Pareshan Shayari In Hindi : फिर आखिर मुझे परेशानी क्या हो, जो तू पूछ ले एक दफा परेशान क्यों हो। परेशानियां को बिलकुल परे रख कर, चल दौड़ इस ज़िन्दगी के अग्निपथ पर।
ऐ जिंदगी तेरी परेशानियों को हरा कर फिर जीत जाऊंगा मैं बुरे दौर को खत्म कर फिर अपनी काबिलियत साबित कर जाऊंगा मैं..!
जिंदगी में आए दुश्मन बड़े-बड़े, लेकिन हम कभी किसी से नहीं डरे, दुश्मनी करना है तो कद ऊंचा करो, क्योंकि हम चूहे नहीं मारते।
परायों को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं है जितना अपनों को अपना बनाये रखना है
मेरा लिखना और तेरा पढ़ना उफ्फ कितना पढ़ा-लिखा इश्क है अपना ।
परेशानी एक ये भी है की एक भी नहीं मेरे परेशानी सुनने के लिए।
कद में जो बहुत छोटे हैं, वो दुश्मनी क्या निभाएंगे, औकात कर लो हमसे भिड़ने की, तब दुश्मनी हम भी निभाएंगे।
तुम्हारा जाना मुझे उदास कर गया,तू पास था पहले अब अपनी यादों को पास कर गया।तेरी चाहतों को दिल से चाहा था मैं,तू मुझसे बेवफा मेरे दिल को उदास कर गया।
जब साथ कोई ना दे तो आवाज़ हमें देना आसमान पर होंगे तो भी लौट के आएंगे।
ख्वाब तो बहुत थे कि आसमानों पर चलूं,पर उसूलों की इमारत अब ढही नहीं जाती,
जिन्दगी से उलझने की अब औकात नहीं हमारी, इसलिए अब हम अपने अल्फाजों से उलझते हैं..!
हम समंदर हैं, हमें खामोश ही रहने दो ज़रा मचल गये, तो शहर ले डूबेंगे. Hum samandr hai hume khamosh hi rehne do jara machal gaye to shahar le dubenge.
यूँ तो हर शख्स फिसल जाता है,अक्सर कर सम्भल जाता है।उठना गिरना तो ज़िन्दगी की कहानी है,जो गिरकर फिर ना सम्भला तब हैरानी है।
ऐ ज़िन्दगी ख़त्म कर सांसों का आना जाना,मै थक चूका हूँ खुद को ज़िंदा समझते समझते।
हो जो इक दूजे से लड़ाई तो मना भी लिया करो, कभी तुम कभी वो, ये प्यार के रिश्ते थोड़े निभा भी लिया करो।
किसी को इतना भी परेशान मत कीजिए, की वो परेशानियों से पीछा छुड़ाने के लिए दुनिया छोड़ने पर मजबूर हो जाए।
कुछ ऐसे सिलसिले भी चले ज़िंदगी के साथकड़ियां मिलीं जो उनकी तो ज़ंजीर बन गए.!
जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क़,और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़।
जो दिल में आये वो सब करना बस एक गुजारिश है किसी से अधूरा प्यार मत करना
आंखों से आँखे मिला गया कोई,दिल की कलियाँ खिला गया कोई।दिल की धड़कन यूँ बेताब न थी,मुझको दीवाना बना गया कोई।
कुछ लोग तो आज कल मुझसे इसीलिए भी परेशान रहते है की आज कल मैं क्यों परेशान नहीं रहता।
हमारे चले जाने के बाद , ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,#कहा चला गया वो शख्स जो तन्हाई मे आ कर, बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था।
जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।
साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती, दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती, अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त, कोई भूल नहीं पाता… और किसी को याद नहीं आती।
चार दिनों की उम्र मिली है और फ़ासले जन्मों के, इतने कच्चे रिश्ते क्यूँ हैं इस दुनिया में अपनो के।
मिलकर भी उनसे हसरत-ए-मुलाकत रह गई,बादल तो घर आये थे, बस बरसात रह गई।
एक अँधेरा कमरा और उसमे बैठा वीरान मैं, हो रही है बारिश बहुत लगता है आसमान भी परेशान है।
अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है।
वह मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं,काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।
मुझे तो अब क्या चाहिए होगा मुझे इस दुनिया से क्या चाहिए होगा यह दुनिया मेरे अब किसी काम की नहीं है मुझे मोहब्बत में अब किसी से क्या चाहिए होगा।।
भूल जाने का मशवरा और जिँदगी बनाने की सलाह, ये कुछ तोहफे मिले थे उनसे आखिरी मुलाकात मे।
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये,क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत।
अब किसी और से बात करने में दिल नहीं लगता, जब से मैंने अपने आप से बात करना शुरू किया है.!
अपनी ही कहानी अब कही नहीं जाती,ज़िन्दगी भटकती है सुनसान राहों पर,जहांँ को है मंज़िल अब वहीं नहीं जाती,
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।
उंगलियाँ आज भी इस सोच में गुम हैं, उसने कैसे नए हाथ को थामा होगा. Ungaliyan aaj bhi is soch me ghum hai usne kese naye hath ko thama hoga.
मैंने कभी किसी को आज़माया नही,जितना प्यार दिया उतना कभी पाया नही।किसी को हमारी भी कमी महसूस हो,शायद खूदा ने मुझे ऐसा बनाया नहीं।
एक बार भी नहीं रोका उसने मुझे ,शायद उसे मेरे चले जाने का इंतज़ार था।
मुस्कुराने की वजह क्यों ढूंढे,ये जिंदगी यूं ही कट जाएगी,
बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा,फिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे।
जो मन बना चुके थे हमसे दूर जाने का और हमें लगा कि हमें मनाना नहीं आता।
तुम मूड में नहीं थे तो क्यू बनाया मुझे रब,मिट्टी दुबारा गुथो और फिर से बनाओ मुझे।
औरो की तरह हम नही लिखते है डायरियां..!! बस याद तुम्हारी आती है और बन जाती है शायरियाँ..!!
माना की तेरे प्यार का मैं मालिक नहीं,पर किरायेदार का भी कुछ हक तो बनता है।
यादों की कीमत वो क्या जाने, जो ख़ुद यादों को मिटा दिया करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो सिर्फ़ यादों के सहारे ही जिया करते हैं।
तेरे बदलने का दुःख नहीं हैं मुझकों,हम तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हैं..Tere badalne ka dukh nahi hain mujhko,Hum toh apne yakeen par sharminda hain…
कभी तुम्हारी याद आती हैं तो कभी तुम्हारे ख्वाब आते हैं, मुझे सताने के तुम्हें तरीके तो बेहिसाब आते हैं।
मुझे कभी धोखा नहीं देना, मेरे आलावा किसी और का ना होना मर जाऊँगी मै आपके बगैर आपने मुझे जीना सिखाया है.
वफ़ा और मोहब्बतों के ज़माने गये जनाब,अब तो दिल को बहलाने का सामान है मोहब्बत।
जब से मैं आज में रहने लगा हूँ, कल की फ़िक्र नहीं रहती अब!
कई बार ये सोचकर दिल मेरा रो देता है की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मेने खुद को भी खो दिया।
सारा जहां न जाने क्यों चुपचाप है, न आहटें हैं न ही साज है, क्यों ये हवा ठहरी हुई है, क्या मेरा सनम मुझसे नाराज है।
इस दौरेसियासत का इतना सा फ़साना है,बस्ती भी जलानी है मातम भी मनाना है।
जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं,मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं।दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं,ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।
तू मुझे लाख परेशान कर ले सनम मैं आज भी तुझे परेशानी में देख नहीं सकता।
मेरे ख्वाब में भी तू रहेगी, मेरी आवाज में भी तू रहेगी, जब तक माफ न कर दो, मेरे आंखों से आंसू बहते रहेंगे।
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते,सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना।
अगर अच्छी जिंदगी जीना चाहते हो तो अकेले जीना सिख लो लोग तसल्ली जरूर देते है लेकिन साथ नहीं देते है
कभी लगता है कि दुश्मन ही करीब हैं, जो हर दिन मेरा नाम ले लेते हैं, अपनों की ही क्या तारीफ करूं मैं, मुसीबत के समय भाग लेते हैं।
ये लोग जो दिखाते हैं की खुश हूँ मैं, इनसे खुद किसी की ख़ुशी देखि नहीं जाती।
ऐ जिंदगी तेरी परेशानियों को हराकर फिर जीत जाऊंगा मैं, बुरे दौर को खत्म कर फिर अपनी काबिलियत साबित कर जाऊंगा मैं.
जाल बुनने लगे हैं दुश्मन आसमान में, दोस्त भी नहीं रहे अब इस जहां में, मैं भी तो ठहर कर देखूं जोर कितना है, सपने ऊंचे देखे हैं इस नन्ही सी जान ने।
दर्द मेरे दिल का किसने देखा है, मुझे सिर्फ खुदा ने तड़पते देखा है, हम तन्हाई में बैठकर रोते हैं, महफ़िल में लोगों ने हमें हस्ते देखा है।
ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस,कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है।“जाँ निसार अख़्तर”
मेरा सवाल कुछ भी हो पर जबाब तुम ही हो, मेरा ख्वाब कुछ भी हो पर ख्याल तुम ही हो।
तुमको छुपा रखा है इन पलकों मे,पर इनको ये बताना नहीं आया।सोते हुए भीग जाती हैं पलके मेरी,अब तक दर्द छुपाना नहीं आया।
अपनी मेहनत से तू बना अपनी पहचान, जिंदगी में तू होगा सबसे कम परेशान..!
दुश्मनी से तेरी वाकिफ हूं, मत समझो नादान मुझे, सारे राज जानता हूं तेरे, आंख खोल पहचान मुझे।
इस तरीके से हमें परेशान ना किया करो इस तरीके से हमें दर्द ना दिया करो वरना जिंदगी ऐसे ही गुजर जाएगी हमारी तुम हमें इस तरह पाप मत दिया करो।।
तेरी मोहब्बत में एक बात सीखी है तेरे साथ के बिना ये दुनिया फीकी है। Teri Mohabbat me ek baat sikhi hai tere sath ke bina ye duniya fiki hai.
चंद ख्वाहिशों ने बर्बाद कर रखी है जिंदगी मेरी, सहूलतें तो मिलती हैं मगर सुकून नहीं मिलता।
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं।
अभी वक्त है तुम्हारा तो, कानों में शोर तुम्हारा आएगा, दुश्मनी करके तब बचकर रहना, जब दौर हमारा आएगा।