयी नींद मेरी ये सोच कर! के जो शहीदों का बहा वो खून मेरी नींद के लिए थे!!

अधिकार मिलते नहीं लिए जाते है, आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं, बंदन करो उन सैनिकों का, जो मौत को आँचल में जिए जाते हैं..

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही !सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही!!

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा,हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलसिता हमारा..!!

हम हाथ मिलाना भी जानते है उखाडना भी, हम गांधी जी को भी पूजते है, और चंद्रशेखर आजाद को भी !

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा। परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसमाँ का वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा……

मेरे जवान देश की शान है,विज्ञान हमारी पहचान हैकिसान से ही भरण पोषण हमाराये तीनों देश की शान है।

सफल होने के लिए आपको अकेले चलना होगा। लोग तो तब आपके साथ आते हैं जब आप सफल हो जाते हैं.

कई कुर्बानी हुई,तब मिली आज़ादी।दिल चीर रखे,संघर्ष हुएहर बूंद रक्त की हुईवतन के नामऔर दिल ने गाया,मेरा भारत महान।

मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये * जय-हिन्द *

करीब कभी आओ तो कोई बात बने,बुझी आग को जलाओ तो कोई बात बने,सूख गया है जो लहू शहीदों का,उसमें अपना खून मिलाओ तो कोई बात बने।

इस वतन के रखवाले हैं हम शेर ए जिगर वाले हैं हम मौत से हम नहीं डरते मौत को बाँहों में पाले हैं हम

रात होते ही आप नींद में खो जाते है, सूरज ढलते ही वो तैनात हो जाते है।

इतनी सी बात हवाओं को बताए रखनारोशनी होगी चिरागों को जलाए रखनालहू देकर की है जिसकी हिफाजत की हमनेऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बचाये रखना

इश्क तो करता है हर कोई महबूब पे तो मरता है हर कोई कभी वतन को महबूब बना के देखो तुझ पे मरेगा हर कोई..

ना मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए, बस अमन से भरा यह वतन चाहिए, जब तक जिंदा रहूँ, इस मातृभूमि के लिए, और जब मरूँ तो तिरंगा कफन चाहिए।

अब तो मरना जीना बस तिरंगे के नाम होगा,अगला जन्म लिया तो मेरा देश हिंदुस्तान ही होगा।

तैरना हे तों समुदर में तेरों नालो मे कया रखा हे पयार करना हे तो देश सें करों औंरों मे क्या रखा हे।

कुछ न कुछ तो बात है मिटटी में मेरे देश की,लोग शरहद से छुपकर आते हैं मेरे देश की मिटटी में दफ़न होने के लिए

ना हम भुले है ना यह ‘भारत’, आपके बलिदान से है यह ‘हमारा भारत’.

जब आँख खुले तो धरती हिंदुस्तान कि हो ,बंद हो तो यादे हिंदुस्तान की हो …हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं ,लेकिन मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो … ।।

देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है| भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है, भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है.

मैं मुल्क की हिफाजत करूँगाये मुल्क मेरी जान हैइसकी रक्षा के लिएमेरा दिल और जां कुर्बान है।

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा नहीं सकते, सर कटा सकते है लेकिन सर झुका नहीं सकते।

आजादी की कभी शाम ना होने देंगेशहीदों की कुर्बानी कभी बदनाम ना होने देंगे,बची है रगो में एक बूंद भी लहू कीतब तक भारत माता का आंचल नीलाम ना होने देंगे।

~ कोई हस्ती कोई मस्ती कोई चाह पे मरता है, कोई नफरत कोई मोहब्बत कोई लगाव पे मरता है,यह देश है उन दीवानों का, यहाँ हर बन्दा अपने वतन पे मरता है।

गंगा, यमुना, यहाँ नर्मदा मंदिर, मस्जिद के संग गिरजा, शांती प्रेम की देता शिक्षा, मेरा भारत सदा सर्वदा।

मेरा “भारत” महान था, महान है और महान रहेगा. है होंसला सब के दिलों में बुलंद, तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा.

उनके हौसले का भुगतान कोई क्या करेगा, उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार है, आप और हम इस लिए खुशहाल हैं क्योंकि, सीमा पे सैनिक शहादत को तैयार हैं।

वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं!

भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले,हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर या फिर कभी जिंदगी न मिले..!!

अधिकार मिलते नहीं लिए जाते है, आजाद हैं मगर गुलामी किये जाते हैं, बंदन करो उन सैनिकों का, जो मौत को आँचल में जिए जाते हैं..

हम वतन के सिपाही हैतन मन धन सब देश के नाम लिख जाएंगेजान तो क्या रूह भी देश के नाम कर जाएंगे।

फहराए तिरंगा अंबर मेंमां का धानी परिधान रहेजब तक चमके सूरज चंदाये मेरा प्यारा हिन्दुस्तान रहे।

दे सलामी इस तिरंगे कोजिससे तेरी शान है …सिर हमेशा उचा रखना इसका ,जबतक शरीर में जान है …

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त,मेरे मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी..!! Best Shayari on Desh Bhakti

न झुकने दिया तिरंगे को न युद्ध कभी ये हारे हैं, भारत माता तेरे वीरों ने दुश्मन चुन चुन कर मारे हैं।

तैरना है तो समंदर में तैरों नालों में क्या रखा है, प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा है !

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की नफरत, मेरी मिटटी से भी खुशबू-ए-वफ़ा आयेगी.

ये नफरत बुरी है न पालो इसे,दिलो में खलिश है निकालो इसे,न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका,यह सब का वतन है, बचा लो इसे।

लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा,मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।

खुशबू मेरे वतन की सांसो में इस तरह घुल गई हैकि जब भी कुछ बोलता हूं और सोचता हूंतो जय हिंद, वंदेमातरम ही याद आता है।

हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम भारतीय हैं – जय भारत, वन्दे मातरम

खून से खेलेंगे होली ,अगर वतन मुश्किल मै है …सरफरोशी की तमन्ना ,अब हमारे दिल में है … ।।

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,हम लहराएंगे हर जगह..ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है।Happy Independence Day

इश्क तो करता है हर कोई महबूब पे तो मरता है हर कोई कभी वतन को महबूब बना के देखो तुझ पे मरेगा हर कोई

मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ, यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,तिरंगा बने कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ.

लड़े जंग वीरों की तरह, जब खून खौल फौलाद हुआ, मरते दम तक डटे रहे वो, तब ही तो देश आजाद हुआ।

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